क्या 'राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट RTI Act के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण है? दिल्ली हाईकोर्ट CIC से तय करने को कहा
Shahadat
3 Feb 2025 3:14 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को यह तय करने का निर्देश दिया कि क्या "श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र" ट्रस्ट सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) की धारा 2(एच) के तहत एक सार्वजनिक प्राधिकरण है।
जस्टिस संजीव नरूला ने CIC को RTI आवेदक नीरज शर्मा के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय के लोक सूचना अधिकारी (PIO) को सुनवाई का अवसर देने के बाद यथासंभव शीघ्रता से इस प्रश्न पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।
शर्मा के RTI आवेदन के जवाब में गृह मंत्रालय ने उन्हें सूचित किया कि ट्रस्ट का गठन केंद्र सरकार द्वारा राम जन्मभूमि मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के निर्देशों के अनुपालन में किया गया। उन्हें यह भी बताया गया कि ट्रस्ट एक स्वायत्त संगठन या निकाय है।
उत्तर संतोषजनक न मिलने पर शर्मा ने पहली अपील दायर की। हालांकि, उन्हें कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने CIC के समक्ष दूसरी अपील दायर की। पिछले साल 08 जुलाई को CIC ने PIO के जवाब को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह संतोषजनक नहीं था। CIC ने गृह मंत्रालय के CPIO को शर्मा के RTI आवेदन की फिर से जांच करने और उन्हें संशोधित बिंदुवार जवाब देने का निर्देश दिया।
इसके बाद गृह मंत्रालय द्वारा एक संचार जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि ट्रस्ट का स्वामित्व, नियंत्रण या वित्तपोषण भारत सरकार के पास नहीं है। यह स्वयं स्वतंत्र और स्वायत्त संगठन है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रस्ट RTI Act के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है। इस प्रकार, RTI आवेदनों को ट्रस्ट को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता।
शर्मा ने फिर से CIC का रुख किया लेकिन उनकी शिकायत वापस कर दी गई। तदनुसार, शर्मा ने पिछले साल 08 जुलाई को CIC द्वारा पारित आदेश और साथ ही ट्रस्ट पर गृह मंत्रालय के संचार को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया।
याचिका का निपटारा करते हुए न्यायालय ने कहा कि मामले में उठाया गया प्रश्न कि क्या ट्रस्ट को सार्वजनिक प्राधिकरण माना जा सकता है या नहीं, CIC द्वारा निर्णय नहीं लिया गया।
न्यायालय ने कहा,
“इन परिस्थितियों में न्यायालय की राय में इस प्रश्न पर पहले CIC के समक्ष विचार किया जाना चाहिए। तदनुसार, CIC इस प्रश्न पर विचार करेगा और निर्णय करेगा कि क्या "श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र" नामक ट्रस्ट RTI Act, 2005 की धारा 2(एच) के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण है।"
केस टाइटल: नीरज शर्मा बनाम पीआईओ गृह मंत्रालय जेकेएल डिविजन अयोध्या खंड और अन्य।