RTI Act के तहत मांगी गई कर चोरी याचिका के नतीजे से संबंधित जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती: उड़ीसा हाईकोर्ट
Shahadat
20 May 2024 9:09 AM IST
उड़ीसा हाईकोर्ट ने माना कि सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI Act) के तहत मांगी गई कर चोरी याचिका के नतीजे से संबंधित जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती।
जस्टिस बी.आर. सारंगी और जस्टिस जी. सतपथी की खंडपीठ ने पाया कि RTI Act के तहत दायर आवेदन में मांगी गई जानकारी की आपूर्ति के संबंध में याचिकाकर्ता का दावा धारा 8(1) खंड (i) के तहत निहित प्रावधानों के मद्देनजर स्वीकार्य नहीं है।
धारा 8(1)(i) के अनुसार, किसी भी नागरिक को मंत्रिपरिषद, सचिवों और अन्य अधिकारियों के विचार-विमर्श के रिकॉर्ड सहित कैबिनेट कागजात देने की कोई बाध्यता नहीं होगी।
याचिकाकर्ता ने रिट याचिका दायर कर याचिकाकर्ता द्वारा दायर कर चोरी याचिका के व्यापक परिणाम का खुलासा करने के लिए प्रतिवादी विभाग को निर्देश जारी करने की मांग की। याचिकाकर्ता हरमोहन सारंगी और हिमांशु सारंगी के खिलाफ कर चोरी याचिका से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहता था।
लोक सूचना अधिकारी ने उनके दावे को खारिज कर दिया, जिसकी पुष्टि प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के साथ-साथ द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी ने भी की है।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वह केवल अपने द्वारा दायर कर चोरी याचिका का नतीजा जानना चाहता था। हालांकि याचिकाकर्ता ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी, लेकिन उसे यह उपलब्ध नहीं कराई गई।
विभाग ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने कार्यवाही के व्यापक परिणाम को जानने का दावा करते हुए छद्म तरीके से अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन यह स्वयं RTI Act की धारा 8 (1) के खंड (i) के विपरीत है। धारा 8(1)(i) कार्यवाही का किसी के समक्ष खुलासा न करने का प्रावधान करती है। इसलिए आदेश पारित करने में प्राधिकरण द्वारा कोई अवैधता या अनियमितता नहीं की गई।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि याचिकाकर्ता ने उन सामग्रियों की आपूर्ति के लिए घूम-घूमकर पूछताछ करने की कोशिश की है, जिनका RTI Act धारा 8(1) के खंड (i) के तहत निहित प्रावधानों के मद्देनजर खुलासा नहीं किया जाना चाहिए।
अदालत ने माना कि आदेश पारित करने में प्राधिकरण द्वारा कोई अवैधता या अनियमितता नहीं की गई।
केस टाइटल: दीपक कुमार आचार्य बनाम आयुक्त, आयकर विभाग और अन्य