बॉम्बे हाईकोर्ट

फादर स्टेन स्वामी की स्वाभाविक मृत्यु हुई, उन्हें शीघ्र मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया: राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया
'फादर स्टेन स्वामी की स्वाभाविक मृत्यु हुई, उन्हें शीघ्र मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया': राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया

बॉम्बे हाईकोर्ट को सोमवार को सूचित किया गया कि फादर स्टेन स्वामी की मृत्यु पर अनिवार्य मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट मई की शुरुआत में महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (MSHRC) के समक्ष प्रस्तुत की गई, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि उनकी मृत्यु 'स्वाभाविक' है।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस रंजीतसिंह भोंसले की खंडपीठ को राज्य द्वारा सूचित किया गया कि MSHRC के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर) अनंत बदर और सदस्य संजय कुमार की पीठ ने 2 मई, 2025 को मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट स्वीकार की थी, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि स्वामी...

शराब लाइसेंस मामले में FIR के खिलाफ समीर वानखेड़े की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नया नोटिस जारी किया
शराब लाइसेंस मामले में FIR के खिलाफ समीर वानखेड़े की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नया नोटिस जारी किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को विवादास्पद IRS अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा 2022 में दायर याचिका पर नया नोटिस जारी किया। इस याचिका में नवी मुंबई में एक होटल शुरू करने के लिए शराब लाइसेंस प्राप्त करने हेतु अपनी उम्र कथित रूप से गलत बताने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग की गई। वानखेड़े ने नाबालिग रहते हुए नवी मुंबई में एक होटल शुरू करने के लिए शराब लाइसेंस प्राप्त किया।बता दें, ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन ने वानखेड़े के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 181 (लोक सेवक को झूठा...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने घरेलू टूर्नामेंट खेलने के इच्छुक OCI क्रिकेटरों को अंतरिम राहत देने से इनकार किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने घरेलू टूर्नामेंट खेलने के इच्छुक OCI क्रिकेटरों को अंतरिम राहत देने से इनकार किया

यह देखते हुए कि OCI कार्डधारकों को भारत में घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों में खेलने की अनुमति देना भारतीय नागरिकों की कीमत पर होगा, बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में भारतीय प्रवासी नागरिकों (OCI) के एक समूह को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उस प्रस्ताव को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें ऐसे टूर्नामेंटों में भाग लेने से प्रतिबंधित किया गया।जस्टिस एम एस सोनक और जस्टिस अद्वैत एम सेठना की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने स्पष्ट मनमानी का मामला नहीं बनाया या...

सीलबंद संपत्ति से छेड़छाड़ और विलंब के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 लाख का भारी जुर्माना लगाया
सीलबंद संपत्ति से छेड़छाड़ और विलंब के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 लाख का भारी जुर्माना लगाया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट किया कि कोई भी अधिभोगी (Occupant) जो कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त किरायेदार नहीं है। उसे मालिक की अनुमति के बिना परिसर में किसी भी तरह के तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने या सौंपने का कोई हक़, शीर्षक या हित नहीं है।जस्टिस कमल खाता ने ऑटो क्रेडिट कॉर्पोरेशन और रेखा प्रकाश जैन के आचरण पर गंभीर संज्ञान लिया। इन दोनों ने सील की गई संपत्ति में हस्तक्षेप करने और वसीयत संबंधी कार्यवाही में देरी करने की कोशिश की। कोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए...

केवल अनुबंध की जानकारी या उससे होने वाले आकस्मिक लाभों की संभावना, निजता स्थापित करने के लिए पर्याप्त नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
'केवल अनुबंध की जानकारी या उससे होने वाले आकस्मिक लाभों की संभावना, निजता स्थापित करने के लिए पर्याप्त नहीं': बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि किसी अनुबंध या उससे होने वाले आकस्मिक लाभों की जानकारी मात्र से अनुबंध की निजता स्थापित नहीं हो सकती या तीसरे पक्ष के विरुद्ध प्रवर्तनीय अधिकार प्रदान नहीं किए जा सकते। अदालत ने निर्णय दिया कि प्रत्यक्ष संविदात्मक संबंध के अभाव में, कोई वाद-कारण उत्पन्न नहीं होता।जस्टिस कमल खता अमेय रियल्टी एंड कंस्ट्रक्शन एलएलपी (प्रतिवादी नंबर 9) द्वारा दायर अंतरिम आवेदन पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें श्री कंस्ट्रक्शन कंपनी (वादी) द्वारा दायर वाद को खारिज करने का अनुरोध किया गया था।...

धोखाधड़ी के आरोपों और DRT में लंबित कार्यवाही से मध्यस्थता पर रोक नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट का फ़ैसला
धोखाधड़ी के आरोपों और DRT में लंबित कार्यवाही से मध्यस्थता पर रोक नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट का फ़ैसला

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मध्यस्थता (आर्बिट्रेशन) के दायरे पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि केवल आपराधिक FIR दर्ज होने या ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) में कार्यवाही लंबित होने से विवादों को मध्यस्थता के लिए संदर्भित करने पर कोई रोक नहीं लगती है।जस्टिस अद्वैत एम. सेथना की पीठ ने मध्यस्थता अधिनियम, 1996 की धारा 11 के तहत दायर आवेदन स्वीकार किया और मंगल क्रेडिट एंड फिनकॉर्प लिमिटेड और उल्का चंद्रशेखर नायर के बीच ऋण विवादों के समाधान के लिए पूर्व चीफ जस्टिस नरेश एच. पाटिल को एकमात्र मध्यस्थ...

गिरफ्तारी अपमान लाती है, स्थायी दाग छोड़ती है: अवैध गिरफ्तारी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार पर 1 लाख का जुर्माना लगाया
गिरफ्तारी अपमान लाती है, स्थायी दाग छोड़ती है: अवैध गिरफ्तारी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार पर 1 लाख का जुर्माना लगाया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में महाराष्ट्र सरकार पर 1 लाख का जुर्माना लगाते हुए कहा कि एक कर्नाटक निवासी व्यक्ति को गलत धाराओं में फंसाकर अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया और 20 दिनों तक जेल में रखा गया, जो कानून का गंभीर दुरुपयोग है।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस संदीश पाटिल की खंडपीठ ने पाया कि बांद्रा पुलिस थाने के इंस्पेक्टर प्रदीप केरकर और उपनिरीक्षक कपिल शिरसाठ ने अपने सीनियर अधिकारियों से अनुमति लिए बिना ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) जोड़ दी...

सार्वजनिक भूमि हड़पने का आम तरीका: दक्षिण मुंबई में झुग्गी पुनर्वास के लिए 33 एकड़ सरकारी ज़मीन के आवंटन पर हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई
'सार्वजनिक भूमि हड़पने का आम तरीका': दक्षिण मुंबई में झुग्गी पुनर्वास के लिए 33 एकड़ सरकारी ज़मीन के आवंटन पर हाईकोर्ट ने आपत्ति जताई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में दक्षिण मुंबई के पॉश इलाके कफ परेड और कोलाबा में झुग्गीवासियों द्वारा अतिक्रमण की गई लगभग 33 एकड़ सरकारी ज़मीन को 65,000 झुग्गियों के पुनर्विकास और पुनर्वास की आड़ में बेचने के राज्य सरकार के प्रयास पर सवाल उठाया।जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस आरती साठे की खंडपीठ यह देखकर हैरान रह गई कि झुग्गीवासियों ने सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण कर लिया और अब उन्होंने एक सोसाइटी का गठन किया और झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) के तहत पुनर्वास भवन के निर्माण के लिए डेवलपर को नियुक्त...

AI Tools यूज़ करके सेलिब्रिटी वॉइस का अनधिकृत उपयोग अधिकारों का उल्लंघन: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आशा भोसले को राहत दी
AI Tools यूज़ करके सेलिब्रिटी वॉइस का अनधिकृत उपयोग अधिकारों का उल्लंघन: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आशा भोसले को राहत दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि बिना सहमति के किसी भी आवाज़ को सेलिब्रिटी की आवाज़ में बदलने की अनुमति देने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स उपलब्ध कराना व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन है।जस्टिस आरिफ एस. डॉक्टर प्रसिद्ध पार्श्व गायिका आशा भोसले द्वारा दायर मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे। आशा भोसले ने उन कंपनियों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिन पर AI-आधारित एप्लिकेशन विकसित करने और पेश करने का आरोप है, जिन्होंने गाने और अन्य सामग्री बनाने के लिए उनकी आवाज़ का क्लोन बनाया। इन एप्लिकेशन ने...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी की SBI द्वारा उनके लोन खाते को धोखाधड़ी घोषित करने के खिलाफ याचिका खारिज की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी की SBI द्वारा उनके लोन खाते को "धोखाधड़ी" घोषित करने के खिलाफ याचिका खारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के उस आदेश को खारिज करने से इनकार कर दिया, जिसमें रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन खाते और इसके अध्यक्ष अनिल अंबानी को "धोखाधड़ी (Fraud)" के रूप में वर्गीकृत किया गया था।जस्टिस रेवती मोहित-डेरे और डॉ. नीला गोखले की डिवीजन बेंच ने यह आदेश सुनाया। ध्यान देने योग्य है कि अंबानी और उनकी कंपनी के खाते को "धोखाधड़ी" के रूप में 13 जून 2025 को आरबीआई के मास्टर डायरेक्शन्स ऑन फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट और SBI की आंतरिक नीति के तहत वर्गीकृत किया गया था। ...

भीमा कोरेगांव मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने हनी बाबू की ज़मानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
भीमा कोरेगांव मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने हनी बाबू की ज़मानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर हनी बाबू की ज़मानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।बाबू पर एल्गार परिषद भीमा कोरेगांव मामले में कथित भूमिका के लिए मामला दर्ज किया गया।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस रंजीत सिंह भोंसले की खंडपीठ ने बाबू द्वारा दायर ज़मानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।जस्टिस गडकरी ने मामले को फैसले के लिए बंद करते हुए कहा,"हमें आदेश सुनाने में कुछ समय लग सकता है।"गौरतलब है कि स्पेशल कोर्ट के आदेश के खिलाफ बाबू की प्रारंभिक अपील हाईकोर्ट ने खारिज...

लिखित बयान दाखिल करने की परिसीमा का प्रारंभिक बिंदु समन की तामील की तिथि: बॉम्बे हाईकोर्ट
लिखित बयान दाखिल करने की परिसीमा का प्रारंभिक बिंदु समन की तामील की तिथि: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (CPC) के आदेश VIII नियम 1 के तहत लिखित बयान दाखिल करने की समय-सीमा प्रतिवादी द्वारा वकालतनामा दाखिल करने की तिथि से नहीं, बल्कि वादपत्र की प्रति के साथ समन की तामील की तिथि से शुरू होती है। अदालत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वादपत्र की तामील की ज़िम्मेदारी वादी की है और प्रतिवादी से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वह केवल इसलिए वादपत्र की प्रति प्राप्त करने के लिए अदालत में आवेदन करे, क्योंकि वकालतनामा पहले ही दाखिल किया जा चुका है।जस्टिस...

दिल्ली हाईकोर्ट ने श्री श्री रविशंकर के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की, डीपफेक और मॉर्फ्ड सामग्री पर रोक लगाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने श्री श्री रविशंकर के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की, डीपफेक और मॉर्फ्ड सामग्री पर रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में "द आर्ट ऑफ़ लिविंग" फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा हेतु जॉन डो आदेश पारित किया।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने जॉन डो (अज्ञात संस्थाओं) को श्री श्री रविशंकर के व्यक्तित्व और उनके नाम, आवाज़, इमेज, समानता, भाषण और प्रस्तुति की अनूठी शैली या उनकी पहचान से जुड़ी किसी भी अन्य विशेषता का उनकी सहमति के बिना किसी भी व्यावसायिक या व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग करने से रोक दिया।यह निर्देश सभी प्रारूपों और सभी माध्यमों पर लागू होता है,...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को उसकी आगामी शादी के आधार पर ज़मानत दिए जाने पर आपत्ति जताई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को उसकी आगामी शादी के आधार पर ज़मानत दिए जाने पर आपत्ति जताई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार (1 सितंबर) को सामूहिक बलात्कार के मामले में आरोपी व्यक्ति को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई ज़मानत इस आधार पर रद्द की कि उसकी शादी होने वाली है और पीड़िता के गुप्तांगों पर कोई चोट नहीं है।सिंगल जज जस्टिस डॉ. नीला गोखले ने कहा कि डिंडोशी (बोरीवली संभाग) के एडिशनल सेशन जज ने 24 फ़रवरी, 2025 को आकाश बिंदु नामक व्यक्ति को इस आधार पर ज़मानत दी कि उसकी शादी मार्च, 2025 के पहले सप्ताह में होनी थी।जज ने कहा,"मुझे सबसे ज़्यादा परेशानी इस बात से है कि ट्रायल कोर्ट ने विवादित आदेश...

वाद वापसी के आवेदन पर विचार किए बिना ट्रायल कोर्ट वाद में संशोधन के आवेदन पर निर्णय नहीं ले सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट
वाद वापसी के आवेदन पर विचार किए बिना ट्रायल कोर्ट वाद में संशोधन के आवेदन पर निर्णय नहीं ले सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि जब कोई प्रतिवादी सीपीसी के आदेश VII नियम 10 के तहत वाद वापसी के लिए आवेदन दायर करता है तो ट्रायल कोर्ट को वादी द्वारा मांगे गए किसी भी संशोधन पर विचार करने से पहले उस आवेदन की जांच करनी चाहिए। अदालत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि वाद दायर करते समय किसी कोर्ट के पास स्वाभाविक रूप से अधिकार क्षेत्र का अभाव है तो उसे संशोधन के माध्यम से अधिकार क्षेत्र प्रदान नहीं किया जा सकता।जस्टिस वाल्मीकि मेनेजेस 6 जून, 2025 के उस आदेश को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर सुनवाई कर रहे थे,...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालाबार गोल्ड को पाकिस्तान का हमदर्द बताने वाली पोस्ट हटाने का आदेश दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालाबार गोल्ड को 'पाकिस्तान का हमदर्द' बताने वाली पोस्ट हटाने का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (29 सितंबर) को अंतरिम आदेश में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को आभूषण ब्रांड 'मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स' के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट हटाने का निर्देश दिया। मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को लंदन में अपने ब्रांड के प्रचार के लिए पाकिस्तानी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की सेवाएं लेने पर इंटरनेट यूजर्स द्वारा पाकिस्तान का हमदर्द करार दिया जा रहा है।गौरतलब है कि वादी मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स लिमिटेड की यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम में शोरूम खोलने की योजना थी। स्थानीय ग्राहकों तक...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म में जानकी और रघुराम शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म में 'जानकी और रघुराम' शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को नोटिस जारी कर छत्तीसगढ़ की फिल्म 'जानकी' के निर्माताओं द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने को कहा। इस फिल्म पर इसके शीर्षक और फिल्म के मुख्य कलाकारों के नामों को लेकर आपत्ति जताई गई।निर्माताओं के अनुसार, CBFC ने फिल्म के शीर्षक 'जानकी' पर आपत्ति जताई, क्योंकि यह देवी सीता का नाम है। केंद्रीय एजेंसी ने फिल्म में मुख्य पुरुष पात्र 'रघुराम' के नाम पर भी आपत्ति जताई। यह फिल्म मुख्य किरदारों रघुराम और जानकी और उनके रिश्ते के इर्द-गिर्द...

केवल व्यभिचार के आरोप के आधार पर पत्नी को पति की फैमिली पेंशन में अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
केवल व्यभिचार के आरोप के आधार पर पत्नी को पति की फैमिली पेंशन में अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में शुक्रवार को कहा कि किसी महिला पर केवल "व्यभिचार" का आरोप लगाने मात्र से उसे महाराष्ट्र सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1982 (MCSR) के तहत अपने मृत पति की फैमिली पेंशन में अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।इसलिए जस्टिस मनीष पिताले और जस्टिस यशवराज खोबरागड़े की खंडपीठ ने एक मृत व्यक्ति के भाई और माँ को कोई राहत देने से इनकार किया, जो अपनी पत्नी पर व्यभिचार का आरोप लगाने के बाद उससे अलग रह रहा था।जजों ने कहा कि MCSR के अनुसार, "भाई और माँ" जैसे रिश्ते "परिवार के...

सामुदायिक नेता का अपमान धर्म का अपमान नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मनोज जरांगे के खिलाफ FIR रद्द की
सामुदायिक नेता का अपमान धर्म का अपमान नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मनोज जरांगे के खिलाफ FIR रद्द की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि किसी सामाजिक या राजनीतिक नेता को अपमानित करना या उनके प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करना उनके धर्म या धार्मिक भावनाओं के अपमान के समान नहीं माना जा सकता।अदालत ने औरंगाबाद में बेंच के रूप में सुनवाई करते हुए मनोज जरांगे-पाटिल, जो मराठा समुदाय के आरक्षण आंदोलन के प्रमुख नेता हैं, उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया।न्यायमंडल के जस्टिस विभा कंकणवाड़ी और जस्टिस हिटेन वेनेगावकर ने कहा कि धारा 295A IPC का उद्देश्य धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान रोकना है न कि किसी...