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SCAORA के बाद, SCBA ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अधिवक्ताओं के दायित्व के संबंध में सुप्रीम कोर्ट मामले में हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया
SCAORA के बाद, SCBA ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत अधिवक्ताओं के दायित्व के संबंध में सुप्रीम कोर्ट मामले में हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया

सुप्रीम कोर्ट में जारी एक मामले में, जहां शीर्ष अदालत यह तय कर रही है कि क्या वकील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के दायरे में आएंगे, में सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCROA) के बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने भी हस्तक्षेप करने का संकल्प लिया है। एसोसिएशन की ओर से लिए गए संकल्प में मामले के सभी अधिवक्ताओं पर प्रभाव की चर्चा की गई है। साथ ही संगठन ने 'सही कानून बनाने' में न्यायालय की सहायता के लिए हस्तक्षेप का विकल्प चुना है।मामले में सुप्रीम कोर्ट जिस महत्वपूर्ण बिंदु की...

Electoral Bond | कैसे सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता के सूचना के अधिकार सो प्रमुखता देने के लिए आनुपातिकता परीक्षण का प्रयोग किया
Electoral Bond | कैसे सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता के सूचना के अधिकार सो प्रमुखता देने के लिए आनुपातिकता परीक्षण का प्रयोग किया

एक अहम घटनाक्रम में, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (15 फरवरी) को विवादास्पद चुनावी बांड (ईबी) योजना को यह मानते हुए खारिज कर दिया कि गुमनाम ईबी संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत निहित सूचना के अधिकार का उल्लंघन है।यह फैसला सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने दिया, जिसमें सहमति वाली दो राय दी गईं। विशेष रूप से, न्यायालय ने भारत के चुनाव आयोग को 13 मार्च, 2024 तक निर्धारित अवधि के दौरान ईबी के माध्यम से...

भारतीय कानूनी शिक्षा प्रणाली अंग्रेजी बोलने वाले स्टूडेंट के पक्ष में है: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने RPNLU प्रयागराज से हिंदी में शिक्षा देने का आग्रह किया
भारतीय कानूनी शिक्षा प्रणाली अंग्रेजी बोलने वाले स्टूडेंट के पक्ष में है: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने RPNLU प्रयागराज से हिंदी में शिक्षा देने का आग्रह किया

उत्तर प्रदेश राज्य में नवीनतम नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी , डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, प्रयागराज के उद्घाटन पर बोलते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,“कानूनी शिक्षा में विकास के बावजूद, समकालीन भारतीय कानूनी शिक्षा प्रणाली केवल कुछ अंग्रेजी बोलने वाले, शहरी स्टूडेंट का पक्ष लेता है।”सीजेआई ने एनएलयू प्रबंधन, प्रयागराज से अपील की,“नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को कानूनी पेशे की नई मांगों को समझना चाहिए। हमें अपने कानून के स्टूडेंट को भविष्य के पथप्रदर्शक के रूप में तैयार...

वैलेंटाइन डे स्पेशल | कैसे कर रही हैं भारतीय अदालतें जोड़ों और उनके अधिकारों की रक्षा ?
वैलेंटाइन डे स्पेशल | कैसे कर रही हैं भारतीय अदालतें जोड़ों और उनके अधिकारों की रक्षा ?

प्रेम एक ऐसी रचना और भावना है जिससे हम सभी परिचित हैं। यह मान लेना गलत नहीं होगा कि हमने अपने जीवनकाल में कम से कम एक व्यक्ति के लिए इसका प्रदर्शन किया है - शायद माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त, अभिभावक या रोमांटिक पार्टनर।इसे दुनिया की सबसे आनंददायक भावनाओं में से एक माना जाता है, लेकिन फिर भी, "प्यार" लोगों को आसानी से नहीं मिलता, खासकर भारत में। धर्म, लिंग, जाति और कुछ नहीं तो आर्थिक और सामाजिक प्रतिष्ठा के रूप में बहुआयामी बाधाएं हैं।उपरोक्त का एक प्रमाण, देश ऑनर किलिंग, समलैंगिकता और...

सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ CJI को लिखे पत्र पर SCBA अध्यक्ष को हटाने की मांग की
सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ CJI को लिखे पत्र पर SCBA अध्यक्ष को हटाने की मांग की

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के कई सदस्यों ने किसानों के विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर "गलती करने वाले किसानों" के खिलाफ स्वत: कार्रवाई के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) को लिखे पत्र पर SCBA के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल को हटाने की मांग की।सुप्रीम कोर्ट के लगभग 150 वकीलों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए, जिसमें SCBA की आम सभा की बैठक बुलाने का आह्वान किया गया। उक्त बैठक में "मामले में किसी भी अधिकार और क्षमता के बिना और लेटर हेड पर" सीजेआई को पत्र लिखने के लिए SCBA अध्यक्ष को हटाने पर चर्चा की...

स्थगन पत्र केवल एक बार प्रसारित किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन पत्र प्रसारित करने की नई प्रक्रिया अधिसूचित की
'स्थगन पत्र केवल एक बार प्रसारित किया जा सकता है': सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन पत्र प्रसारित करने की नई प्रक्रिया अधिसूचित की

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (14 फरवरी) को मामलों को स्थगित करने का अनुरोध करने वाले पत्रों के प्रसार की प्रक्रिया और तौर-तरीकों की रूपरेखा बताते हुए नया सर्कुलर जारी किया।नई प्रक्रिया के तहत कुछ श्रेणियों के मामलों में स्थगन पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा, जिनमें जमानत या अग्रिम जमानत से संबंधित मामले शामिल हैं, जहां आत्मसमर्पण से छूट मांगी गई। ऐसे मामले, जहां समय मांगने वाले पक्ष के पक्ष में अंतरिम आदेश प्रभावी हैं और सजा के निलंबन के अनुरोध वाले मामले हैं। नए और नियमित सुनवाई वाले मामलों में स्थगन...

SCBA के अधिकांश कार्यकारी सदस्यों ने किसानों के प्रदर्शनों के खिलाफ CJI को SCBA अध्यक्ष के पत्र से असहमति व्यक्त की
SCBA के अधिकांश कार्यकारी सदस्यों ने किसानों के प्रदर्शनों के खिलाफ CJI को SCBA अध्यक्ष के पत्र से असहमति व्यक्त की

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की कार्यकारी समिति के अधिकांश सदस्य SCBA के अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट आदीश सी अग्रवाल द्वारा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) को भेजे गए पत्र से असहमत हैं। उक्त पत्र में "गलती करने वाले किसानों" के खिलाफ स्वत: कार्रवाई की मांग की गई।SCBA की कार्यकारी समिति के 13 सदस्यों ने प्रस्ताव में स्पष्ट किया कि SCBA अध्यक्ष ने "कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ किसी भी परामर्श के बिना एकतरफा" पत्र लिखा है।यह व्यक्त करते हुए कि SCBA के लेटरहेड पर लिखा गया विवादास्पद पत्र गलत...

PMLA प्रावधानों को बरकरार रखने वाला फैसला कानून के विपरीत, सुप्रीम कोर्ट को जल्द समीक्षा करनी चाहिए : पी चिदंबरम और कपिल सिब्बल
PMLA प्रावधानों को बरकरार रखने वाला फैसला कानून के विपरीत, सुप्रीम कोर्ट को जल्द समीक्षा करनी चाहिए : पी चिदंबरम और कपिल सिब्बल

सीनियर एडवोकेट पी चिदंबरम ने सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के साथ अपनी बातचीत में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA Act) के प्रावधानों को बरकरार रखने वाला निर्णय "कानून के अच्छी तरह से स्थापित सिद्धांतों के विपरीत था।" इसके साथ ही चिदंबरम ने कहा कि फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए और जितनी जल्दी इस पर पुनर्विचार होगा, उतना बेहतर होगा।गौरतलब है कि जुलाई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने PMLA Act (विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत संघ) के विभिन्न विवादित प्रावधानों को बरकरार...

कानूनी पेशेवर अपने मानसिक स्वास्थ्य को कैसे ठीक रखें, दिल्ली हाईकोर्ट के जजों ने की चर्चा
'कानूनी पेशेवर अपने मानसिक स्वास्थ्य को कैसे ठीक रखें', दिल्ली हाईकोर्ट के जजों ने की चर्चा

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप जयराम भंभानी और जस्टिस पूनम ए बांबा (सेवानिवृत्त) ने शुक्रवार को कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिए, कानूनी पेशेवरों को कभी भी खुद को या दूसरों को बहुत गंभीरता से नहीं लेना चाहिए और उन्हें उन चीजों से खुद को अलग करना चाहिए जिनका वे नियमित रूप से सामना करते हैं। जज दिल्ली हाईकोर्ट वुमन लॉयर फोरम द्वारा "खुशी की कला- कानूनी पेशेवरों के रूप में तनाव से मुक्ति" विषय पर आयोजित चौथे कॉफी चैट में बोल रहे थे। जस्टिस भंभानी और जस्टिस बांबा के अलावा, एक...

संसद ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को मंजूरी दी
संसद ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को मंजूरी दी

सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकने के लिए संसद ने 9 फरवरी को सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य "अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता” लाने के लिए सार्वजनिक परीक्षाओं में "अनुचित साधनों" के उपयोग को रोकना है। यह स्वीकार करते हुए कि आज तक, सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधन अपनाने और संबंधित अपराधों से निपटने के लिए कोई ठोस कानून नहीं है, विधेयक कहता है कि "परीक्षा प्रणाली की कमजोरियों का फायदा उठाने वाले तत्वों" की पहचान करना...

उत्तराखंड समान नागरिक संहिता हिंदू, मुस्लिम और ईसाई उत्तराधिकार कानूनों को कैसे प्रभावित करेगी?
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता हिंदू, मुस्लिम और ईसाई उत्तराधिकार कानूनों को कैसे प्रभावित करेगी?

उत्तराखंड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता, 2024 (यूसीसी) के कारण सपंत्ति के उत्तराधिकार के कानून यानी उत्तराधिकार कानून में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। यह संहिता सभी धर्मों पर लागू होगी। संहिता की धारा 390 में यह भी कहा गया है कि राज्य में लागू कोई भी कानून, प्रथा या प्रयोग, जिनका संहिता से असंगतता है, उन्हें निरस्त माना जाएगा। इसलिए संहिता का राज्य में लागू व्यक्तिगत कानूनों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।हिंदू उत्तराधिकार में परिवर्तन 1. यूसीसी में पैतृक संपत्ति और स्व-अर्जित संपत्ति के बीच...

क्या अति-पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के लिए SC/ST को उपवर्गीकृत किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
क्या अति-पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के लिए SC/ST को उपवर्गीकृत किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की 7-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आरक्षण के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के भीतर उपवर्गीकरण की अनुमति के मुद्दे पर 3 दिवसीय सुनवाई पूरी कर ली।3 दिन की सुनवाई में न्यायालय ने अस्पृश्यता के सामाजिक इतिहास, संविधान निर्माताओं के दृष्टिकोण से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की धारणा भारत में आरक्षण के उद्देश्य और इसे आगे बढ़ाने में अनुच्छेद 341 के महत्व पर विचार-विमर्श किया। इसका अंतर्संबंध अनुच्छेद 15(4)...

कानून मंत्रालय ने संसदीय समिति की सुप्रीम कोर्ट की क्षेत्रीय पीठों की स्थापना की सिफारिश मंज़ूर की
कानून मंत्रालय ने संसदीय समिति की सुप्रीम कोर्ट की क्षेत्रीय पीठों की स्थापना की सिफारिश मंज़ूर की

कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति ने बुधवार को 133वीं रिपोर्ट में न्यायिक सुधारों के लिए की गई सिफारिशों पर केंद्रीय कानून मंत्रालय की प्रतिक्रिया को रेखांकित करते हुए 144वीं रिपोर्ट पेश की।ये 133वीं रिपोर्ट 7 अगस्त, 2023 को राज्यसभा के समक्ष प्रस्तुत की गई और उसी दिन लोकसभा के समक्ष पेश की गई।केंद्रीय कानून मंत्रालय ने पूरे भारत में सुप्रीम कोर्ट की क्षेत्रीय पीठ स्थापित करने और सभी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित करने की संसदीय स्थायी समिति की...

NLU UG, PG कोर्स में स्टूडेंट एडमिशन में SC/ST/OBC के लिए आरक्षण ठीक से लागू नहीं कर रहे: संसदीय स्थायी समिति
NLU UG, PG कोर्स में स्टूडेंट एडमिशन में SC/ST/OBC के लिए आरक्षण ठीक से लागू नहीं कर रहे: संसदीय स्थायी समिति

कार्मिक, लोक शिकायत पर विभाग से संबंधित लॉ एंड जस्टिस संसदीय स्थायी समिति ने प्रकाशित अपनी 142वीं रिपोर्ट में कहा, "देश भर में स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ( NLU) UG और PG कोर्स में स्टूडेंट को एडमिशन देते समय विशेष रूप से अखिल भारतीय सीटों के संबंध में SC/ST/OBC के लिए आरक्षण को ठीक से लागू नहीं कर रहे हैं।"संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत रिपोर्ट में पूरे भारत में कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता, समावेशिता और प्रासंगिकता को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रमुख सिफारिशों और टिप्पणियों को शामिल किया गया।समिति...