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[धारा 138 एनआई एक्ट] ट्रस्ट को पक्षकार बनाए बिना ट्रस्ट के प्रभारी को अभियुक्त के रूप में आरोपित नहीं किया जा सकता: उड़ीसा हाईकोर्ट
[धारा 138 एनआई एक्ट] ट्रस्ट को पक्षकार बनाए बिना ट्रस्ट के प्रभारी को अभियुक्त के रूप में आरोपित नहीं किया जा सकता: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने कहा कि एक 'ट्रस्ट' के इनचार्ज को चेक डिसऑनर के मामले में अभियुक्त के रूप में पक्षकार नहीं बनाया जा सकता है, यदि ट्रस्ट खुद अधिनियम की धारा 141 के अनुसार पक्षकार के रूप में आरोपित नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि धारा 141 चेक डिसऑनर के मामलों में कंपनियों की देनदारियों को निर्धारित करती है।याचिकाकर्ता जो की एक ट्रस्ट के महासचिव हैं, उनके खिलाफ जारी संज्ञान के आदेश को रद्द करते हुए जस्टिस गौरीशंकर सतपथी की खंडपीठ ने कहा,"...याचिकाकर्ता के चेक के हस्ताक्षरकर्ता न होने पर कोई...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिलावजह की जल्दबाजी में वकीलों के घर को गिराने और बार सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के प्रशासनिक कृत्य की अलोचना की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'बिलावजह की जल्दबाजी' में वकीलों के घर को गिराने और बार सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के प्रशासनिक कृत्य की अलोचना की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में अमेठी जिला प्रशासन को जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों के खिलाफ लगातार एफआईआर दर्ज करने और बिना नोटिस दिए उनकी स्वामित्व वाली इमारतों को ध्वस्त करने पर फटकार लगाई।जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने कहा,"एफआईआर दर्ज करना, विध्वंस करना और यहां तक ​​कि याचिकाकर्ता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, पूर्व पदाधिकारियों और सदस्यों के खिलाफ यूपी बार काउंसिल से शिकायत करना... एक सप्ताह से भी कम समय में, न केवल जिला प्रशासन की ओर से बिलावजह की जल्दबाजी...

ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन के लिए प्री-सेट शेड्यूल रखने पर विचार करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा
ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन के लिए 'प्री-सेट शेड्यूल' रखने पर विचार करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआईबीई) की अगली निर्धारित तिथि के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया। यह एक्जाम पिछली बार 30 अक्टूबर, 2021 को आयोजित की गई थी।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने बीसीआई को एआईबीई के संचालन के लिए "पूर्व निर्धारित कार्यक्रम" पर विचार करने के लिए भी कहा ताकि द्विवार्षिक एग्जाम की तारीखों के बारे में अनिश्चितता को हल किया जा सके और अस्थाई रूप से नामांकित वकील तदनुसार तैयारी कर सकें।इस बात को ध्यान में रखते हुए कि...

भक्ति में कोई राजनीति नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने नए मंदिर से पुराने जीर्ण-शीर्ण परिसर में भगवान की मूर्ति को स्थानांतरित करने की मांग कर रहे पक्षकारों से सिविल कोर्ट जाने को कहा
'भक्ति में कोई राजनीति नहीं': कर्नाटक हाईकोर्ट ने नए मंदिर से पुराने जीर्ण-शीर्ण परिसर में भगवान की मूर्ति को स्थानांतरित करने की मांग कर रहे पक्षकारों से सिविल कोर्ट जाने को कहा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने चित्रदुर्ग जिले में नवनिर्मित कामसागर बीरालिंगेश्वर और हिंड मल्लिकार्जुनस्वामी मंदिर से देवता को वापस पुराने जीर्ण-शीर्ण मंदिर में स्थानांतरित करने के खिलाफ दायर याचिका पर निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया।न्यायालय ने हालांकि सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यथास्थिति का आदेश दिया और पक्षकारों से कहा कि वे नए भवन में देवता के बने रहने या सक्षम सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर पुराने मंदिर में स्थानांतरित करने के अपने अधिकारों की मांग करें।जस्टिस एम नागप्रसन्ना पार्टी की...

विस्तार से सुनवाई योग्य: दिल्ली हाईकोर्ट ने विदेशी मुद्रा लेनदेन को विनियमित करने के लिए यूनिफॉर्म बैंकिंग कोड की मांग वाली जनहित याचिका पर आरबीआई से जवाब मांगा
'विस्तार से सुनवाई योग्य': दिल्ली हाईकोर्ट ने विदेशी मुद्रा लेनदेन को विनियमित करने के लिए 'यूनिफॉर्म बैंकिंग कोड' की मांग वाली जनहित याचिका पर आरबीआई से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एडवोकेट और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से जवाब मांगा, जिसमें विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए "यूनिफ़ॉर्म बैंकिंग कोड" लागू करने की मांग की गई है।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने यह देखते हुए कि मामला विस्तृत सुनवाई के योग्य है, आरबीआई को नोटिस जारी किया और आदेश दिया कि याचिका के दस्तावेजों का पूरा सेट उसके सरकारी वकील को सौंप दिया जाए।केंद्र की ओर से पेश...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
ट्रेडमार्क उल्लंघन: दिल्ली हाईकोर्ट ने सदर बाजार के व्यापारी को लुई वुइटन प्रोडक्ट्स बेचने के मामले में अवमानना का दोषी ठहराया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने सदर बाजार के एक व्यापारी को अवमानना का दोषी ठहराया है क्योंकि उसने प्रसिद्ध फ्रांसीसी लक्जरी ब्रांड लुई वुइटन के बेल्ट को बेचना जारी रखकर अपने प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन किया था।जस्टिस सी. हरि शंकर ने 2 दिसंबर के आदेश में कहा कि अंसारी बेल्ट हाउस का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि 23 सितंबर के आदेश में अंतरिम निर्देश पारित होने के बावजूद, व्यापारी ने उल्लंघनकारी प्रोडक्ट्स बेचना जारी रखा।जस्टिस शंकर ने कहा,"प्रतिवादी 2 को इस...

ट्राई अधिनियम के तहत TDSAT के विशेष क्षेत्राधिकार के भीतर मामलों के संबंध में मध्यस्थता वर्जित: केरल हाईकोर्ट
ट्राई अधिनियम के तहत TDSAT के विशेष क्षेत्राधिकार के भीतर मामलों के संबंध में मध्यस्थता वर्जित: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 के तहत मध्यस्थता उन मामलों के संबंध में वर्जित है, जो भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 (ट्राई) के तहत दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) के विशेष अधिकार क्षेत्र में हैं।जस्टिस एन नागरेश ने कहा कि ट्राई अधिनियम विशेष कानून है और मध्यस्थता अधिनियम पर प्रबल होगा, जो सामान्य कानून है।कोर्ट ने कहा,"भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 एक बाद की क़ानून है और दूरसंचार क्षेत्र के लिए विशेष रूप...

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
सफल अभियोजन पुलिस जांच की गुणवत्ता पर आधारित है, अभियुक्त की निरंतर हिरासत की अवधि बढ़ाने पर नहीं: जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए कहा

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने दोहराया कि कानून की अदालत में एक आपराधिक मामले का एक सफल अभियोजन जांच के दौरान किसी संदिग्ध या अभियुक्त की निरंतर हिरासत की अवधि बढ़ाने पर आधारित नहीं है।जस्टिस राहुल भारती की बेंच ने कहा,"न्यायालय में एक आपराधिक मामले का सफल अभियोजन अपराध करने वाले मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के संबंध में पुलिस जांच की गुणवत्ता पर आधारित होता है, न कि किसी संदिग्ध या अभियुक्त की निरंतर हिरासत अवधि बढ़ाने पर। एक जांच प्राधिकरण तथ्यात्मक आधार पर यह दिखाने और प्रदर्शित करने...

सार्वजनिक कानून के तत्व वाले निजी व्यक्ति और सार्वजनिक निकाय के बीच वाणिज्यिक लेनदेन के लिए रिट क्षेत्राधिकार लागू किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट
सार्वजनिक कानून के तत्व वाले निजी व्यक्ति और सार्वजनिक निकाय के बीच वाणिज्यिक लेनदेन के लिए रिट क्षेत्राधिकार लागू किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट का रिट अधिकार क्षेत्र निजी व्यक्तियों और सार्वजनिक निकायों के बीच सामान्य वाणिज्यिक लेनदेन से जुड़े मामलों के लिए भी लागू है, जब तक कि उक्त वाणिज्यिक लेनदेन में सार्वजनिक कानून का कुछ तत्व शामिल है।जस्टिस आई.पी. मुखर्जी और जस्टिस बिस्वरूप चौधरी की खंडपीठ ने यूको बैंक के साथ इस तरह के वाणिज्यिक लेनदेन को चुनौती देने वाली रिट याचिका की पोषणीयता पर याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय लेते हुए कहा:"यहां तक कि निजी व्यक्ति और सार्वजनिक...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
'कैंसर का इलाज अमीर और गरीब के लिए समान रूप से वहन करने योग्य होना चाहिए': कर्नाटक हाईकोर्ट ने कैंसर रोधी 42 दवाओं के ट्रेड मार्जिन पर 30% की सीमा बरकरार रखी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा जारी 2019 के आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें 42 कैंसर रोधी दवाओं के ट्रेड मार्जिन पर 30% की सीमा लगाई गई है।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने हेल्थकेयर ग्लोबल एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए कहा,"भारत में कैंसर रोगियों को भारी खर्च करना पड़ता है और कैंसर की दवाओं को कुछ हद तक सस्ती करने की आवश्यकता है ताकि अमीर और गरीब दोनों समान से कैंसर के इलाज करा सके। यदि ऐसी नीति प्रख्यापित नहीं की जाती है तो गरीब या गरीब...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़के के यौन उत्पीड़न का दोषी पूर्व पुलिस अधिकारी की सजा कम की, जेल में अच्छे व्यवहार का हवाला दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में अच्छे व्यवहार के आधार पर एक नाबालिग लड़के का यौन उत्पीड़न करने के लिए दोषी ठहराए गए एक पूर्व पुलिस कांस्टेबल की सजा को कम कर दिया।सजा के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सारंग वी. कोतवाल ने कहा कि अपीलकर्ता, एक दोषी के रूप में और उससे पहले एक विचाराधीन कैदी के रूप में, यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO अधिनियम) की धारा 4 के तहत न्यूनतम सजा से अधिक समय तक जेल में रह चुका है।अदालत ने कहा,"आवेदक आठ साल से अधिक समय से हिरासत...

दिल्ली हाईकोर्ट ने एलएनजेपी अस्पताल को गर्भवती महिला की मेडिकल जांच में देरी के लिए फटकार लगाई, एमटीपी अनुरोध पर दोपहर एक बजे तक रिपोर्ट मांगी
दिल्ली हाईकोर्ट ने एलएनजेपी अस्पताल को गर्भवती महिला की मेडिकल जांच में देरी के लिए फटकार लगाई, एमटीपी अनुरोध पर दोपहर एक बजे तक रिपोर्ट मांगी

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल को 26 वर्षीय विवाहित महिला की मेडिकल जांच में देरी करने के लिए फटकार लगाई, जो 33 सप्ताह की गर्भावस्था को टर्मिनेट करने की मांग कर रही है, क्योंकि भ्रूण मस्तिष्क संबंधी असामान्यताओं से ग्रस्त है।अदालत ने पिछले हफ्ते एलएनजेपी के मेडिकल बोर्ड को महिला की जांच करने और पांच दिसंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।हालांकि, महिला का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने सोमवार की सुबह अदालत को बताया कि मेडिकल बोर्ड द्वारा उसकी...

सब्स्टिट्यूट आर्बिट्रेटर की नियुक्ति के लिए अधिनियम की धारा 21 के तहत नया नोटिस जारी करने की आवश्यकता नहीं: झारखंड हाईकोर्ट
सब्स्टिट्यूट आर्बिट्रेटर की नियुक्ति के लिए अधिनियम की धारा 21 के तहत नया नोटिस जारी करने की आवश्यकता नहीं: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि पक्षकार को मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (ए एंड सी अधिनियम) की धारा 21 के तहत नोटिस जारी करके सब्स्टिट्यूट आर्बिट्रेटर की नियुक्ति के लिए नए सिरे से अनुरोध करने की आवश्यकता नहीं है, यदि मध्यस्थ की नियुक्ति को प्रतिस्थापित करने की मांग को लेकर अधिनियम की धारा 21 के तहत नोटिस जारी किया गया है।जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने कहा कि एक बार अधिनियम की धारा 11 (6) के तहत पक्षकार द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दायर किया जाता है, जिसमें मध्यस्थ की नियुक्ति की...

केरल हाईकोर्ट ने सभी फैमिली कोर्ट को भरण-पोषण के बकाया के रूप में जमा राशि जल्द से जल्द जारी करने का निर्देश दिया
केरल हाईकोर्ट ने सभी फैमिली कोर्ट को भरण-पोषण के बकाया के रूप में जमा राशि जल्द से जल्द जारी करने का निर्देश दिया

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को सभी फैमिली कोर्ट के न्यायाधीशों को निर्देश दिया कि वे हाईकोर्ट के आदेशों के तहत भरण-पोषण के बकाया के रूप में जमा की गई राशि को जल्द से जल्द जारी करें।जस्टिस ए बदरुद्दीन की एकल न्यायाधीश खंडपीठ ने कहा,"जब आदेश/अंतरिम आदेश या अन्यथा के पालन में फैमिली कोर्ट के समक्ष भरण-पोषण का बकाया जमा किया जा रहा है तो फैमिली कोर्ट दावेदारों को जमा की गई राशि को जारी करने के लिए अनिच्छुक हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि अवांछित रूप से इस अदालत से राशि जारी करने के आदेशों पर जोर देते हैं।...

दहेज मृत्यु मामला
'हत्या का आरोप मुख्य आरोप होना चाहिए था, ट्रायल कोर्ट ने गंभीर त्रुटि की': बॉम्बे हाईकोर्ट ने दहेज मृत्यु मामले में पति को बरी करते हुए कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने दहेज मृत्यु मामले में पति को बरी करते हुए कहा कि दहेज की मांग और उसके ससुराल वालों द्वारा उत्पीड़न के बारे में अपनी बेटी की शिकायत पर माता-पिता द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करना एक विवेकपूर्ण व्यक्ति का आचरण नहीं है।कोर्ट ने कहा,"अगर इस मामले में दहेज की मांग और दुर्व्यवहार मृतक द्वारा बताया गया था, तो PW1 (पिता) बिना समय बर्बाद किए रिपोर्ट दर्ज करा सकते थे। मेरे विचार में, यह उनके आचरण पर प्रतिबिंबित होगा। तथ्यों की स्थिति में उनका आचरण, एक समान स्थिति में रखे...

[एनडीपीएस अधिनियम] क्या वाणिज्यिक मात्रा की बरामदगी होने पर दोहरी शर्तों को पूरा किये बिना हिरासत अवधि को देखते हुए जमानत दी जा सकती है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की बड़ी बेंच तय करेगी
[एनडीपीएस अधिनियम] क्या वाणिज्यिक मात्रा की बरामदगी होने पर दोहरी शर्तों को पूरा किये बिना हिरासत अवधि को देखते हुए जमानत दी जा सकती है? पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की बड़ी बेंच तय करेगी

जमानत के उन मामलों में जहां वाणिज्यिक मात्रा रखने के लिए आरोपित अभियुक्त लंबी अवधि से हिरासत में हैं, एनडीपीएस एक्ट की धारा 37(1)(बी) की प्रयोज्यता पर समन्वयक पीठों के विरोधाभासी मंतव्यों को ध्यान में रखते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले को एक बड़ी बेंच के गठन के लिए मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया है।जस्टिस सुधीर मित्तल ने एक आदेश में कहा, "यहां ऊपर संदर्भित मतांतर को देखते हुए, एक्ट के तहत वाणिज्यिक मात्रा की वसूली के एक मामले में जमानत देने से पहले एक्ट की धारा 37 (1) (बी) में...

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने न्याय प्रणाली में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन एक्सेसिबिलिटी का गठन किया
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने न्याय प्रणाली में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पहुंच सुनिश्चित करने के लिए "सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन एक्सेसिबिलिटी" का गठन किया

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट परिसर के व्यापक एक्सेसिबिलिटी ऑडिट का आह्वान किया है। ऑडिट का उद्देश्य न्याय प्रणाली में पहुंच सुनिश्चित करना और विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को भारत के सुप्रीम कोर्ट में उनके इंटरफेस में आने वाली कठिनाइयों को समझना है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने दिव्यांग व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय दिवस (03 दिसंबर) के अवसर पर "एक्सेसिबिलिटी पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी" का गठन किया। जस्टिस एस रवींद्र भट समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं और इसे भौतिक...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
"जज को टारगेट करना आसान है": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायिक पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए ट्रांसफर याचिका खारिज कर दी, 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने ट्रांसफर आवेदन खारिज करते हुए कहा,"जीवन के सभी क्षेत्रों के नागरिकों ने एक दृष्टिकोण विकसित किया है, जहां उन्हें लगता है कि न्यायाधीश एक आसान लक्ष्य है और वे न्यायाधीशों की प्रतिष्ठा को खराब कर सकते हैं, उनके खिलाफ कुछ भी आरोप लगा सकते हैं, विशेष रूप से, अधीनस्थ न्यायालयों में पीठासीन अधिकारी।"कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ ने आगे टिप्पणी की कि इस तरह के ट्रांसफर आवेदनों का...