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आरटीआई के तहत न्यायिक सेवा परीक्षा की आंसर शीट का खुलासा नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
आरटीआई के तहत न्यायिक सेवा परीक्षा की आंसर शीट का खुलासा नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्य प्रदेश राज्य में जिला न्यायपालिका के लिए मुख्य लिखित परीक्षा में उपस्थित होने वाले सभी उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिका ( Answer Sheets) उपलब्ध कराने के निर्देश देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता, "एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस" नामक एक संगठन ने याचिका के साथ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।भारत के मुख्य न्यायाधीश, डी वाई...

Justice MB Lokur
‘भारत का संविधान सुप्रीम है, संसद नहीं’: पूर्व जज जस्टिस एमबी लोकुर ने उपराष्ट्रपति की टिप्पणियों के विरोध में कहा

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ टिप्पणियों के विरोध में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि भारत का संविधान सुप्रीम है।जस्टिस लोकुर ने लाइव लॉ के मैनेजिंग एडिटर मनु सेबेस्टियन को दिए इंटरव्यू में कहा,"भारत की संविधान सुप्रीम है। न्यायपालिका, कार्यपालिका, संसद सुप्रीम नहीं है।“दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि संसद सुप्रीम है।जस्टिस लोकुर ने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका को यह जांचने का काम सौंपा है कि क्या कहीं विधायिका द्वारा बनाया कानून संविधान के विपरीत तो नहीं हैं या...

Anil Deshmukh
अनिल देशमुख को मिली जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को बॉम्बे हाईकोर्ट में मिली जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज की।बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को बार मालिकों से कथित अवैध रिश्वत और महाराष्ट्र में पुलिस ट्रांसफर और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दी थी।भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सीबीआई की विशेष अनुमति याचिका पर विचार नहीं किया।शुरुआत में,...

अस्थायी अधिग्रहण को कई वर्षों तक जारी रखना मनमाना होगा, यह संविधान के अनुच्छेद 300ए के तहत गारंटीकृत संपत्ति का उपयोग करने के अधिकार का उल्लंघन :सुप्रीम कोर्ट
अस्थायी अधिग्रहण को कई वर्षों तक जारी रखना मनमाना होगा, यह संविधान के अनुच्छेद 300ए के तहत गारंटीकृत संपत्ति का उपयोग करने के अधिकार का उल्लंघन :सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एमएम सुंदरेश की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने माना है कि, "अस्थायी अधिग्रहण को कई वर्षों तक जारी रखना मनमाना होगा और इसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 300ए के तहत गारंटीकृत संपत्ति का उपयोग करने के अधिकार का उल्लंघन कहा जा सकता है। यहां तक कि लंबी अवधि के लिए अस्थायी अधिग्रहण को जारी रखना भी अनुचित कहा जा सकता है, जो भूस्वामियों के भूमि से निपटने और/या उपयोग करने के अधिकारों का उल्लंघन करता है।सिविल अपील की तथ्यात्मक पृष्ठभूमिबेंच ने एक सिविल अपील में उपरोक्त निर्णय पारित...

Hijab Case
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ हिजाब मामले में जल्द सुनवाई का भरोसा दिया, याचिकाकर्ता ने कहा- 6 फरवरी से परीक्षाएं हैं, हिजाब पहनने वाली छात्राओं को परीक्षा नहीं देने दिया जाएगा

सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष हिजाब मामले की जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि मुस्लिम छात्राओं को केवल सरकारी कॉलेजों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति देने के लिए तत्काल अंतरिम निर्देश की आवश्यकता है।सीनियर वकील कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों का जिक्र कर रहे थे, जिसमें राज्य सरकार द्वारा सरकारी कॉलेजों में धार्मिक हेडस्कार्फ पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया...

Law Minister Kiren Rijiju
कानून मंत्री ने कॉलेजियम सिस्टम पर फिर उठाया सवाल, पूर्व जज ने कहा था- सुप्रीम कोर्ट ने संविधान को हाईजैक कर लिया है

जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच चल रहे विवाद के बीच, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने हाईकोर्ट के एक पूर्व जज के बयान का समर्थन किया। हाईकोर्ट जज ने टिप्पणी की थी कि सुप्रीम कोर्ट ने जज की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम तैयार करके संविधान को 'हाईजैक' कर लिया है।रिजिजू ने ट्विटर पर दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज आरएस सोढ़ी के इंटरव्यू का एक वीडियो क्लिप साझा किया। इसमें जज ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर संविधान को 'हाईजैक' कर लिया...

भारत का प्रति व्यक्ति वकील अनुपात अधिकांश देशों से बेहतर है, लेकिन कानूनी सहायता कइयों को मयस्सर नहीं : जस्टिस संजीव खन्ना
भारत का प्रति व्यक्ति वकील अनुपात अधिकांश देशों से बेहतर है, लेकिन कानूनी सहायता कइयों को मयस्सर नहीं : जस्टिस संजीव खन्ना

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा ‘न्याय तक पहुंच बढ़ाने पर उत्तरी क्षेत्रीय सम्मेलन' शीर्षक से वाराणसी में शनिवार को आयोजित नालसा के वर्ष 2023 के पहले क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश का प्रति व्यक्ति वकील अनुपात दुनिया के अधिकांश अन्य देशों की तुलना में कहीं बेहतर होने के बावजूद यह वंचितों के लिए कानूनी सहायता के मामले में संकट का सामना करता है। जस्टिस खन्ना ने कहा, "यदि कोई विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की...

अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए मजबूत न्यायपालिका जरूरी : जस्टिस इंदिरा बनर्जी
अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए मजबूत न्यायपालिका जरूरी : जस्टिस इंदिरा बनर्जी

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस लीगल स्टडीज (एनयूएएलएस) में आयोजित 16वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में बोलते हुए अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों के महत्व पर प्रकाश डाला। जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा,"न्यायपालिका संविधान की संरक्षक है। जब अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है, चाहे संवैधानिक, वैधानिक, संविदात्मक, या न्यायसंगत अधिकार हों और न्याय से इनकार किया जाता है, तो न्यायपालिका निर्णय लेने और राहत देने करने के लिए कदम उठाती है। अधिकारों को...

सुप्रीम कोर्ट में आने वाले 33 फीसदी केस जमानत आवेदन, इस पर आत्मनिरीक्षण की जरूरत : जस्टिस एस के कौल
सुप्रीम कोर्ट में आने वाले 33 फीसदी केस जमानत आवेदन, इस पर आत्मनिरीक्षण की जरूरत : जस्टिस एस के कौल

सुप्रीम कोर्ट के जज और नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस संजय किशन कौल ने शनिवार को वाराणसी में उत्तर प्रदेश राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित 'न्याय तक पहुंच बढ़ाने पर उत्तरी क्षेत्रीय सम्मेलन' शीर्षक से आयोजित वर्ष 2023 के लिए नालसा के पहले क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जमानत और सजा में छूट पर लंबित मामलों को निपटाने के लिए किसी तरह की क्रांति, लीक से हटकर सोच की जरूरत है, वरना न्यायपालिका को उन्हें निपटाने में 500 या 700 साल लगेंगे।जस्टिस कौल ने...

CJI Chandrachud
बार काउंसिलों को अधिक इनरोलमेंट फीस पर फिर से विचार करना चाहिए, सभी भाषाओं में निर्णय देने का लक्ष्य : सीजेआई

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को धन की बाधाओं को दूर करके पहली पीढ़ी के वकीलों के लिए समान अवसर तक पहुंच उपलब्ध करवाने के लिए कानूनी पेशे के लोकतंत्रीकरण की पैरवी की। सीजेआई ने मुंबई में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोलते हुए देश भर के राज्य बार काउंसिलों से अपने संबंधित बार काउंसिलों में नामांकन के लिए निर्धारित फीस स्ट्रक्चर पर फिर से विचार करने के लिए कहा।सीजेआई ने कहा, "इनरोल करना बहुत महंगा है। बार काउंसिल को इस बात पर...

मूल संरचना सिद्धांत एक चमकीला सितारा है जो संविधान की व्याख्या करने में मार्गदर्शन करता है: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
मूल संरचना सिद्धांत एक चमकीला सितारा है जो संविधान की व्याख्या करने में मार्गदर्शन करता है: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ डी वाई चंद्रचूड़ ने 'मूल संरचना सिद्धांत' (basic structure doctrine) को चमकीला सितारा कहा " जो आगे का रास्ता कठिन होने पर संविधान के व्याख्याताओं और कार्यान्वयनकर्ताओं का मार्गदर्शन करता है और उन्हें एक निश्चित दिशा देता है।" 'मूल संरचना सिद्धांत' लगभग पांच दशक पहले सुप्रीम कोर्ट के 13-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के प्रसिद्ध फैसले में विकसित हुआ था। हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस सिद्धांत पर निशाने साधते हुए कहा था कि इस फैसले ने एक बुरी मिसाल कायम...

केंद्र से नए प्रस्तावों पर दोहराए गए नाम को वरिष्ठता देने के लिए कहकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने नई मिसाल कायम की
केंद्र से नए प्रस्तावों पर दोहराए गए नाम को वरिष्ठता देने के लिए कहकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने नई मिसाल कायम की

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की ओर से हाल ही में प्रकाशित किए गए रिजोल्यूशन सुर्खियों में हैं, क्योंकि ये अभूतपूर्व उदाहरण हैं जब कोलेजियम ने केंद्र सरकार की आपत्तियों और अपने जवाबों को सार्वजनिक किया है। कोलेजियम ने केंद्र की ओर से की गइ आपत्तियों के क्षुद्र और अस्वीकार्य आधारों, जैसे किसी उम्मीदवार पर यौन रुझान के कारण आपत्ति, किसी उम्मीदवार पर सोशल मीडिया में उसकी ओर से व्यक्त किए गए विचार पर आपत्ति और किसी उम्मीदवार पर प्रधानमंत्री की आलोचना करने वाले लेख के शेयर करने के कारण आपत्ति को प्रशंसनीय...

सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के दौरान छात्रों से हॉस्टल का केवल 50% किराया वसूलने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली RGNUL की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के दौरान छात्रों से हॉस्टल का केवल 50% किराया वसूलने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली RGNUL की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RGNUL), पटियाला द्वारा दायर उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी कि स्टूडेंट से COVID-19 अवधि के लिए हॉस्टल का केवल 50% किराया लिया जाए और शेष राशि चार सप्ताह की राशि वापस की जाए।हाईकोर्ट ने कहा आक्षेपित आदेश पारित करते हुए नोट किया कि यूनिवर्सिटी ने मेस, कैंटीन, दुकानों आदि के ठेकेदारों से केवल 25% किराया वसूल किया और यह देखा कि ऐसी पृष्ठभूमि में छात्रों से पूरे...

शहरी इलाकों में बेघर लोगों के लिए शेल्टर: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर भारतीय राज्यों को शीतकालीन योजना पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया
शहरी इलाकों में बेघर लोगों के लिए शेल्टर: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर भारतीय राज्यों को शीतकालीन योजना पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा, "यह अनुमान लगाया गया कि देश की एक प्रतिशत से अधिक आबादी बेघर है। सर्दियों की शुरुआत में मैंने खुद बहुत से लोगों को कड़ाके की ठंड में सड़कों पर सोते देखा।"इसके बाद भूषण कहा कि अन्य बातों के साथ-साथ शहरी बेघरों को कड़ाके की सर्दी से बचाने के लिए उनके द्वारा अपनाए गए अस्थायी उपाय पर उत्तर भारतीय राज्यों को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए। देश के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हिस्से अभी भी भीषण शीत लहर की स्थिति से जूझ रहे हैं,...

Supreme Court
फोर्टिफाइड चावल की बोरियों पर अनिवार्य रूप से लेबल लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य पदार्थों का फोर्टिफिकेशन) विनियम, 2018 के खंड 7(4) के अनुपालन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की गई है, ताकि फोर्टिफाइड चावल की बोरियों पर अनिवार्य लेबलिंग की जा सके।जब मामले की सुनवाई हुई तो शुक्रवार को जस्टिस एस.के. कौल और जस्टिस ए.एस. ओका ने पूछा कि क्या याचिकाकर्ता ने प्रासंगिक नियमों का पालन नहीं किए जाने के मुद्दे को लेकर संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया था।याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने सकारात्मक...

Justice SK Kaul
इतिहास के कठिन समय में अनुच्छेद 226 और बुनियादी ढांचे के सिद्धांत ने लोगों की मदद की: जस्टिस एसके कौल

"हमारे इतिहास में कठिन समय में, यह अनुच्छेद 226 और बुनियादी ढांचे का सिद्धांत ने समाज और बड़े पैमाने पर लोगों की सहायता की है।“सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने गुरुवार (19 जनवरी) को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। दरअसल, याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया गया कि क्या सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सीधी अपील के वैधानिक प्रावधान के कारण उच्च न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र को पूरी तरह से बाहर रखा गया है।गौरतलब है कि न्यायाधीश की यह टिप्पणी ऐसे...

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से रोशनी लैंड में मकान नहीं गिराने को कहा, अतिक्रमण हटाने के सरकारी आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से रोशनी लैंड में मकान नहीं गिराने को कहा, अतिक्रमण हटाने के सरकारी आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा जारी एक सर्कुलर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें उपायुक्तों को 31 जनवरी, 2023 तक रोशनी लैंड और कचहरी लैंड सहित राज्य भूमि पर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने हालांकि आदेश पारित नहीं करने पर अपनी अनिच्छा व्यक्त की, लेकिन इसने केंद्र शासित प्रदेश से मौखिक रूप से किसी भी घर को नहीं गिराने को कहा।बेंच ने मौखिक रूप से कहा,"हम आज कोई आदेश पारित नहीं कर रहे हैं। आप उन्हें मौखिक रूप से...