सुप्रीम कोर्ट ने ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाले के आरोपी से सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना की जमानत रद्द करने से इनकार किया
Shahadat
17 Jan 2024 1:32 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (16 जनवरी) को वीवीआईपी ऑगस्टा वेस्टलैंड चॉपर घोटाले में आरोपी से सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना को दी गई जमानत रद्द करने से इनकार किया। CBI को इसके लिए ट्रायल कोर्ट के समक्ष आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता दी गई।
दिल्ली कोर्ट द्वारा दी गई जमानत रद्द करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ से संपर्क किया।
दुबई स्थित दो फर्मों - यूएचवाई सक्सेना और मैट्रिक्स होल्डिंग्स के निदेशक सक्सेना, अगस्ता वेस्टलैंड मामले में ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में नामित आरोपियों में से एक हैं।
CBI की ओर से पेश होते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने तर्क दिया कि प्रतिवादी जांच अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है और अदालत के लिए उसे तदनुसार सहयोग करने के लिए निर्देश जारी करना आवश्यक है।
एएसजी ने कहा,
मैं सहयोग कर रहा हूं, ऐसी शर्त/निर्देश हो कि वह सहयोग करे, हम बुलाएं तो आये, वह आये नहीं, बुलाने पर वह माने नहीं।”
सीजेआई ने मूल आदेश का हवाला देते हुए मौखिक रूप से कहा,
"ऐसा नहीं है कि मूल आदेश में केवल मेडिकल शर्तों के आधार पर (जमानत) दी गई, यह भी दर्ज किया गया (ट्रायल जज द्वारा) कि उन्होंने सहयोग किया।"
पीठ ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और जमानत रद्द करने की अर्जी खारिज कर दी। हालांकि सीबीआई को ट्रायल कोर्ट के समक्ष आवेदन दायर करने की छूट दी गई।
सौदे में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल, अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकेनिका के पूर्व निदेशक ग्यूसेप ओरसी और ब्रूनो स्पैग्नोलिनी, पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी और सक्सेना की पत्नी शिवानी को भी एजेंसी ने आरोप पत्र में नामित किया।
भारत ने 1 जनवरी, 2014 को अनुबंध संबंधी दायित्वों के कथित उल्लंघन और सौदे को सुरक्षित करने के लिए भुगतान की गई 423 करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोप में IAF को 12 AW-101 VVIP हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए फिनमेकेनिका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ अनुबंध रद्द कर दिया था।
केस टाइटल: केंद्रीय जांच ब्यूरो बनाम राजीव सक्सेना एसएलपी (सीआरएल) संख्या 000723/2024

