मुख्य सुर्खियां

2006 तीस हजारी हिंसा: दिल्ली हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना ​​मामले में 12 वकीलों को आरोपमूक्त किया, कहा न्याय में बाधा डालने के लिए कोई सबूत नहीं
2006 तीस हजारी हिंसा: दिल्ली हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना ​​मामले में 12 वकीलों को आरोपमूक्त किया, कहा न्याय में बाधा डालने के लिए कोई सबूत नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2006 में तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा के संबंध में स्वत: संज्ञान लेकर आपराधिक अवमानना ​​मामले में शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजीव खोसला और दिल्ली बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजीव नासियार सहित 12 वकीलों को आरोपमुक्त कर दिया।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल, जस्टिस रजनीश भटनागर और जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पूर्ण पीठ ने पाया कि वकीलों द्वारा न्याय में बाधा डालने, हाथापाई करने या संपत्ति को नष्ट करने के आरोपोंत की पुष्टि करने के लिए कोई ठोस सबूत...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम | आरोपी को रिहा करने का मामला नहीं बना, यह जमानत कार्यवाही के बारे में पीड़ित को सूचित न करने का कोई आधार नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कुछ विशेष न्यायाधीशों द्वारा अपने आदेशों में अधिनियम की धारा 15 ए के अनुसार पीड़ितों की दलीलों पर ठीक से विचार नहीं करने की प्रथा की निंदा की। जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस अभय एस वाघवासे की खंडपीठ ने हत्या के एक मामले में आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि जमानत अर्जी पर फैसला सूचना देने वाले या पीड़ित को सूचित करने और सुनने के बाद ही किया जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा,“वर्तमान आदेश यह नहीं कहता...

पवित्र कुरान कहता है कि पत्नी और बच्चों की देखभाल करना पति का कर्तव्य है, खासकर जब वे विकलांग हों: कर्नाटक हाईकोर्ट
'पवित्र कुरान कहता है कि पत्नी और बच्चों की देखभाल करना पति का कर्तव्य है, खासकर जब वे विकलांग हों': कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी और बच्चों के पक्ष में गुजारा भत्ता देने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश पीठ ने मोहम्मद अमजद पाशा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि उसके पास अपनी पत्नी और नाबालिग बच्चों को 25,000 रुपये का सामूहिक गुजारा भत्ता देने के लिए पर्याप्त साधन नहीं है।पीठ ने कहा,“ पवित्र कुरान और हदीस कहते हैं कि यह पति का कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी और बच्चों की देखभाल करे,...

एआईएडीएमके उम्मीदवार की 4 वोटों से मामूली जीत को चुनौती: सुप्रीम कोर्ट ने मदुरै काउंसिल के वोटों की पुनर्गणना की याचिका पर नोटिस जारी किया
एआईएडीएमके उम्मीदवार की 4 वोटों से मामूली जीत को चुनौती: सुप्रीम कोर्ट ने मदुरै काउंसिल के वोटों की पुनर्गणना की याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2022 में मदुरै निगम में पार्षद के रूप में एआईएडीएमके उम्मीदवार के चोक्कयी के चुनाव को चुनौती देने वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के मुथु सुमति द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता ने दोषी अधिकारियों द्वारा अनियमितता का आरोप लगाते हुए वोटों की दोबारा गिनती की मांग की थी। अधिकारियों ने एआईएडीएमके के एक उम्मीदवार को 4 वोटों से विजेता घोषित किया था। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा याचिका खारिज...

पासपोर्ट - पुलिस वैरिफिकेशन केवल दस्तावेजों की प्रामाणिकता का पता लगाने के लिए है, आवेदक इसकी निष्क्रियता के लिए अनिश्चित काल तक पीड़ित नहीं हो सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट
पासपोर्ट - पुलिस वैरिफिकेशन केवल दस्तावेजों की प्रामाणिकता का पता लगाने के लिए है, आवेदक इसकी निष्क्रियता के लिए अनिश्चित काल तक पीड़ित नहीं हो सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना है कि पासपोर्ट जारी करने के लिए 'पुलिस वैरिफिकेशन' प्रक्रिया के दौरान पुलिस की जिम्मेदारी आवेदक द्वारा वैरिफिकेशन के लिए प्रस्तुत दस्तावेजों की वास्तविकता का पता लगाने तक सीमित है और आवेदक को पुलिस अधिकारियों द्वारा निष्क्रियता के लिए अनिश्चित काल के लिए परेशान नहीं किया जाना चाहिए। जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने एक रिट-याचिका को स्वीकार करते हुए पुलिस अधिकारियों को याचिकाकर्ता के जन्म प्रमाण पत्र की वैरिफिकेशन प्रोसेस को शीघ्र पूरा करने का निर्देश देते हुए...

मृतक पक्ष के कानूनी उत्तराधिकारियों को रिकॉर्ड पर लाने के लिए आदेश XXII सीपीसी, मुकदमे की बहाली की कार्यवाही पर लागू होगा: जम्मू एंड कश्मीर एंड हाईकोर्ट
मृतक पक्ष के कानूनी उत्तराधिकारियों को रिकॉर्ड पर लाने के लिए आदेश XXII सीपीसी, मुकदमे की बहाली की कार्यवाही पर लागू होगा: जम्मू एंड कश्मीर एंड हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश XXII की प्रयोज्यता, जो मृत वादी/प्रतिवादियों के कानूनी प्रतिनिधियों को रिकॉर्ड पर लाने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है, साथ ही छूट को रद्द करने की प्रक्रिया भी, केवल सूट तक ही सीमित नहीं है। जस्टिस संजय धर की एकल पीठ ने कहा कि आदेश XXII के प्रावधान मुकदमे, अपील और मुकदमे की बहाली से संबंधित कार्यवाही में समान रूप से लागू होते हैं।कुछ प्रतिवादियों की छूट के बावजूद, बकाया की वसूली के लिए एक...

जस्टिस ललिता कन्नेगांती ने कर्नाटक हाईकोर्ट के जज के रूप में शपथ ली
जस्टिस ललिता कन्नेगांती ने कर्नाटक हाईकोर्ट के जज के रूप में शपथ ली

तेलंगाना हाईकोर्ट से ट्रांसफर के बाद जस्टिस ललिता कन्नेगांती ने शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के जज के रूप में शपथ ली।चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले ने उन्हें पद की शपथ दिलाई।शपथ ग्रहण समारोह के बाद कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष विशालराघु एचएल ने स्वागत भाषण दिया।जवाब में जस्टिस कन्नेगंती ने कहा,“कर्नाटक राज्य मौजूदा पारंपरिक गुणों के साथ वैश्वीकरण का आदर्श मिश्रण है। यह अत्यंत विविधता की भूमि है चाहे वह संस्कृति हो, विरासत हो या प्रकृति हो। कर्नाटक में सामाजिक और राजनीतिक रूप से संचालित...

दिल्ली हाईकोर्ट ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा और उनके बेटे को अंतरिम जमानत दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा और उनके बेटे को अंतरिम जमानत दी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र दर्डा और व्यवसायी मनोज कुमार जयसवाल को अंतरिम जमानत दे दी, जिन्हें हाल ही में कोयला घोटाला मामले में दोषी ठहराया गया था और चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने मामले में उन्हें दोषी ठहराने और सजा सुनाने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दर्डा और जयासवाल की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया।अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से जवाब मांगा और जांच एजेंसी को आठ सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का...

मणिपुर: मैतेई समुदाय के खिलाफ बयानों पर समन को चुनौती देने वाली प्रोफेसर खाम खान सुआन हाउसिंग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 31 जुलाई को
मणिपुर: मैतेई समुदाय के खिलाफ बयानों पर समन को चुनौती देने वाली प्रोफेसर खाम खान सुआन हाउसिंग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 31 जुलाई को

सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के राजन‌ीतिशास्‍त्र के प्रोफेसर खाम खान सुआन हाउसिंग को मणिपुर कोर्ट की ओर से जारी समन के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई 31 जुलाई, 2023 को पुनर्निर्धारित की है। यह समन 'द वायर' के साथ एक साक्षात्कार के दौरान मैतेई समुदाय की कथित मानहानि के संबंध में था।मूल रूप से आज (28 जुलाई, 2023) को निर्धारित इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ द्वारा की जानी थी। हालांकि, चीफ जस्टिस की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई योजना के अनुसार नहीं हो सकी।...

जमशेदपुर सांप्रदायिक संघर्ष 2023| यह पता नहीं लगाया जा सकता कि कौन सा समुदाय हमलावर था: हाईकोर्ट ने 42 आरोपियों को जमानत दी
जमशेदपुर सांप्रदायिक संघर्ष 2023| 'यह पता नहीं लगाया जा सकता कि कौन सा समुदाय हमलावर था': हाईकोर्ट ने 42 आरोपियों को जमानत दी

झारखंड हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह अप्रैल 2023 में राज्य के जमशेदपुर जिले में धार्मिक ध्वज के कथित अपमान को लेकर दो समुदायों के सदस्यों के बीच हुई झड़पों के सिलसिले में दर्ज 42 आरोपियों को जमानत दे दी।जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस सुभाष चंद की खंडपीठ ने पाया कि किसी भी अपीलकर्ता को मौके पर नहीं पकड़ा गया और नामित आरोपियों और अज्ञात व्यक्तियों की जो भूमिका बताई गई वह सामान्य और सर्वव्यापी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस स्तर पर यह पता नहीं लगाया जा सकता कि दोनों समुदायों के बीच हमलावर कौन...

[एनडीपीएस एक्ट धारा 52ए] बॉम्बे हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट के सामने लिए गए सैंपल को रासायनिक जांच के लिए नहीं भेजने पर आरोपी को जमानत दी
[एनडीपीएस एक्ट धारा 52ए] बॉम्बे हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट के सामने लिए गए सैंपल को रासायनिक जांच के लिए नहीं भेजने पर आरोपी को जमानत दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित तौर पर अपने फार्महाउस से व्यावसायिक मात्रा में गांजा जब्त होने के बाद गिरफ्तार किए गए 35 वर्षीय व्यक्ति को इस आधार पर जमानत दे दी कि अधिकारियों ने मजिस्ट्रेट के सामने एकत्र किए गए नमूनों को रासायनिक विश्लेषक के पास नहीं भेजा।जस्टिस एस.एम. मोदक ने कहा,“मजिस्ट्रेट ने सूची ले ली है और पैरा नंबर 14 में उल्लिखित कुछ नमूने निकाले हैं। सर्टिफिकेट के पेज नं. 128 है, लेकिन तथ्य यह है कि ये नमूने रासायनिक विश्लेषक के पास नहीं भेजे गए। तो यह सच है कि पैरा नंबर 31(1) में दिए गए...

यह जानते हुए भी कि वह शादीशुदा है, शिकायतकर्ता स्वेच्छा से यौन संबंध के लिए आरोपी के साथ जंगल में गई: उड़ीसा हाईकोर्ट ने बलात्कार की सजा रद्द की
यह जानते हुए भी कि वह शादीशुदा है, शिकायतकर्ता स्वेच्छा से यौन संबंध के लिए आरोपी के साथ जंगल में गई: उड़ीसा हाईकोर्ट ने बलात्कार की सजा रद्द की

उड़ीसा हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी के खिलाफ पारित दोषसिद्धि का आदेश यह कहते हुए रद्द कर दिया कि पीड़िता/शिकायतकर्ता नियमित रूप से आरोपी के साथ जंगल गई। इसके अलावा, अच्छी तरह से यह जानते हुए कि वह शादीशुदा है, उसने उसके साथ यौन संबंध बनाए रखे।जस्टिस संगम कुमार साहू की एकल पीठ ने यौन कृत्य को सहमति से होने का उल्लेख करते हुए कहा,“वह इस तथ्य के प्रति सचेत रहते हुए कि उनकी शादी संभव नहीं है, यौन क्रिया करने के लिए अपीलकर्ता के साथ जंगल में जाकर अपनी पसंद का स्वतंत्र रूप से प्रयोग कर रही थी। सभी...

बलात्कार पीड़िता की गवाही अगर दूसरे आधार पर विश्वसनीय है तो देर से खुलासा करने पर उस पर संदेह नहीं किया जाएगा: केरल हाईकोर्ट
बलात्कार पीड़िता की गवाही अगर दूसरे आधार पर विश्वसनीय है तो देर से खुलासा करने पर उस पर संदेह नहीं किया जाएगा: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत अभियोजक द्वारा प्रदान किए गए साक्ष्य पर केवल इसलिए संदेह नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यौन शोषण तब शुरू हुआ जब वह बच्ची है, लेकिन उसने तब तक इसका खुलासा नहीं किया जब तक कि वह बहुत बड़ी नहीं हो गई।जस्टिस पी.बी. सुरेश और जस्टिस सी.एस. सुधा की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में अभियोजन पक्ष के साक्ष्य की विश्वसनीयता अलग-अलग मामलों में अलग-अलग होगी।खंडपीठ ने कहा,"बच्ची, जिसका बचपन में उसके पिता द्वारा यौन उत्पीड़न किया...

आईपीसी की धारा 498-ए पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता करने पर दंडित करने के लिए बनाई गई, अब इसका दुरुपयोग हो रहा है: झारखंड हाईकोर्ट
आईपीसी की धारा 498-ए पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता करने पर दंडित करने के लिए बनाई गई, अब इसका दुरुपयोग हो रहा है: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और कई हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498ए के दुरुपयोग को देखा, जो महिला के खिलाफ उसके पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता से संबंधित है।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी कई मौकों पर आईपीसी की धारा 498-ए के दुरुपयोग और इसके दीर्घकालिक प्रभावों का विश्लेषण किए बिना वैवाहिक विवाद में पति के रिश्तेदारों को फंसाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की है।पीठ ने कहा,"भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए को पति या उसके...

ज्ञानवापी एएसआई सर्वेक्षण - इलाहाबाद एचसी ने 3 अगस्त तक आदेश सुरक्षित रखा, तब तक एएसआई सर्वेक्षण पर रोक बढ़ाई
ज्ञानवापी एएसआई सर्वेक्षण - इलाहाबाद एचसी ने 3 अगस्त तक आदेश सुरक्षित रखा, तब तक एएसआई सर्वेक्षण पर रोक बढ़ाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण पर गुरुवार (3 अगस्त) तक रोक लगा दी। उस दिन हाईकोर्ट ज्ञानवापी मस्जिद के वाराणसी जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई के एएसआई सर्वेक्षण आदेश को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की चुनौती पर अपना आदेश सुनाएगा।मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।उल्लेखनीय है कि अंजुमन मस्जिद समिति ने हाईकोर्ट में वाराणसी न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें एएसआई को मस्जिद परिसर (वुजुखाना को...

उड़ीसा हाईकोर्ट ने 75वीं वर्षगांठ मनाई, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं
उड़ीसा हाईकोर्ट ने 75वीं वर्षगांठ मनाई, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं

उड़ीसा हाईकोर्ट ने बुधवार को अपने 75 साल पूरे कर लिए। 26 जुलाई, 2022 से पिछले 75 वर्षों में संस्था को अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने में विभिन्न लोगों के योगदान को स्वीकार करने के लिए हाईकोर्ट द्वारा कई समारोह आयोजित किए गए।जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम, कटक में समापन समारोह आयोजित किया गया, जहां इस अवसर पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुईं। प्रोफेसर गणेशी लाल, ओडिशा के राज्यपाल और जगन्नाथ साराका, कानून, एसटी और एससी विकास मंत्री, ओडिशा सरकार ने समारोह में सम्मानित...

पॉक्सो एक्ट | पीड़ित की जन्मतिथि साबित करने के लिए स्कूल छोड़ने के प्रमाणपत्र पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता: उड़ीसा हाईकोर्ट
पॉक्सो एक्ट | पीड़ित की जन्मतिथि साबित करने के लिए स्कूल छोड़ने के प्रमाणपत्र पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में माना है कि 'स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र' (एसएलसी) का कोई स्वतंत्र साक्ष्य मूल्य नहीं है और यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम (POCSO एक्ट) के तहत मामलों में पीड़ितों की जन्मतिथि को साबित करने के लिए इस पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता है। जस्टिस संगम कुमार साहू की एकल पीठ ने कानून की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा,“एसएलसी का कोई स्वतंत्र साक्ष्य मूल्य नहीं है, जिसका उपयोग केवल किसी की जन्मतिथि को साबित करने के लिए किया जा सकता है। यह तब और भी अधिक सच हो...

शैक्षणिक संस्थानों में अभिलेखों के संरक्षण के लिए मजबूत प्रणाली होनी चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट ने केवीएस को डिजिटलीकरण अपनाने का निर्देश दिया
शैक्षणिक संस्थानों में अभिलेखों के संरक्षण के लिए मजबूत प्रणाली होनी चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट ने केवीएस को डिजिटलीकरण अपनाने का निर्देश दिया

केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) जैसे संस्थानों के प्रशासनिक कामकाज में दक्षता और जवाबदेही पैदा करने के महत्व पर जोर देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों में रिकॉर्ड के संरक्षण के लिए मजबूत प्रणाली होनी चाहिए। बेहतर रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, अदालत ने केवीएस को रिकॉर्ड के उचित संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटलीकरण जैसी बेहतर प्रैक्टिस अपनाने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की पीठ ने केंद्रीय विद्यालय में अपनी सेवाओं से...

एक बार एफआईआर रद्द हो जाने के बाद, मामले से संबंधित ख़बरों को हटाना प्रेस का कर्तव्य: गुजरात हाईकोर्ट
एक बार एफआईआर रद्द हो जाने के बाद, मामले से संबंधित ख़बरों को हटाना प्रेस का कर्तव्य: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि एक बार जब कोई एफआईआर रद्द कर दी जाती है, तो उससे संबंधित ख़बरों को हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि निरंतर प्रसार संभावित रूप से उस व्यक्ति के गुडविल को नुकसान पहुंचा सकता है जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि, अदालत ने इस स्तर पर ख़बरों को हटाने के लिए कोई निर्देश पारित नहीं किया। चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने एक एनआरआई व्यवसायी द्वारा दायर अपील की सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां कीं। 2020 में उनके और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर...

अलग रह रही पत्नी कानूनी कार्रवाई शुरू करके कानून का सहारा ले रही है, यह पति के खिलाफ क्रूरता नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
अलग रह रही पत्नी कानूनी कार्रवाई शुरू करके कानून का सहारा ले रही है, यह पति के खिलाफ क्रूरता नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अलग रह रही पत्नी द्वारा कानूनी कार्रवाई शुरू करके और याचिका दायर करके कानून का सहारा लेना पति के लिए क्रूरता नहीं माना जाएगा।कोर्ट ने कहा,“केवल इसलिए कि अपीलकर्ता (अलग हो चुकी पत्नी) ने अदालत के समक्ष कानूनी कार्रवाई शुरू करके कानून का सहारा लिया, यह क्रूरता नहीं होगी।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस मनोज जैन की खंडपीठ ने कहा,कानून का सहारा लेने को किसी भी तरह से क्रूरता का उदाहरण नहीं कहा जा सकता।अदालत ने क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद की मांग करने वाली पति...