कलकत्ता हाईकोर्ट ने नो एंट्री जोन से गुजरने वाले ट्रक पर 'ऑन ड्यूटी विद फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट' का स्टीकर लगाने के मामले में ड्राइवर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की

Avanish Pathak

4 Jun 2023 3:44 PM IST

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने नो एंट्री जोन से गुजरने वाले ट्रक पर ऑन ड्यूटी विद फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट का स्टीकर लगाने के मामले में ड्राइवर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक ट्रक चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 471 और 478 के तहत कार्यवाही को रद्द कर दिया। उसने कथित रूप से एक नो एंट्री जोन को पार करने के लिए अपने ट्रक पर 'ऑन ड्यूटी पीडीएस फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट, पश्चिम बंगाल सरकार' चिपका दिया था।

    कोर्ट ने फैसले में कहा कि उसका कृत्य अपराधों की परिभाषा में नहीं आता है।

    जस्टिस अनन्या बंद्योपाध्याय की सिंगल जज बेंच ने कहा कि यातायात पुलिस के पास 'नो एंट्री जोन' क्षेत्र में ऐसे ऐसे स्टिकर वाले वाहनों को चलने से रोकने के लिए कुछ तंत्र होना चाहिए।

    मामले में एक एएसआई, सदर ट्रैफिक, जलपाईगुड़ी ने 17 जनवरी, 2022 को एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें कहा गया था कि 16 जनवरी, 2022 को लगभग 12:50 बजे उन्होंने दो कांस्टेबलों के साथ दो ट्रकों को उक्त स्ट‌िकर के साथ कदमतला नो एंट्री जोन क्षेत्र की ओर बढ़ते हुए देख, जो उनके ट्रक के सामने के हिस्से पर लगा था।

    ऐसा आरोप था कि निरीक्षण पर वाहनों में रेत लदी हुई पाई गई, और पूछताछ पर चालकों ने कबूल किया कि उन्होने जलपाईगुड़ी क्षेत्र में बेचने के लिए मोइनागुड़ी पुलिस स्टेशन के तहत जलपेश नदी से रेत लोड की है और ट्रक पर जानबूझकर 'ऑन ड्यूटी' का उक्त स्ट‌िकर लगाया ताकि वे नो एंट्री जोन एरिया से पार हो सकें।

    ट्रकों को सीआरपीसी की धारा 102 के तहत गवाहों की उपस्थिति में एक उचित जब्ती सूची के तहत जब्त किया गया और वाहनों के चालकों को CrPC की धारा 441 के तहत गिरफ़्तार किया गया और धारा 419, धारा 420, धारा 467, धारा 471, के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    याचिकाकर्ता ने आईपीसी के उपरोक्त प्रावधानों के तहत कार्यवाही को रद्द करने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर किया।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता का कृत्य आईपीसी के उक्त प्रावधानों के तहत किसी भी अपराध का गठन नहीं करता है। यह प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा किया गया कार्य यातायात नियमों के उल्लंघन नहीं होगा।

    दूसरी ओर, राज्य की ओर से पेश वकील ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता ने जानबूझकर 'ऑन ड्यूटी पीडीएस फूट एंड सप्लाई ‌डिपार्टमेंट, पश्चिम बंगाल सरकार' बोर्ड चिपकाते हुए गुप्त उद्देश्य से 'नो एंट्री जोन' क्षेत्र में प्रवेश किया था। लॉरी पर ले जा रही रेत एक आवश्यक वस्तु नहीं थी और इस प्रकार अपने गुप्त उद्देश्य को पूरा करने के लिए यातायात अधिकारियों के साथ हेराफेरी करने की कोशिश की।

    अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ ट्रक के सामने के हिस्से पर एक स्टिकर चिपकाने का आरोप था, जिसे आवाजाही में उसे एक गैरकानूनी फायदा होता, जो ऊपर उल्लिखित अपराधों की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है।

    कोर्ट ने कहा,

    "ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रक को 'नो एंट्री ज़ोन' क्षेत्र से कुछ दूरी पर रोक दिया गया था। परेशानी मुक्त संचार पद्धति का लाभ उठाने के लिए ऐसे स्टिकर के साथ 'नो एंट्री जोन' क्षेत्र के माध्यम से वाहनों को चलने से रोकने के लिए यातायात पुलिस की ओर से कुछ तंत्र होना चाहिए। वर्तमान मामले में न तो वाहन और न ही उसमें लदी बालू को अवैध रूप से प्राप्त किया गया और जाली दस्तावेजों के आधार पर प्रेषित किया गया था। एकमात्र इरादा सुचारू संचार के लिए 'नो एंट्री जोन' का उल्लंघन करना लगता है।"

    उक्त टिप्पण‌ियों के साथ अदालत ने कार्यवाही को खारिज कर दिया। हालांकि, अदालत ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक नियमों के किसी भी तरह के उल्लंघन से निपटने के लिए कुछ प्रक्रियाओं को लागू करना चाहिए।

    केस टाइटल: जमीर हुसैन बनाम पश्चिम बंगाल राज्य

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