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लखीमपुर खीरी कांड: ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का आरोप तय किया
लखीमपुर खीरी कांड: ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का आरोप तय किया

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की एक अदालत ने आज केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और 13 अन्य लोगों के खिलाफ लखीमपुर खीरी में किसान हत्याओं के मामले में आरोप तय किए। मिश्रा की आरोपमुक्ति याचिका सोमवार को खारिज करने के बाद अतिरिक्त जिला न्यायाधीश प्रथम (एडीजे-आई) सुनील कुमार वर्मा ने आज कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये और अब मामले की सुनवाई 16 दिसंबर से शुरू होगी।यह अपराध 3 अक्टूबर, 2021 को हुआ था, जब कई किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी...

डीवी अधिनियम- मौद्रिक राहत आदेश के उल्लंघन पर धारा 31 के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, केवल संरक्षण आदेशों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया जा सकता है: केरल हाईकोर्ट
डीवी अधिनियम- 'मौद्रिक राहत' आदेश के उल्लंघन पर धारा 31 के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, केवल संरक्षण आदेशों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया जा सकता है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने कहा को कि घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम की धारा 31 के तहत प्रदान किया गया जुर्माना केवल अधिनियम की धारा 18 के तहत पारित संरक्षण आदेशों के उल्लंघन के लिए और अधिनियम 2005 के तहत पारित किसी अन्य आदेश के उल्लंघन के मामले में सीआरपीसी के प्रावधानों का सहारा लिया जा सकता है।धारा 18 के तहत पारित संरक्षण आदेश का उल्लंघन धारा 31 के तहत अपराध है और इसमें एक साल की कैद हो सकती है।जस्टिस ए बदरुद्दीन ने 5 दिसंबर के फैसले में इस सवाल पर विचार किया कि क्या धारा...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
धारा 311 सीआरपीसी| जिरह के दरमियान दिया गया बयान गवाह को वापस बुलाने का आधार नहीं हो सकताः बॉम्‍बे हाईकोर्ट

बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने एक फैसले में माना कि जिरह के दरमियान आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता को दिए गए सुझाव से शिकायतकर्ता के पक्ष में अधिकार नहीं बनता कि वह सीआरपीसी की धारा 311 के तहत अपनी दोबारा जांच की मांग करे, खासकर तब जब उसे पहली बार उसी प्रावधान का उपयोग करके गवाही देने की अनुमति दी गई थी।जस्टिस अमित बोरकर ने मजिस्ट्रेट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सीआरपीसी की धारा 311 के तहत शिकायतकर्ता के आवेदन को निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 की धारा 138 के तहत चेक बाउंस होने के मामले में दो चालान...

क्या बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड आरटीआई अधिनियम के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण है? कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग से नए सिरे से फैसला करने को कहा
क्या बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड आरटीआई अधिनियम के तहत 'सार्वजनिक प्राधिकरण' है? कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग से नए सिरे से फैसला करने को कहा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग को नए सिरे से यह तय करने का निर्देश दिया कि क्या बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल) सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 2 (एच) के अर्थ में सार्वजनिक प्राधिकरण है।जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की पीठ ने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ बीआईएएल द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया, जिसमें आयोग के फैसले को बरकरार रखा गया, जिसमें कंपनी को 'सार्वजनिक प्राधिकरण' घोषित किया गया और आरटीआई के तहत निजी प्रतिवादी द्वारा मांगी गई कुछ जानकारी प्रस्तुत...

जिस न्यायालय की सीमा में सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशन प्राप्त करता है, बकाया राशि के लिए याचिका सुनने का अधिकार क्षेत्र उसी के पास, नियोक्ता की सुविधा प्रासंगिक नहीं: केरल हाईकोर्ट
जिस न्यायालय की सीमा में सेवानिवृत्त कर्मचारी पेंशन प्राप्त करता है, बकाया राशि के लिए याचिका सुनने का अधिकार क्षेत्र उसी के पास, नियोक्ता की सुविधा प्रासंगिक नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा कि सेवानिवृत कर्मचारियों को मिलने वाले सेवांत लाभों का दावा करने के लिए दायर याचिकाओं में उनकी सुविधा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पूर्वोक्त याचिकाएं उस स्थान पर क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र वाले न्यायालय के समक्ष दायर की जा सकती हैं जहां वह संबंधित है और पेंशन प्राप्त कर रहा था।जस्टिस अनु शिवरामन ने कहा,अब याचिकाकर्ताओं, जो सेवा पेंशनभोगी हैं, को उन राशियों को प्राप्त करने के लिए दिल्ली और बॉम्बे में हाईकोर्टों का रुख करने की आवश्यकता है, जो मेरे अनुसार,...

अंतिम निर्णय मां का होता है, मेडिकल बोर्ड को गुणात्मक रिपोर्ट देनी चाहिएः दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रूण असामान्यताओं से जुड़ी गर्भावस्था के मामले में कहा
अंतिम निर्णय मां का होता है, मेडिकल बोर्ड को गुणात्मक रिपोर्ट देनी चाहिएः दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रूण असामान्यताओं से जुड़ी गर्भावस्था के मामले में कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया है कि भ्रूण की असामान्यताओं से जुड़े गर्भावस्था के मामलों में अंतिम निर्णय मां का होता है और इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे मामलों में मेडिकल बोर्ड को गुणात्मक रिपोर्ट देनी चाहिए। जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने फैसले में कहा, ''निष्कर्ष में, अदालत का मानना है कि ऐसे मामलों में अंतिम निर्णय मां की पसंद और अजन्मे बच्चे के लिए एक गरिमापूर्ण जीवन की संभावना को मान्यता देना है।'' पीठ ने मस्तिष्क संबंधी असामान्यताओं से पीड़ित 33 सप्ताह से अधिक के अपने भ्रूण की...

झारखंड हाईकोर्ट ने पोक्सो मामले में छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की
झारखंड हाईकोर्ट ने पोक्सो मामले में छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की

झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने पोक्सो मामले (POCSO Case) में छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को अंतरिम सुरक्षा प्रदान किया।कोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया कि वह छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 बी, 376 (2)(ए) (i),, 376डी, 366ए और 370 के साथ-साथ पॉक्सो अधिनियम की धारा 4 और 6 के तहत गंभीर यौन अपराधों से जुड़े मामले में कोई भी 'दंडात्मक कदम' न उठाया जाए।इस मामले में कथित तौर पर झारखंड की एक 15 वर्षीय...

पॉक्सो मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को अंतरिम संरक्षण दिया
पॉक्सो मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को अंतरिम संरक्षण दिया

झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य को निर्देश दिया कि वह छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 बी, 376 (2)(ए) (i), 376डी, 366ए और धारा 370 के साथ-साथ पॉक्सो अधिनियम (POCSO Act) की धारा 4 और 6 के तहत गंभीर यौन अपराधों से जुड़े मामले में कोई भी 'दंडात्मक कदम' न उठाए।इस मामले में कथित तौर पर झारखंड की 15 वर्षीय लड़की का यौन उत्पीड़न करने का आरोप शामिल है।नेताम की ओर से पेश एडवोकेट इंद्रजीत सिन्हा ने अदालत को...

फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने जस्टिस मुरलीधर के खिलाफ टिप्पणी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी
फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने जस्टिस मुरलीधर के खिलाफ टिप्पणी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी

भीमा कोरेगांव मामले में एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की हाउस अरेस्ट और ट्रांजिट रिमांड के आदेश को रद्द करने के जज के आदेश के संबंध में जस्टिस एस मुरलीधर के खिलाफ अपनी टिप्पणी के लिए फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी।अदालत ने 2018 में इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की थी।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की एक खंडपीठ ने अग्निहोत्री द्वारा दायर एक आवेदन को अनुमति दी, जिसमें स्वप्रेरणा कार्यवाही में उपस्थित...

जब दूसरी जगह जांच की जा रही है तो जब्त की गई वस्तुओं की वापसी का आदेश देने के लिए अदालत के पास क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
जब दूसरी जगह जांच की जा रही है तो जब्त की गई वस्तुओं की वापसी का आदेश देने के लिए अदालत के पास क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र नहीं: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने माना कि जब जांच अलग स्थान पर की जा रही है तो जब्त की गई वस्तुओं की वापसी का आदेश देने के लिए अदालत के पास क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र नहीं है, भले ही तलाशी और जब्ती उसकी क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर की गई हो।जस्टिस पीएन प्रकाश और जस्टिस आरएमटी टीका रमन की खंडपीठ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चेन्नई में याचिकाकर्ता के आवास से जब्त किए गए याचिकाकर्ता के "अवैध रूप से" जब्त किए गए दस्तावेजों और मोबाइल फोन को वापस करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।अदालत ने निम्नानुसार...

विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में ई-एफआईआर दर्ज करने की संभावना तलाशें: उड़ीसा हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया
विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में ई-एफआईआर दर्ज करने की संभावना तलाशें: उड़ीसा हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया

उड़ीसा हाईकोर्ट ने सोमवार को पुलिस डायरेक्टर जनरल, ओडिशा (डीजीपी) को राज्य में 'ई-प्रथम सूचना रिपोर्ट (ई-एफआईआर)' के रजिस्ट्रेशन की संभावना तलाशने का निर्देश दिया।जस्टिस संजीब कुमार पाणिग्रही की एकल न्यायाधीश पीठ उस महिला द्वारा दायर आपराधिक विविध याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अपनी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज न करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।राज्य के लिए अतिरिक्त सरकारी वकील शैलजा नंदन दास ने प्रस्तुत किया कि इस बीच उक्त शिकायत को एफआईआर के रूप में दर्ज कर लिया गया। इसलिए अदालत ने...

14 जिलों के जल निकायों से अतिक्रमण 4 सप्ताह में हटाएं, अब तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट हैं: पटना हाईकोर्ट ने अधिकारियों से कहा
"14 जिलों के जल निकायों से अतिक्रमण 4 सप्ताह में हटाएं, अब तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट हैं": पटना हाईकोर्ट ने अधिकारियों से कहा

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पटना, मगध और सारण प्रमंडल (14 से अधिक जिलों पर नियंत्रण रखने वाले) के सर्कल अधिकारियों (सीओ) को निर्देश दिया है कि वे 4 सप्ताह के भीतर अपने संबंधित क्षेत्रों में जल निकायों के अतिक्रमण को हटा दें।संबंधित 14 जिले पटना, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, कैमूर, गया, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, सारण, सीवान और गोपालगंज हैं।चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सभी 14 जिलों के सर्किल अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध...

क्या हम ऐसे समाज को देख रहे हैं जिसमें बिल्कुल सही बच्चे हों? दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रूण में असामान्यताओं पर एमटीपी मामलों में नैतिक चिंताओं पर कहा
क्या हम ऐसे समाज को देख रहे हैं जिसमें बिल्कुल सही बच्चे हों? दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रूण में असामान्यताओं पर एमटीपी मामलों में नैतिक चिंताओं पर कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने मस्तिष्क संबंधी असामान्यताओं से पीड़ित 33 सप्ताह से अधिक के अपने भ्रूण के मेडिकल टर्मिनेशन की मांग करने वाली 26 वर्षीय विवाहित महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को भ्रूण में असमानताएं होने पर मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी की मांग करने वाले ऐसे ही मामलों में "नैतिक चिंताओं" पर विचार किया।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए तकनीक के उपयोग पर कहा कि भ्रूण में असामान्यताओं का पता लगाने की तकनीक भविष्य में और उन्नत हो सकती है, जिसमें डीएनए प्रोफाइलिंग...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
भले ही सहमति मान ली गई हो, नाबालिग की मेडिकल जांच के अनुसार इच्छा मौजूद नहीं थी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 375 के अनुसार 'बलात्कार' की परिभाषा को ध्यान में रखते हुए हाल ही में कहा कि अगर इच्छा गैर-मौजूद हो तो पीड़िता की ओर से सहमति होने पर भी बलात्कार का अपराध बनता है।उल्लेखनीय है कि आईपीसी की धारा 375 के तहत दी गई 7 परिस्थितियों में संभोग बलात्कार का गठन कर सकता है और ऐसी परिस्थितियां एक-दूसरे से स्वतंत्र होती हैं, जिसका अर्थ है कि अगर सात परिस्थितियों में से एक भी पूरी हो जाती है तो एक कृत्य बलात्कार की श्रेणी में आ सकता है।इस पृष्ठभूमि के मद्देनजर यह देखते हुए...

अगर ट्रायल कोर्ट ने कानून द्वारा निर्धारित न्यूनतम सजा दी है तो अपीलीय अदालत सजा को कम नहीं कर सकती: सिक्किम हाईकोर्ट
अगर ट्रायल कोर्ट ने कानून द्वारा निर्धारित 'न्यूनतम सजा' दी है तो अपीलीय अदालत सजा को कम नहीं कर सकती: सिक्किम हाईकोर्ट

सिक्किम हाईकोर्ट ने एक फैसले में दोहराया कि दोषियों पर कानून द्वारा निर्धारित न्यूनतम सजा लगाई जानी चाहिए और अपीलीय अदालत इसे कम नहीं कर सकती है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति को अपराध के लिए दोषी ठहराते समय अदालतें कानून द्वारा निर्धारित 'न्यूनतम सजा' से कम सजा नहीं दे सकती हैं। जस्टिस मीनाक्षी मदन राय और जस्टिस भास्कर राज प्रधान की खंडपीठ ने फैसले के समर्थन में मो हासिम बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य का हवाला दिया।संक्षिप्त तथ्यअपीलकर्ता को आईपीसी की धारा 376(2)(एन) और 376(3)...

नौकरी से हटाना यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने का आधार नहीं बन सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट ने पोस्ट मास्टर के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न का केस खारिज किया
'नौकरी से हटाना यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने का आधार नहीं बन सकता': कर्नाटक हाईकोर्ट ने पोस्ट मास्टर के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न का केस खारिज किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक पोस्ट मास्टर के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न के मामले को खारिज कर दिया है। पोस्ट मास्टर पर पुलिस ने 2018 में एक अस्थायी ग्रुप-डी कर्मचारी द्वारा दायर की गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। जस्टिस के. नटराजन की पीठ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (ए) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया। पीठ ने कहा, ''सिर्फ पोस्ट ऑफिस के प्रभारी अधिकारी ने कर्मचारी को सेवा से हटा दिया, यह खुद शिकायत दर्ज करने और...

Consider The Establishment Of The State Commission For Protection Of Child Rights In The UT Of J&K
लंबे समय तक प्रारंभिक जांच भ्रष्टाचार के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को तब तक प्रभावित नहीं करती जब तक कि अभियुक्त अपने प्रति पूर्वाग्रह नहीं दिखाता: जेएंडकेएंडएल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक फैसले में कहा कि केवल इसलिए कि शुरुआती जांच को पूरा होने में लंबा समय लगा है, भ्रष्टाचार के मामले में शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को दूषित नहीं कहा जा सकता, खासकर तब जब जांच अधिकारी पर जांच के कारण किसी पूर्वाग्रह का आरोप नहीं लगाया गया है।जस्टिस संजय धर ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिकाकर्ता ने विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार-रोधी (सीबीआई मामले), कश्मीर द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें याचिकाकर्ता और सह-आरोपी के...

लखीमपुर खीरी कांड: निचली अदालत ने आरोपी आशीष मिश्रा को डिस्चार्ज करने की याचिका खारिज की, आरोप मंगलवार को तय होंगे
लखीमपुर खीरी कांड: निचली अदालत ने आरोपी आशीष मिश्रा को डिस्चार्ज करने की याचिका खारिज की, आरोप मंगलवार को तय होंगे

खीरी जिला अदालत (यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में) ने सोमवार को लखीमपुर खीरी में किसान हत्याओं के संबंध में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी। आशीष ने इस याचिका में डिस्चार्ज करने की प्रार्थना की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत मंगलवार को आशीष मिश्रा के खिलाफ आरोप तय करेगी।यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रायल कोर्ट को आरोप तय करने के लिए मामले को तय करने के लिए कहने के कुछ दिनों बाद आया है।यह अपराध 3 अक्टूबर, 2021 को हुआ था, जब कई किसान उत्तर...