प्लास्टिक कोटेड पेपर सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए जारी की गई अधिसूचना के दायरे में आता है: राजस्थान हाईकोर्ट

Avanish Pathak

4 Jun 2023 7:53 AM GMT

  • प्लास्टिक कोटेड पेपर सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए जारी की गई अधिसूचना के दायरे में आता है: राजस्थान हाईकोर्ट

    राजस्‍थान हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में माना कि 'प्लास्टिक लेमिनेटेड पेपर' प्लास्टिक वेस्‍ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 तहत सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने के लिए जारी की गई अधिसूचना के दायरे में आएगा। प्लास्टिक लैमिनेटेड पेपर का उपयोग लैमिनेटेड पेपर कप के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है।

    जस्टिस समीर जैन की पीठ मैनेजमेंट रूल्स, 2016 में 2021 में किए गए संशोधन, वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 31ए, और जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 33ए के तहत 'प्लास्टिक कोटेड पेपर' बनाने वाले उद्योगों को बंद करने के ल‌िए जारी की गई आरएसपीसीबी नोटिस के खिलाफ दायर रिट याचिका के एक बैच की सुनवाई कर रही थी।

    अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता फर्म द्वारा निर्मित प्लास्टिक-कोटेड शीट का कई बार उपयोग नहीं किया जा सकता है और इसके बजाय, इसे एक बार उपयोग कर लिए जाने के बाद डिस्पोजेबल तरीके से उपयोग किया जाता है।

    अदालत ने कहा कि 'प्लास्टिक कोटेड पेपर' नियम 4(2) के तहत प्रतिबंधित पदार्थों का एक हिस्सा है, जिस पर नेशनल टास्क फोर्स द्वारा निर्णायक रूप से और स्पष्टीकरण प्रदान किया गया है। अदालत ने याचिकाकर्ता के इस तर्क को खारिज कर दिया कि फैसला याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

    कोर्ट ने कहा,

    "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के तहत देश के नागरिकों को प्रदान किए गए मौलिक अधिकार पूर्ण नहीं हैं और अनुच्छेद 19(6) के तहत प्रदान किए गए उचित प्रतिबंधों के अधीन हैं और प्रतिबंध 12.08.2021 की विषयगत अधिसूचना के जर‌िए लगाए गए प्रतिबंध अनुच्छेद 19(6) के संदर्भ में उचित हैं क्योंकि उन्हे समाज में ‌सिंगल यूज प्लास्टिक के कारण होने वाले प्रदूषण के खतरे को रोकने के इरादे से जारी किया गया है।"

    जस्टिस जैन ने कहा कि समाज में सिंगल यूज प्लास्टिक इकट्ठ होने की गंभीर समस्या से डील करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

    उन्होंने नियामक प्राधिकरण को 12.08.2021 की विषय अधिसूचना के माध्यम से जारी किए गए निर्देशों को लागू करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने कहा विषय अधिसूचना का अनुपालन अब तक सुस्त, निष्ठाहीन और लापरवाह रहा है।"

    केस टाइटल: मेसर्स खंडेलवाल पेपर इंडस्ट्रीज व अन्य बनाम राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य।

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