West Bengal OBC Reservations| 77 ओबीसी वर्गीकरणों को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ चुनौती पर 2 सितंबर को होगी सुनवाई

Shahadat

27 Aug 2024 5:30 PM IST

  • West Bengal OBC Reservations| 77 ओबीसी वर्गीकरणों को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ चुनौती पर 2 सितंबर को होगी सुनवाई

    सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 77 समुदायों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में वर्गीकृत करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सुनवाई सोमवार (2 सितंबर) तक के लिए सुनवाई स्थगित की।

    पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने प्रतिवादियों द्वारा प्रस्तुत कुछ दस्तावेजों पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले को अगले सोमवार के लिए फिर से सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।

    पिछले हफ्ते, राज्य ने कोर्ट से कहा था कि वह हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग करेगा, क्योंकि कई लोग प्रवेश और भर्ती का इंतजार कर रहे हैं।

    पश्चिम बंगाल राज्य द्वारा दायर याचिका कलकत्ता हाईकोर्ट के उस निर्णय के विरुद्ध है, जिसमें पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा) (सेवाओं और पदों में रिक्तियों का आरक्षण) अधिनियम, 2012 के तहत 77 समुदायों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में वर्गीकृत करना रद्द कर दिया गया। 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण-पत्रों को रद्द कर दिया गया।

    इससे पहले, मामले में और साथ ही स्थगन आवेदन पर नोटिस जारी करते हुए न्यायालय ने राज्य से 77 समुदायों को OBC के रूप में वर्गीकृत करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा: (1) सर्वेक्षण की प्रकृति; (2) क्या OBC के रूप में नामित 77 समुदायों की सूची में किसी भी समुदाय के संबंध में पिछड़ा वर्ग आयोग के साथ परामर्श की कमी थी।

    इसके अलावा, न्यायालय ने यह भी पूछा कि क्या OBC के उप-वर्गीकरण के लिए राज्य द्वारा कोई परामर्श किया गया और जिस अध्ययन पर भरोसा किया गया, उसकी प्रकृति को स्पष्ट करें।

    इस साल मई में हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया, जिसका असर 2010 के बाद जारी किए गए करीब 5 लाख ओबीसी प्रमाणपत्रों पर पड़ने की संभावना है। हाईकोर्ट ने पाया कि ओबीसी वर्गीकरण उचित अध्ययन और पर्याप्त डेटा के बिना किया गया।

    न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जो लोग अधिनियम के लाभ पर रोजगार प्राप्त कर चुके हैं और इस तरह के आरक्षण के कारण पहले से ही सेवा में हैं, वे इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे।

    मामले का विवरण: पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य बनाम अमल चंद्र दास डायरी संख्या - 27287/2024

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