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पहली याचिका के समय उपलब्ध आधारों पर सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दूसरी याचिका सुनवाई योग्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
पहली याचिका के समय उपलब्ध आधारों पर सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दूसरी याचिका सुनवाई योग्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 अक्टूबर) को कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दूसरी याचिका उन आधारों पर सुनवाई योग्य नहीं होगी, जो पहली याचिका दायर करने के समय भी चुनौती के लिए उपलब्ध हैं।जस्टिस सी टी रविकुमार और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा कि भले ही सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दूसरी याचिका पर कोई पूर्ण रोक नहीं है, लेकिन ऐसी याचिका तब सुनवाई योग्य नहीं होगी जब पहली बार में ही राहत के लिए आधार उपलब्ध हो।जस्टिस संजय कुमार द्वारा लिखे गए फैसले में कहा गया,“हालांकि...

यदि अभियुक्त की गलती के बिना ट्रायल में देरी होती है तो अदालतों को जमानत देने पर विचार करना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
यदि अभियुक्त की गलती के बिना ट्रायल में देरी होती है तो अदालतों को जमानत देने पर विचार करना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए अपने फैसले में कहा कि किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने से पहले हिरासत या जेल को बिना सुनवाई के सजा नहीं माना जाना चाहिए। कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात पर जोर दिया है कि त्वरित सुनवाई का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के दायरे में एक मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि, अगर आरोपी की कोई गलती न होने पर भी मुकदमे में अनावश्यक रूप से देरी होती है तो अदालत को जमानत देने की...

कंसल्टेंट्स की सर्विस समाप्त करने के एलजी के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट ने सर्विस ऑर्डिनेंस पर रोक लगाने से इनकार करने वाला आदेश स्पष्ट किया
कंसल्टेंट्स की सर्विस समाप्त करने के एलजी के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट ने सर्विस ऑर्डिनेंस पर रोक लगाने से इनकार करने वाला आदेश स्पष्ट किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 अक्टूबर) को स्पष्ट किया कि उसने दिल्ली के उपराज्यपाल के आदेश की वैधता पर विचार नहीं किया, जिसके अनुसार आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा 400 से अधिक निजी व्यक्तियों को सलाहकारों, फेलो और परामर्शदाताओं के रूप में नियुक्त किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उक्त सर्विसेज को समाप्त करने वाले इस मुद्दे का निर्णय दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा किया जा सकता है।यह मामला तब उठा जब सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को सूचित किया गया कि सुप्रीम...

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों, केंद्र को सूचना आयोगों में रिक्तियां भरने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों, केंद्र को सूचना आयोगों में रिक्तियां भरने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने आज देश भर में सूचना आयोगों की रिक्तियों को भरने में राज्यों और केंद्र की विफलता पर अपना असंतोष व्यक्त किया। अदालत ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को सभी आयोगों में रिक्तियों की संख्या और अपील/शिकायतों की संख्या पर एक चार्ट तैयार करने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत गठित सूचना आयोगों में बड़ी संख्या में रिक्तियों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।याचिकाकर्ताओं के...

सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता राघव चड्ढा को राज्यसभा से अनिश्चित काल के लिए निलंबित किए जाने पर चिंता व्यक्त की
सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता राघव चड्ढा को राज्यसभा से अनिश्चित काल के लिए निलंबित किए जाने पर चिंता व्यक्त की

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की याचिका पर सुनवाई की, ‌जिन्होंने राज्यसभा से अपने निलंबन को चुनौती दी है। चड्ढा को 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान अनिश्‍चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने एक संसद सदस्य के अनिश्चितकालीन निलंबन और इसके लोगों के प्रतिनिधित्व करने के अधिकार पर पड़ने वाले प्रभाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि...

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर जमानत की मांग वाली सेंथिल बालाजी की याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित की
सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर जमानत की मांग वाली सेंथिल बालाजी की याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित की

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 अक्टूबर) को तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता सेंथिल बालाजी की मेडिकल आधार पर जमानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने इस साल जून में कैश-फॉर-जॉब मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ मद्रास हाईकोर्ट के 19 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मेडिकल आधार पर जमानत के लिए बालाजी की याचिका खारिज कर दी गई थी।आज,...

राजनीतिक गठबंधनों को विनियमित नहीं कर सकते: विपक्षी दलों द्वारा संक्षिप्त नाम इंडिया के इस्तेमाल के खिलाफ जनहित याचिका में ईसीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा
राजनीतिक गठबंधनों को विनियमित नहीं कर सकते': विपक्षी दलों द्वारा संक्षिप्त नाम 'इंडिया' के इस्तेमाल के खिलाफ जनहित याचिका में ईसीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा

26 विपक्षी राजनीतिक दलों के नवगठित गठबंधन द्वारा संक्षिप्त नाम I.N.D.I.A (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) के उपयोग से जुड़े विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए भारत के चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि वह लोक प्रतिनिधित्वअधिनियम, 1951 के तहत राजनीतिक गठबंधनों को विनियमित नहीं कर सकता।चुनाव आयोग ने कहा,"उत्तर देने वाले प्रतिवादी [ईसीआई] को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 ए के संदर्भ में किसी राजनीतिक दल के निकायों या व्यक्तियों के संघों को रजिस्टर्ड करने का...

सुप्रीम कोर्ट के अवमानना नोटिस का सामना कर रहे NCLAT के ज्यूडिशियल मेंबर ने इस्तीफा दिया; सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश की अवहेलना के लिए ट्रिब्यूनल की आलोचना की
सुप्रीम कोर्ट के अवमानना नोटिस का सामना कर रहे NCLAT के ज्यूडिशियल मेंबर ने इस्तीफा दिया; सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश की अवहेलना के लिए ट्रिब्यूनल की आलोचना की

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के ज्यूडिशियल मेंबर राकेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की अवहेलना करने वाले फैसले को पारित करने पर उनके खिलाफ अवमानना ​​नोटिस जारी करने के कारण इस्तीफा दे दिया।राकेश कुमार का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ को इस घटनाक्रम की जानकारी दी।जैसे ही पीठ एनसीएलएटी सदस्य के आचरण पर गंभीर निराशा व्यक्त करने के बाद मामले में आदेश...

सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को निर्देश: शिवसेना में विभाजन के बाद दायर अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक और एनसीपी में विभाजन मामले पर 31 जनवरी तक फैसला करें
सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को निर्देश: शिवसेना में विभाजन के बाद दायर अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक और एनसीपी में विभाजन मामले पर 31 जनवरी तक फैसला करें

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को निर्देश दिया कि वह शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन के संबंध में दायर अयोग्यता याचिकाओं पर क्रमशः 31 दिसंबर, 2023 और 31 जनवरी, 2024 तक फैसला करें।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ शिवसेना के सदस्य सुनील प्रभु (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी के सदस्य (शरद पवार) के जयंत पाटिल द्वारा दायर रिट याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें क्रमशः एकनाथ शिंदे और अजीत पवार गुटों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर...

नागरिकों को राजनीतिक दलों के धन का स्रोत जानने का अधिकार नहीं है: चुनावी बांड मामले में अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
नागरिकों को राजनीतिक दलों के धन का स्रोत जानने का अधिकार नहीं है: चुनावी बांड मामले में अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने चुनावी बांड मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक बयान में कहा है कि नागरिकों को आर्टिकल 19(1)(ए) के तहत किसी राजनीतिक दल की फंडिंग के संबंध में सूचना का अधिकार नहीं है। एजी ने चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं के इस तर्क को खारिज कर दिया कि नागरिकों को एक राजनीतिक दल के वित्त पोषण के स्रोत के बारे में जानने का अधिकार है।एजी ने कहा, "सबसे पहले उचित प्रतिबंधों के अधीन किए बिना कुछ भी और सब कुछ जानने का कोई सामान्य अधिकार नहीं हो सकता।...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 अक्टूबर) को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया, जो राष्ट्रीय राजधानी में अब खत्म हो चुकी शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) नेता इस साल फरवरी से हिरासत में हैं और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों उनकी जांच कर रहे हैं। यह फैसला जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने सुनाया,...

क्रिमिनल ट्रायल में खुलासे की आवश्यकता निजता के अधिकार को खत्म नहीं कर सकती: सुप्रीम कोर्ट ने नवजात की हत्या की आरोपी महिला को बरी किया
क्रिमिनल ट्रायल में खुलासे की आवश्यकता निजता के अधिकार को खत्म नहीं कर सकती: सुप्रीम कोर्ट ने नवजात की हत्या की आरोपी महिला को बरी किया

सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक अपील पर फैसला करते समय सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कानून के महत्वपूर्ण प्रश्न पर विचार किया कि क्या आरोपी महिला को आपराधिक मुकदमे में अपने निजी जीवन से संबंधित पहलुओं का खुलासा करना आवश्यक है।अदालत महिला द्वारा दायर अपील पर फैसला कर रही थी, जिस पर अपने ही बच्चे की हत्या का आरोप है और उसे हत्या के लिए दोषी ठहराया गया है। इसके लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के संदर्भ में न्यायालय ने कहा,"हालांकि किसी आपराधिक मामले...

विकलांगता अधिकारों के दायरों को जस्टिस रविंद्र भट ने दिया था विस्तार
विकलांगता अधिकारों के दायरों को जस्टिस रविंद्र भट ने दिया था विस्तार

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एस रवींद्र भट 20 अक्टूबर को रिटायर हो गए। उन्होंने हमारे देश में विकलांगता अधिकार न्यायशास्त्र के विस्तार में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने विकलांग व्यक्तियों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में समावेशिता और पहुंच को आगे बढ़ाने के लिए वैधानिक प्रावधानों की व्यावहारिक और उद्देश्यपूर्ण व्याख्याओं को विकस‌ित किया। सुप्रीम कोर्ट में अपनी पदोन्नति से पहले, जस्टिस भट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज के रूप में 2016 में विकलांग व्यक्ति अधिनियम 1995 में कुछ कमियों की ओर इशारा किया था,...

किसी मेडिकल प्रैक्टिशनर को लापरवाही के लिए उत्तरदायी ठहराने के लिए एक उच्च सीमा को पूरा किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
किसी मेडिकल प्रैक्टिशनर को लापरवाही के लिए उत्तरदायी ठहराने के लिए एक उच्च सीमा को पूरा किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल लापरवाही मामले से संबंधित अपीलों की श्रृंखला की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी डॉक्टर को लापरवाही के लिए उत्तरदायी ठहराने के लिए एक उच्च सीमा को पूरा किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करना है कि ये डॉक्टर उच्च जोखिम वाली मेडिकल स्थितियों में संभावित उत्पीड़न के बारे में चिंतित होने के बजाय अपने मूल्यांकन के अनुसार उपचार का सर्वोत्तम तरीका तय करने पर ध्यान केंद्रित करें।जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने कहा,“इसलिए इन मेडिकल प्रैक्टिशनर की सुरक्षा के लिए और यह...

Rajasthan Urban Improvement Act | क्या भूमि अधिग्रहण का नोटिस उन मालिकों को दिया जाना चाहिए जिनके नाम राजस्व रिकॉर्ड में प्रतिबिंबित नहीं हैं: सुप्रीम कोर्ट ने खंडित फैसला सुनाया
Rajasthan Urban Improvement Act | क्या भूमि अधिग्रहण का नोटिस उन मालिकों को दिया जाना चाहिए जिनके नाम राजस्व रिकॉर्ड में प्रतिबिंबित नहीं हैं: सुप्रीम कोर्ट ने खंडित फैसला सुनाया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस पर खंडित फैसला सुनाया कि क्या राजस्थान शहरी सुधार अधिनियम (Rajasthan Urban Improvement Act) के तहत अधिग्रहण प्राधिकारी द्वारा भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही में मालिकों को नोटिस दिया जाना चाहिए, जब भूमि पर कब्जा होने के बावजूद उनका नाम राजस्व रिकॉर्ड में प्रतिबिंबित नहीं किया गया।यह अपील राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर की गई। इसमें कहा गया कि भूमि अधिग्रहण शून्य है, क्योंकि अधिग्रहण अधिसूचना भूमि मालिक को नोटिस दिए बिना जारी की गई।जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस...

डॉ. बी.आर. अंबेडरकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत में प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुए जस्टिस एस रवींद्र भट
डॉ. बी.आर. अंबेडरकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत में प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुए जस्टिस एस रवींद्र भट

सुप्रीम कोर्ट के जज, जस्टिस एस. रवींद्र भट 20 अक्टूबर को रिटायर्ड होने के बाद डॉ. बी.आर. अम्बेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत में प्रतिष्ठित प्रोफेसर (Distinguished Professor) के रूप में अपनी नई भूमिका की शुरुआत कीयूनिवर्सिटी ने आधिकारिक प्रेस रिलीज में इस घटनाक्रम की घोषणा की।यूनिवर्सिटी ने कहा,"वाइस चांसलर प्रोफेसर अर्चना मिश्रा ने जस्टिस भट्ट की नियुक्ति के लिए उत्साह व्यक्त किया और एनएलयू सोनीपत को विश्व स्तरीय संस्थान के रूप में स्थापित करने के लिए उद्योग और कानून फर्मों के साथ अनुसंधान...

संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम | प्राप्य किराए को देनदार द्वारा लेनदार को कार्रवाई योग्य दावे के रूप में सौंपा जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट
संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम | प्राप्य किराए को देनदार द्वारा लेनदार को कार्रवाई योग्य दावे के रूप में सौंपा जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के बीच विवाद का फैसला करते हुए कहा कि संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम, 1882 (टीपीए) के अनुसार उधारकर्ता द्वारा प्राप्त किराए को ऋणदाता को "कार्रवाई योग्य दावे" के रूप में सौंपा जा सकता है।जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि टीपीए की धारा 3 के तहत, कार्रवाई योग्य दावे का अर्थ है (ए) अचल संपत्ति, बंधक, या प्रतिज्ञा के बंधक द्वारा सुरक्षित ऋण के अलावा किसी असुरक्षित ऋण का दावा...

कानून के अभाव में अदालतों के लिए हस्तक्षेप करना मुश्किल: वैवाहिक समानता के फैसले पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा
'कानून के अभाव में अदालतों के लिए हस्तक्षेप करना मुश्किल': वैवाहिक समानता के फैसले पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा

समलैंगिक विवाह पर हालिया फैसले में अपने अल्पमत फैसले के बारे में बोलते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह कभी-कभी विवेक का वोट और संविधान का वोट होता है और उन्होंने जो कहा है, उस पर वह कायम हैं।जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन डीसी द्वारा आयोजित 'भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के परिप्रेक्ष्य' विषय पर पैनल चर्चा में उन्होंने कहा,"मुझे विश्वास है कि यह कभी-कभी अंतरात्मा की आवाज और संविधान का वोट होता है और मैंने जो कहा, मैं उस पर कायम हूं।"पिछले हफ्ते...

वक्फ | निष्पादन चरण में अधिकार क्षेत्र की कमी की दलील देकर देनदार को अनुचित लाभ लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
वक्फ | निष्पादन चरण में अधिकार क्षेत्र की कमी की दलील देकर देनदार को अनुचित लाभ लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक उल्लेखनीय फैसले में एक वाद संपत्ति (मुमताज यारुद दौला वक्फ) के मालिक को राहत प्रदान की, जिसके पक्ष में 2002 में डिक्री दी जा चुकी थी।जस्टिस एमएम सुंदरेश द्वारा लिखे गए एक फैसले में विवादित आदेश को रद्द करने और अपीलकर्ता/मुकदमा संपत्ति के मालिक के पक्ष में कार्यकारी अदालत द्वारा पारित आदेश को बहाल करते समय उत्तरदाताओं द्वारा अपनाई गई टाल-मटोल की रणनीति को उजागर किया गया।मामलामौजूदा मामले में, अपीलकर्ता ने वाद संपत्ति का निर्विवाद मालिक होने के नाते 33 साल की अवधि के लिए...