सर्कुलर जारी करके पुलिस के दुर्व्यवहार को रोका नहीं जा सकता, वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराना होगा: केरल हाईकोर्ट

Avanish Pathak

28 Oct 2022 12:57 PM IST

  • सर्कुलर जारी करके पुलिस के दुर्व्यवहार को रोका नहीं जा सकता, वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराना होगा: केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य पुलिस प्रमुख को, नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए उसकी ओर से जारी निर्देशों का पालन किस प्रकार किया जा रहा है, इस संबंध में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

    सरकारी वकील जोशी थानिकमट्टम ने जस्टिस देवन रामचंद्रन को जब बताया कि इस संबंध में राज्य पुलिस प्रमुख ने एक परिपत्र जारी किया था, तब उन्होंने कहा,

    "केवल यही पर्याप्त नहीं कि राज्य पुलिस प्रमुख परिपत्र जारी करें, बल्‍कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रत्येक पुलिस अधिकारी इसका पालन करे। इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट निराशाजनक है, क्योंकि उसमें केवल यह बताया गया है कि एक परिपत्र जारी किया गया है। इस न्यायालय को निश्चित रूप से राज्य पुलिस प्रमुख से और जानकारी की आवश्यकता है कि किसी प्रकार परिपत्र को राज्य भर में और रैंकों के पदानुक्रम में सभी अधिकारियों के बीच लागू किया गया है।

    न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी कि यदि वरिष्ठ अधिकारी अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार के मामलों में आवश्यक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो न्यायालय को इसके लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहराने में कोई हिचक नहीं होगी।

    जेएस अनिल की ओर से दायर एक याचिका में इस मामले को अदालत के ध्यान में लाया गया था, जिसमें उन्होंने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। उन्होंने कहा था कि जो उनकी नाबालिग बेटी से मौखिक दुर्व्यवहार की हद तक चला गया था।

    कोर्ट ने तदनुसार आदेश दिया कि नागरिकों को संबोधित करने के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, और राज्य पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया कि वे अपने आदेश के तहत पुलिस बल के सभी सदस्यों को एक परिपत्र या अन्यथा आवश्यक निर्देश जारी करें कि वे स्वीकार्य शब्दों का प्रयोग करते हुए नागरिकों को संबोधित करेंगे।

    याचिकाकर्ता के वकील, एडवोकेट नयना वर्गीस ने अदालत को बताया कि सर्कुलर जारी करने के साथ-साथ अदालत के प्रयासों के बावजूद, शिकायतकर्ताओं और गवाहों क सहित अन्य लोगों के साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार की लगातार खबरें आ रही थीं।"

    कोर्ट ने कहा कि,

    "जब तक सभी अधिकारियों को यह नहीं बताया जाता है कि उनके दुर्व्यवहार और इस न्यायालय के विभिन्न निर्णयों और आदेशों का उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वे इसके लिए जवाबदेह होंगे, कोई वास्तविक परिवर्तन संभव नहीं है; और इस न्यायालय के निर्देश केवल कागज पर बने रहेंगे।"

    न्यायालय ने कहा कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है, और राज्य के पुलिस प्रमुख को दिखाना होगा कि न्यायालय के निर्णयों को पुलिस बल में ईमानदरी से लागू किया जा रहा है और उसका पालन किया जा रहा है। इस प्रकार, न्यायालय ने मामले को 10 नवंबर, 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया, जिसके भीतर प्राधिकरण को कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया था।

    केस टाइटल: अनिल जेएस बनाम केरल राज्य

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