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विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपाल की निष्क्रियता के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपाल की निष्क्रियता के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

केरल सरकार ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर विचार करने में देरी कर रहे हैं। राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि 8 से अधिक लंबित विधेयकों पर विचार करने में अनुचित देरी करके राज्यपाल अपने संवैधानिक कर्तव्यों में विफल रहे हैं। राज्य सरकार की याचिका में कहा गया कि“ राज्यपाल का आचरण, जैसा कि वर्तमान में प्रदर्शित किया गया है, राज्य के लोगों के अधिकारों को पराजित करने के अलावा, कानून के शासन और लोकतांत्रिक सुशासन...

आवारा कुत्तों का मुद्दा - सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 10 जनवरी को लिस्ट किया
आवारा कुत्तों का मुद्दा - सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 10 जनवरी को लिस्ट किया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (01.11.2023) को देश में आवारा कुत्तों के हमलों पर अंकुश लगाने से संबंधित मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 10 जनवरी को सूचीबद्ध किया। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ कई मामलों पर विचार कर रही है, जिसमें केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (केएससीपीसीआर) द्वारा केरल में आवारा कुत्तों के हमलों में वृद्धि का हवाला देते हुए दायर याचिका भी शामिल है। जिसमें विशेष रूप से बच्चों पर खतरों की आशंका के खिलाफ निर्देश देने की मांग की गई है।वैधानिक निकाय ने एक लंबित...

कास्ट सर्टिफिकेट देर से जमा करने की अनुमति देने में भेदभाव: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को आवेदन करने के 16 साल बाद 2 उम्मीदवारों को नियुक्त करने का निर्देश दिया
कास्ट सर्टिफिकेट देर से जमा करने की अनुमति देने में भेदभाव: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को आवेदन करने के 16 साल बाद 2 उम्मीदवारों को नियुक्त करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कुछ उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रक्रिया में कट-ऑफ डेट से परे अपने कास्ट सर्टिफिकेट (Caste Certificates) जमा करने की अनुमति देने के लिए गुजरात राज्य की खिंचाई की।मामला वर्ष 2007 में विद्या सहायक (संगीत) के पद के लिए चयन प्रक्रिया से संबंधित है। दृष्टिबाधित दो आवेदकों ने सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) श्रेणी के तहत आवेदन किया था, लेकिन अपना आवेदन जमा करने में विफल रहे। कास्ट सर्टिफिकेट निर्धारित समय सीमा के अंदर अत: इन्हें सामान्य श्रेणी में माना...

भीमा कोरेगांव केस - सुप्रीम कोर्ट ने कहा, देखेंगे कि ज्योति जगताप की जमानत याचिका वर्नोन फैसले के फॉर्मूले में फिट होगी या नहीं
भीमा कोरेगांव केस - सुप्रीम कोर्ट ने कहा, देखेंगे कि ज्योति जगताप की जमानत याचिका 'वर्नोन' फैसले के फॉर्मूले में फिट होगी या नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (1 नवंबर) को कार्यकर्ता और भीमा कोरेगांव की आरोपी ज्योति जगताप की जमानत याचिका पर सुनवाई 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय करोल की पीठ जगताप की जमानत याचिका खारिज करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पुणे के भीमा कोरेगांव में 2018 में हुई जाति-आधारित हिंसा और प्रतिबंधित लोगों के साथ कथित संबंध रखने के सिलसिले में गिरफ्तार होने के बाद वह गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत अपराधों...

जमानत की मंजूरी सह-अभियुक्त के आत्मसमर्पण करने पर निर्भर नहीं रखी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
जमानत की मंजूरी सह-अभियुक्त के आत्मसमर्पण करने पर निर्भर नहीं रखी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने जमानत याचिका की अनुमति देते हुए कहा कि सह-अभियुक्त व्यक्ति को जमानत देना किसी अन्य आरोपी के आत्मसमर्पण पर निर्भर नहीं हो सकता, जो इस मामले में मुख्य आरोपी भी है। कोर्ट ने कहा,"हमारी राय में सह-अभियुक्त व्यक्ति को जमानत देने का सवाल किसी अन्य आरोपी के आत्मसमर्पण पर निर्भर नहीं किया जा सकता, जिसे इस मामले में मुख्य आरोपी व्यक्ति के रूप में वर्णित किया गया है।"जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की खंडपीठ ने दहेज हत्या के एक मामले में एक आरोपी की...

सेवारत कर्मियों को भविष्य की तारीख से पूर्व सैनिक नहीं माना जा सकता: सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी के लिए पूर्व सैनिकों की याचिका खारिज की
'सेवारत कर्मियों को भविष्य की तारीख से पूर्व सैनिक नहीं माना जा सकता': सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी के लिए पूर्व सैनिकों की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह कहते हुए कि सशस्त्र बल के सेवारत कर्मियों को भावी तिथि से पूर्व सैनिक नहीं माना जा सकता है, उत्तर प्रदेश राज्य सेवा में ग्राम विकास अधिकारियों के रूप में नियुक्तियों के लिए तीन अपीलकर्ताओं के दावे को खारिज कर दिया।अपीलकर्ताओं ने सशस्त्र बलों में सेवा करते हुए भी पूर्व सैनिकों की श्रेणी के तहत 2016 में यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विज्ञापित ग्राम विकास अधिकारियों के पदों पर आवेदन किया था। हालांकि अपीलकर्ताओं को पद के लिए आवेदन की अंतिम तिथि (10.02.2016) के कुछ...

इलेक्टरोल बॉन्ड स्कीम कम वोट शेयर वाले दलों को बाहर करने में भेदभावपूर्ण है? सुप्रीम कोर्ट ने चल रहे मामले में विचार करने से किया इनकार
इलेक्टरोल बॉन्ड स्कीम कम वोट शेयर वाले दलों को बाहर करने में भेदभावपूर्ण है? सुप्रीम कोर्ट ने चल रहे मामले में विचार करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (1 नवंबर) को 'दलित पैंथर्स' पार्टी द्वारा दायर हस्तक्षेप आवेदन पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें इलेक्टरोल बॉन्ड स्कीम को भेदभावपूर्ण बताते हुए कम वोट शेयर वाले दलों को बॉन्ड स्वीकार करने की अनुमति नहीं देने को चुनौती दी गई।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने कहा कि इस आधार पर स्कीम को चुनौती को हस्तक्षेप आवेदन में नहीं माना जा सकता। साथ ही सुझाव दिया कि...

समन्वय पीठ की टिप्पणियां किसी फैसले को रिव्यू करने का आधार नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू के दायरे पर 8 सिद्धांत तय किए
समन्वय पीठ की टिप्पणियां किसी फैसले को रिव्यू करने का आधार नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू के दायरे पर 8 सिद्धांत तय किए

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य कर अधिकारी बनाम रेनबो पेपर्स लिमिटेड 2022 लाइवलॉ (एससी) 743 मामले में 2022 के फैसले के खिलाफ दायर रिव्यू पीटिशन्स को खारिज करते हुए कहा कि किसी फैसले पर की गई समन्वय पीठ की टिप्पणियां इसके रिव्यू का आधार नहीं हो सकती हैं। रेनबो पेपर्स में, जस्टिस इंदिरा बनर्जी (सेवानिवृत्त) और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि आईएंडबी कोड, 2016 के तहत एक समाधान योजना टिकाऊ नहीं हो सकती है, अगर इसमें सरकार को वैधानिक बकाया की अनदेखी की जाती है।रेनबो पेपर्स की रिव्यू की मांग करने वाले...

सुप्रीम कोर्ट ने दान-गबन मामले में तीस्ता सीतलवाड और उनके पति को अंतरिम अग्रिम जमानत देने के आदेश की पुष्टि की
सुप्रीम कोर्ट ने दान-गबन मामले में तीस्ता सीतलवाड और उनके पति को अंतरिम अग्रिम जमानत देने के आदेश की पुष्टि की

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (1 नवंबर) को सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को अग्रिम जमानत दे दी। तीस्ता और उनके पति 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों की मदद और स्मृति के लिए जुटाए गए धन के गबन के आरोपों का सामना कर रहे हैं। कोर्ट ने जबरदस्ती कार्रवाई से सुरक्षा की दोनों को अंतरिम जमानत देने के पहले के आदेश की पुष्टि की।जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ सीतलवाड, आनंद, गुजरात पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा फरवरी 2015...

केवल बयानों, सामाजिक पृष्ठभूमि और समग्र परिस्थितियों में विरोधाभास से गवाह की विश्वसनीयता पर संदेह नहीं होता, उस पर अवश्य विचार किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
केवल बयानों, सामाजिक पृष्ठभूमि और समग्र परिस्थितियों में विरोधाभास से गवाह की विश्वसनीयता पर संदेह नहीं होता, उस पर अवश्य विचार किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में गवाहों के बयानों में विरोधाभासों और गवाहों की समग्र विश्वसनीयता के बीच अंतर करने के महत्व पर जोर दिया। न्यायालय ने फिर से पुष्टि की कि किसी गवाह के दो बयानों में विरोधाभास जरूरी नहीं कि उस गवाह की विश्वसनीयता पर संदेह न करे। साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act) की धारा 145 और 155 को मामले की समग्र परिस्थितियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सोच-समझकर लागू किया जाना था।अदालत ने रम्मी बनाम मध्य प्रदेश राज्य (1999) 8 एससीसी 649 पर भरोसा किया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि...

क्या कोई सरकार मंत्रियों के माध्यम से मुकदमा कर सकती है? : एसडब्ल्यूएम समिति प्रमुख के रूप में एलजी की नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट
'क्या कोई सरकार मंत्रियों के माध्यम से मुकदमा कर सकती है?' : एसडब्ल्यूएम समिति प्रमुख के रूप में एलजी की नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पैनल के प्रमुख के रूप में उपराज्यपाल वीके सक्सेना की नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सवाल किया कि क्या कोई सरकार किसी मंत्री के माध्यम से मुकदमा कर सकती है या मुकदमा दायर कर सकती है। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के गठन के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीटीडी) की आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा...

मोटर दुर्घटना दावा | सिर्फ इसलिए कि वाहन मालिक ने ड्राइवर का लाइसेंस सत्यापित नहीं किया, बीमाकर्ता को रिकवरी का कोई अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट
मोटर दुर्घटना दावा | सिर्फ इसलिए कि वाहन मालिक ने ड्राइवर का लाइसेंस सत्यापित नहीं किया, बीमाकर्ता को रिकवरी का कोई अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि केवल इसलिए कि वाहन मालिक ने नियोजित ड्राइवर के ड्राइविंग लाइसेंस की प्रामाणिकता को सत्यापित नहीं किया था, बीमा कंपनी यह दावा नहीं कर सकती कि वह मोटर एक्सिडेंट क्लेम में मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह साबित करने का दायित्व बीमा कंपनी पर है कि वाहन मालिक ने नियोजित ड्राइवर के ड्राइविंग लाइसेंस की उचित जांच नहीं की है।जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस संजय कुमार के बेंच ने कहा कि ड्राइवर को नियुक्त करने वाले प्रत्येक...

धारा 47 सीपीसी | एक्सक्‍यूशन कोर्ट केवल डिक्री एक्सक्‍यूशन तक सीमित प्रश्नों पर विचार कर सकता है: सुप्रीम कोर्ट
धारा 47 सीपीसी | एक्सक्‍यूशन कोर्ट केवल डिक्री एक्सक्‍यूशन तक सीमित प्रश्नों पर विचार कर सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में डिक्री एक्सक्यूशन में लंबी देरी पर रोष व्यक्त किया। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने कहा, सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 47 के तहत एक्सक्‍यूशन कोर्ट केवल डिक्री एक्सक्‍यूशन तक सीमित प्रश्नों पर विचार कर सकता है, वह डिक्री पर विचार नहीं कर सकता। धारा 47 के अनुसार, जिस मुकदमे में डिक्री पारित की गई हो, उसके पक्षकारों या उनके प्रतिनिधियों के बीच और डिक्री के एक्सक्‍यूशन, निर्वहन या संतुष्टि संबंधित सभी प्रश्नों का निर्धारण डिक्री एक्सक्‍यूशन कोर्ट करेगा, न कि...

धारा 313 सीआरपीसी | चुप रहने के अधिकार का इस्तेमाल आरोपी के खिलाफ नहीं किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने तय किए 12 सिद्धांत
धारा 313 सीआरपीसी | 'चुप रहने के अधिकार का इस्तेमाल आरोपी के खिलाफ नहीं किया जाना चाहिए': सुप्रीम कोर्ट ने तय किए 12 सिद्धांत

सुप्रीम कोर्ट ने हाल में एक उल्लेखनीय फैसले में एक महिला को बरी कर दिया, जिस पर अपने ही बच्चों की हत्या का आरोप था। निचली अदालतों ने उसे हत्या का दोषी माना था और उम्रकैद की सज़ा दी थी। शीर्ष अदालत ने फैसले में यह भी तय किया कि धारा 313, दंड प्रक्रिया संहिता के तहत बयान में बयान में दोषी के लिए क्या आवश्यक होता है। कई नज़ीरों का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उक्त सवाल के जवाब में 12 सिद्धांत तय किए--धारा से ही स्पष्ट है कि इसका उद्देश्य अभियुक्तों को उनके खिलाफ साक्ष्य में दिखाई देने वाली किसी...

एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड केवल हस्ताक्षर करने वाले प्राधिकारी नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने तुच्छ याचिकाएं दायर करने वाले एओआर की आलोचना की
'एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड केवल हस्ताक्षर करने वाले प्राधिकारी नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने तुच्छ याचिकाएं दायर करने वाले एओआर की आलोचना की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को याचिकाओं की सामग्री की जांच किए बिना उन पर हस्ताक्षर करने की प्रथा की आलोचना करते हुए कहा कि एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड को केवल हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों तक सीमित नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने एओआर के केवल हस्ताक्षर करने वाले प्राधिकारी के रूप में कार्य करने और तुच्छ याचिकाएं दायर करने की प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए "व्यापक नीति" तैयार करने के लिए बार से सुझाव भी मांगे।ये टिप्पणियां "भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 का उल्लंघन" के रूप में अनुच्छेद 20 और 22...

CAQM ने कहा दिल्ली में वायु प्रदूषण का एक कारण पराली जलाना है, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान से हलफनामा मांगा
CAQM ने कहा दिल्ली में वायु प्रदूषण का एक कारण पराली जलाना है, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान से हलफनामा मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की सरकारों से हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा कि फसल जलाने पर रोक लगाने के उपायों सहित वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। ऐसा तब हुआ जब वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का एक कारण पराली जलाना है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने आदेश में कहा,“वायु गुणवत्ता प्रबंधन...

बलात्कार के झूठे आरोप से आरोपी को परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ता है: सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार मामले में व्यक्ति को बरी करते हुए कहा
'बलात्कार के झूठे आरोप से आरोपी को परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ता है': सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार मामले में व्यक्ति को बरी करते हुए कहा

सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार (भारतीय दंड संहिता की धारा 376) के बलात्कार के मामले में व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि बलात्कार का झूठा आरोप आरोपी को समान रूप से परेशानी, अपमान और क्षति का कारण बन सकता है।जबकि बलात्कार के मामले में दोषसिद्धि केवल अभियोजक की गवाही पर आधारित हो सकती है, अदालत ने कहा कि उसके बयानों के मूल्यांकन में सावधानी और परिश्रम बरती जानी चाहिए।राजू और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य (2008) 15 एससीसी 133 के फैसले का हवाला देते हुए न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि अभियोजक के...

राज्यपाल राजनीतिक विरोधी के रूप में कार्य कर रहे हैं: तमिलनाडु सरकार ने विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपाल आरएन रवि की निष्क्रियता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
"राज्यपाल राजनीतिक विरोधी के रूप में कार्य कर रहे हैं": तमिलनाडु सरकार ने विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपाल आरएन रवि की निष्क्रियता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि तमिलनाडु राज्य के राज्यपाल डॉ. आरएन रवि ने खुद को राज्य सरकार के लिए "राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी" के रूप में पेश किया और विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर विचार करने में अत्यधिक देरी करके राज्य विधानसभा की अपने कर्तव्यों को पूरा करने की क्षमता में बाधा डाल रहे हैं।यह कहते हुए कि राज्यपाल की निष्क्रियता ने "राज्य के संवैधानिक प्रमुख और राज्य की निर्वाचित सरकार के बीच संवैधानिक गतिरोध" पैदा कर दिया, राज्य ने निर्दिष्ट समयसीमा की मांग की...