बॉम्बे हाईकोर्ट
सिर्फ़ इसलिए कि दोषी अविवाहित है, उसे फर्लो से मना करना सही आधार नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने हाल ही में कहा कि जेल अधिकारी किसी दोषी को सिर्फ़ इस आधार पर फर्लो या पैरोल देने से मना नहीं कर सकते कि वह युवा है और अविवाहित है। इस तरह भाग सकता है और जेल वापस नहीं आ सकता।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस वृषाली जोशी की खंडपीठ ने 1 अगस्त को नागपुर के विशेष महानिरीक्षक जेल को हत्या के दोषी 26 वर्षीय प्रहलाद गुप्ता द्वारा दायर आवेदन पर विचार करने का आदेश दिया, जिसने उत्तर प्रदेश में अपने परिवार से मिलने के लिए फर्लो मांगी थी। जजों ने जेल अधिकारियों के इस तर्क को...
IT Rules Amendment & Fact-Check Units: बॉम्बे हाईकोर्ट के टाई-ब्रेकर जज ने फैसला सुरक्षित रखा
बॉम्बे हाई कोर्ट के टाई-ब्रेकर जज जस्टिस अतुल चंदुरकर ने गुरुवार को कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा दायर याचिका में अपना फैसला सुरक्षित रखा जिसमें IT संशोधन नियम, 2023 को चुनौती दी गई है जो केंद्र सरकार को सोशल मीडिया पर किसी भी नकली या भ्रामक जानकारी की पहचान करने के लिए तथ्य जांच इकाइयां (FCU) स्थापित करने का अधिकार देता है।जस्टिस चंदुरकर ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर एडवोकेट नवरोज़ सीरवाई और अरविंद दातार के साथ-साथ एडवोकेट शादान फरासत और गौतम भाटिया द्वारा फरवरी 2024 से विभिन्न तिथियों...
Institute Of Actuaries Of India Regulations| बॉम्बे हाईकोर्ट ने एसोसिएट सदस्यों को प्रैक्टिस सर्टिफिकेट प्राप्त करने से रोकने वाले विनियमन की वैधता को बरकरार रखा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इंस्टीट्यूट ऑफ एक्चुअरीज ऑफ इंडिया (सदस्य के रूप में प्रवेश और अभ्यास प्रमाणपत्र जारी करना) विनियम 2017 के विनियमन 10 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। विनियमन 10 'सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस' प्राप्त करने के लिए आवश्यक योग्यताएं निर्धारित करता है। यह सीओपी एक व्यक्ति को 2006 के बीमांकक अधिनियम के तहत बीमांकक के रूप में अभ्यास करने की अनुमति देता है।बीमांकिक अधिनियम की धारा 2 (a) में प्रदान किए गए अनुसार 'बीमांकिक' एक व्यक्ति है, जो अन्य बातों के साथ-साथ वित्त मॉडलिंग, जोखिम...
धारा 498ए आईपीसी | ससुराल वालों पर सिर्फ़ इस आरोप के आधार पर मामला दर्ज नहीं किया जा सकता कि उन्होंने उस पति का साथ दिया,जिसने पत्नी के साथ क्रूरता की: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि केवल इसलिए कि शिकायत में कहा गया है कि ससुराल वालों ने पत्नी के साथ क्रूरता करने में पति का साथ दिया, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने आईपीसी की धारा 498ए के तहत दंडनीय अपराध किया है। जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने एक परिवार के चार सदस्यों के खिलाफ क्रूरता का मामला खारिज कर दिया, जो सभी एक महिला के ससुराल वाले थे, जिन्होंने मार्च 2014 में उनके खिलाफ धारा 498ए के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।पीठ ने 25 जुलाई के अपने आदेश में कहा, "केवल,...
धारा 498A IPC का वास्तव में दुरुपयोग किया जा रहा है, यहां तक कि बिस्तर पर पड़े व्यक्तियों को भी शामिल किया जा रहा: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग पर अपनी चिंता दोहराई।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने कहा कि उन्हें धारा 498 ए के तहत अपराधों के "पीड़ितों के लिए सहानुभूति" है, लेकिन उन्हें अभी भी लगता है कि कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है। खंडपीठ ने कहा, ''वकील महोदय, हम कह सकते हैं कि 498ए का धड़ल्ले से दुरुपयोग हो रहा है। हमें उस अपराध के शिकार व्यक्ति के प्रति सहानुभूति है लेकिन तथ्य यह है कि उपबंध का दुरुपयोग किया जा रहा है।...
सहकारी न्यायालय के लिए अधिकार क्षेत्र के अभाव में उचित न्यायालय के समक्ष वाद वापस करने का कोई प्रावधान नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम, 1960 (MCS Act) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो सहकारी न्यायालय को उपयुक्त अदालत के समक्ष वाद वापस करने का अधिकार देता है जब सहकारी न्यायालय के पास संबंधित विवाद की सुनवाई करने का कोई अंतर्निहित अधिकार क्षेत्र नहीं है।इसने आगे कहा कि भले ही सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 एक सीमित सीमा तक सहकारी न्यायालय पर लागू होती है, लेकिन यह सहकारी न्यायालय को 'सिविल कोर्ट' नहीं बनाता है। याचिकाकर्ता को प्रतिवादी-बैंक से प्रबंधक के रूप में उसकी सेवाओं...
सीनियर एडवोकेट जूनियर को डरा नहीं सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवनियुक्त राज्य वकील पर आवाज उठाने के लिए सीनियर वकील को फटकार लगाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को सीनियर एडवोकेट को आपराधिक मामले में बहस करते समय नवनियुक्त सहायक लोक अभियोजक (APP) को धमकाने के लिए फटकार लगाई।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने उस समय अपनी चिंता जाहिर की, जब नामित सीनियर वकील ने अपनी आवाज उठाकर महिला APP को डराने की कोशिश की।जस्टिस मोहिते-डेरे ने खुली अदालत में सीनियर एडवोकेट से कहा,"एडवोकेट आपको इसे रोकने की आवश्यकता है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। आप उसे इस तरह से नहीं डरा सकते। सीनियर एडवोकेट से इसकी अपेक्षा नहीं...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति समिति के पांच सदस्यों को जमानत दी, 2018 सनबर्न फेस्ट में बम विस्फोट की साजिश रचने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों- 'सनातन संस्था' और 'हिंदू जनजागृति समिति' पांच कथित सदस्यों को जमानत दी। इन्हें 2018 में पुणे जिले में आयोजित सनबर्न फेस्टिवल में प्रतिभागियों को आतंकित करने के लिए बम विस्फोट की कथित साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने जमानत देते हुए कहा कि हालांकि आरोप यह है कि पांच लोगों - सुजीत रंगास्वामी, अमित बड्डी, गणेश मिस्किन, श्रीकांत पंगारकर और भरत कुराने ने फेस्टिवल में बम विस्फोट करने...
झगड़े के दौरान महिला के बाल खींचना, उसे धक्का देना उसकी शील भंग नहीं करता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बागेश्वर बाबा के 5 अनुयायियों को राहत दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि झगड़े के दौरान किसी महिला के बाल खींचना या धक्का देना उसका शील भंग करने के बराबर नहीं है, क्योंकि उसका शील भंग करने का 'इरादा' होना चाहिए।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने मुंबई पुलिस को पांच लोगों - अभिजीत करंजुले, मयूरेश कुलकर्णी, ईश्वर गुंजाल, अविनाश पांडे और लक्ष्मण पंत - के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 लगाने का निर्देश देने से इनकार कर दिया - ये सभी धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा के अनुयायी हैं।जजों...
मूल्यांकन आदेश में प्रत्येक प्रश्न पर संतुष्टि का उल्लेख हो, यह अनिवार्य नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में माना कि मूल्यांकन आदेशों में उठाए गए प्रत्येक प्रश्न के संबंध में अपनी संतुष्टि प्रकट करने के लिए संदर्भ और/या चर्चा शामिल करना अनिवार्य नहीं है। जस्टिस केआर श्रीराम और जस्टिस जितेंद्र जैन की पीठ ने कहा है कि चूंकि आदेश में खतरनाक अपशिष्ट के मुद्दे पर कोई चर्चा या निष्कर्ष नहीं है, इसलिए प्रतिवादी विभाग को याचिकाकर्ता के स्पष्टीकरण को स्वीकार कर लेना चाहिए।याचिकाकर्ता/करदाता चिकित्सा उपकरणों के आयात, निर्माण और आपूर्ति में लगा हुआ है। व्यवसाय के दौरान,...
1 जुलाई, 2024 से पहले दर्ज मामलों की जांच CrPC के अनुसार की जाएगी, न कि BNSS के अनुसार: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने हाल ही में कहा कि 1 जुलाई, 2024 से पहले दर्ज मामलों में अब निरस्त दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के प्रावधान जांच पर लागू होंगे, न कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के।एकल न्यायाधीश जस्टिस भारत देशपांडे ने इस तर्क को खारिज किया कि चूंकि नया कानून आ गया है, इसलिए 1 जुलाई से पहले दर्ज मामलों की जांच नए लागू BNSS के अनुसार करनी होगी।जज ने कहा,"इस प्रावधान और विशेष रूप से बचत खंड अर्थात BNSS, 2023 की धारा 531 की उपधारा 2(ए) को सरलता से पढ़ने पर यह स्पष्ट रूप से पता...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की 'लड़की बहिन' और 'युवा कार्य' योजनाओं को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की 'लड़की बहिन योजना' और 'युवा कार्य' योजनाओं को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (PIL) खारिज की।लड़की बहिन योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता देना है। जबकि युवा कार्य योजना राज्य के तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नामांकित 18 से 35 वर्ष के युवाओं को 6000 रुपये से लेकर 10000 रुपये प्रति माह तक का वजीफा प्रदान करेगी।चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की खंडपीठ ने याचिका खारिज...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गणेश चतुर्थी पर सब्सिडी वाले खाद्य किट वितरित करने के लिए "आनंदचा सिद्धा" योजना के लिए जारी टेंडर को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज
महाराष्ट्र सरकार को राहत देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य द्वारा "आनंदचा सिद्धा" (खुशी की किट) योजना को लागू करने के लिए शुरू की गई टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे। इस योजना के तहत राज्य आगामी गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए 1.7 करोड़ लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्य किट वितरित करेगा।पिछले साल दिवाली के त्यौहार के लिए शुरू की गई इस योजना के अनुसार, 1 किलो सूजी, चीनी, चना दाल और सोयाबीन तेल युक्त खाद्य किट 100 रुपये में उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना को...
भूमि अधिग्रहण के 36 साल बाद भी मुआवज़ा न देना संवैधानिक और मानवाधिकारों का उल्लंघन: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) को व्यक्ति को मुआवज़ा न देने के लिए फटकार लगाई, जिसकी ज़मीन 36 साल पहले उसके द्वारा अधिग्रहित की गई थी। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि यह निष्क्रियता व्यक्ति के संवैधानिक और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।याचिकाकर्ता की ज़मीन का प्लॉट MHADA/प्रतिवादी नंबर 2 द्वारा महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 (MHADA Act) के तहत 1988 में अधिग्रहित किया गया था।इस मामले पर पहली बार 2003 में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने विचार किया। विशेष भूमि...
हाईकोर्ट ने 'जज द्वारा सीनियर एडवोकेट को तरजीह देने' का आरोप लगाने वाले वकील की फेसबुक पोस्ट पर नाराजगी जताई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक वकील की फेसबुक पोस्ट पर नाराजगी जताई। उक्त पोस्ट में वकील ने जजों पर सीनियर एडवोकेट को तरजीह देने और आदेश पारित करने में उनके फेस वैल्यू का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने यह देखकर परेशान हुए कि वकील ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर दो जजों के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करते हुए कुछ तुच्छ आरोप लगाए। हालांकि बाद में पोस्ट हटा दी गई।जस्टिस गडकरी ने सीनियर एडवोकेट गिरीश कुलकर्णी से कहा, जो आपराधिक मामले के लिए पीठ...
Rape On Pretext Of Marriage | किराए का घर मुहैया कराना पीड़िता से शादी करने की मंशा नहीं बल्कि उसे आसानी से उपलब्ध रखने की मंशा दर्शाता है: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी महिला के लिए किराए का घर मुहैया कराता है तो इससे यह साबित नहीं होता कि उसका उससे शादी करने का इरादा है बल्कि यह दर्शाता है कि उसका इरादा उसे अपनी मौज-मस्ती के लिए आसानी से उपलब्ध रखने का है।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने एक व्यक्ति की इस दलील को स्वीकार करने से इनकार किया कि उसने शिकायतकर्ता महिला के लिए किराए का घर मुहैया कराया था, जिससे यह साबित होता है कि उसका उससे शादी करने का इरादा है।जजों ने कहा,"पीड़िता के...
Hate Speech : BJP नेता विक्रम पावस्कर के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति प्राप्त करने के लिए हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को 4 सप्ताह का समय दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र पुलिस को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्य उपाध्यक्ष विक्रम पावस्कर के खिलाफ Hate Speech के आरोपों के लिए चार सप्ताह के भीतर मुकदमा चलाने की अनुमति प्राप्त करने का आदेश दिया।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने मुख्य लोक अभियोजक हितेन वेनेगावकर की दलीलों पर गौर किया। उन्होंने न्यायाधीशों को बताया कि सांगली में नफरत फैलाने वाले भाषण के मामले में आरोपपत्र पावस्कर सहित आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ दायर किया गया।वेनेगावकर ने जजों से...
तलाक लेने का अधिकार व्यक्ति का निजी अधिकार, बेटे की मौत के बाद परिवार कार्यवाही नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि तलाक लेने का अधिकार किसी व्यक्ति का निजी अधिकार है। इसे किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी उसके परिवार के सदस्यों तक नहीं बढ़ाया जा सकता।जस्टिस मंगेश पाटिल और जस्टिस शैलेश ब्रह्मे की खंडपीठ ने पुणे के व्यक्ति की मां और भाइयों द्वारा दायर अपील खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया, जिन्होंने COVID-19 प्रकोप के दौरान उस व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी के खिलाफ आपसी सहमति से तलाक की कार्यवाही जारी रखने की मांग की थी।जजों ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13बी(2) के तहत तलाक...
पाकिस्तान या किसी खाड़ी देश में चले जाओ, भारत के उदार रवैये का अनुचित लाभ मत उठाओ: बॉम्बे हाईकोर्ट ने निर्धारित समय से अधिक वक्त रुकने वाले शरणार्थी से कहा
भारत में निर्धारित समय से अधिक समय तक रहने वाले शरणार्थी पर कड़ी फटकार लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को यमन के नागरिक से कहा कि वह यहां निर्धारित समय से अधिक समय तक रहने के बजाय पाकिस्तान या किसी अन्य खाड़ी देश में चला जाए।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि शरणार्थी भारत के उदार रवैये का अनुचित लाभ नहीं उठा सकता।जजों ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा,"आप पाकिस्तान जा सकते हैं, जो पड़ोस में है। या आप किसी भी खाड़ी देश में जा सकते हैं। भारत के उदार...
Maratha Reservation | समुदाय असाधारण रूप से पिछड़ा है, कई लोग अंधविश्वास होने के कारण बेटियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर देते हैं: MSCBC ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने की अपनी सिफारिश को उचित ठहराते हुए महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (MSCBC) ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि समुदाय को मुख्यधारा के समाज के 'अंधकारमय छोर' पर धकेल दिया गया और मराठा अपनी बेटियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही कर देते हैं और अंधविश्वास का भी पालन करते हैं।पूर्व हाईकोर्ट जज जस्टिस (रिटायरमेंट) सुनील शुक्रे की अध्यक्षता वाले MSCBC को आयोग की रिपोर्ट में छेद करने वाली विभिन्न याचिकाओं का जवाब देते हुए हलफनामा दायर करने का आदेश दिया गया,...


















