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केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने अभियुक्त को बचाव साक्ष्य जोड़ने के लिए अदालत से अनुरोध करने वाले तरीके को स्पष्ट किया

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में इस सवाल का जवाब दिया कि किस तरह से अभियुक्त को बचाव पक्ष के साक्ष्य को जोड़ने के लिए अदालत से अनुरोध करना चाहिए।जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने सीआरपीसी की धारा 233 का अवलोकन किया, जो 'रक्षा पर प्रवेश' को निर्धारित करता है। उन्होंने देखा कि प्रावधान के अनुसार, यदि अभियुक्त किसी गवाह की उपस्थिति या किसी दस्तावेज या चीज के उत्पादन के लिए किसी प्रक्रिया को जारी करने के लिए आवेदन करता है तो न्यायाधीश ऐसी प्रक्रिया जारी करेगा, जब तक कि वह रिकॉर्ड किए जाने वाले कारणों के लिए...

कंसेंट फॉरेन अवॉर्ड न्यूयॉर्क कन्वेंशन के तहत लागू करने योग्य है: दिल्ली हाईकोर्ट
कंसेंट फॉरेन अवॉर्ड न्यूयॉर्क कन्वेंशन के तहत लागू करने योग्य है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि कंसेंट फॉरेन अवॉर्ड न्यूयॉर्क कन्वेंशन/A&C अधिनियम, 1996 के भाग II के तहत लागू करने योग्य है।जस्टिस यशवंत वर्मा की पीठ ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि कंसेंट आर्बिट्रेशन अवार्ड न्यूयॉर्क कन्वेंशन के रूब्रिक के अंतर्गत नहीं आता है। न्यायालय ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि कन्वेंशन के तहत मान्यता प्राप्त होने वाला आर्बिट्रेशन अवार्ड अधिनिर्णय पर आधारित होना चाहिए, क्योंकि आर्बिट्रेशन अवार्ड में ट्रिब्यूनल द्वारा अधिनिर्णय शामिल होता है और कार्यवाही के लंबित रहने के...

सरकारी खर्च पर धार्मिक शिक्षा : इलाहाबाद हाईकोर्ट (डीबी) ने रजिस्ट्री को चीफ जस्टिस/जनहित याचिका बेंच के समक्ष मामला रखने का निर्देश दिया
सरकारी खर्च पर धार्मिक शिक्षा : इलाहाबाद हाईकोर्ट (डीबी) ने रजिस्ट्री को चीफ जस्टिस/जनहित याचिका बेंच के समक्ष मामला रखने का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह रजिस्ट्री को मदरसों जैसे संस्थानों में सरकारी खर्च पर धार्मिक शिक्षा के मुद्दे पर अलग मामले के रूप में जनहित याचिका (पीआईएल) दर्ज करने का निर्देश दिया और इस मामले को चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष उचित निर्देश के लिए रखने को कहा।निम्नलिखित मुद्दे को सीजे/पीआईएल बेंच के पास भेजा गया है:"क्या धार्मिक निर्देश देने वाले संस्थानों के सरकारी खजाने से धन देना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26, 29 और 30 का उल्लंघन है?"उल्लेखनीय है कि जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और...

राजस्थान हाईकोर्ट ने एलडीसी पद पर अनुकंपा नियुक्ति से पुरुष उम्मीदवारों को बाहर करने के आरएसईबी का फैसला रद्द किया
राजस्थान हाईकोर्ट ने एलडीसी पद पर अनुकंपा नियुक्ति से पुरुष उम्मीदवारों को बाहर करने के आरएसईबी का फैसला रद्द किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान राज्य विद्युत बोर्ड (आरएसईबी) द्वारा जारी 17 अक्टूबर, 1996 का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें अनुकंपा योजना के तहत केवल महिला उम्मीदवारों को अवर श्रेणी लिपिक (एलडीसी) के रूप में नियुक्त करने का प्रावधान था।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की एकल न्यायाधीश पीठ ने पाया कि एलडीसी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए पुरुष उम्मीदवारों का बहिष्कार पूरी तरह से लैंगिक भेदभाव पर आधारित है और यह राजस्थान राज्य विद्युत बोर्ड मंत्रालयिक कर्मचारी विनियम, 1962 के खंड 10.2 का भी उल्लंघन...

SCAORA का आरोप- छुट्टी के दौरान सामान्य मामले सूचीबद्ध हो रहे; सीजेआई से हस्तक्षेप की मांग
SCAORA का आरोप- 'छुट्टी के दौरान सामान्य मामले सूचीबद्ध हो रहे; सीजेआई से हस्तक्षेप की मांग

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक सर्कुलर का उल्लंघन करते हुए सामान्य मामलों को गर्मी की छुट्टी के दौरान सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा रहा है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को संबोधित पत्र में SCAORA ने लिखा है, "एकल न्यायाधीश मामलों सहित कई मामलों को वर्तमान में चल रहे ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान सर्कुलर के पूर्ण उल्लंघन में सूचीबद्ध किया जा रहा है क्योंकि सामान्य मामलों को रजिस्ट्री द्वारा सूचीबद्ध किया जा रहा है जो चल...

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की भी सीमाएं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप पर देवी दुर्गा को गाली देने के आरोपी को राहत देने से इनकार किया
'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की भी सीमाएं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप पर देवी दुर्गा को गाली देने के आरोपी को राहत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार अपनी विशेष जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के साथ आता है और यह नागरिकों को जिम्मेदारी के बिना बोलने का अधिकार प्रदान नहीं करता है और न ही यह भाषा के हर संभव उपयोग के लिए एक मुक्त लाइसेंस प्रदान करता है। जस्टिस मंजू रानी चौहान की खंडपीठ ने डॉ शिव सिद्धार्थ के खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए और आईटी एक्‍ट, 2008 की धारा 67 के तहत दायर चार्जशीट को रद्द करने से इनकार करते हुए यह बात कही।उन पर व्हाट्सएप पर देवी दुर्गा पर अपमानजनक टिप्पणी...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने नो एंट्री जोन से गुजरने वाले ट्रक पर ऑन ड्यूटी विद फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट का स्टीकर लगाने के मामले में ड्राइवर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने नो एंट्री जोन से गुजरने वाले ट्रक पर 'ऑन ड्यूटी विद फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट' का स्टीकर लगाने के मामले में ड्राइवर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक ट्रक चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 471 और 478 के तहत कार्यवाही को रद्द कर दिया। उसने कथित रूप से एक नो एंट्री जोन को पार करने के लिए अपने ट्रक पर 'ऑन ड्यूटी पीडीएस फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट, पश्चिम बंगाल सरकार' चिपका दिया था। कोर्ट ने फैसले में कहा कि उसका कृत्य अपराधों की परिभाषा में नहीं आता है।जस्टिस अनन्या बंद्योपाध्याय की सिंगल जज बेंच ने कहा कि यातायात पुलिस के पास 'नो एंट्री जोन' क्षेत्र में ऐसे ऐसे स्टिकर वाले वाहनों को चलने से रोकने के...

प्लास्टिक कोटेड पेपर सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए जारी की गई अधिसूचना के दायरे में आता है: राजस्थान हाईकोर्ट
प्लास्टिक कोटेड पेपर सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए जारी की गई अधिसूचना के दायरे में आता है: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्‍थान हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में माना कि 'प्लास्टिक लेमिनेटेड पेपर' प्लास्टिक वेस्‍ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 तहत सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने के लिए जारी की गई अधिसूचना के दायरे में आएगा। प्लास्टिक लैमिनेटेड पेपर का उपयोग लैमिनेटेड पेपर कप के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है।जस्टिस समीर जैन की पीठ मैनेजमेंट रूल्स, 2016 में 2021 में किए गए संशोधन, वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 31ए, और जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 33ए के...

राज्य के भीतर केवल गाय रखना और परिवहन करना यूपी गौहत्या अधिनियम के तहत अपराध नहीं होगा: इलाहाबाद हाईकोर्ट
राज्य के भीतर केवल गाय रखना और परिवहन करना यूपी गौहत्या अधिनियम के तहत अपराध नहीं होगा: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की सीमा के भीतर जीवित गाय/बैल रखना या गाय का परिवहन करना उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम 1955 के तहत अपराध करने, अपराध के लिए उकसाने या अपराध करने का प्रयास करने के बराबर नहीं होगा। जस्टिस विक्रम डी चौहान की पीठ ने इस साल मार्च में एक वाहन से 6 गायों की कथित बरामदगी के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए कुंदन यादव नामक व्यक्ति को जमानत देते हुए यह टिप्पणी की। उस पर यूपी गोवध निवारण अधिनियम, 1964 की धारा 3/5ए/5बी/8 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की...

जब पीड़िता गवाह के कठघरे में जाने से बच रही हो तो ऐसा आचरण अभियुक्त को जमानत दिलाने के लिए पर्याप्त: पोक्सो मामले में जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट ने कहा
जब पीड़िता गवाह के कठघरे में जाने से बच रही हो तो ऐसा आचरण अभियुक्त को जमानत दिलाने के लिए पर्याप्त: पोक्सो मामले में जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट ने कहा

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने पोक्सो मामले में एक अभियुक्त को जमानत देते हुए कहा कि सिर्फ इसलिए कि अभियोजिका खुद को अदालत में पेश होने से दूर रखती है, जमानत की याचिका को अनिश्चित काल के लिए नहीं टाला जा सकता है। जस्टिस संजय धर ने कहा,"अभियोजन पक्ष का यह मामला नहीं है कि अभियुक्तों के आचरण के कारण मुकदमे में देरी हो रही है, लेकिन यह एक ऐसा मामला है जहां पीड़िता गवाह के कटघरे में आने से बच रही है। पीड़िता का यह आचरण याचिकाकर्ता को जमानत का अधिकार देने के लिए पर्याप्त है।"अदालत अपहरण और...

दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडियन कानून पोर्टल को बलात्कार के मामले में बरी हुए व्यक्ति का नाम छुपाने का निर्देश दिया, किसी व्यक्ति की निजी जानकारी इंटरनेट से हटाने के अधिकार पर नीति का खुलासा करने के लिए कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडियन कानून पोर्टल को बलात्कार के मामले में बरी हुए व्यक्ति का नाम छुपाने का निर्देश दिया, किसी व्यक्ति की निजी जानकारी इंटरनेट से हटाने के अधिकार पर नीति का खुलासा करने के लिए कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में इंडियन कानून नामक एक वेबसाइटी को 29 वर्षीय एक व्यक्ति के नाम, जिसे 2018 में बलात्कार के एक मामले में बरी कर दिया गया था, को छुपाने का निर्देश दिया। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 376 और 506 के तहत दायर एफआईआर में बरी एक व्यक्ति की ओर से दायर व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थीं, जिसने वेबसाइट पर अपने मामले से जुड़े निर्णय में अपना नाम छुपाने की मांग की थी।जुलाई 2018 में ट्रायल कोर्ट ने उसे सभी आरोपों से बरी किया था।कोर्ट ने 5 अक्टूबर को...

लॉक-इन पीरियड में शेष किराया नुकसान का वास्तविक पूर्व-अनुमान, वास्तविक नुकसान की और आवश्यकता नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
लॉक-इन पीरियड में 'शेष किराया' नुकसान का वास्तविक पूर्व-अनुमान, वास्तविक नुकसान की और आवश्यकता नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मध्यस्थता अवार्ड को बरकरार रखा है, जिसमें मध्यस्थ ने माना था कि लॉक-इन पीरियड में 'शेष किराया' नुकसान का एक वास्तविक पूर्व-अनुमान है, जिसके लिए नुकसान का कोई और प्रमाण आवश्यक नहीं है। जस्टिस वी कामेश्वर राव की पीठ ने कहा कि जब अनुबंध में लॉक-इन पीरियड के लिए पूरे शेष किराए के भुगतान का प्रावधान किया गया है, यदि लॉक-इन पीरियड समाप्त होने से पहले डीड समाप्त हो जाती है, तो यह एक अनुबंध/डीड की शीघ्र समाप्ति के लिए पट्टेदार की ओर से वहन किए जाने वाले नुकसान के बारे में वास्तविक...

परीक्षकों और नियंत्रकों के बेहतर मार्गदर्शन के लिए पेटेंट नियमावली को तुरंत अपडेट करने की आवश्यकता: दिल्ली हाईकोर्ट
परीक्षकों और नियंत्रकों के बेहतर मार्गदर्शन के लिए पेटेंट नियमावली को तुरंत अपडेट करने की आवश्यकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि "पेटेंट ऑफिस प्रैक्टिस और प्रोसिज़र मैनुअल को" अपडेट करने की तत्काल आवश्यकता है ताकि एग्जामिनर्स और कंट्रोलर्स को जटिल आविष्कारों से संबंधित जटिल मामलों से डील करने के लिए बेहतर मार्गदर्शन मिल सके।जस्टिस अमित बंसल ने कहा,"चूंकि भारत में पेटेंट फाइलिंग की संख्या तेजी से बढ़ रही है और पेटेंट ऑफिस प्रैक्टिस और प्रोसिजर मैनुअल को अपडेट करने की आसन्न आवश्यकता है ताकि एग्जामिनर्स और कंट्रोलर्स को स्पष्टता और संक्षिप्तता की कमी की आपत्तियों जैसे जटिल मामलों से डील करने के...

आबकारी नीति: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
आबकारी नीति: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार की विशेष सुनवाई में राष्ट्रीय राजधानी में पिछली आबकारी नीति के कार्यान्वयन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।सिसोदिया ने अपनी पत्नी की खराब स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए छह सप्ताह की अंतरिम जमानत मांगी है।जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने आज (शनिवार) शाम तक एलएनजेपी अस्पताल से सिसोदिया की पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट मांगी, जहां वह वर्तमान में...

‘अंतिम आकलन के बाद अगर खतरे की आशंका सही पाई जाती है तो नवजोत सिंह सिद्धू की सुरक्षा बढ़ाई जाए’: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य को दिया निर्देश
‘अंतिम आकलन के बाद अगर खतरे की आशंका सही पाई जाती है तो नवजोत सिंह सिद्धू की सुरक्षा बढ़ाई जाए’: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य को दिया निर्देश

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के अधिकारियों को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा उनकी सुरक्षा के संबंध में व्यक्त की गई आशंकाओं पर ध्यान देने और उपयुक्त सुरक्षा के प्रावधान सहित सभी सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया है।अदालत ने राज्य को एक महीने की अवधि के भीतर एक उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया।अदालत ने कहा,"अगर पैरा संख्या 9 और 11 (गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जीवन के खतरे के संबंध में) में किए गए पूर्वोक्त दलीलों के आधार पर खतरे की धारणा वास्तविक नोट पर पाई जाती है, तो सक्षम...

शिक्षा निदेशालय द्वारा आवंटन के बाद अनुचित आधार पर ईडब्ल्यूएस/डीजी कैटेगरी के तहत स्टूडेंट को एडमिशन देने से स्कूल इनकार नहीं कर सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
शिक्षा निदेशालय द्वारा आवंटन के बाद अनुचित आधार पर ईडब्ल्यूएस/डीजी कैटेगरी के तहत स्टूडेंट को एडमिशन देने से स्कूल इनकार नहीं कर सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि शिक्षा निदेशालय द्वारा वैध आवंटन होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग या वंचित समूह कैटेगरी के तहत स्टूडेंट को एडमिशन देने से इनकार नहीं कर सकते।जस्टिस मिनी पुष्करणा ने कहा कि कोर्ट इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि समाज के वंचित समूहों को जीवन में आगे आने के समान अवसर दिए जाने चाहिए।अदालत ने कहा,"इसमें वंचित समूहों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से संबंधित स्टूडेंट को अन्य बच्चों के साथ स्कूलों में पढ़ने का अवसर देना शामिल है,...

आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के किसी भी सदस्य की अभिव्यक्ति को सभी सदस्य के रूप में नहीं पढ़ा जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के "किसी भी" सदस्य की अभिव्यक्ति को "सभी सदस्य" के रूप में नहीं पढ़ा जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि आर्बिट्रेटर के रूप में नियुक्त होने के लिए अनिवार्य योग्यता निर्धारित करने वाले क्लॉज में निहित अभिव्यक्ति "किसी भी सदस्य" को आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के "सभी सदस्य" के रूप में नहीं पढ़ा जा सकता। अदालत ने कहा कि वाक्यांश "किसी भी सदस्य" की व्याख्या उस संदर्भ में की जानी चाहिए, जिसमें इसका उपयोग किया जाता है।जस्टिस यशवंत वर्मा की पीठ आर्बिट्रेशन क्लॉज से निपट रही थी, जिसके लिए आवश्यक था कि आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल का "कोई भी सदस्य" "ग्रेजुएट इंजीनियर हो, जिसे सार्वजनिक...

कोयले के अवैध खनन और इसके परिवहन में सक्रिय माफिया के साथ राज्य की स्पष्ट मिलीभगत है: मेघालय हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई
कोयले के अवैध खनन और इसके परिवहन में सक्रिय माफिया के साथ राज्य की स्पष्ट मिलीभगत है: मेघालय हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई

मेघालय हाईकोर्ट ने कोयले के स्रोत या उत्पत्ति को सत्यापित किए बिना लैंड कस्टम स्टेशनों के माध्यम से निर्यात के लिए दसियों हज़ार मीट्रिक टन कोयले की निकासी की अनुमति देने में राज्य की ढिलाई पर गहरी चिंता व्यक्त की।चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस डब्ल्यू डेंगदोह की खंडपीठ ने कहा,"अवैध कोयला-खनन और इस न्यायालय में अवैध रूप से खनन किए गए कोयले के अवैध परिवहन से संबंधित स्वत: संज्ञान कार्यवाही से बहुत पहले केंद्रीय एजेंसियों और केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा राज्य को जारी किए गए कई पत्र, बल्कि एक...

अप्राकृतिक अपराधों से जुड़े मामलों में नरमी न केवल अवांछनीय है, बल्कि जनहित के खिलाफ भी है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
अप्राकृतिक अपराधों से जुड़े मामलों में नरमी न केवल अवांछनीय है, बल्कि जनहित के खिलाफ भी है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377, 506 और पॉक्सो एक्ट अधिनियम की धारा 4 और 5 के तहत मामले में दायर जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अप्राकृतिक अपराधों से जुड़े मामलों में नरमी न केवल अवांछनीय है, बल्कि सार्वजनिक हित के खिलाफ भी है।अदालत ने कहा कि इस तरह के अपराधों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए और ऐसे मामलों में नरमी बरतना वास्तव में गलत सहानुभूति का मामला होगा।जस्टिस मोहन लाल की पीठ जमानत के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, इस आधार पर याचिकाकर्ता...