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आप उनकी रक्षा कर रहे हैं: सुप्रीम कोर्ट की मध्यप्रदेश सरकार को फटकार, हिरासत मौत मामले में फरार पुलिसकर्मियों पर सख़्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मध्यप्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया और सवाल किया कि 26 वर्षीय देवा परधि की हिरासत में मौत के मामले में आरोपित दो पुलिस अधिकारी पांच महीने से ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हैं। फिर भी उन्हें निलंबित क्यों नहीं किया गया।जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की खंडपीठ अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे मृतक देवा परधि की मां ने दायर किया है।कोर्ट ने इससे पहले 15 मई, 2025 को CBI को एक माह के भीतर सभी दोषी अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था।जस्टिस...
अन्य राज्यों के माल पर कर से भेदभाव नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि राज्य अपने क्षेत्र में निर्मित वस्तुओं और अन्य राज्यों से लाई गई वस्तुओं के बीच भेदभाव नहीं कर सकते। कोर्ट ने राजस्थान सरकार की 9 मार्च 2007 की अधिसूचना रद्द कर दी, जिसमें स्थानीय एस्बेस्टस शीट निर्माताओं को वैट (VAT) से छूट दी गई थी, जबकि अन्य राज्यों से लाई गई समान शीट्स पर पूरा वैट लगाया जाता था। कोर्ट ने कहा कि यह “भेदभावपूर्ण” और असंवैधानिक है क्योंकि इससे अंतर्राज्यीय व्यापार पर कर-आधारित अवरोध खड़ा हुआ। जस्टिस बी.वी. नागरथ्ना और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की...
"न्यायपालिका को 'विकसित भारत की सबसे बड़ी बाधा' कहना चिंताजनक": सिनियर एडवोकेट विकास पाहवा ने संजीव सन्याल की टिप्पणी पर जताई आपत्ति
सिनियर एडवोकेट विकास पाहवा का पत्रसिनियर एडवोकेट विकास पाहवा ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सन्याल को पत्र लिखकर उनकी हाल की उस टिप्पणी पर कड़ा आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने न्यायपालिका को भारत के “विकसित राष्ट्र” बनने की सबसे बड़ी बाधा बताया था।23 सितंबर को लिखे पत्र में पाहवा ने कहा कि लोकतंत्र में संस्थाओं की रचनात्मक आलोचना स्वागत योग्य है, लेकिन सन्याल की यह टिप्पणी न्यायपालिका के प्रति “सामान्य और नकारात्मक” संदेश देती है, जबकि न्यायपालिका हमारे संवैधानिक ढांचे की...
ओबुलापुरम खनन मामले में जस्टिस सुधांशु धूलिया के नेतृत्व में समिति गठित
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पूर्व जज जस्टिस सुधांशु धूलिया को आंध्र प्रदेश राज्य के ओबुलापुरम खनन मामले में अवैध अतिक्रमण, खनन और अन्य अनधिकृत गतिविधियों की सीमा की जांच हेतु पट्टे वाले क्षेत्रों और आरक्षित वन क्षेत्रों की सीमाएं निर्धारित करने हेतु गठित समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस मामले में कर्नाटक के पूर्व पर्यटन और अवसंरचना मंत्री गली जनार्दन रेड्डी भी अभियुक्तों में से एक हैं।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बी.आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने मिलकर...
छत्तीसगढ़ में 'फर्जी मुठभेड़' में मारे गए व्यक्ति का अंतिम संस्कार रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
छत्तीसगढ़ में एक कथित फर्जी मुठभेड़ में राज्य के अधिकारियों द्वारा शव के अंतिम संस्कार को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई।यह मामला जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया।अदालत के एक प्रश्न पर मामले का उल्लेख करने वाले वकील ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता ने पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का रुख किया था। हालांकि, तत्काल सुनवाई की अनुमति नहीं दी गई और आशंका है कि प्रतिवादी शव का अंतिम संस्कार कर देंगे।जब वकील ने दावा...
भरण-पोषण के दायित्व का उल्लंघन होने पर बच्चे को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि माता-पिता और सीनियर सिटीजन के भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के अंतर्गत न्यायाधिकरण को सीनियर सिटीजन की संपत्ति से बच्चे को बेदखल करने का आदेश देने का अधिकार है, यदि सीनियर सिटीजन के भरण-पोषण के दायित्व का उल्लंघन होता है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने 80 वर्षीय व्यक्ति और उनकी 78 वर्षीय पत्नी द्वारा दायर अपील स्वीकार की और बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें उनके बड़े बेटे के खिलाफ पारित बेदखली के निर्देश को अमान्य कर दिया गया...
स्कूल ग्राउंड में जारी रहेगा रामलीला उत्सव, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाई, जिसमें उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद स्थित एक स्कूल ग्राउंड में चल रहे रामलीला समारोह पर रोक लगा दी गई थी।यह देखते हुए कि उत्सव शुरू हो चुका है, कोर्ट ने फ़िरोज़ाबाद के टूंडला स्थित जिला परिषद विद्यालय के खेल के मैदान में रामलीला समारोह जारी रखने की अनुमति इस शर्त पर दी कि स्टूडेंट को कोई असुविधा न हो।यह देखते हुए कि उक्त मैदान का उपयोग लगभग 100 वर्षों से उत्सवों के लिए किया जाता रहा है, कोर्ट ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वह ज़िला प्रशासन...
'पीली मटर का शुल्क-मुक्त आयात भारतीय किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है:' जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (25 सितंबर) को जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया, जिसमें केंद्र सरकार की बिना किसी शुल्क के पीली दाल के आयात की अनुमति देने की नीति को चुनौती दी गई।जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एनके सिंह की पीठ किसान संगठन 'किसान महापंचायत' द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तर्क दिया गया कि यह नीति भारतीय कृषकों को नुकसान पहुंचा रही है।याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने दलील दी कि इस नीति के परिणामस्वरूप सोयाबीन, मूंगफली, उड़द, मूंग और अरहर...
क्या न्यायिक अधिकारी के अनुभव को जिला जज की सीधी नियुक्ति के लिए '7 साल की प्रैक्टिस' में गिना जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई [दूसरा दिन]
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ में इस मुद्दे पर सुनवाई जारी रखी कि क्या एक न्यायिक अधिकारी, जिसने बार में 7 साल पूरे कर लिए हैं, बार में रिक्त पद पर जिला न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने का हकदार है।याचिकाकर्ताओं ने आज इस बात पर ज़ोर दिया कि एक संभावित उम्मीदवार द्वारा वकालत छोड़ने के पीछे कई कारक देखे जाने चाहिए; सिर्फ़ वकालत छोड़ने का मतलब यह नहीं हो सकता कि उम्मीदवार में जिला न्यायाधीश के रूप में विचार किए जाने के लिए पर्याप्त योग्यता नहीं है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस एमएम...
सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बार काउंसिल्स को 31 जनवरी तक चुनाव कराने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर की स्टेट बार काउंसिल्स के चुनाव 31 जनवरी 2026 तक कराए जाएं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एलएलबी सर्टिफिकेट की जांच (verification) के कारण चुनाव अनिश्चितकाल तक टाले नहीं जा सकते। कोर्ट को बताया गया कि इस जांच में फर्जी वोटरों और डिग्रीधारियों का पता चला है, यहां तक कि अपराधी भी वकीलों के वेश में हिंसा करते हैं।यह मामला बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के नियम 32 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जो स्टेट बार काउंसिल सदस्यों के कार्यकाल को बढ़ाने का अधिकार देता...
'वैवाहिक विवादों में आपराधिक शिकायतों की गहन जांच की आवश्यकता': सुप्रीम कोर्ट ने देवर के विरुद्ध दहेज उत्पीड़न का मामला खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि वैवाहिक विवादों से उत्पन्न होने वाले आपराधिक मामलों की व्यावहारिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए अत्यंत सावधानी से जांच की जानी चाहिए।एक पत्नी द्वारा अपने देवर के विरुद्ध दहेज उत्पीड़न, घरेलू क्रूरता आदि के आरोपों के साथ दर्ज कराई गई FIR खारिज करते हुए अदालत ने कहा:"अदालतों को शिकायतों से निपटने में सावधानी और सतर्कता बरतनी चाहिए और वैवाहिक विवादों से निपटते समय व्यावहारिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखना चाहिए, जहां न्याय की विफलता और कानूनी प्रक्रिया के...
'वकील द्वारा हलफनामे को सत्यापित करना उसकी विषयवस्तु के लिए ज़िम्मेदार नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने वकील के खिलाफ 'दुर्भावनापूर्ण' शिकायत खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई वकील केवल हलफनामे को सत्यापित करता है या उसके अभिसाक्षी की पहचान करता है, उससे उसमें दिए गए बयानों की सत्यता या शुद्धता की ज़िम्मेदारी नहीं लेता।मुंबई स्थित वकील गीता रामानुग्रह शास्त्री के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही से उत्पन्न विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए अदालत ने शिकायत रद्द करने के बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखा और उनके खिलाफ आरोपों को "बेतुका, असमर्थनीय और दुर्भावनापूर्ण" करार दिया।मामले की पृष्ठभूमियह शिकायत पूर्व लेक्चरर बंसीधर अन्नाजी भाकड़ बाद में...
पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने BNS में सामुदायिक सेवा को दंड के रूप में अभाव की आलोचना की
पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) यूयू ललित ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) के तहत सामुदायिक सेवा को दंड के रूप में देने के दिशानिर्देशों के अभाव पर चिंता जताई।जस्टिस ललित सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित "BNS 2023 और IPC 1860: निरंतरता, परिवर्तन और चुनौतियां" विषय पर एक व्याख्यान दे रहे थे।एक उदाहरण देते हुए जस्टिस ललित ने कहा कि BNS की धारा 356(2) के तहत मानहानि के लिए दो साल तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों, या सामुदायिक सेवा हो सकती है।उन्होंने पूछा,"हालांकि, सामुदायिक सेवा की...
न्यायिक अधिकारी के खिलाफ हिट-एंड-रन केस ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें एक हिट-एंड-रन मामले को ट्रांसफर करने की मांग की गई है। इस मामले में आरोपी एक कार्यरत ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हैं।याचिकाकर्ता (मृतक की पत्नी) ने बताया कि उसके पति की मौत इस हादसे में हुई थी।मामला वर्तमान में फगवाड़ा के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में आरोप तय करने के चरण पर लंबित है।आरोपी होशियारपुर, पंजाब में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट पद पर तैनात है।याचिकाकर्ता ने केस को दिल्ली-एनसीआर की अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की, ताकि पक्षपात की आशंका...
एडवोकेट के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु शिकायतकर्ता और वकील के बीच पेशेवर संबंध ज़रूरी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि Advocates Act, 1961 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई सामान्यतः तभी हो सकती है जब शिकायतकर्ता और वकील के बीच पेशेवर (ज्यूरल) संबंध हो।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (BCMG) द्वारा शुरू की गई कार्यवाही रद्द करते हुए कहा कि विपक्षी पक्ष के वकील के खिलाफ ऐसी शिकायतें “आपत्तिजनक, अस्वीकार्य और अनुचित” हैं।मामला:Bar Council of Maharashtra & Goa v. Rajiv Narula में शिकायत थी कि वकील राजीव नारुला ने प्रॉपर्टी विवाद में...
"कोलेजियम प्रणाली में खामियाँ, सुधार की ज़रूरत : SCBA अध्यक्ष ने CJI को पत्र लिखा"
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने CJI बी.आर. गवई को पत्र लिखकर न्यायिक नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार और लंबे समय से लंबित मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) को अंतिम रूप देने की मांग की है। उन्होंने मौजूदा कोलेजियम प्रणाली को “संरचनात्मक खामियों वाली” बताते हुए इसे पारदर्शी, मेरिट-आधारित और न्यायसंगत ढाँचे से बदलने की आवश्यकता बताई।प्रमुख चिंताएं: SC बार वकीलों की अनदेखी: सुप्रीम कोर्ट बार से जुड़े वकीलों को उनके गृह हाईकोर्ट में जज बनने का अवसर नहीं मिलता,...
संप्रभु, विधायी या कार्यपालिका शक्तियों के प्रयोग में सरकार के विरुद्ध कोई रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के विधायी, संप्रभु या कार्यपालिका कार्यों के प्रयोग में रोक लगाने का तर्क नहीं दिया जा सकता।अदालत ने कहा,"जब सरकार के विरुद्ध दबाव डाला जाता है तो छूट का तर्क विशेष रूप से उच्च सीमा का सामना करता है और शायद ही कभी सफल होता है।"जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एन.के. सिंह की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट की निम्नलिखित टिप्पणियों से सहमति व्यक्त की:"इस सुप्रसिद्ध सिद्धांत की पुष्टि के अलावा कि विधायी, संप्रभु या कार्यकारी शक्ति के प्रयोग में सरकार के विरुद्ध...
"बिना ट्रायल के आप किसी व्यक्ति को कितने समय तक हिरासत में रख सकते हैं?": सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र गाडलिंग के खिलाफ मुकदमे में देरी पर सवाल उठाए
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (24 सितंबर) को 2016 के गढ़चिरौली आगजनी मामले में वकील और एक्टिविस्ट सुरेंद्र गाडलिंग के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही के लंबे समय तक लंबित रहने पर चिंता जताई।जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की खंडपीठ ने पूछा कि क्या किसी व्यक्ति को कई वर्षों तक विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत में रखा जा सकता है।जस्टिस माहेश्वरी ने महाराष्ट्र राज्य की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा,"लेकिन ट्रायल क्यों नहीं चल रहा है? क्योंकि... आप किसी व्यक्ति को बिना ट्रायल के...
'अब तक उन्हीं फांसी क्यों नहीं दी?': बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सज़ा कम करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने बब्बर खालसा के आतंकवादी बलवंत सिंह राजोआना की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में उसे दी गई मौत की सज़ा कम करने की मांग की गई थी। वह 2012 से राष्ट्रपति के समक्ष लंबित अपनी दया याचिका पर विचार में हो रही देरी के आधार पर सजा में छूट की मांग कर रहे हैं।पंजाब के एक पुलिस अधिकारी, सिंह को 27 जुलाई, 2007 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एक विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) की धारा 120-बी, 302, 307 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 की...
मृत्युदंड प्राप्त दोषियों की दया याचिकाओं पर 'शत्रुघ्न चौहान' फैसले में संशोधन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र सरकार द्वारा दायर संशोधन याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें 2014 के शत्रुघ्न चौहान फैसले को और अधिक पीड़ित-केंद्रित बनाने के लिए और दिशानिर्देश मांगे गए।गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार-हत्या मामले में चार दोषियों के मृत्यु वारंट के लंबित निष्पादन के संदर्भ में दायर संशोधन याचिका 2020 की। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आधी रात को एक विशेष बैठक में उनकी अंतिम याचिका खारिज करने के बाद मृत्यु वारंट पर 2020 में ही अमल किया गया था।2014 में तीन जजों...









![क्या न्यायिक अधिकारी के अनुभव को जिला जज की सीधी नियुक्ति के लिए 7 साल की प्रैक्टिस में गिना जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई [दूसरा दिन] क्या न्यायिक अधिकारी के अनुभव को जिला जज की सीधी नियुक्ति के लिए 7 साल की प्रैक्टिस में गिना जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई [दूसरा दिन]](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2025/09/24/500x300_622409-cjibrgavaijusticesbrgavaijusticesmmsundresharavindkumarscsharmaandkvinodchandran.jpg)










