सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में फैजयाब मस्जिद गिराए जाने का फैसला बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में फैजयाब मस्जिद गिराए जाने का फैसला बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुमति याचिका खारिज की। उक्त याचिका में अन्य बातों के साथ-साथ नई दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन में स्थित फैजयाब मस्जिद और मदरसा को गिराए जाने के खिलाफ यथास्थिति बनाए रखने की मांग की गई थी।वर्तमान एसएलपी दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई, जिसमें केंद्र सरकार को निर्देश दिया गया था कि वह विचाराधीन भूखंड के यथासंभव निकट वैकल्पिक भूखंड के आवंटन के अनुरोध पर विचार करे। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने अपने विवादित आदेश के माध्यम से उक्त संरचनाओं को गिराए जाने की...

सुप्रीम कोर्ट ने विशाखापत्तनम बार एसोसिएशन को अदालती काम से दूर रहने के लिए अवमानना ​​नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने विशाखापत्तनम बार एसोसिएशन को अदालती काम से दूर रहने के लिए अवमानना ​​नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 जुलाई) को विशाखापत्तनम बार एसोसिएशन को अदालती काम से दूर रहने और इस तरह विशाखापत्तनम में ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) को काम करने से रोकने के लिए अवमानना ​​नोटिस जारी किया।जस्टिस अभय ओक और जस्टिस अगस्टिन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ याचिकाकर्ता की रिट याचिका का निपटारा करने वाले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एसएलपी पर विचार कर रही थी, जिसमें दावा किया गया कि DRT ने 2022 में दायर उसके प्रतिभूतिकरण आवेदन पर तत्काल विचार नहीं किया।सुप्रीम कोर्ट ने नोट किया कि...

Do Not Pass Adverse Orders If Advocates Are Not Able To Attend Virtual Courts
राज्य बार काउंसिल द्वारा अत्यधिक एनरॉलमेंट फी लेना पेशे, सम्मान और समानता के अधिकार का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि राज्य बार काउंसिल (एसबीसी) द्वारा अत्यधिक नामांकन शुल्क लेना एक महत्वाकांक्षी वकील के पेशे और सम्मान को चुनने के अधिकार का उल्लंघन है। वंचित वर्गों के वकीलों को भारी नामांकन शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर करना समानता के सिद्धांतों पर प्रहार है।सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि सामान्य श्रेणी के वकीलों के लिए नामांकन शुल्क 750 रुपये और एससी/एसटी श्रेणियों के वकीलों के लिए...

सुप्रीम कोर्ट ने जेल में इंटरव्यू देने को लेकर दर्ज FIR के खिलाफ दायर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने जेल में इंटरव्यू देने को लेकर दर्ज FIR के खिलाफ दायर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की याचिका खारिज की

जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने उच्च सुरक्षा वाली जेल में बंद एक निजी टीवी को दिए गए साक्षात्कार के संबंध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दर्ज पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।हाईकोर्ट का निर्देश विशेष जांच दल पर आधारित था जिसका गठन इस बात की जांच के लिए किया गया था कि उच्च सुरक्षा वाले बठिंडा जेल में बंद बिश्नोई एक निजी टीवी चैनल द्वारा लिए गए दो साक्षात्कारों में कैसे पेश...

सुप्रीम कोर्ट ने PMLA की धारा 45 की शर्तों में ढील दी, लंबी हिरासत और मुकदमे को पूरा करने के लिए आवश्यक समय का हवाला देते हुए जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने PMLA की धारा 45 की शर्तों में ढील दी, लंबी हिरासत और मुकदमे को पूरा करने के लिए आवश्यक समय का हवाला देते हुए जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा, 2021 (REET) के प्रश्न पत्र लीक करने और वितरित करने के आरोपी रामकृपाल मीणा को 1.20 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए आज जमानत दे दी।पेपर लीक के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज एक मामले में राहत दी गई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ मीणा द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने पर सुनवाई कर रही थी जिसमें मीणा ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। आगे यह देखा गया कि उन्हें पहले ही अपराध में जमानत दी जा...

पंजाब के आप विधायक जसवंत सिंह ने ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका वापस ली
पंजाब के आप विधायक जसवंत सिंह ने ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका वापस ली

जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने पंजाब से विधानसभा में आम आदमी पार्टी के सदस्य जसवंत सिंह को ED द्वारा कथित तौर पर 46 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण और क्रेडिट सुविधाएं प्राप्त करने वाली कंपनी मैसर्स टीसीएल के निदेशक और गारंटर होने के लिए उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।आरोप है कि ऋण सुविधा प्रदान करने के नियम और शर्तों के विपरीत राशि को अन्य कंपनियों में भेज दिया गया। बताया जाता है कि 3.12 करोड़ रुपये की राशि भी आप नेता के...

सुप्रीम कोर्ट ने TMC नेता अनुब्रत मंडल को दी जमानत, कहा- ट्रायल जल्द शुरू होने की संभावना नहीं, ED मामले में जेल में ही रहेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने TMC नेता अनुब्रत मंडल को दी जमानत, कहा- ट्रायल जल्द शुरू होने की संभावना नहीं, ED मामले में जेल में ही रहेंगे

जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने भारत-बांग्लादेश सीमा मवेशी तस्करी घोटाले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अनुब्रत मंडल को जमानत दे दी।हालांकि, मंडल जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें ED ने गिरफ्तार किया था, जो सीबीआई के साथ मामले की जांच भी कर रहा है। इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही मंडल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि उन्हें आरोपपत्र सहित दस्तावेजों का अंग्रेजी अनुवाद अभी नहीं...

पतंजलि के 14 उत्पादों के निलंबन पर दो सप्ताह में निर्णय ले उत्तराखंड सरकार: सुप्रीम कोर्ट
पतंजलि के 14 उत्पादों के निलंबन पर दो सप्ताह में निर्णय ले उत्तराखंड सरकार: सुप्रीम कोर्ट

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि पतंजलि और दिव्य फार्मेसी द्वारा 14 आयुर्वेदिक उत्पादों की बिक्री जारी है, जिनके लाइसेंस पहले उत्तराखंड सरकार द्वारा निलंबित किए गए थे, क्योंकि निलंबन आदेश रद्द कर दिया गया है और इस मुद्दे पर एक नया निर्णय राज्य सरकार के पास लंबित है।इस दलील पर विचार करते हुए जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि उत्तराखंड सरकार 2 सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर निर्णय ले और न्यायालय को इसकी जानकारी...

विधानसभा स्पीकर के फैसले के खिलाफ Shivsena (UTB) और शरद पवार-NCP की याचिकाओं पर 7 अगस्त को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
विधानसभा स्पीकर के फैसले के खिलाफ Shivsena (UTB) और शरद पवार-NCP की याचिकाओं पर 7 अगस्त को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Shivsena-UTB (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के विधायकों के खिलाफ दायर चुनाव अयोग्यता याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त को सुनवाई तय की है।UTB सदस्य सुनील प्रभु ने अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिका दायर की है, जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर द्वारा 10.01.2024 को पारित आदेश को चुनौती दी गई। उक्त आदेश में शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।सुनील प्रभु की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने...

सुप्रीम कोर्ट ने पीजी मेडिकल प्रवेश में 50% से अधिक संस्थागत वरीयता कोटे को चुनौती देने वाली याचिका पर संघ और एम्स से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने पीजी मेडिकल प्रवेश में 50% से अधिक 'संस्थागत वरीयता' कोटे को चुनौती देने वाली याचिका पर संघ और एम्स से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 जुलाई) को संघ और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से स्नातकोत्तर प्रवेश में 50% से अधिक "संस्थागत वरीयता" के लिए आरक्षण कोटा को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा।याचिकाकर्ता ने स्नातकोत्तर प्रवेश में 'संस्थागत वरीयता' के तहत सीटों के अत्यधिक आरक्षण या 'सुपर आरक्षण' को संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 (1)(जी) का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी है। संस्थागत वरीयता कोटा अनिवार्य रूप से एक आंतरिक आरक्षण प्रणाली है, जहां स्नातकोत्तर प्रवेश सीटों का एक प्रतिशत एम्स में...

WB Teacher Recruitment Case: सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिकाओं को मुख्य याचिकाओं के साथ पोस्ट किया
WB Teacher Recruitment Case: सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिकाओं को मुख्य याचिकाओं के साथ पोस्ट किया

सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए अयोग्य उम्मीदवारों द्वारा याचिकाओं का नया बैच दायर किया गया, जिसमें पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WB SSC) द्वारा 25,0000 स्कूल शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था।याचिकाकर्ताओं के वकील ने प्रस्तुत किया कि वर्तमान याचिका उन लोगों द्वारा दायर की गई, जिन्हें न तो चयन प्रक्रिया में प्रतीक्षा सूची में रखा गया और न ही WBSSC द्वारा योग्य माना गया। याचिकाओं के नए बैच में नियुक्तियों को चुनौती देने और एक नया चयन...

क्या यह देश का कानून है? - सुप्रीम कोर्ट ने बिना मुआवजे के निजी संपत्ति पर सड़क निर्माण की अनुमति देने वाले तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल उठाया
क्या यह देश का कानून है? - सुप्रीम कोर्ट ने बिना मुआवजे के निजी संपत्ति पर सड़क निर्माण की अनुमति देने वाले तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल उठाया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 जुलाई) को तेलंगाना हाईकोर्ट के उस आदेश पर सवाल उठाया, जिसमें बिना मुआवजे के निजी संपत्ति पर सड़क निर्माण की अनुमति दी गई। कोर्ट ने कहा कि यह पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है।जस्टिस अभय ओका ने सवाल किया,"क्या यह देश का कानून है?"जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ तेलंगाना हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली एसएलपी पर विचार कर रही थी, जिसमें अपीलकर्ताओं ने तेलंगाना स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (TSIIC) द्वारा संबंधित संपत्ति के लिए...

BREAKING| बार काउंसिल एनरॉलमेंट फीस के रूप में एडवोकेट एक्ट की धारा 24 के तहत निर्दिष्ट राशि से अधिक नहीं ले सकते : सुप्रीम कोर्ट
BREAKING| बार काउंसिल एनरॉलमेंट फीस के रूप में एडवोकेट एक्ट की धारा 24 के तहत निर्दिष्ट राशि से अधिक नहीं ले सकते : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (30 जुलाई) को कहा कि सामान्य श्रेणी के वकीलों के लिए एनरॉलमेंट फीस 750 रुपये से अधिक नहीं हो सकता तथा अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के वकीलों के लिए 125 रुपये से अधिक नहीं हो सकता।कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य बार काउंसिल "विविध फीस" या अन्य फीस के मद में ऊपर निर्दिष्ट राशि से अधिक कोई राशि नहीं ले सकते। राज्य बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) एडवोकेट एक्ट (Advocate Act) की धारा 24(1)(एफ) के तहत निर्दिष्ट राशि से अधिक वकीलों को रोल में शामिल करने के लिए कोई...

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दिए जाने के पीछे भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट को लेकर मीडिया के खिलाफ पूर्व जज की मानहानि याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दिए जाने के पीछे भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट को लेकर मीडिया के खिलाफ पूर्व जज की मानहानि याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व यूपी जज की मीडिया के खिलाफ मानहानि याचिका खारिज की, जिसमें राजनेता को दी गई जमानत के पीछे भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट्स को लेकर सवाल उठाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व जिला जज द्वारा मीडिया आउटलेट्स और वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ 2017 में समाचार रिपोर्टों के प्रकाशन को लेकर दायर की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप लगाए गए।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ के समक्ष...

क्या अनुच्छेद 227 के तहत पारित एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ लेटर्स पेटेंट अपील स्वीकार्य है? सुप्रीम कोर्ट करेगा जांच
क्या अनुच्छेद 227 के तहत पारित एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ लेटर्स पेटेंट अपील स्वीकार्य है? सुप्रीम कोर्ट करेगा जांच

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की खंडपीठ के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका में अनुमति प्रदान की, जिसने संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत पर्यवेक्षी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एकल पीठ के निर्णय में हस्तक्षेप किया था।न्यायालय के विचारण के लिए जो प्रश्न आया, वह यह है कि क्या खंडपीठ के पास संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत पर्यवेक्षी अधिकार क्षेत्र के प्रयोग में पारित एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने का वैध अधिकार है।वर्तमान मामला प्रतिवादी/शिक्षक की बर्खास्तगी से संबंधित है, जहां हाईकोर्ट की एकल पीठ...

वकील का फ्रीलांस जर्नालिस्ट के रूप में काम करना पेशेवर कदाचार? सुप्रीम कोर्ट ने BCI से जांच करने को कहा
वकील का फ्रीलांस जर्नालिस्ट के रूप में काम करना पेशेवर कदाचार? सुप्रीम कोर्ट ने BCI से जांच करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 जुलाई) को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया कि वे वकील मोहम्मद कामरान के आचरण की जांच करें, जिन्होंने पूर्व भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया। कोर्ट ने बार काउंसिल से कहा कि वे कामरान के स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करने और साथ ही साथ वकालत करने के मामले में आवश्यक कार्रवाई करें।कोर्ट ने कहा,“हमने याचिकाकर्ता द्वारा दायर शिकायत का अवलोकन किया। याचिकाकर्ता ने कई जगहों पर दावा...