मुख्य सुर्खियां

Allahabad High Court
किसी व्यक्ति को अदालत में पेश होने के लिए मजबूर करने के लिए सीआरपीसी की धारा 82, 83 के तहत उद्घोषणा कब जारी की जानी चाहिए?: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि कब किसी व्यक्ति को अदालत में पेश होने के लिए मजबूर करने के लिए सीआरपीसी की धारा 82, 83 के तहत उद्घोषणा जारी की जाए।जस्टिस राजेश सिंह चौहान की पीठ ने उद्घोषणा, समन और गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए सीआरपीसी में निर्धारित प्रक्रिया की व्याख्या की। उद्घोषणा जारी करने के संबंध में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में निर्धारित जटिल प्रक्रिया को सुलझाते हुए, पीठ ने भ्रष्टाचार के एक मामले से संबंधित पुरुषोत्तम चौधरी नामक व्यक्ति के खिलाफ सीआरपीसी की...

अधिनियम की धारा 34 के आवेदन में एक बार फैसला हो जाने के बाद अदालत के पास मामले को आर्बिट्रेटर को भेजने की शक्ति नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट
अधिनियम की धारा 34 के आवेदन में एक बार फैसला हो जाने के बाद अदालत के पास मामले को आर्बिट्रेटर को भेजने की शक्ति नहीं: तेलंगाना हाईकोर्ट

तेलंगाना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (A&C अधिनियम) की धारा 34 के तहत दायर आवेदन में एक बार निर्णय हो जाने के बाद अदालत के पास अधिनियम की धारा 34(4) के तहत मामले को आर्बिट्रेटर को वापस भेजने की कोई शक्ति नहीं है।जस्टिस पी. नवीन राव और जस्टिस जे. श्रीनिवास राव की पीठ ने पाया कि चूंकि आर्बिट्रेटर पक्षकार द्वारा किए गए प्रति-दावों पर मुद्दा तय करने में विफल रहा और उसके सामने दायर सभी दस्तावेजों पर विचार करने में विफल रहा, इसलिए निर्णय टिकाऊ नहीं है और अधिनियम की...

बिना किसी उचित आधार के न्यायाधीशों को बदनाम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती : दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉयर्स बॉडी पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया
बिना किसी उचित आधार के न्यायाधीशों को बदनाम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती : दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉयर्स बॉडी पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया

दिल्ली हाईकोर्ट ने जस्टिस (रिटायर्ड) केएस अहलूवालिया की रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष के रूप में फिर से नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को 50,000 रुपए का जुर्माना लगाकर खारिज करते हुए कहा कि बिना किसी उचित आधार के न्यायाधीशों को बदनाम करने के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं दी जा सकती। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने रेल दावा बार एसोसिएशन, लखनऊ द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया और साथ ही 50 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया। याचिका में रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष (न्यायिक),...

उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने न्याय संग्रहालय आम जनता के लिए खोला
उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने 'न्याय संग्रहालय' आम जनता के लिए खोला

उड़ीसा हाईकोर्ट द्वारा बाराबती किला (किला), कटक के अंदर स्थापित न्याय के पुनर्निर्मित संग्रहालय को शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश डॉ. एस. मुरलीधर और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की उपस्थिति में जनता के लिए खोल दिया गया। संग्रहालय का उद्घाटन 25 फरवरी, 2023 को ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल ने किया था। हाईकोर्ट को न्याय के प्रस्तावित संग्रहालय की सामग्री पर सलाह देने के लिए इतिहासकारों, संरक्षण विशेषज्ञों और कानूनी विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति का गठन किया गया था।डॉ. जस्टिस एके मिश्रा, सेवानिवृत्त...

एनसीडीआरसी ने डॉक्टरों के रोगी के प्रति तीन कर्तव्यों को दोहराया,  केस लेना है या नहीं, क्या इलाज देना है और, इलाज कैसे देना है
एनसीडीआरसी ने डॉक्टरों के रोगी के प्रति तीन कर्तव्यों को दोहराया, केस लेना है या नहीं, क्या इलाज देना है और, इलाज कैसे देना है

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) की पीठासीन सदस्य के रूप में डॉ. एस.एम. कांतिकर ने आंशिक रूप से अपीलकर्ता अस्पताल द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया, जिसमें कहा गया कि बांह के अत्यधिक जलने से पीड़ित मरीज/शिकायतकर्ता की फ्लैप सर्जरी करते समय डॉक्टर की ओर से कोई लापरवाही नहीं की गई।आयोग ने पाया कि डॉक्टर माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहा, जबकि रोगी को लगी सभी चोटों के लिए उसे ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, सर्जरी करना उसके अधिकार...

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने सीनियर एएजी, डीएम अनंतनाग की बिना शर्त माफी स्वीकार की
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने सीनियर एएजी, डीएम अनंतनाग की बिना शर्त माफी स्वीकार की

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल अब्दुल रशीद मलिक और जिला मजिस्ट्रेट अनंतनाग की माफी वास्तविक पछतावे और पश्चाताप की भावना से मांगी गई माफी है और इसमें सजा से बचने की सोची समझी रणनीति नहीं है, उनकी माफी को बिना शर्त स्वीकार कर ली।जस्टिस वसीम सादिक नरगल की पीठ ने माफी स्वीकार करते हुए कहा,"अगर माफी खोखली है तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता, अगर इसमें कोई पछतावा या पश्चाताप नहीं है, या अगर यह केवल कानून की कठोरता से बचने का उपकरण मात्र है। इस तरह की...

दिल्ली हाईकोर्ट ने फासीवाद पर सेमिनार आयोजित करने की अनुमति दी, आयोजकों को पुलिस को आमंत्रितों का विवरण देने के लिए कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने फासीवाद पर सेमिनार आयोजित करने की अनुमति दी, आयोजकों को पुलिस को आमंत्रितों का विवरण देने के लिए कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने "भारत बचाओ" मंच के माध्यम से "वर्तमान भारत के संदर्भ में फासीवाद को समझना" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने की अनुमति दी है और पक्षकारों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि यह "शांतिपूर्ण वातावरण" में आयोजित हो।जस्टिस तुषार राव गेदेला दिल्ली पुलिस द्वारा 09 मार्च को दिए गए उस आदेश को चुनौती देने वाली गाडे इना रेड्डी और डॉ. मोंडरू फ्रांसिस गोपीनाथ की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें निर्धारित समय से दो दिन पहले सेमिनार आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार किया...

भाजपा के किरीट सोमैया को एनसीपी नेता हसन मुशरिफ के खिलाफ मामलों में न्यायिक आदेश की कॉपी कैसे मिलीं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने जिला जज से जांच करने को कहा
भाजपा के किरीट सोमैया को एनसीपी नेता हसन मुशरिफ के खिलाफ मामलों में न्यायिक आदेश की कॉपी कैसे मिलीं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने जिला जज से जांच करने को कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यह पता लगाने के लिए न्यायिक जांच का आदेश दिया कि भाजपा नेता किरीट सोमैया ने एनसीपी नेता हसन मुशरिफ के बेटों के खिलाफ आदेश सुनाए जाने के घंटों बाद न्यायिक आदेश की प्रति कैसे प्राप्त की।जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस शर्मिला देशमुख की बेंच ने प्रधान जिला जज को जांच करने को कहा। इसने जांच अधिकारी को यह भी बताने का निर्देश दिया कि मजिस्ट्रेट को सौंपे जाने से पहले सोमैया ने मुशरिफ के खिलाफ एफआईआर की कॉपी कैसे हासिल की।गौरतलब है कि पीठ ने मुशरिफ को अंतरिम राहत देते...

केंद्र ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में एडवोकेट करदक एटे की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की
केंद्र ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में एडवोकेट करदक एटे की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर कहा कि केंद्र सरकार ने गुवाहाटी के न्यायाधीश के रूप में एडवोकेट करदक एटे की नियुक्ति को अधिसूचित किया है। उनकी नियुक्ति दो साल के लिए हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में की गई है।प्रस्ताव में कहा गया कि"कॉलेजियम ने उनकी उपयुक्तता के संबंध में परामर्शी-न्यायाधीशों की राय पर विचार किया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि उनकी एक अच्छी व्यक्तिगत और पेशेवर छवि है और सत्यनिष्ठा के संबंध में कुछ भी प्रतिकूल नहीं आया है। अनुसूचित...

खिलाड़ी मैदान के लिए होता है, अदालतों के गलियारों के लिए नहीं; जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ऐसा क्यों कहा? (वीडियो)
खिलाड़ी मैदान के लिए होता है, अदालतों के गलियारों के लिए नहीं; जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ऐसा क्यों कहा? (वीडियो)

दिल्ली हाईकोर्ट ने अगामी एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए घुड़सवारों के चयन की प्रक्रिया पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि इक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसे राष्ट्रीय खेल महासंघ को सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को बढ़ावा देना चाहिए। अति-तकनीकी और व्यक्तिगत प्रतिशोध से भ्रमित नहीं होना चाहिए।जस्टिस गौरांग कांत ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक खिलाड़ी मैदान और स्टेडियम के लिए होता है, अदालतों के गलियारों के लिए नहीं. जो लोग मातृभूमि का नाम रोशन करना चाहते हैं, उन्हें खेल संघों और उसके...

आबकारी नीति लागू करने में मनीष सिसोदिया की अहम भूमिका, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी जायज : दिल्ली कोर्ट
आबकारी नीति लागू करने में मनीष सिसोदिया की अहम भूमिका, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी जायज : दिल्ली कोर्ट

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में हर राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी (ईडी) में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग का मामला जायज है। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप नेता को 17 मार्च तक ईडी की सात दिन की हिरासत में भेजते हुए यह टिप्पणी की।न्यायाधीश ने कहा कि ईडी के पास आगे की पूछताछ और...

महिलाओं के लिए 100% आरक्षण असंवैधानिक, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नर्सरी डेमोंस्ट्रेटर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए विज्ञापन रद्द किया
महिलाओं के लिए 100% आरक्षण असंवैधानिक, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नर्सरी डेमोंस्ट्रेटर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए विज्ञापन रद्द किया

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियमावली, 2013 ('नियम') की अनुसूची-III के तहत नोट-2 और सहायक प्रोफेसर (नर्सिंग) एवं डेमोंस्ट्रेटर के पदों पर सीधी भर्ती के लिए दिए गए विज्ञापन को रद्द कर दिया, जिसमें 100% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं। मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की खंडपीठ ने उपरोक्त योजना को असंवैधानिक घोषित करते हुए कहा,“…भारत के संविधान के अनुच्छेद 15(3) द्वारा उन नियमों नहीं बचाया गया है जो मनमानी से...

राज्य बोर्ड में 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए कोई बोर्ड परीक्षा नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने गवर्नमेंट सर्कुलर को रद्द किया
राज्य बोर्ड में 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए कोई बोर्ड परीक्षा नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने गवर्नमेंट सर्कुलर को रद्द किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार द्वारा जारी तीन परिपत्रों को रद्द कर दिया, जिसके जरिए उसने स्टेट बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में कक्षा 5वीं और 8वीं के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा निर्धारित की थी।जस्टिस प्रदीप सिंह येरुर की सिंगल जज बेंच ने अनऐडेड स्कूलों के विभिन्‍न संगठनों की ओर से दायर याचिकाओं की अनुमति भी दी। पीठ ने 12 दिसंबर, 2022, 13 दिसंबर, 2022 और 4 जनवरी, 2023 को जारी सर्कुलरों को रद्द कर दिया। पीठ ने मौखिक रूप से कहा, "राज्य सरकार प्रक्रिया का पालन अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए...

सीआरपीसी की धारा 102 - अपराध का संदेह पैदा करने वाली परिस्थितियां पाए जाने पर ही पुलिस अधिकारी को किसी संपत्ति जब्त करने का अधिकार दिया गया है: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 102 - अपराध का संदेह पैदा करने वाली परिस्थितियां पाए जाने पर ही पुलिस अधिकारी को किसी संपत्ति जब्त करने का अधिकार दिया गया है: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक आरोपी के खाते पर रोक लगाने का आदेश देते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 102 ( पुलिस अधिकारी को कुछ संपत्ति को जब्त करने की शक्ति) एक शर्त के अस्तित्व पर पुलिस अधिकारी को कुछ संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देती है, जो कि उक्त संपत्ति पर कथित रूप से चोरी की होने का संदेह है या जो ऐसी परिस्थितियों में पाई जा सकती है जो किसी अपराध के होने का संदेह पैदा करता है।जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें याचिकाकर्ता ने भारतीय...

Gauhati High Court
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने वकील को अवमानना का दोषी ठहराया, जज की तुलना पौराणिक राक्षस से की थी

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक वकील को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया है। वकील ने एक अतिरिक्त जिला जज के पहनावे पर टिप्पणी की थी, उसकी तुलना पौराणिक दानव से की थी और कई अन्य तल्‍ख टिप्पणियां की थी।वकील उत्पल गोस्वामी ने खुद को दोषी माना और माफी मांगी थी, जिसके बाद जस्टिस कल्याण राय सुराणा और जस्टिस देवाशीष बरुआ की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया। पीठ ने कहा, "प्रतिवादी / अवमाननाकर्ता की ओर से पेश दोष की दलील के मद्देनजर, हम प्रतिवादी अवमाननाकर्ता को न्यायालय अधिनियम, 1971 की धारा 14 के प्रावधान के अनुसार...

एमएलए ने अंतर्धार्मिक विवाहों की निगरानी के लिए पैनल बनाने के सरकार के प्रस्ताव को चुनौती दी, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका
एमएलए ने अंतर्धार्मिक विवाहों की निगरानी के लिए पैनल बनाने के सरकार के प्रस्ताव को चुनौती दी, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका

बॉम्बे हाईकोर्ट मे एक रिट पीटिशन फाइल की गई है, जिसमें महाराष्ट्र सरकार के एक अधिसूचना को चुनौती दी गई है। उक्त अधिसूचना के तहत महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में अंतर-धार्मिक और अंतर-जातीय विवाहों की निगरानी के लिए परिवार समन्वय समिति की स्थापना की है।याचिका में कहा गया है, "यह धारणा गलत है कि वयस्क महिलाएं, जिन्होंने किसी अन्य धर्म के व्यक्ति के साथ विवाह का चयन किया है और सहमति दी है, उन्हें 'बचाया' जाना चाहिए। यह संविधान की भावना के खिलाफ है।" समाजवादी पार्टी विधायक रईस शेख की ओर से दायर याचिका...

क्या भाई-भतीजावाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध है? दिल्ली हाईकोर्ट ने डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई
क्या 'भाई-भतीजावाद' भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध है? दिल्ली हाईकोर्ट ने डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ महिला अधिकार निकायों में आप कार्यकर्ताओं समेत अपने परिचितों को नियुक्त करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के मामले में शुरू की गई कार्यवाही पर 26 जुलाई तक रोक लगा दी। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी)(2) के तहत अपराध का आवश्यक घटक, यानि 'मूल्यवान वस्तु या आर्थिक लाभ प्राप्त करना' चार्जशीट या ऑर्डर से गायब है, जिस पर गहन विचार की आवश्यकता है। ...

मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 17 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा
मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 17 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति के संबंध में दर्ज धन शोधन के एक मामले में 17 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने मनीष सिसोदिया के लिए सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन, मोहित माथुर और सिद्धार्थ अग्रवाल को सुनने के बाद आदेश सुनाया। ज़ोहेब हुसैन ने ईडी का प्रतिनिधित्व किया।सिसोदिया को इस सप्ताह की शुरुआत में सीबीआई मामले में न्यायिक...

एनआई एक्ट | कंपनी का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता चेक का ड्रॉअर नहीं, वह धारा 143ए के तहत अंतरिम मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
एनआई एक्ट | कंपनी का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता चेक का "ड्रॉअर" नहीं, वह धारा 143ए के तहत अंतरिम मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि एक कंपनी का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, जो कंपनी की ओर से चेक पर हस्ताक्षर करता है, वह चेक का "आहर्ता" नहीं है और इसलिए ऐसा हस्ताक्षरकर्ता चेक अनादरण के मामले में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 143ए के तहत अंतरिम मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। जस्टिस अमित बोरकर ने आगे कहा कि एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत सजा के खिलाफ अपील दायर करते समय, जो व्यक्ति चेक का आहर्ता नहीं हैं, उसे अधिनियम की धारा 148 के संदर्भ में जमा करने की आवश्यकता नहीं...

मुख्तार अंसारी गिरोह भारत का सबसे खूंखार गिरोह, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में कथित गिरोह के सदस्य को जमानत देने से इनकार किया
'मुख्तार अंसारी गिरोह भारत का सबसे खूंखार गिरोह', इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में कथित गिरोह के सदस्य को जमानत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'मुख्तार अंसारी गैंग' को भारत का सबसे खूंखार आपराधिक गिरोह करार देते हुए पिछले हफ्ते एक हत्या के मामले में अंसारी गिरोह के एक कथित सदस्य को जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने एक हत्या के आरोपी (एक रामू मल्लाह), जो मुख्तार अंसारी गिरोह का एक कथित सदस्य है, उसे जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की।कोर्ट के समक्ष रामू मल्लाह की जमानत याचिका का सरकार ने यह तर्क देते हुए विरोध किया कि वह मुख्तार अंसारी गिरोह का सदस्य है और रामू मल्लाह के खिलाफ...