सुप्रीम कोर्ट
भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश के बावजूद साइट पर खुदाई पर सवाल उठाए
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना के समक्ष रखे, जिसके तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था।जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने यह आदेश पारित करते हुए कहा कि सीजेआई की अगुआई वाली बेंच ऐसे कई मामलों की सुनवाई कर रही है, जिनमें पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती दी गई है।हालांकि एडवोकेट विष्णु...
S.142 NI Act | प्राधिकरण के प्रश्न पर कंपनी की चेक अनादर शिकायत खारिज/रद्द करना अनुचित : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि चेक अनादर के मामलों में जहां शिकायतकर्ता एक कंपनी है, वहां मुकदमे के दौरान यह दिखाना आवश्यक है कि शिकायत, यदि भुगतानकर्ता द्वारा दायर नहीं की गई है तो शिकायतकर्ता की विषय-वस्तु के बारे में जानकारी रखने वाले किसी व्यक्ति द्वारा दायर की गई। इसके अलावा, उसी व्यक्ति को शिकायत को आगे बढ़ाने के लिए विधिवत अधिकृत भी होना चाहिए।जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने आगे इस बात पर प्रकाश डाला कि अभियुक्त मुकदमे के दौरान शिकायतकर्ता के प्राधिकरण और संबंधित...
Farmers' Protests | 'केंद्र यह बयान क्यों नहीं दे सकता कि उनके दरवाजे किसानों के लिए खुले हैं?' सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल द्वारा नेक्स्ट फ्रेंड गुनिन्दर कौर गिल के माध्यम से दायर याचिका पर सुनवाई की, जिसमें चल रहे किसान आंदोलन में उठाए गए बड़े मुद्दों में न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग की गई, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग भी शामिल थी। सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने मौखिक रूप से केंद्र सरकार से पूछा कि वह वास्तविक शिकायतों पर विचार करने के लिए तत्परता क्यों नहीं व्यक्त कर सकती।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ के समक्ष जब मामला आया...
Places Of Worship Act मामले में असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की, जिसमें पूजा स्थल अधिनियम 1991 (Places Of Worship Act) को लागू करने की मांग की गई। याचिका में धार्मिक स्थलों पर दावा करने वाले मुकदमों पर विचार करने और उन पर सर्वेक्षण आदेश पारित करने से पहले अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में सभी न्यायालयों को सामान्य निर्देश देने की भी मांग की गई।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने जनहित...
Farmers Protest | 'आपका रवैया सुलह करने वाला नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने दल्लेवाल को अस्पताल न भेजने पर पंजाब सरकार की खिंचाई की
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (2 जनवरी) को पंजाब सरकार पर नाराजगी जताई कि उसने पहले दिए गए निर्देशों के अनुसार भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को अस्पताल नहीं भेजा।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि दल्लेवाल को अस्पताल भेजने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें अपना अनशन तोड़ देना चाहिए और वे मेडिकल सहायता के तहत अपनी भूख हड़ताल जारी रख सकते हैं।खंडपीठ ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि उसका रवैया सुलह के खिलाफ है। खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि...
साल 2024 के सुप्रीम कोर्ट के 5 चर्चित और ऐतिहासिक फैसले
सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में कई उल्लेखनीय निर्णय सुनाए (2024 के 100 महत्वपूर्ण फैसले यहां पढ़ें)। उक्त स्टोरी में से यहां चर्चित पांच निर्णयों का चयन किया गया है, जिनका प्रभाव कानून के शासन को मजबूत करने, न्यायपालिका में जनता के विश्वास को बढ़ाने और सामाजिक और राजनीतिक स्पेक्ट्रम में सकारात्मक बदलाव लाने का है।1. बिलकिस बानो मामले में आरोपियों की सजा माफी रद्द कीसुप्रीम कोर्ट ने बहुप्रतीक्षित फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जनवरी) को गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान बिलकिस बानो...
2024 में राजनेताओं की जमानत के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले
2024 में सुप्रीम कोर्ट को जिन कई जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाना था, उनमें से कुछ राजनीतिक नेताओं की पसंद थीं। इनमें शामिल हैं - आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह; BRS नेता के कविता; तमिलनाडु के पूर्व मंत्री (और विधायक) वी सेंथिल बालाजी; झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन; यूपी के विधायक अब्बास अंसारी और पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री (और विधायक) पार्थ चटर्जी।इनमें से ज़्यादातर मामलों में फ़ैसले स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखने और लंबे समय तक प्री-ट्रायल...
किसानों की मांग है कि अगर केंद्र बातचीत के लिए तैयार तो दल्लेवाल मेडिकल सहायता लेंगे: पंजाब एजी ने सुप्रीम कोर्ट में बताया
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को भूख हड़ताल पर बैठे किसान आंदोलन के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को मेडिकल सहायता देने के निर्देशों का पालन करने के लिए और समय दिया।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर अगली सुनवाई 2 जनवरी, 2024 तक टाल दी।पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ को बताया कि हस्तक्षेपकर्ता और वार्ताकार विरोध स्थल पर गए। एजी ने कहा कि विरोध स्थल पर...
सुप्रीम कोर्ट ने सर्जन को मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद संक्रमण होने पर 3.5 लाख रुपये देने का दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राज्य उपभोक्ता आयोग के निष्कर्षों को बहाल कर दिया, जिसमें पाया गया कि वर्तमान प्रतिवादी, एक नेत्र सर्जन, निदान करने में विफल रहा था और मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद अपीलकर्ता को संक्रमण और फोड़ा विकसित होने के बाद सुधारात्मक कदम उठाने में भी विफल रहा था।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की खंडपीठ ने इसे मेडिकल लापरवाही करार दिया और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के इस निष्कर्ष को खारिज कर दिया कि इस मामले में कोई लापरवाही नहीं बरती गई। न्यायालय ने कहा "यह...
राजस्व अधिकारियों को विभाजन निष्पादित करने का अधिकार प्रदान करना अधिकारों का निर्णय करने के लिए सिविल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को बाधित नहीं करता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि भले ही क़ानून राजस्व अधिकारियों को विभाजन को लागू करने और निष्पादित करने के लिए विशेष अधिकार क्षेत्र प्रदान करता है, लेकिन यह अधिकार, टाइटल और मुकदमे की संपत्ति पर हित की घोषणा के बारे में विवादास्पद मुद्दों को तय करने के लिए सिविल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को सीमित नहीं कर सकता।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ असम भूमि और राजस्व विनियमन, 1886 (विनियमन) के अनुसार मुकदमे की संपत्ति के विभाजन से संबंधित गुवाहाटी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर...
माता-पिता के मुलाकात के अधिकार बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण की कीमत पर नहीं हो सकते: सुप्रीम कोर्ट
यह देखते हुए कि माता-पिता के बीच विवादों का फैसला करते समय बच्चे के स्वास्थ्य से समझौता नहीं किया जा सकता, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पिता को अंतरिम मुलाकात के अधिकार की अनुमति देने वाले निर्देशों को संशोधित किया।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की खंडपीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील को सीमित सीमा तक अनुमति दी, जिसमें पिता को अपनी 2 वर्षीय बेटी से मिलने के लिए उस स्थान पर मुलाकात करने के लिए संशोधित किया गया, जहां मां और नाबालिग बेटी रहती है।न्यायालय ने कहा,"नाबालिग बच्चे का...
Order VII Rule 11 CPC - मुकदमा के पूरी तरह से समय-सीमा से वंचित होने पर वाद खारिज किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 20 दिसंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 26 अप्रैल, 2016 को पारित आदेश रद्द कर दिया।कानून की स्थिति को दोहराते हुए कि सीमा का प्रश्न तथ्य और कानून का मिश्रित प्रश्न है। इस पर वाद खारिज करने का प्रश्न रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्यों को तौलने के बाद तय किया जाना चाहिए, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां वाद से यह स्पष्ट है कि मुकदमा पूरी तरह से समय-सीमा से वंचित है, "अदालतों को राहत देने में संकोच नहीं करना चाहिए और पक्षों को ट्रायल कोर्ट में...
केंद्र सरकार के कर्मचारी MACPS और समयबद्ध पदोन्नति दोनों का लाभ नहीं ले सकते : सुप्रीम कोर्ट ने वसूली पर निर्देश जारी किए
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि केंद्र सरकार का कोई कर्मचारी समयबद्ध पदोन्नति योजना के लाभ के साथ-साथ संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना के तहत वित्तीय उन्नयन के लाभ का हकदार नहीं है।कोर्ट ने कहा,"वित्तीय उन्नयन के साथ-साथ पदोन्नति के अनुदान को MACPS में उचित रूप से ध्यान में रखा जाना चाहिए और इस पर विचार किया जाना चाहिए।"ऐसा मानते हुए कोर्ट ने उन कर्मचारियों से वसूली के संबंध में निर्देश जारी किए, जिन्हें MACPS के तहत दोहरा लाभ दिया गया। साथ ही केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के तहत...
भ्रष्टाचार और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाले आर्थिक अपराधों को समझौते के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
यह देखते हुए कि आर्थिक अपराध अन्य अपराधों से अलग हैं। इनके व्यापक प्रभाव हैं, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी और बैंक के बीच हुए समझौते के आधार पर भ्रष्टाचार का मामला खारिज करने से इनकार किया।यह देखते हुए कि बैंक को लगभग 6.13 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, कोर्ट ने फैसला सुनाया कि डीआरटी कार्यवाही में पक्षों द्वारा दर्ज किए गए समझौते की शर्तें व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध को मिटा नहीं सकतीं।न्यायालय ने कहा,"इस मामले में यह रिकॉर्ड में है कि पक्षों द्वारा डीआरटी के समक्ष सहमति की शर्तें प्रस्तुत की गई थीं।...
किसान नेता दल्लेवाल को ट्रांसफर करने का विरोध करने के लिए किसानों के एकत्र होने पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर अनुपालन रिपोर्ट मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती होने के संबंध में पंजाब राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक द्वारा दायर अनुपालन रिपोर्ट पर "असंतोष" दर्ज किया। हलफनामे में कहा गया कि अगर दल्लेवाल को हटाने की प्रक्रिया शांतिपूर्ण नहीं होती है, क्योंकि किसान उनके स्थानांतरण का विरोध कर रहे हैं तो जान-माल के नुकसान के मामले में "सह-क्षति" होगी।दल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं, जिसमें केंद्र सरकार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी सहित...
सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता दल्लेवाल के अस्पताल में भर्ती होने के मामले में अनुपालन रिपोर्ट मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनी रहे, जबकि किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, जो खनौरी सीमा पर 20 दिनों से अधिक समय से आमरण अनशन पर हैं, को तत्काल और पर्याप्त मेडिकल सुविधा मिले।कोर्ट ने इस संबंध में कल यानी शनिवार को सुबह 11 बजे अनुपालन रिपोर्ट मांगी।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने दल्लेवाल को तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान करने के कोर्ट के आदेश का पालन न करने के लिए...
संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम की धारा 53ए लागू करने की शर्तें: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हस्तांतरित व्यक्ति उस बिक्री समझौते के निष्पादन को साबित करने में विफल रहता है, जिसके आधार पर कब्जे का दावा किया गया तो वह संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम, 1882 (TPA) की धारा 53-ए के तहत सुरक्षा का दावा नहीं कर सकता।कोर्ट ने धारा 53ए लागू करने की शर्तों के बारे में भी बताया।जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की खंडपीठ कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रथम अपीलीय कोर्ट और ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को मंजूरी दी गई,...
एकपक्षीय डिक्री को निरस्त करने के आवेदन के साथ विलम्ब क्षमा के लिए अलग से आवेदन दायर करना आवश्यक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि यदि आवेदन में विलम्ब के बारे में पर्याप्त स्पष्टीकरण दिया गया तो सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश IX नियम 13 के तहत एकपक्षीय डिक्री को निरस्त करने के आवेदन के साथ विलम्ब क्षमा के लिए अलग से आवेदन दायर करना आवश्यक नहीं है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की खंडपीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने प्रथम अपीलीय न्यायालय के उस निर्णय बरकरार रखा था, जिसमें अपीलकर्ता-प्रतिवादी द्वारा उसके विरुद्ध पारित एकपक्षीय...
पहले से मौजूद अधिकार वाली संपत्ति को हासिल करने के लिए समझौता डिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन या स्टाम्प ड्यूटी की आवश्यकता नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि अगर किसी व्यक्ति के पास पहले से ही किसी संपत्ति का अधिकार है। वह समझौता डिक्री के माध्यम से इसे हासिल करता है तो उसे रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के तहत इसे रजिस्टर्ड करने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की डिक्री पर कोई स्टाम्प ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी, क्योंकि यह कोई नया अधिकार नहीं बनाती है। इसलिए भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 3 के तहत 'हस्तांतरण' के रूप में योग्य नहीं है।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ एमपी हाई कोर्ट...
सरकारी संस्थानों को अस्थायी रोजगार अनुबंधों का दुरुपयोग करके गिग इकॉनमी के रुझानों को नहीं अपनाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
निजी क्षेत्र में गिग इकॉनमी के बढ़ने से अनिश्चित रोजगार व्यवस्थाओं में वृद्धि हुई, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसले में कहा कि सरकारी विभागों को अस्थायी कर्मचारियों को काम पर रखने की प्रथा का दुरुपयोग न करने की सलाह दी।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की खंडपीठ ने सरकारी विभागों से गिग इकॉनमी में पाई जाने वाली हानिकारक प्रथाओं को न अपनाने की अपील की। खंडपीठ ने ये टिप्पणियां केंद्रीय जल आयोग के कुछ अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने की अनुमति देते हुए कीं, जिन्होंने लगभग दो दशकों...













