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क्या PSU अपने स्वयं-निर्मित पैनल से मध्यस्थ नियुक्त कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ ने दलीलें सुनीं [दूसरा दिन]
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (29 अगस्त) को संदर्भ मुद्दे पर अपनी दलीलें जारी रखीं कि क्या कोई व्यक्ति, जो मध्यस्थ के रूप में नियुक्त होने के लिए अयोग्य है, मध्यस्थ नियुक्त किया जा सकता है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की संविधान पीठ मध्यस्थता खंड की वैधता पर विचार कर रही थी, जो निर्धारित करता है कि मध्यस्थ की नियुक्ति मध्यस्थों के एक पैनल से होगी, जिसे किसी एक पक्ष द्वारा चुना जाएगा, जो कि अधिकांश...
जॉइंट बैंक अकाउंट खोलने के साथ साथी को नामांकित भी कर सकेंगे समलैंगिक साथी
वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की। उक्त अधिसूचना में स्पष्ट किया गया कि समलैंगिक समुदाय के सदस्यों पर जॉइंट बैंक अकाउंट खोलने और खाताधारक की मृत्यु की स्थिति में धन प्राप्त करने के लिए अपने समलैंगिक साथी को नामांकित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।वित्त सेवा विभाग द्वारा 28 अगस्त को जारी अधिसूचना में कहा गया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भी 21 अगस्त को इसी तरह का स्पष्टीकरण जारी किया।यह स्पष्टीकरण सुप्रीम कोर्ट के 17 अक्टूबर, 2023 के सुप्रियो@सुप्रिया चक्रवर्ती एवं अन्य बनाम भारत संघ के फैसले के अनुसरण...
न्यायालयों को मौखिक साक्ष्य में विसंगतियों के कारण निर्दोष व्यक्तियों को गलत तरीके से फंसाने के मामले में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास के आरोप में आरोपी को बरी कर दिया, क्योंकि अपराध के लिए इरादा साबित नहीं हुआ और गवाही में विसंगतियां थीं।जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ ने कहा,"कानून के स्थापित प्रस्ताव को दोहराना उचित होगा कि आईपीसी की धारा 307 के तहत दोषसिद्धि तभी उचित हो सकती है, जब संबंधित आरोपी के पास इसे अंजाम देने में सहायता करने के लिए कोई प्रत्यक्ष कार्य हो।"यह ऐसा मामला था, जिसमें अपीलकर्ताओं/आरोपियों...
विवाह के समय दिए जाने वाले दहेज और पारंपरिक उपहार दुल्हन के सास-ससुर को सौंपे जाने के योग्य नहीं माने जाते: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि यह नहीं माना जा सकता कि विवाह के समय दिए जाने वाले दहेज और पारंपरिक उपहार दुल्हन के सास-ससुर को सौंपे जाते हैं। वे दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 6 के प्रावधानों के अंतर्गत आते हैं।दहेज निषेध अधिनियम की धारा 6 में प्रावधान है कि विवाह के संबंध में महिला के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्राप्त कोई भी दहेज निर्दिष्ट अवधि के भीतर उसे हस्तांतरित किया जाना चाहिए। इसमें आगे कहा गया कि ऐसा दहेज हस्तांतरित होने तक महिला के लाभ के लिए ट्रस्ट में रखा जाना चाहिए। हस्तांतरित...
स्त्रीधन की पूर्ण स्वामी महिला, पिता उसकी अनुमति के बिना ससुराल वालों से इसकी वसूली नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्त्रीधन महिला की एकमात्र संपत्ति है और उसका पिता उसकी स्पष्ट अनुमति के बिना ससुराल वालों से स्त्रीधन की वसूली का दावा नहीं कर सकता।न्यायालय ने टिप्पणी की,"इस न्यायालय द्वारा विकसित न्यायशास्त्र स्त्रीधन की एकमात्र स्वामी होने के नाते महिला (पत्नी या पूर्व पत्नी) के एकमात्र अधिकार के संबंध में स्पष्ट है। यह माना गया कि पति को कोई अधिकार नहीं है और तब यह आवश्यक रूप से निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए कि पिता को भी कोई अधिकार नहीं है, जब बेटी जीवित, स्वस्थ और अपने 'स्त्रीधन' की...
प्रसिद्ध संविधान विशेषज्ञ और वकील ए.जी. नूरानी का निधन
प्रख्यात संवैधानिक विद्वान और कानूनी टिप्पणीकार अब्दुल गफूर मजीद नूरानी का गुरुवार को मुंबई में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे।अब्दुल गफूर मजीद नूरानी को ए.जी. नूरानी के नाम से जाना जाता है।1930 में मुंबई में जन्मे नूरानी ने मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत की।वह विभिन्न मुख्यधारा के समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित कानूनी और राजनीतिक घटनाक्रमों पर अपने स्तंभों के लिए जाने जाते हैं।वह कई पुस्तकों के लेखक है। इन...
सुप्रीम कोर्ट ने के कविता को जमानत देने के आदेश पर प्रतिकूल टिप्पणी के लिए सीएम रेवंत रेड्डी को फटकार लगाई
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के खिलाफ 2015 के कैश-फॉर-वोट मामले में मुकदमा ट्रांसफर करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने BRS नेता के कविता को कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने पर रेड्डी द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों पर कड़ी असहमति जताई।मीडिया आउटलेट द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में रेड्डी के हवाले से कहा गया,“यह तथ्य है कि BRS ने 2024 के लोकसभा चुनावों में BJP की जीत के लिए काम किया। ऐसी भी चर्चा है कि कविता को जमानत BRS और BJP के बीच हुए समझौते के कारण मिली।यह मामला जब जस्टिस बीआर...
Delhi Education Rules - निजी प्रबंधन द्वारा अवैध रूप से बंद किए गए स्कूल के कर्मचारियों को समाहित करने के लिए NDMC उत्तरदायी नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (28 अगस्त) को कहा कि NDMC की पूर्व स्वीकृति के बिना DSGMC द्वारा स्कूल को बंद किए जाने के कारण दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) द्वारा संचालित स्कूल के अतिरिक्त कर्मचारियों को समाहित करने और लाभ के भुगतान के लिए नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) उत्तरदायी नहीं होगा।कोर्ट ने कहा कि दिल्ली शिक्षा नियम (नियम) के नियम 46 के अनुसार, जब NDMC स्कूल के प्रबंधन के लिए उपयोग की जाने वाली निधि राशि का 95% योगदान देता है तो स्कूल को बंद करने से पहले DSGMC से स्वीकृति लेना DSGMC के...
'Fake' SLP Case : सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति में उसके हलफनामे को सत्यापित करने वाले नोटरी से स्पष्टीकरण मांगा
एक मामले में जहां याचिकाकर्ता ने कोई विशेष अनुमति याचिका दायर करने से इनकार किया और उसका प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के बारे में अनभिज्ञता का दावा किया, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के हलफनामे को सत्यापित करने वाले नोटरी से स्पष्टीकरण मांगा।कोर्ट ने नोटरी से हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा कि उसने याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति में उसके हलफनामे को कैसे सत्यापित किया।इससे पहले कोर्ट ने यह पता चलने पर गहरा आश्चर्य व्यक्त किया कि एसएलपी दाखिल करने के लिए वकालतनामा पर याचिकाकर्ता ने हस्ताक्षर नहीं...
सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक अपराध मामले में 3 साल बाद जमानत रद्द की, कहा- घोटाले के पीड़ितों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी तथा महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय प्रतिष्ठानों में) अधिनियम, 1999 की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराधों के संबंध में आरोपी की रिहाई के लगभग 3 साल बाद जमानत रद्द की।संक्षिप्त तथ्यइस मामले में संबंधित प्रतिवादी संख्या 1 को 13 अक्टूबर, 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा कर दिया गया। हाईकोर्ट ने तर्क दिया कि प्रतिवादी नंबर 1 सोसायटी का सदस्य नहीं है। कुछ अपीलकर्ताओं द्वारा लगाए...
Transgender Persons Act 2019 के तहत जारी प्रमाण पत्र पैन कार्ड आवेदनों के लिए स्वीकार्य: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सुझाव दिया कि भारत संघ को ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 (Transgender Persons Act 2019) के तहत जारी पहचान और लिंग परिवर्तन के प्रमाण पत्र को प्रासंगिक नियमों में पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए वैध दस्तावेज के रूप में शामिल करना चाहिए।जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला की खंडपीठ ने स्थायी पैन कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया के संबंध में एलजीबीटी (LGBTQ) समुदाय के सदस्यों, विशेष रूप से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राहत...
'बच्चे की कस्टडी प्राकृतिक माता-पिता को नहीं दी जा सकती, यह बच्चे के कल्याण पर निर्भर करता है': सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (28 अगस्त) को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश को अस्वीकार किया, जिसमें 2.5 वर्षीय बच्चे की कस्टडी उसके पिता को इस आधार पर दी गई थी कि पिता प्राकृतिक अभिभावक है, इसे "पूरी तरह से गलत दृष्टिकोण" कहा।जस्टिस अभय ओक ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,"हमारा न्यायिक विवेक इस तथ्य से स्तब्ध है कि हाई कोर्ट ने बच्चे को हस्तांतरणीय, चल संपत्ति के रूप में माना। यही समस्या है। हाईकोर्ट का कहना है कि इसका सरल सूत्र है - पिता प्राकृतिक अभिभावक है, बच्चे को पिता के पास वापस जाना चाहिए। इस...
सुप्रीम कोर्ट ने NCR राज्यों के लिए PCB के रिक्त पदों को भरने की समय सीमा तय की, CAQM से आगामी सर्दियों में दिल्ली वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कदमों के बारे में पूछा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (27 अगस्त) को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के राज्यों के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) में सभी रिक्तियां 30 अप्रैल, 2025 तक भरी जानी चाहिए।कोर्ट ने कहा,“हम यह स्पष्ट करते हैं कि सभी राज्यों को महत्वपूर्ण पदों को तत्काल भरने का प्रयास करना होगा। किसी भी परिस्थिति में हम उन्हें 30 अप्रैल, 2025 से आगे सभी रिक्तियों को भरने के लिए समय नहीं देंगे। राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्य राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में पर्याप्त...
SC/ST कोटे के तहत नियुक्त बैंक कर्मचारियों को उनकी जाति के अनुसूचित जाति सूची से बाहर कर दिए जाने के बाद भी पद पर बने रहने की अनुमति दी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (28 अगस्त) को केनरा बैंक द्वारा कुछ कर्मचारियों को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस रद्द किया, जिन्हें वैध जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अनुसूचित जाति कोटे के तहत नियुक्त किया गया था, क्योंकि उनकी जाति को अनुसूचित जाति सूची से बाहर कर दिया गया था।कर्नाटक हाईकोर्ट के बैंक के कारण बताओ नोटिस को उचित ठहराने वाले निर्णय को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कई अपील दायर की गई थीं।अपीलकर्ता केनरा बैंक द्वारा जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अनुसूचित जाति श्रेणी में नियुक्त किए गए, जो...
संविधान पीठ ने सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा अपने स्वयं के पैनल से आर्बिट्रेटर नियुक्त करने की वैधता पर सुनवाई शुरू की
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने (28 अगस्त) इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू की कि क्या कोई व्यक्ति, जो मध्यस्थ के रूप में नियुक्त होने के लिए अयोग्य है, आर्बिट्रेटर नियुक्त कर सकता है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस मनोज मिश्रा की संविधान पीठ इस मुद्दे पर विचार कर रही थी।चर्चा संदर्भ के प्रमुख मुद्दे से संबंधित थी, जो कि आर्बिट्रेशन क्लॉज की वैधता है, जो यह निर्धारित करता है कि आर्बिट्रेटर की नियुक्ति आर्बिट्रल के एक...
ED जमानत का विरोध करना चाहता है तो उसे यह दिखाना होगा कि मनी लॉन्ड्रिंग के आधारभूत तथ्य प्रथम दृष्टया स्थापित हैं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जहां अभियोजन पक्ष जमानत आवेदन का विरोध कर रहा है, जांच एजेंसी (प्रवर्तन निदेशालय (ED)) के जवाबी हलफनामे में प्रथम दृष्टया तीन आधारभूत तथ्य (जैसा कि विजय मदनलाल चौधरी में निर्धारित किया गया है) स्थापित होने चाहिए।विजय मदनलाल चौधरी में न्यायालय ने माना कि अभियोजन पक्ष को कानूनी अनुमान को पुख्ता करने के लिए तीन आधारभूत सिद्धांत स्थापित करने में सफल होना चाहिए कि अपराध की आय मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है। ये तीन आधारभूत तथ्य हैं: 1. अनुसूचित अपराध से...
मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति वाले व्यक्तियों के लिए MBBS एडमिशन: सुप्रीम कोर्ट ने NMC की एक्सपर्ट कमेटी से अपनी राय की समीक्षा करने को कहा
मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के कारण दिव्यांग व्यक्तियों (PwD) के लिए कोटे के तहत आरक्षण से इनकार करने को चुनौती देने वाले MBBS-आकांक्षी की याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी को केंद्र की मार्च 2024 की अधिसूचना के आलोक में अपनी सिफारिशों की समीक्षा करने का निर्देश दिया, जिसमें निर्दिष्ट दिव्यांगताओं के आकलन के लिए कुछ दिशानिर्देश निर्धारित किए गए थे।जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए NMC से 8 सप्ताह के...
सीजेआई ने DDA के पेड़ों की कटाई के मामले को जस्टिस ओक की बेंच से अपनी बेंच में ट्रांसफर किया
पेड़ों की कटाई को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रहे अवमानना मामले की सुनवाई अब जस्टिस अभय एस ओक की बेंच की बजाय चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) की बेंच करेगी।यह मामला कल सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया गया।जून-जुलाई में जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने इस मामले की कई दिनों तक सुनवाई की, जिसके दौरान DDA और इसके उपाध्यक्ष को बेंच के कई कठिन सवालों का सामना करना पड़ा।सुनवाई के...
POCSO Act | दर्दनाक यौन उत्पीड़न के पीड़ित बच्चे को बार-बार अदालत में गवाही देने के लिए नहीं बुलाया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम 2012 (POCSO Act) के तहत मामले में आरोपी की याचिका खारिज की, जिसमें CrPC की धारा 311 के तहत पीड़िता को वापस बुलाने की मांग की गई, जिससे बचाव पक्ष द्वारा पहले ही जिरह की जा चुकी थी।कोर्ट ने कहा कि एक बार जब बचाव पक्ष को पीड़िता से जिरह करने के लिए पर्याप्त अवसर दिए गए तो पीड़िता को आगे की जिरह के लिए वापस नहीं बुलाया जा सकता, क्योंकि इससे POCSO Act का उद्देश्य विफल हो जाएगा।जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने...
'किस तरह का IAS अधिकारी?' : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के राजस्व एवं वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमार को अवमानना कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने हलफनामे में कुछ बयानों पर आपत्ति जताई, जिसमें कहा गया कि कोर्ट कानून का पालन नहीं कर रहा है। यह देखते हुए कि बयान प्रथम दृष्टया अवमाननापूर्ण थे, कोर्ट ने उन्हें 09 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने महाराष्ट्र राज्य को उन आवेदकों को...