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निवारक हिरासत कानून असाधारण उपाय, जब साधारण आपराधिक कानून   के तहत उपचार उपलब्ध हों तो इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
निवारक हिरासत कानून असाधारण उपाय, जब साधारण आपराधिक कानून के तहत उपचार उपलब्ध हों तो इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि प्रिवेंटिव डिटेंशन लॉ यानि निवारक हिरासत कानून'आपातकालीन स्थितियों से निपटने के आरक्षित एक असाधारण उपाय' है और इसे 'कानून और व्यवस्था' लागू करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। अदालत ने भारत के संविधान के तहत लोगों को दी गई स्वतंत्रता की गारंटी पर विचार किए बिना, बिना सोचे-समझे निवारक हिरासत के आदेश पारित करने की तेलंगाना राज्य में बढ़ती प्रवृत्ति की कड़ी निंदा की।इस संदर्भ में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने...

एक राष्ट्र, एक चुनाव से लोकतांत्रिक जवाबदेही कम होगी: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से लोकतांत्रिक जवाबदेही कम होगी: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने हाल ही लाइवलॉ के साथ "एक राष्ट्र, एक चुनाव" की अवधारणा पर बातचीत की। उन्होंने कहा, लोकसभा, विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने से लोकतांत्रिक जवाबदेही कमजोर हो सकती है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव की व्यवहार्यता की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।कुरैशी ने कहा कि विशुद्ध रूप से प्रशासनिक सुविधा के नजरिए से देखा जाए तो यह विचार ठीक है; हालांकि, लोकतंत्र के लिए इसके गंभीर निहितार्थ हैं। उन्होंने...

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम | स्व-रोज़गार के माध्यम से आजीविका कमाने के उद्देश्य से व्यावसायिक वस्तुओं की खरीदारी करने वाला उपभोक्ता की श्रेणी में : सुप्रीम कोर्ट
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम | स्व-रोज़गार के माध्यम से आजीविका कमाने के उद्देश्य से व्यावसायिक वस्तुओं की खरीदारी करने वाला 'उपभोक्ता' की श्रेणी में : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कोई व्यक्ति पुनर्विक्रय के लिए या बड़े पैमाने पर लाभ कमाने वाली गतिविधि में उपयोग के लिए सामान खरीदता है, तो वह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के संरक्षण का हकदार 'उपभोक्ता' नहीं होगा। हालांकि, यदि क्रेताओं द्वारा स्व-रोज़गार के माध्यम से अपनी आजीविका कमाने के उद्देश्य से व्यावसायिक उपयोग होता है तो वस्तुओं के ऐसे क्रेता 'उपभोक्ता' बने रहेंगे।अधिनियम के तहत अभिव्यक्ति "व्यावसायिक उद्देश्य" की व्याख्या करते हुए, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की...

विेधायिका सीधे किसी फैसले को पलट नहीं सकती, लेकिन अदालती आदेश के आधार में बदलाव के लिए कानून बना सकती है : सुप्रीम कोर्ट
विेधायिका सीधे किसी फैसले को पलट नहीं सकती, लेकिन अदालती आदेश के आधार में बदलाव के लिए कानून बना सकती है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया, जैसा कि एक संवैधानिक अदालत ने न्यायिक समीक्षा की अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए बताया है, विधायिका के द्वारा पहले के कानून में किसी दोष को दूर करना स्वीकार्य है, अदालत ने कहा कि दोष को विधायी प्रक्रिया द्वारा भविष्य में संभावित (prospectively) या अतीत में बीत चुकी चीजों का फिर से अवलोकन कर के (retrospectively) दूर किया जा सकता है और इनसे पिछले कार्यों को भी मान्यता दी जा सकती है. जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा,“हालांकि, जहां एक...

किसी महिला के लिए जो क्रूरता है, वह किसी पुरुष के लिए क्रूरता शायद न हो, जब पत्नी तलाक चाहती है तो अधिक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता : सुप्रीम कोर्ट
किसी महिला के लिए जो क्रूरता है, वह किसी पुरुष के लिए क्रूरता शायद न हो, जब पत्नी तलाक चाहती है तो अधिक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (06.09.2023) को एक अलग रह रही पत्नी द्वारा तलाक की मांग को लेकर दायर याचिका को अनुमति देते हुए कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम अधिनियम की धारा 13(1)(ia) के तहत 'क्रूरता' शब्द अदालतों को इसे उदारतापूर्वक और प्रासंगिक रूप से लागू करने के लिए व्यापक विवेक देता है। न्यायालय ने क्रूरता के अर्थ की व्याख्या करते हुए कहा कि जो एक व्यक्ति के लिए क्रूरता है, वह दूसरे के लिए क्रूरता नहीं हो सकती और इसका अर्थ इसके संदर्भ में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा, ''इसे मौजूद...

चेक बाउंस मामले को धारा 482 के तहत केवल तभी रद्द किया जा सकता है, जब राशि पूरी तरह से वसूली योग्य ना हो; कर्ज टाइम बार्ड है या नहीं, यह साक्ष्य का प्रश्न: सुप्रीम कोर्ट
चेक बाउंस मामले को धारा 482 के तहत केवल तभी रद्द किया जा सकता है, जब राशि पूरी तरह से वसूली योग्य ना हो; कर्ज टाइम बार्ड है या नहीं, यह साक्ष्य का प्रश्न: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सवाल कि क्या क्या चेक को टाइम बार्ड डेट (ऋण) के लिए जारी किया गया, का ‌निर्धारण साक्ष्य के आधार पर किया जाना चाहिए।जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा,"यह केवल उन मामलों में है, जहां वह राशि, जिसके लिए चेक जारी किया गया है और वह बाउंस हो गया है और वह राशि बिल्कुल भी वसूली योग्य नहीं है, और उसकी वसूली के लिए आपराधिक कार्रवाई शुरू की गई है, सीमा क्षेत्राधिकार (threshold jurisdiction) का सवाल उठेगा।ऐसे मामलों में, सीआरपीसी की धारा 482 के तहत...

हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के किसी फैसले का पालन करने से इस आधार पर इनकार नहीं कर सकते कि उस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार लंबित है: सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के किसी फैसले का पालन करने से इस आधार पर इनकार नहीं कर सकते कि उस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार लंबित है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट इस आधार पर उसके किसी बाध्यकारी फैसले का पालन करने से इनकार नहीं कर सकते कि उस फैसले को या तो बड़ी बेंच को भेजा गया है, या उसके खिलाफ पुनर्विचार लंबित है।इसमें कहा गया,“हम अपने सामने हाईकोर्ट के निर्णयों और आदेशों को देख रहे हैं, जो इस आधार पर मामलों का निर्णय नहीं कर रहे हैं कि इस विषय पर इस न्यायालय का प्रमुख निर्णय या तो बड़ी बेंच को भेजा गया है, या उससे संबंधित पुनर्विचार याचिका लंबित है। हमने ऐसे उदाहरण भी देखे हैं कि हाईकोर्ट ने इस न्यायालय के...

सरकारी सेवकों का ग्रहणाधिकार तभी समाप्त होता है, जब उन्हें किसी अन्य पद पर मौलिक रूप से नियुक्त किया जाता है/पुष्ट किया जाता है या स्थायी रूप से शामिल किया जाता है: सुप्रीम कोर्ट
सरकारी सेवकों का 'ग्रहणाधिकार' तभी समाप्त होता है, जब उन्हें किसी अन्य पद पर 'मौलिक' रूप से नियुक्त किया जाता है/पुष्ट किया जाता है या स्थायी रूप से शामिल किया जाता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी का 'ग्रहणाधिकार' (Lien) केवल तभी समाप्त होता है, जब उसे किसी अन्य पद पर 'मौलिक रूप से' नियुक्त किया जाता है/पुष्टि की जाती है या स्थायी रूप से शाामिल किया जाता है, अन्यथा, उनका ग्रहणाधिकार पिछले पद पर जारी रहेगा। जस्टिस जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन की पीठ मामले पर सुनवाई कर रही थी।मामले में दायर अपील में उठाए गए सवाल इस प्रकार थे-(1) क्या कर्नाटक सिविल सेवा नियमों के नियम 252 (बी) के अनुसार गुलबर्गा यू‌निवर्सिटी की ओर से...

कोई भी एक जमानत आदेश को उसके बाद के सभी मामलों में लागू नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट ने पीएसीएल घोटाले में जमानत देने से इनकार किया
कोई भी एक जमानत आदेश को उसके बाद के सभी मामलों में लागू नहीं किया जा सकता': सुप्रीम कोर्ट ने पीएसीएल घोटाले में जमानत देने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 40,000 करोड़ से अधिक के घोटाले में फंसी रियल एस्टेट कंपनी PACL (पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के पूर्व निदेशकों, गुरुमीत सिंह और सुब्रत भट्टाचार्य को जमानत देने से इनकार कर दिया। इन पूर्व निदेशकों पर देशभर में कई निवेशकों को धोखा देने का आरोप है। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ 2014 में नई दिल्ली में दर्ज एक एफआईआर और पूरे देश में विभिन्न शिकायतकर्ताओं द्वारा दायर शिकायतें जिनकी जाँच विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है उन पर जमानत देने के...

सुनिश्चित करें कि राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को समय पर भुगतान किया जाए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा
सुनिश्चित करें कि राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को समय पर भुगतान किया जाए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (04.09.2023) को राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकीलों को देय कानूनी फीस (Legal Fees) की अदायगी के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की।सुप्रीम कोर्ट उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने अपने इस आदेश में राज्य सरकार को वकील की बकाया कानूनी फीस पर ब्याज का भुगतान करने का निर्देश दिया था।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने ब्याज का भुगतान करने के...

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार जाति सर्वेक्षण मामले की सुनवाई अक्टूबर तक के लिए स्थगित की
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार जाति सर्वेक्षण मामले की सुनवाई अक्टूबर तक के लिए स्थगित की

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिहार सरकार द्वारा पिछले महीने कराए गए जाति-आधारित सर्वेक्षण की संवैधानिकता पर संदेह करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ बिहार सरकार के जाति-आधारित सर्वेक्षण को बरकरार रखने के पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ गैर-सरकारी संगठनों 'यूथ फॉर इक्वेलिटी' और 'एक सोच एक प्रयास' की याचिका पर सुनवाई कर रही है। यह फैसला हाईकोर्ट की एक खंडपीठ द्वारा सुनाया गया, जिसने इस तर्क को खारिज कर दिया कि जाति के आधार पर डेटा एकत्र करने...

जजों की समिति की वकील ने उनके खिलाफ मणिपुर सरकार के बयान पर आपत्ति जताई; सीजेआई ने एसजी से कहा, वकील को इससे दूर रखें
जजों की समिति की वकील ने उनके खिलाफ मणिपुर सरकार के बयान पर आपत्ति जताई; सीजेआई ने एसजी से कहा, 'वकील को इससे दूर रखें'

मणिपुर हिंसा मामलों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जजों की समिति का प्रतिनिधित्व कर रही सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने मणिपुर सरकार के मुख्य सचिव द्वारा दायर हलफनामे में उनके खिलाफ दिए गए कुछ प्रतिकूल बयानों पर आपत्ति जताई।यह कहते हुए कि हलफनामा उन पर "सीधा हमला" है, अरोड़ा ने कहा कि वह हाईकोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली समिति के लिए पेश होने से खुद को अलग कर लेंगी।अरोड़ा ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को बताया,"हमने...

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 13 हिमालयी राज्यों की वहन क्षमता का आकलन किया जाना चाहिए
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 13 हिमालयी राज्यों की वहन क्षमता का आकलन किया जाना चाहिए

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें 13 हिमालयी क्षेत्र के राज्यों की वहन क्षमता निर्धारित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का सुझाव दिया गया है।सुप्रीम कोर्ट 13 हिमाचल राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कैरीइंग कैपेसिटी स्टडी आयोजित करने की मांग वाली याचिका पर विचार कर रहा है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने 21 अगस्त को याचिकाकर्ता और प्रतिवादी को इस मुद्दे पर...

अधिकारियों से संपर्क करने में देरी योग्य व्यक्तियों को पदोन्नति से वंचित करने का आधार नहीं: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
अधिकारियों से संपर्क करने में देरी योग्य व्यक्तियों को पदोन्नति से वंचित करने का आधार नहीं: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने 12 साल बाद पदोन्नति के लिए एक कर्मचारी के दावे को यह कहते हुए अनुमति दी है कि प्रत्येक व्यक्ति को पदोन्नति के लिए विचार किए जाने का अधिकार है।जस्टिस रवि नाथ तिलहरी और जस्टिस डॉ न्यायमूर्ति के मनमाधा राव की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पदोन्नति की मांग के लिए अधिकारियों से संपर्क नहीं किया, यह उसे अस्वीकार करने का स्थायी आधार नहीं है।पीठ ने कहा,“उत्तरदाताओं 1 से 4 का यह रुख कि याचिकाकर्ता ने पदोन्नति के लिए अधिकारियों से संपर्क नहीं किया, अत्यधिक अस्थिर है। पदोन्नति के...

मुजफ्फरनगर छात्र को थप्पड़ मारने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस से जांच के स्टेटस और पीड़ित की सुरक्षा के बारे में पूछा
मुजफ्फरनगर छात्र को थप्पड़ मारने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस से जांच के स्टेटस और पीड़ित की सुरक्षा के बारे में पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (6 सितंबर) को मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के पुलिस अधीक्षक से उस शिक्षक के खिलाफ मामले में जांच की स्थिति के बारे में एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जिस शिक्षक अन्य छात्रों को एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने के लिए कहा था। दो हफ्ते पहले इस घटना का एक वीडियो सामने आया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। कोर्ट ने एसपी से अपराध के पीड़ित की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता और...

न्यायाधीशों की नियुक्तियां | सुप्रीम कोर्ट नियुक्तियों को अधिसूचित करने में देरी को लेकर केंद्र के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर 26 सितंबर को सुनवाई करेगा
न्यायाधीशों की नियुक्तियां | सुप्रीम कोर्ट नियुक्तियों को अधिसूचित करने में देरी को लेकर केंद्र के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर 26 सितंबर को सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को संवैधानिक अदालतों में नियुक्ति के लिए अदालत के कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए नामों पर केंद्र सरकार की रोक के खिलाफ दायर याचिका सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ के समक्ष एडवोकेट अमित पई द्वारा शीघ्र सुनवाई के लिए इस याचिका का मौखिक रूप से उल्लेख किया गया।याचिका एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु द्वारा दायर की गई, जिसने केंद्र पर 2021 के फैसले में अदालत के निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। इसने न्यायिक...

जज सिर्फ एक रिकार्डिंग मशीन नहीं है, उसे ट्रायल में सच्चाई का पता लगाने के लिए चौकन्ना होना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
जज सिर्फ एक रिकार्डिंग मशीन नहीं है, उसे ट्रायल में सच्चाई का पता लगाने के लिए चौकन्ना होना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 4 सितंबर को पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया, जिसमें हाईकोर्ट के दृष्टिकोण में कई खामियां पाए जाने के बाद, 10 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के अपराध के लिए एक दोषी की मौत की सजा की पुष्टि की गई थी। हाईकोर्ट द्वारा मामले को पुनर्विचार के लिए भेजते समय, सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्ष सुनवाई की अवधारणा के बारे में कड़ी टिप्पणियां कीं। यह फैसला जस्टिस जेबी पारदीवाला द्वारा लिखा गया था और इसकी शुरुआत हैरी ब्राउन के एक कोट से होती है:"एक निष्पक्ष ट्रायल वह है जिसमें साक्ष्य के...

सुप्रीम कोर्ट में असम एनआरसी, विधानसभाओं में आरक्षण, रिश्वत मामलों में सांसदों/विधायकों को छूट से संबंधित मुद्दों पर सुनवाई के लिए नई संविधान पीठ का गठन
सुप्रीम कोर्ट में असम एनआरसी, विधानसभाओं में आरक्षण, रिश्वत मामलों में सांसदों/विधायकों को छूट से संबंधित मुद्दों पर सुनवाई के लिए नई संविधान पीठ का गठन

सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ संवैधानिक महत्व के तीन मामलों की सुनवाई 20 सितंबर, 2023 से शुरू करेगी। हालिया सूचना के अनुसार, संविधान पीठ में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल होंगे।जिन तीन महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा होनी है, वह असम लोक निर्माण बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, अशोक कुमार जैन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और सीता सोरेन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया है।उल्लेखनीय है कि असम लोक निर्माण का मामला असम एनआरसी से...

सुप्रीम कोर्ट ने एलएएचडीसी-कारगिल चुनावों की अधिसूचना रद्द की; JKNC को हल चिन्ह का हकदार माना
सुप्रीम कोर्ट ने एलएएचडीसी-कारगिल चुनावों की अधिसूचना रद्द की; JKNC को 'हल' चिन्ह का हकदार माना

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में बुधवार को कारगिल क्षेत्र में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) चुनाव के लिए 5 अगस्त को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया, जो 10 सितंबर को निर्धारित है।कोर्ट ने आगे कहा कि जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी (JKNC) 'हल' चुनाव चिन्ह की हकदार है। कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख द्वारा JKNC को 'हल' चिन्ह आवंटित करने के विरोध में दायर याचिका खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने याचिका दायर करने के लिए...

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर मणिपुर पुलिस की एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर मणिपुर पुलिस की एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

सुप्रीम कोर्ट पूर्वोत्तर राज्य में संघर्ष पर एक रिपोर्ट पर ईजीआई की फैक्ट फाइंडिंग टीम के तीन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मणिपुर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया गया था। पीठ ने याचिकाकर्ताओं से मामले के कागजात तैयार रखने को कहा ताकि इस पर सुनवाई की जा सके।ईजीआई की ओर से...