ताज़ा खबरें

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस से कथित घृणा अपराध से संबंधित एक मामले के रिकॉर्ड पेश करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हेट स्पीच पर रोक लगाने के लिए दायर की गईं याचिकाओं पर सुनवाई की। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई लगभग दो घंटे चली।प्रमुख याचिकाएं इस प्रकार हैं--सुदर्शन न्यूज टीवी पर प्रासरित 'यूपीएससी जिहाद' अभियान के खिलाफ दायर याचिकाएं। -तब्लीगी जमात के मुद्दे के मद्देनजर 'कोरोना जिहाद' अभियान के खिलाफ दायर याचिकाएं, -धर्मसंसद, जहां कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी बयान दिए गए थे, के खिलाफ दायर याचिकाएं -और हेट स्पीच पर रोक लगाने के लिए व्यापक...

Supreme Court
किसी मामले में पहले से गिरफ्तार अभियुक्त का अन्य मामले में अग्रिम जमानत आवेदन सुनवाई योग्य या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने कानून का सवाल खुला छोड़ा

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तेजेश सुमन बनाम राजस्थान राज्य [SLP (Crl) No 11122/2022] में अग्रि‌म जमानत के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण प्रश्न को कानून के लिए खुला छोड़ दिया।यह स्थापित कानून है कि जब अभियुक्त को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, तब उस मामले में अग्रिम जमानत का आवेदन नहीं किया जाएगा। हालांकि यह प्रश्न कि जब एक व्यक्ति को उस मामले को छोड़कर, जिसमें उसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, किसी अन्य मामले में गिरफ्तार किया जाता है तो क्या ऐसे मामले में अग्र‌िम जमानत याचिका सुनवाई योग्य...

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता में केस वर्गीकरण सलाहकार समिति का गठन किया
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता में 'केस वर्गीकरण सलाहकार समिति' का गठन किया

सुप्रीम कोर्ट ने विषय श्रेणियों के अनुसार न्यायिक मामलों के वर्गीकरण से संबंधित मौजूदा ढांचे पर फिर से विचार करने के लिए 'केस वर्गीकरण सलाहकार समिति' नामक एक समिति का गठन किया है। समिति की अध्यक्षता ज‌स्टिस पीएस नरसिम्हा कर रहे हैं।सीनियर एडवोकेट अरुणेश्वर गुप्ता, श्री के परमेश्वर, एओआर, श्री गौरव अग्रवाल, एओआर, और सुश्री वंशजा शुक्ला, एओआर समिति के अन्य सदस्य हैं।सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त रजिस्ट्रार श्री सुनील चौहान समिति के सचिव के रूप में काम करेंगे।समिति का व्यापक जनादेश इस प्रकार है:1....

काली पोस्टर विवाद: फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
काली पोस्टर विवाद: फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई ने "काली" टाइटल वाले अपने वृत्तचित्र के पोस्टर को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की।याचिकाएं दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में एक ही पोस्टर के खिलाफ शिकायतों पर दर्ज कई एफआईआर रद्द करने की मांग करती हैं, जिसमें मणिमेकलाई को देवी काली के रूप में कपड़े पहने, सिगरेट पीते हुए और गर्व का झंडा पकड़े हुए दिखाया गया है। उन्होंने इस बीच कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की।चीफ जस्टिस ऑफ...

कॉलेजियम सिस्टम जजों को अत्यधिक व्यस्त रखता है, उनके कर्तव्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू
कॉलेजियम सिस्टम जजों को अत्यधिक व्यस्त रखता है, उनके कर्तव्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू

पब्लिक प्लेटफॉर्म पर कॉलेजियम सिस्टम के बारे में अपनी राय देना जारी रखते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि कॉलेजियम सिस्टम जजों को 'बेहद व्यस्त' कर रहा है, जिससे उनका कीमती समय बर्बाद हो रहा है, जिससे न्यायाधीशों के रूप में उनके कर्तव्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।केंद्रीय कानून मंत्री ने यह भी कहा कि साल 1993 में सेकेंड जजेस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम सिस्टम बनाकर संवैधानिक प्रावधानों को खत्म कर दिया।उन्होंने यह भी कहा कि भारत का संविधान बहुत स्पष्ट है कि...

पुराने बसे भारतीयों को आयकर अधिनियम की धारा 10 (26एएए) में सिक्किमी की परिभाषा से बाहर करना असंवैधानिक : सुप्रीम कोर्ट
पुराने बसे भारतीयों को आयकर अधिनियम की धारा 10 (26एएए) में "सिक्किमी" की परिभाषा से बाहर करना असंवैधानिक : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 26.04.1975 को सिक्किम के भारत में विलय से पहले सिक्किम में स्थायी रूप से बसने वाले पुराने भारतीयों को आयकर अधिनियम की धारा 10 (26एएए) में "सिक्किमी" की परिभाषा से बाहर करना असंवैधानिक है।जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि ये पुराने भारतीय बसने वाले, चाहे उनका नाम सिक्किम विषय विनियम, 1961 के साथ पठित सिक्किम विषय नियम, 1961 के तहत बनाए गए रजिस्टर में दर्ज है या नहीं, इस छूट के हकदार हैं।धारा 10 (26एएए) आईटी अधिनियमआयकर अधिनियम की धारा 10 कुल आय...

लाइव स्ट्रीमिंग | सभी अदालतों के लिए समान प्लेटफॉर्म तैयार करने को उत्सुक : सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़
लाइव स्ट्रीमिंग | सभी अदालतों के लिए समान प्लेटफॉर्म तैयार करने को उत्सुक : सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि अदालतों की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए समान प्लेटफॉर्म के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट में संविधान पीठ की सुनवाई की कार्यवाही का सीधा प्रसारण इन न्यायालयों के संबंधित YouTube चैनलों के माध्यम से किया जाता है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ नेदुपमारा द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए समान...

जांच के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिनों में YouTuber मरिदास के खिलाफ एफआईआर रद्द करने के मद्रास हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया
'जांच के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए': सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिनों में YouTuber मरिदास के खिलाफ एफआईआर रद्द करने के मद्रास हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै खंडपीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कथित ट्वीट के लिए YouTuber मरिदास मलाइचामी के खिलाफ दर्ज आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी थी।अदालत ने 9 जनवरी को पारित आदेश में पाया कि हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी को पर्याप्त समय दिए बिना "जल्दबाजी" में काम किया।सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए कहा,"एफआईआर 09.12.2021 को दर्ज की गई। फिर तुरंत अगली तारीख पर निरस्त करने की याचिका दायर की गई और चार दिनों की अवधि के भीतर यानी 14.12.2021 को विवादित...

Supreme Court
‘हम संसद को कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकते’:सुप्रीम कोर्ट ने भारत के विधि आयोग को एक वैधानिक निकाय बनाने की मांग वाली याचिका पर कहा

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की खंडपीठ ने भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की भारत के 22वें विधि आयोग को एक वैधानिक निकाय बनाने की प्रार्थना को इस आधार पर खारिज कर दिया कि इस तरह का निर्देश विधायिका के विशेष अधिकार क्षेत्र में आता है।शुरुआत में, सीजेआई चंद्रचूड़ ने भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि से विधि आयोग की स्थिति के बारे में पूछा।एजी ने जवाब दिया,"कानून आयोग का गठन किया गया है। इस मामले में कुछ भी नहीं बचा है।"हालांकि, एडवोकेट...

पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की एकसमान आयु | सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से मामले को अपने पास ट्रांसफर किया
पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की एकसमान आयु | सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से मामले को अपने पास ट्रांसफर किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष लंबित याचिकाओं को स्थानांतरित कर दिया, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की एक समान आयु की मांग की गई थी। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की।याचिका वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर की गई थी, जिसका प्रतिनिधित्व सीनियर एडवोकेट गीता लूथरा ने किया था। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि मामला राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष भी लंबित है। हालांकि, राजस्थान राज्य की ओर से पेश सीनियर...

विकलांगता अधिकार: सुप्रीम कोर्ट ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के राज्यवार कार्यान्वयन पर केंद्र से जवाब मांगा
विकलांगता अधिकार: सुप्रीम कोर्ट ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के राज्यवार कार्यान्वयन पर केंद्र से जवाब मांगा

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की खंडपीठ ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों अधिनियम 2016 ["आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम"] को लागू करने के लिए प्रत्येक जिले के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन करने की मांग वाली याचिका में केंद्र सरकार और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को नोटिस जारी किया।मामले में याचिकाकर्ता "टुगेदर वी कैन" नामक एक समूह का सदस्य है, जो विकलांग बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले माता-पिता, पेशेवरों और अन्य हितधारकों के लिए एक...

लगाया गया अतिरिक्त विशेष सड़क टैक्स नियामक है, जुर्माना नहीं : सुप्रीम कोर्ट ने धारा 3ए(3) एचपीएमवीटी को बरकरार रखा
लगाया गया अतिरिक्त विशेष सड़क टैक्स नियामक है, जुर्माना नहीं : सुप्रीम कोर्ट ने धारा 3ए(3) एचपीएमवीटी को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन कराधान अधिनियम, 1972 की धारा 3ए(3) के तहत अतिरिक्त विशेष सड़क कर लगाने की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्च की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि धारा 3ए(3) के तहत लगाया गया कर प्रकृति में नियामक है और जुर्माना नहीं है।जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि इस तरह के अतिरिक्त विशेष सड़क कर को लागू करना केवल परिवहन वाहन संचालकों पर वैधानिक प्रावधानों के अनुसार...

नाबालिग मुस्लिम लड़की को शादी की अनुमति देने के पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को मिसाल के तौर पर न लें: सुप्रीम कोर्ट
नाबालिग मुस्लिम लड़की को शादी की अनुमति देने के पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को मिसाल के तौर पर न लें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि जावेद बनाम हरियाणा राज्य और अन्य मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को मिसाल के तौर पर न लें।हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि प्यूबर्टी प्राप्त कर चुकी 15 साल की मुस्लिम लड़की पर्सनल लॉ के तहत शादी कर सकती है।चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका में नोटिस जारी करते हुए यह अंतरिम आदेश पारित किया।हाईकोर्ट के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि यह...

Supreme Court
'FIR दर्ज करने में 5 महीने क्यों लगे?' : सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू युवा वाहिनी कार्यक्रम में हेट स्पीच मामले में दिल्ली पुलिस की देरी पर सवाल उठाए

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली पुलिस से दिसंबर 2021 में दिल्ली में सुदर्शन न्यूज टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके के नेतृत्व में आयोजित हिंदू युवा वाहिनी कार्यक्रम में हेट स्पीच मामले की जांच में देरी पर सवाल किया।कोर्ट ने देखा कि घटना के पांच महीने बाद एफआईआर दर्ज की गई थी और अभी तक कोई चार्जशीट दायर नहीं की गई है।सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने जांच अधिकारी को मामले में जांच में उठाए गए कदमों को दो सप्ताह के भीतर रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया।पीठ एक्टिविस्ट...

Supreme Court
जब आरोपी बताता है कि मामले की जांच किसे करनी चाहिए, तो यह गंभीर सवाल खड़ा करता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने टिप्पणी की कि जब आरोपी बताता है कि मामले की जांच किसे करनी चाहिए, तो यह गंभीर सवाल खड़ा करता है।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा,"जब आरोपी बताता है कि मामले की जांच कौन करेगा, तो यह एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।"अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें दहेज-हत्या मामले की जांच ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया था।सीबीआई ने...

अगर केंद्र सरकार के कहने और फैसले पर ही प्रशासन चलाना है तो चुनी हुई सरकार का क्या उद्देश्य: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार बनाम केंद्र में एसजी से पूछा
अगर केंद्र सरकार के कहने और फैसले पर ही प्रशासन चलाना है तो चुनी हुई सरकार का क्या उद्देश्य: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार बनाम केंद्र में एसजी से पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद पर सुनवाई फिर से शुरू की। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने केंद्र की ओर से एसजी तुषार मेहता को सुना।एसजी: "आपका ' प्रश्न था कि जीएनसीटीडी में सभी अधिकारियों की नियुक्ति और पदस्थापना कौन करता है। मेरा उत्तर होगा और मैं अंत में पुष्टि करूंगा,...

अल्पसंख्यकों की पहचान : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यों के विचारों के साथ रिपोर्ट दाखिल की
अल्पसंख्यकों की पहचान : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यों के विचारों के साथ रिपोर्ट दाखिल की

केंद्र सरकार ने धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों की पहचान और अधिसूचना के मुद्दे पर राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श के बाद भारत के सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अल्पसंख्यकों की जिलेवार पहचान की मांग वाली याचिकाओं के एक बैच में शीर्ष अदालत के पहले के आदेश के आधार पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की है।इससे पहले मई 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अल्पसंख्यकों की पहचान के मुद्दे पर राज्यों के साथ परामर्श करने का निर्देश दिया था।केंद्र सरकार के जवाब में कहा गया है कि, "उपर्युक्त आदेश...