मोटर दुर्घटना दावा | सिर्फ इसलिए कि वाहन मालिक ने ड्राइवर का लाइसेंस सत्यापित नहीं किया, बीमाकर्ता को रिकवरी का कोई अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

Avanish Pathak

31 Oct 2023 1:39 PM GMT

  • मोटर दुर्घटना दावा | सिर्फ इसलिए कि वाहन मालिक ने ड्राइवर का लाइसेंस सत्यापित नहीं किया, बीमाकर्ता को रिकवरी का कोई अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि केवल इसलिए कि वाहन मालिक ने नियोजित ड्राइवर के ड्राइविंग लाइसेंस की प्रामाणिकता को सत्यापित नहीं किया था, बीमा कंपनी यह दावा नहीं कर सकती कि वह मोटर एक्सिडेंट क्लेम में मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह साबित करने का दायित्व बीमा कंपनी पर है कि वाहन मालिक ने नियोजित ड्राइवर के ड्राइविंग लाइसेंस की उचित जांच नहीं की है।

    जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस संजय कुमार के बेंच ने कहा कि ड्राइवर को नियुक्त करने वाले प्रत्येक व्यक्ति से यह अपेक्षा करना अव्यावहारिक होगा कि वह यह सत्यापित और पुष्टि करेगा कि ड्राइवर की ओर से प्रस्तुत ड्राइविंग लाइसेंस वैध और वास्तविक है या नहीं।

    मौजूदा मामले में, अपीलकर्ता बीमा कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था , जिसने बीमा कंपनी को रिकवरी का अधिकार देने वाले मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा पारित फैसले को उलट दिया था। वाहन मालिक से रिकवरी का अधिकार न मिलने से व्यथित होकर बीमा कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की।

    विचाराधीन घटना में तेज और लापरवाही से चलाए जा रहे एक टेम्पो के कारण एक व्यक्ति को घातक चोटें आईं। घायलों के आश्रितों ने मुआवजे के लिए मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया। ट्रिब्यूनल ने माना कि वाहन मालिक द्वारा बीमा पॉलिसी के नियमों और शर्तों के उल्लंघन के लिए बीमा कंपनी उत्तरदायी नहीं होगी।

    बीमा कंपनी ने शीर्ष अदालत के समक्ष तर्क दिया कि वह मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं है, क्योंकि वाहन का मालिक ड्राइवर के लाइसेंस की वास्तविकता को सत्यापित करने में विफल रहा, जो नकली निकला।

    न्यायालय ने पाया कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 149(2)(ए)(ii) के तहत या बीमा पॉलिसी के 'ड्राइवर क्लॉज' में ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है कि बीमाकृत वाहन के मालिक को, नियमानुसार, ड्राइवर के रूप में नियोजित व्यक्ति के ड्राइविंग लाइसेंस को संबंधित परिवहन अधिकारियों से सत्यापित और जांच करवाएं।

    कोर्ट ने कहा कि यह दिखाने के लिए कोई सबूत रिकॉर्ड पर नहीं पेश किया गया है कि वाहन मालिक को संबंधित परिवहन प्राधिकरण द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस सत्यापित करवाना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी वाहन मालिक द्वारा जानबूझकर किए गए किसी भी उल्लंघन को साबित करने में विफल रही और इसलिए उसे वाहन मालिकों से मुआवजा राशि की रिकवरी का कोई अधिकार नहीं होगा।

    इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

    केस टाइटल: इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम गीता देवी और अन्य विशेष अनुमति याचिका (सी) संख्या 19992/2023

    साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (एससी) 938

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