सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

Update: 2020-11-30 08:44 GMT

23 नवंबर से 27 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।

पुनर्गठन के बाद सृजित पदों को पदोन्नति से भरने में आरक्षण नीति लागू होगी, सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दोहराया कि पुष्पा रानी मामले में 2008 में दिए फैसले के आधार पर, जहां कैडरों के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप नए पदों का सृजन हुआ था, आरक्षण की नीति उन पदों पर पदोन्नति को लागू करने में लागू होगी। जस्टिस यूयू ललित, विनीत सरन और रवींद्र भट की पीठ पटना हाईकोर्ट में भारत सरकार द्वारा दायर एक रिट याचिका से पैदा एक स्थानांतरित मामले की सुनवाई कर रही थी। कैट,पटना के समक्ष एक ओए दायर किया गया था, जिसमें बिहार में केंद्रीय उत्पाद शुल्क निरीक्षक के पद को पुनर्गठन का मुद्द उठाया गया था।

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प्रणाल‌ीगत भेदभाव और लैंगिक बाधाएं महिला वकीलों को बाधित करती हैं, मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने संविधान दिवस पर कहा

जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल द्वारा 'रीइमैजिनिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग द फ्यूचर ऑफ लॉ स्कूल्स एंड लीगल एजुकेशन: कॉन्फ्लुएंस ऑफ आइडियाज एंड बियॉन्ड COVID-19' विषय पर आयोजित वैश्विक अकादमिक सम्मेलन शुक्रवार को संपन्न हुआ। सम्‍मेलन 25 नवंबर, 2020 को शुरू हुआ ‌था। सम्मेलन के दरमियान, संविधान दिवस फोरम में, मुख्य वक्ता- जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने कानूनी शिक्षा और पेशे में महिलाओं के लिए स्थान के संबंध में महत्वपूर्ण टिप्पण‌ियां की।

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एक बार अंतिम फैसला आ जाए तो अनुच्छेद 32 के तहत चुनौती नहीं दी जा सकती : सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई धमाकों के दोषी की किशोर होने की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 1993 के मुंबई धमाकों के दोषी मोहम्मद मोइन फरीदुल्ला कुरैशी को अपने 21 मार्च, 2013 के फैसले को चुनौती देने के लिए क्यूरेटिव याचिका दायर करने की स्वतंत्रता दी, जिसमें उम्रक़ैद की सजा को बरकरार रखा गया था। कुरैशी, जो 17 साल और 3 महीने का था, जब उसने विस्फोटकों के साथ वाहनों को लोड किया था और 12 मार्च, 1993 को मुंबई में विनाशकारी प्रभाव के लिए उनमें टाइमर फिट किया था, ने किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों की पैरवी कर राहत की मांग की थी।

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न्यायाधिकरणों में न्यायिक सदस्यों के लिए अधिवक्ताओं को शामिल न करना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत : सुप्रीम कोर्ट

19 न्यायाधिकरणों में से 10 में अधिवक्ताओं को शामिल ना करना, न्यायिक सदस्यों के रूप में विचार करने के लिए भारत संघ बनाम मद्रास बार एसोसिएशन (2010) और मद्रास बार एसोसिएशन बनाम भारत संघ के निर्णयों के विपरीत है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए एक वकील की योग्यता केवल 10 साल है, वे इस विचार के हैं कि एक न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए विचार किए जाने के लिए बार में अनुभव उसी तर्ज़ पर होना चाहिए।

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लोन पर मोहलत: लोन की 8 श्रेणियों में ब्याज माफी के फैसले को लागू करने के सभी उपाय ‌किए जाएं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर आठ निर्दिष्ट श्रेणियों में दो करोड़ तक के लोन पर ब्याज माफ करने के अपने फैसले को लागू करने के लिए सभी कदम उठाए जाएं। जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने उन रिट याचिकाओं के एक समूह का निस्तारण किया, जिनमें एक मार्च से 31 अगस्त तक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दी गई ऋण स्थगन अवधि में ब्याज माफी की मांग की गई थी।

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'स्वतंत्रता कुछ के लिए उपहार नहीं है': सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट और जिला अदालतों को लंबित जमानत आवेदनों की निगरानी करने को कहा

अर्नब गोस्वामी मामले में अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारत में न्यायिक अनुक्रम में अदालतों के लिए जोर देने की जरूरत है कि जमानत के आवेदनों की सुनवाई होने की संस्थागत समस्या का उपाय करें और इसका निपटारा शीघ्रता से किया जाए। जस्टिस कृष्णा अय्यर की राजस्थान, जयपुर बनाम बालचंद की टिप्पणियों का हवाला देते हुए, अदालत ने कहा कि हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली का मूल नियम "जमानत है, जेल नहीं'भारत की जिला न्यायपालिका, उच्च न्यायालयों और इस न्यायालय को इस सिद्धांत को लागू करना चाहिए। इस कर्तव्य को छोड़ना नहीं चाहिए, इस न्यायालय को हर समय हस्तक्षेप करने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदिरा बैनर्जी की पीठ ने अर्नब मनोरंजन गोस्वामी बनाम महाराज राज्य मामले में कहा।

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मौजूदा स्थिति लोन मोराटोरियम को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाये जाने की मांग करती है: तारीख बढ़ाये जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

लोन मोराटोरियम की अवधि 31 मार्च 2021 तक बढ़ाये जाने के दिशानिर्देश दिये जाने की मांग को लेकर एक संशोधन अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है। सुप्रीम कोर्ट लोन मोराटोरियम की अवधि बढ़ाये जाने और चक्रवृद्धि ब्याज माफ किये जाने को लेकर कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है। इन याचिकाकर्ताओं में से शामिल वकील विशाल तिवारी ने अपनी याचिका की मूल मांग में संशोधन का अनुरोध किया है। उन्होंने पहले मोराटोरियम की अवधि 31 दिसम्बर तक बढ़ाये जाने की मांग की थी, लेकिन अब उन्होंने यह कहते हुए इसे 31 मार्च 2021 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है कि मौजूदा स्थिति और जरूरतें इसकी अवधि बढ़ाये जाने की मांग कर रही हैं।

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सुप्रीम कोर्ट गुजरात के राजकोट में COVID-19 नामित एक अस्पताल में तड़के आग लगने के मामले में स्वतः संज्ञान लिया

कोर्ट ने कहा कि COVID-19 अस्पतालों में आग की घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है और अस्पतालों में ऐसी आग की घटनाओं को कम करने और रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा कोई वैध उपाय नहीं किए जा रहे हैं। अदालत ने केंद्र को अगले सप्ताह मंगलवार तक अस्पतालों में आग से बचाव के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया और गुजरात राज्य को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। जिसमें जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने आदेश दिया,

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शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए पीजी सुपर-स्पेशियलिटी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इन-सर्विस कोटा नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय को निर्देश दिया कि वह शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए पीजी सुपर-स्पेशियलिटी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग के लिए आगे बढ़ें। पीठ ने 2020-21 में प्रवेश के लिए सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल पाठ्यक्रमों में इन-सर्विस कोटा प्रदान करने के लिए केरल उच्च न्यायालय और तमिलनाडु सरकार के निर्देशों पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि यह दिशानिर्देश केवल वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के प्रवेशों पर लागू है।

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राजीव गांधी हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पेरारीवलन का पैरोल एक सप्ताह के लिए और बढ़ाया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 की हत्या के दोषी एजी पेरारीवलन के पैरोल को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया, और तमिलनाडु राज्य को उसकी चिकित्सा जांच के लिए एस्कॉर्ट प्रदान करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ पेरारीवलन द्वारा दायर एक अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसके पैरोल के विस्तार की मांग की गई थी, और वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन की दलीलों पर विचार किया, जिन्होंने अदालत से पेरारीवलन की किडनी क्षति के प्रकाश में को चार सप्ताह तक पैरोल विस्तारित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

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"एक दिन के लिए स्वतंत्रता से वंचित रखना एक दिन से भी बहुत अधिक है, आपराधिक कानून नागरिकों के चयनात्मक उत्पीड़न के लिए एक उपकरण नहीं बनना चाहिए": सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की जमानत के फैसले पर कहा

सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की रिहाई के पीछे एक विस्तृत दलील देते हुए कहा है कि "आपराधिक कानून नागरिकों के चयनात्मक उत्पीड़न के लिए एक उपकरण नहीं बनना चाहिए।" न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने आज फैसला सुनाया और अदालत ने टिप्पणी की, "एक दिन के लिए स्वतंत्रता से वंचित रखना एक दिन से भी बहुत अधिक है .." सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश अगली कार्यवाही तक लागू रहेंगे और यह आगे के उपाय के लिए पक्षों के लिए खुला रहेगा।

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को ट्रिब्यूनलों में सदस्यों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायाधिकरण आयोग गठित करने का निर्देश दिया

जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एस रविंद्र भट की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने केंद्र को विभिन्न ट्रिब्यूनलों में सदस्यों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायाधिकरण आयोग गठित करने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय आयोग के गठन तक न्यायाधिकरणों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कानून और न्याय मंत्रालय में एक अलग विंग का गठन किया जाना चाहिए। बेंच ने 'ट्रिब्यूनल, अपीलीय ट्रिब्यूनल और अन्य प्राधिकरणों (सदस्यों की सेवा की योग्यता, अनुभव और अन्य शर्तें) नियम, 2020 (' ट्रिब्यूनल रूल्स 2020) 'की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर ये फैसला सुनाया है।

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न्याय तक पहुंच अब तकनीकी पर निर्भर, वर्चुअल सुनवाई का नियम असमानता नया रूप लाया है : सीजेआई बोबडे

भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा, "वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल सुनवाई का ये नियम सतह पर असमानता के एक नए रूप को ले आया है, जिससे निपटना मुश्किल है क्योंकि न्याय तक पहुंच अब तकनीकी पर निर्भर है। उन लोगों के लिए यह मुश्किल है जिनके पास प्रौद्योगिकी तक पहुंच नहीं है। मैं कानून मंत्री का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा जो इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री भी हैं, यह देखने के लिए कि क्या स्थिति का कोई उपाय तलाशा जा सकता है ... निश्चित रूप से, यह सरकार के लिए एक बड़ी लागत होगी।"

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"यह सब बाहर से बहुत आसान प्रतीत होता है ... हम देखेंगे": सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 128 के तहत अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की याचिका पर अपने सेकेट्ररी जनरल को 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने सेकेट्ररी जनरल को शीर्ष अदालत में अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की याचिका पर प्रतिक्रिया देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन की पीठ एनजीओ लोक प्रहरी द्वारा 2019 की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एस एन शुक्ला, महासचिव, लोक प्रहरी ने शुरू किया, "यह एक प्रतिकूल मामला नहीं है। लेकिन 15 उत्तरदाताओं (भारत संघ, सुप्रीम कोर्ट और 13 उच्च न्यायालयों के होने के नाते) में से किसी ने भी अब तक जवाब दाखिल नहीं किया है।"

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बिहार जज पर पुलिस का हमला : सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उप निरीक्षक को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिहार के औरंगाबाद में हुई उस घटना की न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिका पर दो सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी, जिसमें एक पुलिस उप- निरीक्षक द्वारा जिला न्यायाधीश डॉ दिनेश कुमार प्रधान को कथित तौर पर धमकी दी गई, उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उनका पीछा किया गया। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट विशाल तिवारी को निर्देश दिया कि वह संबंधित पुलिस अधिकारी को एक पक्षकार बनाए और फिर अदालत का दरवाजा खटखटाए।

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बोझिल माहौल का एक सामान्य आरोप ट्रायल को एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए पर्याप्त नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने देखा है कि बोझिल माहौल का एक सामान्य आरोप ट्रायल को एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए पर्याप्त नहीं है। न्यायमूर्ति ह्रषिकेश रॉय ने भटिंडा, मोगा और फरीदकोट जिलों में न्यायालयों के समक्ष लंबित आपराधिक मामलों के ट्रायल को दिल्ली या किसी भी नजदीकी राज्य में स्थानांतरित करने की मांग करने वाली जतिंदरवीर अरोड़ा और अन्य द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए कहा, "एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रायल का स्थानांतरण अनिवार्य रूप से राज्य की न्यायपालिका की विश्वसनीयता को प्रतिबिंबित करेगा। निष्पक्ष न्याय से वंचित करने के कारकों और स्पष्ट स्थिति को छोड़कर, स्थानांतरण शक्ति को लागू नहीं किया जाना चाहिए।"

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'कोई भी मशीन अचूक नहीं है' : सुप्रीम कोर्ट में आगामी चुनाव में EVM की बजाए बैलेट पेपर का उपयोग करने की याचिका

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें चुनाव आयोग से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का उपयोग बंद करने और आगामी चुनावों में इसकी बजाय बैलेट पेपर का उपयोग करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में त्रुटि होने का खतरा अधिक है और कई अन्य देशों ने इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि इसकी पारदर्शिता और सटीकता पर संदेह उठाया गया है

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न्यायिक नियुक्तियों पर फैसले नहीं लेना कार्यपालिका के "शस्त्रागार में नया हथियार" हैः गोपाल सुब्रमणियम

सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रमणियम ने कहा है कि कॉलेजियम की सिफारिशों पर फैसले नहीं लेना कार्यपालिका के "शस्त्रागार में नया हथियार" है। 23 नवंबर को आयोजित एक वेब‌िनार में, जिसका विषय था, "भारतीय लोकतंत्र में कानून का शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के अ‌स्‍थायी अर्थ" पर कहा, "एक स्वतंत्र न्यायपालिका के बिना, संविधान कुछ भी नहीं है, बल्‍कि कोरे वादों का संग्रह है।" सुब्रमणियम, जिन्होंने 2014 में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित चार नामों में से, केंद्र सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति पर रोक लगाने के बाद, नाटकीय ढंग से जज के पद के लिए अपनी सहमति वापस ले ली थी, ने कहा, "कार्यपालिका ने अपने शस्त्रागार में एक नया हथियार पाया है। यह उन नियुक्तियों पर बैठ सकती है, जिससे वह असहज है। न्यायपालिका बहुत ज्यादा नहीं कर सकती है।"

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'अडानी को हवाई अड्डों के प्रबंधन में कोई पिछला अनुभव नहीं है': केरल सरकार ने अडानी समूह को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा लीज़ पर देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

केरल सरकार ने अडानी एंटरप्राइजेज को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे को लीज पर देने के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के कदम को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। केरल सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की मनमानी और अवैध कार्रवाई को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। 19 अक्टूबर को केरल उच्च न्यायालय ने तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए अडानी एंटरप्राइजेज को दिए गए टेंडर के खिलाफ दायर रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

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अनुच्छेद 32 के तहत हम तथ्यों के पहलुओं में नहीं जा सकते : सुप्रीम कोर्ट ने बदले की भावना से किये गये तबादले को चुनौती देने वाली बैंक कर्मचारी की याचिका सुनने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा, "संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत हम तथ्यों की तह में नहीं जा सकते। यदि हम इस तरह कार्य करते हैं तो हमारी अदालती प्रणाली ध्वस्त हो जायेगी।" न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की खंडपीठ यस बैंक के एक कर्मचारी शीलेश शिवशंकरण की याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने बैंक में गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाने के कारण बदले की भावना से किये गये तबादले को चुनौती दी थी तथा इस मामले की जांच का भारतीय रिजर्व बैंक को आदेश देने की मांग की गयी थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने अमरावती भूमि घोटाले की FIR पर मीडिया रिपोर्टिंग और सोशल मीडिया टिप्पणियों पर प्रतिबंध लगाने वाले आंध्र हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अमरावती भूमि घोटाले की एफआईआर की सामग्री पर मीडिया रिपोर्टिंग और सोशल मीडिया टिप्पणियों पर प्रतिबंध लगाने वाले आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने 15 सितंबर को उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर स्थगन आदेश पारित किया।

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वोहरा समिति की रिपोर्ट में बताई गई "आपराधिक-राजनीतिक सांठगांठ" की लोकपाल की निगरानी में जांच हो : सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें वोहरा समिति की रिपोर्ट में बताई गई "आपराधिक-राजनीतिक सांठगांठ" की लोकपाल की निगरानी में जांच की मांग की गई है। अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में राष्ट्रीय जांच प्राधिकरण, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, खुफिया ब्यूरो, एसएफआईओ, रॉ, सीबीडीटी, एनसीबी द्वारा जांच की निगरानी के लिए लोकपाल की मांग की गई है। यह कहते हुए कि कार्रवाई का कारण तब हुआ जब वोहरा समिति ने आपराधिक- राजनीतिक सांठगांठ पर अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपी थी।

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बुजुर्ग और बीमार मां- बाप की देखभाल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने UAPA के दो दोषियों को दी अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए के दो दोषियों को अपने माता-पिता की देखभाल करने के लिए एक महीने के लिए अंतरिम जमानत दी है। दरअसल हाफिज अब्दुल मजीद और अरुण कुमार जैन और कुछ अन्य को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18, 18 बी और 20 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। उच्च न्यायालय ने सजा को बरकरार रखा और सजा को 14 साल के कठोर कारावास में बदल दिया। आरोपियों के खिलाफ मामला यह था कि उन्होंने कथित तौर पर गोला-बारूद और जाली भारतीय मुद्रा संग्रहीत की, और पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण के लिए एक टीम बनाने की भी कोशिश की।

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सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के आरोपी की बेल के खिलाफ जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए गुजरात सरकार को 'एक आखिरी अवसर' दिया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हत्या के उस आरोपी को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली अपील पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए गुजरात सरकार को एक अंतिम अवसर दिया, जिसमें राजकोट के पास एक कारखाने के परिसर में एक अनुसूचित जाति के युवक की कथित तौर पर पिटाई कर दी गई थी। "राज्य के वकील से प्रार्थना के लिए एक सप्ताह का समय, एक अंतिम अवसर के रूप में, जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए दिया गया है," जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने आदेश दिया। पीठ ने एक सप्ताह के बाद मामले को सूचीबद्ध किया।

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संपत्ति का अधिकार एक मूल्यवान संवैधानिक अधिकार बना हुआ है : सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

इस मामले में, हालांकि हाईकोर्ट ने भूमि स्वामी द्वारा सूट की जमीनों के स्वामित्व और टाइटल के संबंध में उठाए गए संतोष के साथ सहमति व्यक्त की, लेकिन इसने केंद्र सरकार को उसकी भूमि खाली करने का निर्देश देने के दावे को खारिज कर दिया और केंद्र के खुला छोड़ दिया कि ऐसी भूमि के अधिग्रहण के लिए उचित कार्यवाही शुरू करे। केंद्र सरकार के पास आवश्यक संपत्ति और अचल संपत्ति अधिनियम, 1952 के अधिग्रहण के तहत यह भूमि कब्जे में थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश भर के पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने से संबंधित एक मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया। जस्टिस रोहिंटन एफ. नरीमन, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की एक बेंच ने 45 दिनों से अधिक के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने और एकत्रित करने के सवाल पर शुक्रवार तक वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे, एमिकस क्यूरी को एक व्यापक नोट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती हिरासत यातना के मामले से निपटनने के लिए देश के हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया था।

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रेल पटरियों के पास 48000 झुग्गियों को अभी हटाया नहीं जाएगा : रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दोहराया

रेलवे ने मंगलवार को को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दोहराया है कि शीर्ष अदालत के 31 अगस्त के आदेश के तहत दिल्ली में रेलवे ट्रैक के पास की झुग्गियों को फिलहाल हटाया नहीं जाएगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि रेलवे अभी केंद्र सरकार और अन्य विभागों से विचार कर रहा है और अभी तक किसी फैसले पर नहीं पहुंचा गया है। अदालत ने रेलवे के आग्रह के चलते सुनवाई को चार हफ्ते के लिए टाल दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने एजेंट को इस शर्त पर अंतरिम जमानत दी कि वो बहामास पुलिस द्वारा गिरफ्तार युवकों को वापस लाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब के उस इमिग्रेशन एजेंट को अंतरिम जमानत दे दी, जिसने शिकायतकर्ता से धोखाधड़ी कर उससे बच्चों को यूएसए भेजने के वादे पर 40 लाख रुपये ले लिए और बच्चों को कहीं अज्ञात जगह भेज दिया। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के नवंबर, 2019 के आदेश के खिलाफ नियमित जमानत से इनकार करते हुए एसएलपी पर सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ का विचार था कि याचिकाकर्ता अंतरिम जमानत पर ऐसे नियमों और शर्तों के तहत रिहा होने का हकदार है जो ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की जानी चाहिए, जिसमें यह शर्त भी शामिल हो सकती है कि याचिकाकर्ता शिकायतकर्ता के बच्चों का पता लगाने और उन्हें वापस लाने का प्रयास करेगा और वह राज्य के साथ-साथ भारत संघ को भी सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।

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अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्राधिकार है, इसे राजस्व मामले की प्रक्रिया को टालने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा, "अनुच्छेद 32 एक बहुत ही मूल्यवान क्षेत्राधिकार है। यह मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक सुरक्षा कवच है। इसका इस्तेमाल अन्य प्रक्रिया को टालने के लिए नहीं किया जा सकता।" न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की खंडपीठ सेंचुरी मेटल रिसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर उस रिट याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा आयातित अल्यूमिनियम स्क्रैप के मूल्यांकन को चुनौती दी गयी थी।

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