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एडवोकेट जीबीएस ढिल्लों पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बने
एडवोकेट जीबीएस ढिल्लों पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बने

एडवोकेट जीबीएस ढिल्लों ने दूसरी बार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट पद का चुनाव जीता है। ढिल्लों ने यह चुनाव 548 मतों के अंतर से जीता। उन्होंने कुल 3052 मतों में से 1501 मत प्राप्त किए। उनके निकटतम दावेदार संतोखविंदर सिंह ग्रेवाल को 953 मत मिले।पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट पद के अन्य दावेदारों में सुरजीत सिंह स्वैच और चौहान सतविंदर सिंह सिसोदिया थे, जिन्होंने क्रमशः 496 और 28 वोट हासिल किए।एडवोकेट जसमीत सिंह भाटिया को बार एसोसिएशन का सचिव चुना गया...

God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination
वडापलानी मुरुगन मंदिर के कर्मचारियों ने मद्रास हाईकोर्ट के जज के साथ दुर्व्यवहार किया, मंदिर में दिखी वित्तीय अनियमितता

मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने वाडापलानी मुरुगन मंदिर में वित्तीय अनियमितताओं और बाद में दुर्व्यवहार करने वाले मंदिर के पांच कर्मचारियों के खिलाफ हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के आयुक्त के पास शिकायत दर्ज की है।जस्टिस सुब्रमण्यम, जो अपनी पत्नी और बेटी के साथ मंदिर गए थे, उन्होंने देखा कि काउंटर पर मौजूद महिला कर्मचारी ने 150 रुपये के बदले में दो 50 रुपये का टिकट और एक 5 रुपये का टिकट जारी किया। यह देखते हुए कि कुछ अन्य लोगों को भी इसी तरह 5 रुपये के टिकट जारी किए गए थे,...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने झुग्गीवासियों के लिए अधिग्रहीत भूमि निजी व्यक्तियों को देने के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के 'निर्णय' पर यथास्थिति का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले के विचाराधीन होने के बावजूद 16 निजी व्यक्तियों को झुग्गीवासियों के लिए निर्धरित 4.5 एकड़ से अधिक जमीन देने के लिए नागपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (एनआईटी) को निर्देश देने के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कथित फैसले पर सवाल उठाया है। बताया जाता है कि शिंदे ने पिछले साल शहरी विकास मंत्री रहते हुए यह फैसला लिया था।जस्टिस सुनील शुकरे और जस्टिस एमडब्ल्यू चंदवानी की नागपुर में एक खंडपीठ ने राज्य को समाचार रिपोर्ट में किए गए दावों पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।अदालत ने आगे...

चरसी गंजेड़ी ट्वीट| मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मनोज बाजपेयी द्वारा दायर मानहानि के मामले को रद्द करने की केआरके की याचिका को खारिज किया
'चरसी गंजेड़ी' ट्वीट| मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मनोज बाजपेयी द्वारा दायर मानहानि के मामले को रद्द करने की केआरके की याचिका को खारिज किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कमाल राशिद खान (केआरके) की एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अभिनेता मनोज बाजपेयी की ओर से दायर मानहानि की याचिका को रद्द करने की मांग की थी।केआरके ने बाजपेयी ट्विटर पर 'चरसी गंजेड़ी' कहा था, जिसके बाद उन्होंने आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।खान को राहत देने से इनकार करते हुए जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की पीठ ने प्रथम दृष्टया कहा कि बाजपेयी, जो एक अभिनेता हैं, को 'चरसी गंजेड़ी' के रूप में संबोधित करना उनकी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए...

मरने के कगार पर खड़े कैदियों के लिए ही केवल चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत एक विकल्प नहीं होना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
मरने के कगार पर खड़े कैदियों के लिए ही केवल चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत एक विकल्प नहीं होना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित कैदी को पर्याप्त चिकित्सा का अवसर दिया जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा कि चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत देने के लिए विवेक का प्रयोग तब नहीं किया जा सकता, जबकि व्यक्ति अंतिम सांसें गिन रहा हो या ऐसी स्थिति में हो कि जहां से उसके जीवित बचने की संभावना कम हो। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो, इंसान की स्वास्थ्य स्थिति सर्वोपरि है। अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी चिंता का राज्य को ध्यान रखना...

उचित अवसर दिए बिना जल्दबाजी में की गई अस्पष्ट सुनवाई मृत्युदंड के लिए अभिशाप: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बेटी की हत्या के दोषी पिता और सौतेली मां के मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदला
'उचित अवसर दिए बिना जल्दबाजी में की गई अस्पष्ट सुनवाई मृत्युदंड के लिए अभिशाप': कलकत्ता हाईकोर्ट ने बेटी की हत्या के दोषी पिता और सौतेली मां के मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदला

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति और उसकी पत्नी की मृत्युदंड की सजा का आजीवन कारावास में बदल दिया।हाईकोर्ट ने फैसले में कहा,"अपराधियों को अपना मामला और साक्ष्य (यदि आवश्यक हो) को पेश करने के लिए उचित अवसर दिए बिना जल्दबाजी में की गई अस्पष्ट सुनवाई मृत्युदंड के लिए एक अभिशाप है।"जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने जोर देकर कहा, अदालत को दोषी को अपना मामला पेश करने का वास्तविक और पर्याप्त अवसर देना होगा। मृत्युदंड देने से पहले अत्यधिक जुर्माना लगाने से पहले...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
यौन अपराधों के पीड़ितों को मुआवजे के आवेदनों को दायर करने में परिसीमा अवधि आड़े नहीं आएगी: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (DSLSA) को 2012 से 2017 के बीच पंजीकृत मामलों में मुआवजे के लिए यौन अपराधों के पीड़ितों की ओर से आवेदन करने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में मुआवजे की मांग में विलंब के लिए क्षमा के लिए अलग से आवेदन दायर करने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने यह देखते हुए कि चूंकि सीआरपीसी की धारा 357 (A) या पोक्सो एक्ट की धारा 33 के तहत मुआवजे के लिए आवेदन दाखिल करने की कोई परिसीमा नहीं है।दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना (DVCS)-2018 के...

लखनऊ गोमती रिवर फ्रंट स्कैम| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परियोजना सलाहकार को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया
लखनऊ गोमती रिवर फ्रंट 'स्कैम'| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परियोजना सलाहकार को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते लखनऊ स्थित गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट के पूर्व सलाहकार को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। उन पर परियोजना के कार्यान्वयन में भारी भ्रष्टाचार करने और बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप है।जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने आरोपी-आवेदक आरोपी-आवेदक बद्री श्रेष्ठ के खिलाफ आरोप, उपलब्ध सबूत और भ्रष्टाचार की भयावहता को देखते हुए उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।जस्टिस एसके सिंह की पीठ ने आदेश में कहा,"मेरा विचार है कि इतने बड़े पैमाने के आर्थिक अपराध बिना...

हाईकोर्ट ने पीएफआई से 5.2 करोड़ के नुकसान की वसूली में देरी के लिए केरल सरकार की खिंचाई की, कहा- राज्य का रवैया सख्त नहीं
हाईकोर्ट ने पीएफआई से 5.2 करोड़ के नुकसान की वसूली में देरी के लिए केरल सरकार की खिंचाई की, कहा- राज्य का रवैया सख्त नहीं

केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने सोमवार को प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके पदाधिकारियों से नुकसान की वसूली में देरी को लेकर राज्य सरकार की खिंचाई की।सरकार ने पहले पीएफआई के खिलाफ 5.20 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कार्यवाही शुरू की थी, यह राशि सितंबर में आकस्मिक हड़ताल के दौरान हुए नुकसान की अनुमानित राशि थी।खंडपीठ के जस्टिस ए. के. जयशंकरन नांबियार और जस्टिस मोहम्मद नियास सी.पी. पीएफआई और इसके सचिव सहित इसके पदाधिकारियों की संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूर्व निर्देश जारी...

किराए में सूट परिसर के संबंध में किरायेदार द्वारा भुगतान किए गए सभी शुल्क शामिल हैं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने कॉमर्शियल सरचार्ज और नगरपालिका टैक्स शामिल करते हुए कहा
'किराए' में सूट परिसर के संबंध में किरायेदार द्वारा भुगतान किए गए सभी शुल्क शामिल हैं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने कॉमर्शियल सरचार्ज और नगरपालिका टैक्स शामिल करते हुए कहा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को दोहराया कि "किराया" शब्द में न केवल सूट परिसर और उसके सामान के उपयोग और कब्जे के लिए बल्कि फर्निशिंग, बिजली के प्रतिष्ठानों और अन्य सुविधाओं के लिए भी किरायेदार द्वारा भुगतान करने के लिए सहमत सभी भुगतान शामिल हैं। न्यायालय ने किराए को सूट परिसर के आनंद के लिए भुगतान किए गए प्रतिफल या मूल्य के रूप में परिभाषित किया।जस्टिस रवि कपूर की एकल न्यायाधीश खंडपीठ ने आयोजित किया:"आमतौर पर किराए की अवधि पर्याप्त रूप से व्यापक है, जिसमें किरायेदार द्वारा मकान मालिक को न केवल...

Motor Vehicles Act
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 140 के तहत "नो फॉल्ट लायबिलिटी" के लिए मुआवजा 'फॉल्ट लायबिलिटी' के लिए मुआवजे के दावों में समायोज्य है: जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 140 के तहत "नो फॉल्ट लायबिलिटी" के लिए मुआवजा 'फॉल्ट लायबिलिटी' के लिए मुआवजे के दावों में समायोज्य है।जस्टिस राहुल भारती ने यह टिप्पणी एक अपील की सुनवाई के दौरान की, जिसके संदर्भ में बीमा कंपनी ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा पारित 50,000 रुपये के अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मोटर वाहन अधिनियम की धारा 140 (नो-फॉल्ट लायबिलिटी) का इस्तेमाल किया गया था।अपीलकर्ताओं ने इस आधार पर अपनी चुनौती...

Bombay High Court
[पुर्तगाली सीपीसी] बॉम्बे हाईकोर्ट ने विदेशी डिक्री के आधार पर गोवा के कपल के मैरिज रजिस्ट्रेशन को रद्द करने का निर्देश दिया

गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इंग्लैंड में कोर्ट और ट्रिब्यूनल सर्विस सेंटर में बैठे फैमिली कोर्ट द्वारा पारित तलाक के डिक्री पर भरोसा करते हुए गोवा के एक जोड़े का विवाह पंजीकरण रद्द कर दिया, जिसमें पुर्तगाली सिविल प्रक्रिया संहिता, 1939 के अनुच्छेद 1101 के तहत एक याचिका की अनुमति दी गई थी।पोंडा-गोवा के सिविल रजिस्ट्रार के कार्यालय के अनुसार भले ही युगल को डिक्री एब्सोल्यूट द्वारा तलाक दिया गया था, फिर भी वे एक विवाहित युगल बने रहे।बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनके आवेदन की अनुमति दी और 2004 की विवाह...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
'हम आपको आपके घर क्यों भेजें? हम आपको अस्पताल भेजेंगे': दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष की हाउस अरेस्ट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने सोमवार को पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें तिहाड़ जेल से हाउस अरेस्ट में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।याचिका में कहा गया कि अबूबकर कई बीमारियों से पीड़ित है, जिसमें एक दुर्लभ प्रकार का एसोफैगस कैंसर, पार्किंसंस रोग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और नजर कम होने की शिकायत शामिल है।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा दायर चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट का...

स्टेट कंज्यूमर कमीशन को पुनर्विचार की शक्तियों का प्रयोग करने और एकपक्षीय आदेश रद्द करने का अधिकार नहीं: जेकेएल हाईकोर्ट ने दोहराया
स्टेट कंज्यूमर कमीशन को पुनर्विचार की शक्तियों का प्रयोग करने और एकपक्षीय आदेश रद्द करने का अधिकार नहीं: जेकेएल हाईकोर्ट ने दोहराया

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि स्टेट कंज्यूमर कमीशन और जिला कंज्यूमर फोरम को पुनर्विचार की शक्तियों का प्रयोग करने और एकपक्षीय आदेश रद्द करने का अधिकार नहीं है, जब तक कि कोई कानून उन्हें इसके लिए सशक्त नहीं बनाता।एक्टिंग चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान और जस्टिस पुनीत गुप्ता ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसके संदर्भ में याचिकाकर्ता ने जम्मू-कश्मीर स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन, जम्मू द्वारा पारित आदेश पर सवाल उठाया, जिसमें जनवरी, 2013 में...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फ्लैट मालिक को हाउसिंग सोसाइटी से 46 लाख से अधिक छत मरम्मत खर्च वसूलने की अनुमति दी

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में एक फ्लैट मालिक को भवन की छत की मरम्मत के खर्च के रूप में एक सहकारी हाउसिंग सोसाइटी से 46 लाख रुपये से अधिक की वसूली करने की अनुमति दी, जिसे सोसायटी ने 1992 से उपेक्षित किया था।कोर्ट ने कहा,"कोर्ट का विचार है, अगर सोसायटी ने 8 वीं मंजिल पर ऊपरी छत की मरम्मत और रखरखाव किया होता तो फ्लैट मालिक को 1992 से आज तक की अवधि में नुकसान नहीं उठाना पड़ता। निर्विवाद रूप से, सोसाइटी के कार्यों और चूक ने शांतिपूर्वक रहने और फ्लैटों का आनंद लेने के फ्लैट मालिक...

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के मंत्री अनीता राधाकृष्णन के खिलाफ ईडी की जांच पर अंतरिम रोक की अवधि बढ़ाई
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के मंत्री अनीता राधाकृष्णन के खिलाफ ईडी की जांच पर अंतरिम रोक की अवधि बढ़ाई

मद्रास हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि मामले में पर्याप्त कानूनी मुद्दे उठाए गए हैं, हाल ही में अगले आदेश तक तमिलनाडु के मत्स्य मंत्री अनीता राधाकृष्णन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर अंतरिम रोक लगा दी।जस्टिस पीएन प्रकाश और जस्टिस आनंद वेंकटेश की खंडपीठ ने कहा कि न्यायाधीशों में से एक (जे. प्रकाश) जल्द ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं और वे इस मामले को अंतिम निपटान के लिए नहीं ले पाएंगे, क्योंकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को ईडी की कार्यवाही रद्द करने की मांग वाली याचिका में याचिकाकर्ता के वकील...

आर्बिट्रेशन अवार्ड के तहत देय राशि की वसूली के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती: कलकत्ता हाईकोर्ट
आर्बिट्रेशन अवार्ड के तहत देय राशि की वसूली के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि आर्बिट्रेशन अवार्ड के तहत देय राशि की वसूली के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती।जस्टिस तीर्थंकर घोष की खंडपीठ ने कहा कि पोस्ट अवार्ड सेटलमेंट एग्रीमेंट के तहत देय राशि का भुगतान न करने से पीड़ित पक्ष को दीवानी विवाद को आपराधिक रंग देकर आपराधिक मामला दायर करने का सहारा नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। न्यायालय ने कहा कि पक्षकार के लिए सही उपाय निर्णय को अमल में लाना होगा।मामले के तथ्यपक्षकारों ने तीस्ता नदी में पाइपलाइनों लगाने...

मद्रास हाईकोर्ट में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) एक्ट के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका दायर
मद्रास हाईकोर्ट में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) एक्ट के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका दायर

मद्रास हाईकोर्ट में महिलाओं के एक समूह ने असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) 2022 की धारा 27(2) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए याचिका दायर की। इसके तहत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों के अनुसार दाताओं को अपने जीवनकाल में कम से कम 6 ओसाइट दान करने होंगे।एक्टिंग चीफ जस्टिस टी राजा और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले को स्थगित कर दिया और याचिकाकर्ताओं को अपने दावों का समर्थन करने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य की प्रकृति में अतिरिक्त...

अकाउंट्स और फाइनेंस का कुछ ज्ञान सेना के ग्रेजुएश सर्टिफिकेट को विशिष्ट योग्यता के समकक्ष नहीं बनाता: दिल्ली हाईकोर्ट
अकाउंट्स और फाइनेंस का कुछ ज्ञान सेना के ग्रेजुएश सर्टिफिकेट को विशिष्ट योग्यता के समकक्ष नहीं बनाता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना के पूर्व सैनिक द्वारा भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी में सेना द्वारा जारी किए गए ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट के आधार पर पूर्व सैनिकों के तहत जूनियर असिस्टेंट (फाइनेंस कोटा) के रूप में नियुक्ति की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।पूर्व सैनिक राज कुमार का तर्क था कि चूंकि उसके पास "सेना में प्रशासन/लेखा/वित्त/बजट/रसद में काम करने का अनुभव" है, इसलिए उनके पास जूनियर असिस्टेंट (फाइनेंस) के पद के लिए आवश्यक योग्यता है। राइट्स द्वारा पद के लिए मांगी गई योग्यता बी.कॉम/बीबीए...