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BREAKING | PMLA हिरासत में आरोपी द्वारा अन्य PMLA मामले में खुद को दोषी ठहराने के संबंध में ED को दिया गया बयान अस्वीकार्य: सुप्रीम कोर्ट
BREAKING | PMLA हिरासत में आरोपी द्वारा अन्य PMLA मामले में खुद को दोषी ठहराने के संबंध में ED को दिया गया बयान अस्वीकार्य: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA Act) के तहत मामले में हिरासत में रहने के दौरान आरोपी द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जांच अधिकारियों को दिया गया बयान, जिसमें उसने खुद को दूसरे धन शोधन मामले में दोषी ठहराया है, साक्ष्य के रूप में अस्वीकार्य होगा।कोर्ट ने कहा कि हिरासत में आरोपी द्वारा दिया गया ऐसा बयान PMLA Act की धारा 50 के तहत स्वीकार्य नहीं माना जा सकता।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने PMLA मामले में आरोपी को जमानत देते हुए यह...

दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को मजिस्ट्रेट ट्रायलेबल केस में भी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट आना पड़ता है: सुप्रीम कोर्ट
दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को मजिस्ट्रेट ट्रायलेबल केस में भी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट आना पड़ता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी, जो 4 मई, 2023 से हिरासत में था। कोर्ट ने कहा कि अभी तक आरोप तय नहीं किए गए और उसे या तो बरी कर दिया गया या उसके खिलाफ चौदह में से नौ मामलों में मामला रद्द कर दिया गया।आदेश सुनाने के बाद जस्टिस ओक ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,"दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब लोगों को मजिस्ट्रेट ट्रायलेबल केस में भी जमानत नहीं मिल रही है, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। लोगों को इसके लिए सुप्रीम कोर्ट आना पड़ता है।"गुजरात हाईकोर्ट ने साबरकांठा जिले के जादर पुलिस...

विशिष्ट निर्देश के बावजूद मामला सूचीबद्ध न होने पर रजिस्ट्री से कुछ स्पष्टीकरण अपेक्षित : सुप्रीम कोर्ट
विशिष्ट निर्देश के बावजूद मामला सूचीबद्ध न होने पर रजिस्ट्री से कुछ स्पष्टीकरण अपेक्षित : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि न्यायालय द्वारा किसी विशेष तिथि पर सूचीबद्ध करने का स्पष्ट आदेश दिया गया मामला उस तिथि पर सूचीबद्ध नहीं होता है तो रजिस्ट्री को कारण बताना चाहिए।जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने यह बात तब कही, जब संपत्ति विवाद से संबंधित मामले में पक्षकार के वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि विशेष रूप से आज यानी मंगलवार को सूचीबद्ध करने के लिए निर्देशित एसएलपी को सूचीबद्ध नहीं किया गया।न्यायालय ने आदेश दिया,“12 अगस्त, 2024 के विशिष्ट आदेश के बावजूद, रजिस्ट्री ने...

दवाओं, उपभोक्ता उत्पादों, टिकटों आदि पर ब्रेल लिपि में लेबल लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
दवाओं, उपभोक्ता उत्पादों, टिकटों आदि पर ब्रेल लिपि में लेबल लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लाभ के लिए दवा के नुस्खों, उपभोक्ता उत्पादों और करेंसी नोटों में ब्रेल एकीकरण प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश मांगे गए।याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट एसबी उपाध्याय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मेडिकल नुस्खों, करेंसी नोटों और अन्य पैकेजों पर ब्रेल भाषा का अभाव दृष्टिबाधित व्यक्तियों को ऐसे लेबल में निहित जानकारी को समझने के लिए दूसरों पर निर्भर बनाता है।यह जनहित याचिका अनुच्छेद 32 के तहत...

केवल इसलिए कि महिला पढ़ी-लिखी या सांसद/विधायक है, उसे PMLA की धारा 45 के पहले प्रावधान का लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता : के कविता मामले में सुप्रीम कोर्ट
केवल इसलिए कि महिला पढ़ी-लिखी या सांसद/विधायक है, उसे PMLA की धारा 45 के पहले प्रावधान का लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता : के कविता मामले में सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता को जमानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई कि कविता को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA Act) की धारा 45 के पहले प्रावधान का लाभ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वह पढ़ी-लिखी और राजनीतिक रूप से संपन्न महिला हैं।यह प्रावधान न्यायालय को जमानत देने का विवेकाधिकार प्रदान करता है, यदि अभियुक्त महिला है या उल्लिखित किसी अन्य श्रेणी से संबंधित है।इसमें कहा गया,“बशर्ते कि कोई व्यक्ति जो 16 वर्ष से कम आयु का है या महिला है या बीमार या...

सुप्रीम कोर्ट ने MoRTH को नेशनल हाईवे पर अतिक्रमण की शिकायतों के लिए पोर्टल और टोल-फ्री नंबर बनाने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने MoRTH को नेशनल हाईवे पर अतिक्रमण की शिकायतों के लिए पोर्टल और टोल-फ्री नंबर बनाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को निर्देश दिया कि वह नागरिकों के लिए नेशनल हाईवे पर अतिक्रमण की शिकायत दर्ज कराने के लिए पोर्टल और टोल-फ्री नंबर स्थापित करे।जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने ज्ञान प्रकाश मिश्रा नामक व्यक्ति द्वारा सड़कों पर अतिक्रमण के मुद्दे को उजागर करने वाली रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया।न्यायालय ने निर्देश दिया,"मंत्रालय पोर्टल बनाने का भी प्रयास करेगा, जिस पर नागरिक राजमार्गों पर अतिक्रमण के बारे में शिकायत दर्ज करा सकें।...

अपने मास्टर्स की सुविधा के अनुसार न्यायालय में झूठ बोलने वाले IAS अधिकारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी जेल सचिव को फटकार लगाई
'अपने मास्टर्स की सुविधा के अनुसार न्यायालय में झूठ बोलने वाले IAS अधिकारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा': सुप्रीम कोर्ट ने यूपी जेल सचिव को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के जेल प्रशासन एवं सुधार विभाग के प्रधान सचिव की दोषी की क्षमा याचिका की प्रगति के बारे में झूठा हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए तीखी आलोचना की।जस्टिस अभय ओक ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,"हम इस न्यायालय में झूठ बोलने वाले और अपने मास्टर्स की सुविधा के अनुसार रुख बदलने वाले आईएएस अधिकारी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने पिछले सप्ताह उल्लेख किया था कि हलफनामे में ऐसे बयान शामिल थे, जो प्रधान सचिव राजेश कुमार सिंह के मूल रुख...

सुप्रीम कोर्ट ने IMA अध्यक्ष द्वारा प्रकाशित माफ़ीनामे के आकार पर असंतोष व्यक्त किया
सुप्रीम कोर्ट ने IMA अध्यक्ष द्वारा प्रकाशित माफ़ीनामे के आकार पर असंतोष व्यक्त किया

सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन द्वारा पतंजलि अवमानना ​​मामले में मीडिया इंटरव्यू में न्यायालय के विरुद्ध की गई टिप्पणियों के संबंध में प्रकाशित माफ़ीनामे पर अपनी नाखुशी व्यक्त की।जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने प्रकाशित माफ़ीनामे के विज्ञापनों के आकार पर आपत्ति जताते हुए निर्देश दिया कि उनकी भौतिक प्रतियां एक सप्ताह के भीतर रिकॉर्ड पर रखी जाएं।सुनवाई की शुरुआत सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया (IMA के लिए) द्वारा डॉ. अशोकन की ओर से...

Judicial Officers Pay | सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को SNJPC प्रस्तावों पर दावा दायर करने के 4 सप्ताह के भीतर धनराशि वितरित करने का निर्देश दिया
Judicial Officers' Pay | सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को SNJPC प्रस्तावों पर दावा दायर करने के 4 सप्ताह के भीतर धनराशि वितरित करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को न्यायालय के पूर्व निर्देशों के अनुसार न्यायिक अधिकारियों द्वारा बकाया और भत्तों के भुगतान के लिए किए गए दावों की तिथि से 4 सप्ताह के भीतर धनराशि वितरित करने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (SNJPC) की सिफारिशों के अनुसार न्यायिक अधिकारियों को बकाया भुगतान के निर्देशों का पालन न करने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी। मामले में...

West Bengal OBC Reservations| 77 ओबीसी वर्गीकरणों को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ चुनौती पर 2 सितंबर को होगी सुनवाई
West Bengal OBC Reservations| 77 ओबीसी वर्गीकरणों को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ चुनौती पर 2 सितंबर को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 77 समुदायों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में वर्गीकृत करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सुनवाई सोमवार (2 सितंबर) तक के लिए सुनवाई स्थगित की।पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने प्रतिवादियों द्वारा प्रस्तुत कुछ दस्तावेजों पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले को अगले सोमवार के लिए फिर से सूचीबद्ध...

आप किसी को भी चुनकर आरोपी नहीं बना सकते : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति मामले में ED/CBI जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए
'आप किसी को भी चुनकर आरोपी नहीं बना सकते' : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति मामले में ED/CBI जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए

सुप्रीम कोर्ट ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता को जमानत देते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा अभियोजन की निष्पक्षता के बारे में तीखी टिप्पणियां कीं।जस्टिस बीआर गवई जस्टिस और केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि अभियोजन पक्ष को निष्पक्ष होना चाहिए और किसी को भी चुनकर आरोपी नहीं बनाया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि जिस व्यक्ति ने खुद को दोषी ठहराया है, उसे गवाह बनाया गया। उक्त गवाह द्वारा निभाई गई भूमिका को देखते हुए कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया कि...

सुप्रीम कोर्ट ने ED की याचिका का निपटारा किया, तमिलनाडु सरकार ने कहा- जिला कलेक्टर रेत खनन मामलों से संबंधित दस्तावेज साझा करेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने ED की याचिका का निपटारा किया, तमिलनाडु सरकार ने कहा- जिला कलेक्टर रेत खनन मामलों से संबंधित दस्तावेज साझा करेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस याचिका का निपटारा किया, जिसमें कथित अवैध रेत खनन-धन शोधन मामलों के संबंध में तमिलनाडु के जिला कलेक्टरों को जारी समन पर रोक लगाने का विरोध किया गया।जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कार्यवाही बंद करते हुए कहा कि ED द्वारा जिला कलेक्टरों से मांगे गए अधिकांश दस्तावेज मुहैया करा दिए गए। शेष दस्तावेज एक सप्ताह के भीतर मुहैया कराने पर सहमति बनी है।आदेश सुनाते हुए जस्टिस त्रिवेदी ने कहा,"याचिकाकर्ता (ED) के वकील का कहना है कि...

सुप्रीम कोर्ट ने बिना मंजूरी के आयुर्वेदिक, यूनानी और सिद्ध दवाओं के विज्ञापनों पर रोक हटाने की आयुष मंत्रालय की अधिसूचना पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने बिना मंजूरी के आयुर्वेदिक, यूनानी और सिद्ध दवाओं के विज्ञापनों पर रोक हटाने की आयुष मंत्रालय की अधिसूचना पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी, जिसके तहत औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 170 को हटा दिया गया था।जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि यह चूक न्यायालय के 7 मई, 2024 के आदेश के विरुद्ध है।खंडपीठ ने इस प्रकार दर्ज किया:"आयुष मंत्रालय द्वारा दायर हलफनामे के साथ 1 जुलाई, 2024 को जारी अधिसूचना संलग्न है। उक्त अधिसूचना के तहत औषधि (चौथा संशोधन) नियम 2024 को अधिसूचित किया गया, जिसमें कहा गया कि औषधि नियमों के नियम 170 को हटा...

सुप्रीम कोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास को चुनौती देने वाली अपील पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास को चुनौती देने वाली अपील पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात राज्य को भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने जामनगर कोर्ट द्वारा लगाए गए दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ उनकी चुनौती को खारिज करने के गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी। यह दोषसिद्धि वर्ष 1990 में हिरासत में यातना और मौत के कथित मामले के संबंध में थी।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना भालचंद्र वराले की खंडपीठ ने नोटिस जारी करते हुए वर्तमान याचिका को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित अन्य याचिकाओं के साथ...

अनुबंध में क्या प्रावधान है, इसकी जांच करना प्रत्येक आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल और न्यायालय का कर्तव्य : सुप्रीम कोर्ट
अनुबंध में क्या प्रावधान है, इसकी जांच करना प्रत्येक आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल और न्यायालय का कर्तव्य : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायालयों और आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल का यह कर्तव्य है कि वे आर्बिट्रेशन से संबंधित कार्यवाही में अनुबंध के प्रावधानों की जांच करें।अनुबंध के तहत प्रतिबंधित होने के बावजूद निष्क्रिय मशीनरी और श्रम के कारण होने वाले नुकसान के लिए राशि देने के आर्बिट्रल का निर्णय रद्द करने का कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्णय बरकरार रखते हुए न्यायालय ने कहा :“वास्तव में हाीकोर्ट ने वही किया, जो आर्बिट्रल को करना चाहिए। अनुबंध में क्या प्रावधान है, इसकी जांच करें। यह व्याख्या का विषय भी...

समान पद पर नियुक्त कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया गया: सुप्रीम कोर्ट ने 30 वर्षों तक सेवा देने वाले कर्मचारी को नियमित करने का निर्देश दिया
'समान पद पर नियुक्त कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया गया': सुप्रीम कोर्ट ने 30 वर्षों तक सेवा देने वाले कर्मचारी को नियमित करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के डाक एवं तार विभाग में "वाटर वूमन" (सफाईकर्मी) के रूप में कार्यरत महिला को नियमितीकरण से राहत प्रदान की, जिसने 30 वर्षों से अधिक समय तक विभाग में सेवा की, लेकिन उसे नियमित नहीं किया गया, जबकि समान पद पर नियुक्त एक अन्य महिला कर्मचारी को यह लाभ दिया गया।यह मानते हुए कि विभाग ने दो समान पद पर नियुक्त कर्मचारियों के बीच भेदभाव किया है, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने आदेश दिया:"प्रतिवादी के.एम. वाघेला के मामले में किए गए समान शर्तों पर अपीलकर्ता के...

अलग-अलग नियमों से संचालित और अलग-अलग काम करने वाले कर्मचारी केवल समान योग्यता के आधार पर समानता का दावा नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट
अलग-अलग नियमों से संचालित और अलग-अलग काम करने वाले कर्मचारी केवल समान योग्यता के आधार पर समानता का दावा नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग नियमों से संचालित और अलग-अलग काम करने वाले कर्मचारियों का अलग समूह, केवल इसलिए दूसरे समूह के कर्मचारियों को दिए जाने वाले लाभों का हकदार नहीं है, क्योंकि वे समान योग्यता प्राप्त करते हैं।संक्षेप में कहें तो वर्तमान मामले के तथ्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा जारी किए गए पत्र से संबंधित हैं, जिसमें कर्मचारियों को पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद संशोधित वेतनमान के बारे में सूचित किया गया। इस संचार में यह भी प्रावधान किया गया कि 'वैज्ञानिक अपने...