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Consider The Establishment Of The State Commission For Protection Of Child Rights In The UT Of J&K
लिखित बयान में संशोधन की अनुमति दी जा सकती है, भले ही यह बचाव के नए आधारों को जोड़ने के बराबर हो: जेकेएल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि लिखित बयान में संशोधन की अनुमति दी जानी चाहिए, भले उक्त संशोधन बचाव के नए आधारों को जोड़ने, बचाव को प्रतिस्थापित करने या बदलने या बयान में असंगत दलीलों पेश करने के समान हो।जस्टिस संजय धर की पीठ ने स्पष्ट किया कि "वादपत्र में संशोधन के लिए दायर आवेदन पर यही सिद्धांत लागू नहीं होगा, क्योंकि उसका एक अलग आधार है। वाद में कार्रवाई का एक नया कारण जोड़ना, बदलना या प्रतिस्थापित करना निश्चित रूप से आपत्तिजनक है"।याचिकाकर्ता ने मुंसिफ...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
कोर्ट में फेक आईपीएबी आदेश रिकॉर्ड पर रखने का मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने सतर्कता जांच के बाद आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू की

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने रजिस्ट्रार (सतर्कता) की जांच के बाद प्रतिवादियों के खिलाफ एक मुकदमे में आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू की है, जिसमें पता चला है कि उन्होंने पिछले महीने सुनवाई के दौरान कोर्ट को फेक बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड (आईपीएबी) आदेश को रिकॉर्ड पर रखा था।जस्टिस ज्योति सिंह ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो न्यायिक कार्यवाही की दिशा को मोड़ने का सहारा लेता है और न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करता है, उसके साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि न्यायिक मिसालों का खजाना...

डीटीसी बसों की खरीद: हाईकोर्ट ने दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के खिलाफ ट्वीट्स को हटाने पर भाजपा विधायक से जवाब मांगा
डीटीसी बसों की खरीद: हाईकोर्ट ने दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के खिलाफ ट्वीट्स को हटाने पर भाजपा विधायक से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक विजेंद्र गुप्ता से 1,000 लो-फ्लोर डीटीसी बसों की खरीद को लेकर दायर मानहानि के मुकदमे में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के खिलाफ उनके द्वारा किए गए कथित रूप से मानहानिकारक ट्वीट को हटाने पर उनका पक्ष जानना चाहा।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने गुप्ता के वकील से इस मामले में निर्देश प्राप्त करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को सूचीबद्ध कर दी।अदालत ने गुप्ता के वकील से कहा,"आप निर्देश लें। आपका...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
गैर-संज्ञेय मामलों की रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट आवेदन को अस्वीकार नहीं कर सकते, अगर उन पर अन्वेषण नहीं हुआ है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने स्पष्ट किया कि गैर-संज्ञेय मामलों की रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट आवेदन को अस्वीकार नहीं कर सकते, अगर उन पर अन्वेषण नहीं हुआ है।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत सिंह की पीठ ने बासु यादव द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही, जिसने अपने पक्ष में पासपोर्ट जारी करने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था।पूरा मामलाबासु यादव नाम के व्यक्ति ने पासपोर्ट जारी करने के लिए पासपोर्ट अधिकारियों के समक्ष एक आवेदन दिया था। हालांकि, उनके आवेदन...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
'COVID-19 के समय में समाज के लिए काम किया': हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को एड हॉक सहायक नर्स मिडवाइव्स का बकाया चुकाने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार को सहायक नर्स मिडवाइव्स (एएनएम) को वेतन और अन्य बकाया का भुगतान करने का निर्देश दिया है, जिन्हें राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 टीकाकरण केंद्रों के लिए पिछले साल अल्पावधि के लिए लगाया गया था।जस्टिस ज्योति सिंह ने आदेश दिया कि भुगतान छह सप्ताह के भीतर दिल्ली सरकार द्वारा जारी किया जाएगा।कोर्ट ने कहा,"इस पर ज्यादा जोर देने की जरूरत नहीं है कि एएनएम के कार्यों का निर्वहन करते हुए याचिकाकर्ताओं ने COVID-19 के सबसे कठिन और अभूतपूर्व समय में समाज के...

जिला मजिस्ट्रेट प्रिवेंटिव डिटेंशन की अवधि का वर्णन नहीं कर सकते, यह सरकार का विशेषाधिकार : जेकेएल हाईकोर्ट
जिला मजिस्ट्रेट प्रिवेंटिव डिटेंशन की अवधि का वर्णन नहीं कर सकते, यह सरकार का विशेषाधिकार : जेकेएल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि हिरासत का आदेश पारित करते समय जिला मजिस्ट्रेट हिरासत की अवधि का वर्णन नहीं कर सकता, क्योंकि यह सरकार का विशेषाधिकार है, जो हिरासत को मंजूरी देने के बाद हिरासत की अवधि तय करती है।जस्टिस वसीम सादिक नरगल की पीठ ने कहा,"जम्मू और कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम की धारा 17 (1) सरकार को निरोध आदेश की पुष्टि करने का अधिकार देती है और संबंधित व्यक्ति की हिरासत को उस अवधि के लिए जारी रखने का निर्देश दे सकती है जो वह उचित समझे। जम्मू-कश्मीर...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने निकट संबंधी नहीं रहने वाले लोगों के बीच किडनी ट्रांसप्लांटेशन की अनुमति दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 'निकट संबंधी' नहीं रहने वाले लोगों के बीच किडनी ट्रांसप्लांटेशन की अनुमति दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एंड टिश्यू एक्ट, 1994 के तहत 'निकट संबंधियों' की परिभाषा के अनुसार उन व्यक्तियों के बीच किडनी के 'स्वैप ट्रांसप्लांट' की अनुमति दी है, जो एक-दूसरे से संबंधित नहीं हैं।जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज की एकल पीठ ने यह देखते हुए कि भले ही 'सास और दामाद' अधिनियम के अनुसार 'निकट संबंधी' की परिभाषा में नहीं आते, किडनी ट्रांसप्लांटेशन की अनुमति देते हुए कहा:"अधिनियम की धारा 9 (3) (ए) के उद्देश्य को कठोर, हठधर्मिता और लांछन वाली व्याख्या...

दिल्ली हाईकोर्ट
'बचपन के यौन उत्पीड़न के दीर्घकालिक प्रभाव असहनीय': दिल्ली हाईकोर्ट ने छेड़छाड़ के आरोपी शिक्षक की बर्खास्तगी को बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि स्कूल जाने वाले बच्चों के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों से निपटने के दौरान, उस बच्चे की भलाई के लिए सर्वोपरि ध्यान दिया जाना चाहिए, जिसका मानसिक मानस कमजोर, प्रभावशाली और विकासशील अवस्था में है।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि बचपन के यौन उत्पीड़न के दीर्घकालिक प्रभाव कई बार दुर्गम होते हैं।खंडपीठ ने कहा, "यौन उत्पीड़न का कृत्य बच्चे को मानसिक आघात पहुंचाने की क्षमता रखता है और आने वाले वर्षों के लिए उनकी विचार प्रक्रिया को...

सीआरपीसी की धारा 125 | याचिका दायर करने की तारीख से गुजारा भत्ता दिया जाना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 125 | याचिका दायर करने की तारीख से गुजारा भत्ता दिया जाना चाहिए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिकाकर्ता को याचिका दायर करने की तारीख से गुजारा भत्ता दिया जाना चाहिए, न कि आदेश पारित करने की तारीख से।जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने याचिका दाखिल करने की तारीख से नहीं बल्कि आदेश की तारीख से गुजारा भत्ता देने के फैमिली कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि कोई भी विचलन आदेश में दर्ज कारणों के साथ आना चाहिए।उन्होंने कहा,"... जब कोई पक्षकार याचिका दायर करके भरण-पोषण भत्ते का दावा करता है तो पक्षकार को याचिका की तारीख से भरण-पोषण मिलना...

चार्जशीट जारी होने से चार साल पहले हुई घटना के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारी के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
चार्जशीट जारी होने से चार साल पहले हुई घटना के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारी के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में 1986-88 के बीच हुए कथित कदाचार के लिए 2021 में हरियाणा के सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ शुरू की गई विभागीय कार्यवाही रद्द कर दी।जस्टिस दीपक सिब्बल की एकल पीठ ने हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2016 के नियम 12.2(बी) और 12(5)(ए) का उल्लेख किया और कहा,"सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारी के ऐसी घटनाओं के संबंध में विभागीय कार्यवाही शुरू करने पर पूर्ण प्रतिबंध है, जो इस तरह की शुरुआत से चार साल पहले हुई हो सकती है और शुरुआत की तारीख को चार्जशीट की तारीख...

मद्रास हाईकोर्ट ने पुडुचेरी सरकार को पिछड़े जनजाति समुदाय के सदस्यों को खाली एसटी मेडिकल सीटें देने का निर्देश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने पुडुचेरी सरकार को पिछड़े जनजाति समुदाय के सदस्यों को खाली एसटी मेडिकल सीटें देने का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने NEET UG मेडिकल एडमिशन में आरक्षण के लिए विचार करने के इच्छुक पिछड़ी जनजाति वर्ग से संबंधित दो छात्रों को राहत देते हुए केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को अनुसूचित जनजाति वर्ग में रिक्त सीटों को भरने की अनुमति देने का निर्देश दिया।हाईकोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जनजाति श्रेणी के तहत दो सीटें जो अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों द्वारा भरी गई, उन्हें दो रिक्त अनुसूचित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए स्थानांतरित किया जा सकता है और मैं केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को याचिकाकर्ताओं को उम्मीदवारों...

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच 24 दिसंबर से 3 जनवरी तक विंटर वेकेशन के दौरान तत्काल मामलों की सुनवाई करेंगी

दिल्ली हाईकोर्ट 24 दिसंबर से 3 जनवरी, 2023 तक शुरू होने वाली विंटर वेकेशन के दौरान केवल अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई करेगा।रजिस्ट्रार जनरल रविंदर डुडेजा द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, वेकेशन बेंचों की संरचना इस प्रकार है:- जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस अमित शर्मा : 24 दिसंबर से 26 दिसंबर तक- जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस सौरभ बनर्जी: 27 दिसंबर से 29 दिसंबर तक- जस्टिस नजमी वजीरी और जस्टिस सौरभ बनर्जी: 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक- जस्टिस संजीव नरूला और जस्टिस अमित महाजन: 2 जनवरी से 3 जनवरी तकअधिसूचना...

दिल्ली हाईकोर्ट ने दीवारों पर देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाने पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने दीवारों पर देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाने पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को सार्वजनिक स्थानों पर पेशाब करने, थूकने और कचरा फेंकने से रोकने के उपाय के रूप में दीवारों पर देवताओं की पवित्र तस्वीरों को चिपकाने की प्रथा के खिलाफ वकील द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि यह संवैधानिक अदालत का कर्तव्य नहीं है कि वह प्रत्येक नागरिक की आवाजाही को नियंत्रित करे और निगरानी करे कि कोई सार्वजनिक रूप से पेशाब करता है, थूकता है या कूड़ा डालता है।खंडपीठ ने यह कहा,"याचिकाकर्ता...

एडवोकेट जीबीएस ढिल्लों पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बने
एडवोकेट जीबीएस ढिल्लों पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बने

एडवोकेट जीबीएस ढिल्लों ने दूसरी बार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट पद का चुनाव जीता है। ढिल्लों ने यह चुनाव 548 मतों के अंतर से जीता। उन्होंने कुल 3052 मतों में से 1501 मत प्राप्त किए। उनके निकटतम दावेदार संतोखविंदर सिंह ग्रेवाल को 953 मत मिले।पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट पद के अन्य दावेदारों में सुरजीत सिंह स्वैच और चौहान सतविंदर सिंह सिसोदिया थे, जिन्होंने क्रमशः 496 और 28 वोट हासिल किए।एडवोकेट जसमीत सिंह भाटिया को बार एसोसिएशन का सचिव चुना गया...

God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination
वडापलानी मुरुगन मंदिर के कर्मचारियों ने मद्रास हाईकोर्ट के जज के साथ दुर्व्यवहार किया, मंदिर में दिखी वित्तीय अनियमितता

मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने वाडापलानी मुरुगन मंदिर में वित्तीय अनियमितताओं और बाद में दुर्व्यवहार करने वाले मंदिर के पांच कर्मचारियों के खिलाफ हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के आयुक्त के पास शिकायत दर्ज की है।जस्टिस सुब्रमण्यम, जो अपनी पत्नी और बेटी के साथ मंदिर गए थे, उन्होंने देखा कि काउंटर पर मौजूद महिला कर्मचारी ने 150 रुपये के बदले में दो 50 रुपये का टिकट और एक 5 रुपये का टिकट जारी किया। यह देखते हुए कि कुछ अन्य लोगों को भी इसी तरह 5 रुपये के टिकट जारी किए गए थे,...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने झुग्गीवासियों के लिए अधिग्रहीत भूमि निजी व्यक्तियों को देने के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के 'निर्णय' पर यथास्थिति का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले के विचाराधीन होने के बावजूद 16 निजी व्यक्तियों को झुग्गीवासियों के लिए निर्धरित 4.5 एकड़ से अधिक जमीन देने के लिए नागपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (एनआईटी) को निर्देश देने के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कथित फैसले पर सवाल उठाया है। बताया जाता है कि शिंदे ने पिछले साल शहरी विकास मंत्री रहते हुए यह फैसला लिया था।जस्टिस सुनील शुकरे और जस्टिस एमडब्ल्यू चंदवानी की नागपुर में एक खंडपीठ ने राज्य को समाचार रिपोर्ट में किए गए दावों पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।अदालत ने आगे...

चरसी गंजेड़ी ट्वीट| मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मनोज बाजपेयी द्वारा दायर मानहानि के मामले को रद्द करने की केआरके की याचिका को खारिज किया
'चरसी गंजेड़ी' ट्वीट| मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मनोज बाजपेयी द्वारा दायर मानहानि के मामले को रद्द करने की केआरके की याचिका को खारिज किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कमाल राशिद खान (केआरके) की एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अभिनेता मनोज बाजपेयी की ओर से दायर मानहानि की याचिका को रद्द करने की मांग की थी।केआरके ने बाजपेयी ट्विटर पर 'चरसी गंजेड़ी' कहा था, जिसके बाद उन्होंने आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।खान को राहत देने से इनकार करते हुए जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की पीठ ने प्रथम दृष्टया कहा कि बाजपेयी, जो एक अभिनेता हैं, को 'चरसी गंजेड़ी' के रूप में संबोधित करना उनकी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए...

मरने के कगार पर खड़े कैदियों के लिए ही केवल चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत एक विकल्प नहीं होना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
मरने के कगार पर खड़े कैदियों के लिए ही केवल चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत एक विकल्प नहीं होना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित कैदी को पर्याप्त चिकित्सा का अवसर दिया जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा कि चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत देने के लिए विवेक का प्रयोग तब नहीं किया जा सकता, जबकि व्यक्ति अंतिम सांसें गिन रहा हो या ऐसी स्थिति में हो कि जहां से उसके जीवित बचने की संभावना कम हो। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो, इंसान की स्वास्थ्य स्थिति सर्वोपरि है। अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी चिंता का राज्य को ध्यान रखना...

उचित अवसर दिए बिना जल्दबाजी में की गई अस्पष्ट सुनवाई मृत्युदंड के लिए अभिशाप: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बेटी की हत्या के दोषी पिता और सौतेली मां के मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदला
'उचित अवसर दिए बिना जल्दबाजी में की गई अस्पष्ट सुनवाई मृत्युदंड के लिए अभिशाप': कलकत्ता हाईकोर्ट ने बेटी की हत्या के दोषी पिता और सौतेली मां के मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदला

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति और उसकी पत्नी की मृत्युदंड की सजा का आजीवन कारावास में बदल दिया।हाईकोर्ट ने फैसले में कहा,"अपराधियों को अपना मामला और साक्ष्य (यदि आवश्यक हो) को पेश करने के लिए उचित अवसर दिए बिना जल्दबाजी में की गई अस्पष्ट सुनवाई मृत्युदंड के लिए एक अभिशाप है।"जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने जोर देकर कहा, अदालत को दोषी को अपना मामला पेश करने का वास्तविक और पर्याप्त अवसर देना होगा। मृत्युदंड देने से पहले अत्यधिक जुर्माना लगाने से पहले...