हाईकोर्ट ने मदुरै डीआरओ को ओपीएस और ईपीएस गुटों के बीच विवाद के बीच थेवर जयंती समारोह के लिए स्वर्ण कवच का कब्जा लेने का निर्देश दिया

Shahadat

27 Oct 2022 4:48 PM IST

  • हाईकोर्ट ने मदुरै डीआरओ को ओपीएस और ईपीएस गुटों के बीच विवाद के बीच थेवर जयंती समारोह के लिए स्वर्ण कवच का कब्जा लेने का निर्देश दिया

    मद्रास हाईकोर्ट ने जिला राजस्व अधिकारी (आरडीओ), मदुरै को उनकी जयंती के गुरु पूजा समारोह के दौरान दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी पसुम्पोन मुथुरामलिंग थेवर की प्रतिमा पर सजे जाने वाले 13 किलोग्राम सोने के कवच को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया।

    जस्टिस भवानी सुब्बारायन की मदुरै पीठ ने पाया कि चूंकि ओ पनीरसेल्वम और एडप्पादी पलानीसामी के एआईएडीएमके गुटों के बीच दावे और जवाबी दावे चल रहा है, इसलिए पसुम्पोन थेवर निनैवलयम के साथ संयुक्त खाते की लॉकर सुविधा को संचालित करना और स्वर्ण कवच प्राप्त करना मुश्किल है, जो प्रतिवादी बैंक की लॉकर सुविधा में रखा गया है।

    इस न्यायालय का विचार है कि चूंकि कवच को देवता पर रखने के लिए एमओयू में दायित्व के साथ निर्देशित किया गया कि उक्त स्वर्ण कवच अन्नाद्रमुक पार्टी के कोषाध्यक्ष और तीसरे प्रतिवादी द्वारा प्राप्त किया जाएगा, जो उक्त अकाउंट को संचालित करेगा और फिर से जमा करेगा बैंक के साथ ऐसा करना निश्चित रूप से संभव नहीं है, क्योंकि ए और बी पार्टियों द्वारा दावा और काउंटर दावा किया जाता है।

    साथ ही अदालत ने कहा कि पक्षकारों के बीच प्रतिद्वंद्वी दावों के कारण उत्सव और स्वर्ण कवच की सजावट को रोका नहीं जा सकता।

    इसके अलावा, मौजूदा स्थिति में न्यायालय को इस अवसर को मनाकर प्रथागत आयोजन के पहलू पर भी गौर करना है और देवता (गुरु पूजा) पर सोने के कवच की अलंकरण को केवल इसलिए नहीं रोका जाना चाहिए, क्योंकि एआईएजीएमके पाटी के ए और बी दो गुटों के बीच विवाद है।

    13 किग्रा स्वर्ण कवच 2014 में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जे जयललिता द्वारा अन्नाद्रमुक पार्टी की ओर से स्वतंत्रता सेनानी मुथुरामलिंग थेवर की जयंती समारोह के दौरान उनकी प्रतिमा को सजाने के लिए दान किया गया, जो 27 से 30 अक्टूबर के बीच मनाई जाती है।

    कवच को लॉकर में रखा गया है और खाते का प्रबंधन AIADMK पार्टी और पसुम्पोन थेवर निनैवलयम द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। वर्तमान में चूंकि पार्टी में नेतृत्व को लेकर विवाद चल रहा है, इसलिए लॉकर सुविधा से कवच प्राप्त करना मुश्किल हो गया है।

    इस प्रकार, अदालत ने बैंक को केवल ट्रस्ट के हस्ताक्षर को स्वीकार करने का निर्देश दिया और आगे रामनाड जिले के डीआरओ को हस्ताक्षर करने और कवच प्राप्त करने और इसे उत्सव स्थल पर ले जाने का निर्देश दिया।

    चूंकि डीआरओ, रामनाड जिला उसी दिन शारीरिक रूप से कवच प्राप्त नहीं कर सका, इसलिए अदालत ने डीआरओ, मदुरै जिले को कवच को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया। अदालत ने पुलिस को आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराने का भी निर्देश दिया।

    अदालत ने ओपीएस और ईपीएस दोनों गुटों को निर्देश दिया कि वे कवच प्राप्त करने, सजाने और फिर से जमा करने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करें।

    केस टाइटल: अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम बनाम शाखा प्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया और अन्य

    केस नंबर: डब्ल्यूएमपी (एमडी) नंबर 18242/2022 के डब्ल्यूएमपी (एमडी) नंबर 18507/2022 के डब्ल्यूएमपी (एमडी) नंबर 18507/2022 के डब्ल्यूपी (एमडी) नंबर 24134/2022

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