मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

[Majithia Wage Board Recommendations] कर्मचारियों की वेतन से संतुष्टि पूर्ण नहीं, इससे उन्हें उच्च वेतन का दावा करने से नहीं रोका जा सकता: मध्य प्रदेश हाइकोर्ट
[Majithia Wage Board Recommendations] कर्मचारियों की वेतन से संतुष्टि पूर्ण नहीं, इससे उन्हें उच्च वेतन का दावा करने से नहीं रोका जा सकता: मध्य प्रदेश हाइकोर्ट

दैनिक भास्कर द्वारा श्रम न्यायालय (होशंगाबाद) द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने स्पष्ट किया कि कर्मचारी द्वारा यह घोषणा कि वह मजीठिया वेतन बोर्ड अनुशंसाओं की धारा 20(j) के तहत वेतन से संतुष्ट है, इसको पूर्ण नहीं माना जा सकता। न्यायालय ने कहा कि कम वेतन पाने वाले कर्मचारी को मजीठिया बोर्ड अनुशंसाओं में निहित मानकों के अनुसार अधिक वेतन का दावा करने से नहीं रोका जाएगा।उप श्रम आयुक्त की अनुशंसा पर राज्य सरकार द्वारा समाचार पत्र कर्मचारी द्वारा वेतनमान वृद्धि के...

सिंहस्थ टेरर अलार्म: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुद को मुस्लिम बताने और छात्रावास में विस्फोटक रखने के दोषी व्यक्ति को राहत देने से इनकार किया
सिंहस्थ टेरर अलार्म: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खुद को मुस्लिम बताने और छात्रावास में विस्फोटक रखने के दोषी व्यक्ति को राहत देने से इनकार किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2016 में उज्जैन ‌में एक हॉस्टल के कमरे में विस्फोटक रखने के दोषी सुशील मिश्रा की सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने तर्क दिया कि दोषी की संलिप्तता स्थापित करने के लिए परीक्षण पहचान परेड पर्याप्त थी। अदालत के कहा, चूंकि अपीलकर्ता ने छात्रावास में कमरा फर्जी मुस्लिम पहचान पत्र का उपयोग करके लिया था। ताकि सिंहस्थ मेले में मुस्लिम संगठन की भागीदारी दिखाकर उज्‍जैन में सांप्रदायिक अशांति पैदा की जा सके। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की सिंगल जज बेंच ने कहा कि...

Bhojshala Temple-Kamal Maula Mosque Dispute | ASI ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपने के लिए 8 और सप्ताह का समय मांगा
Bhojshala Temple-Kamal Maula Mosque Dispute | ASI ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपने के लिए 8 और सप्ताह का समय मांगा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दायर कर भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 8 और सप्ताह का समय मांगा। हाईकोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को 6 सप्ताह में सर्वे रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।अपने आवेदन में ASI ने प्रस्तुत किया कि जटिल और परिधीय क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण प्रगति पर है, जिसमें वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है और ASI टीम पूरे स्मारक का विस्तृत दस्तावेजीकरण कर रही है।हालांकि, एप्लिकेशन में कहा गया...

पटवारी गांव वालों के लिए हीरो हो सकता है लेकिन वह भगवान नहीं, मप्र हाईकोर्ट ने फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले पटवारी के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया
पटवारी 'गांव वालों के लिए हीरो हो सकता है' लेकिन वह 'भगवान नहीं', मप्र हाईकोर्ट ने फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले पटवारी के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कुछ व्यक्तियों के पक्ष में भूमि के उत्परिवर्तन के विवाद में कथित रूप से फर्जी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सतना जिले में एक पटवारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। उस पर पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के बेटों को रामपुर बाघेलान गांव में जमीन के एक टुकड़े पर स्वामित्व स्थापित करने में सक्षम बनाने के लिए फर्जी रिपोर्ट पेश करने का आरोप है। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने सतना जिले के कलेक्टर को संबंधित पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू...

संविदा भर्ती घोटाला| शिक्षकों की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया फर्जी, एफआईआर दर्ज करने से पहले सुनवाई के अवसर की जरूरत नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
संविदा भर्ती घोटाला| शिक्षकों की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया फर्जी, एफआईआर दर्ज करने से पहले सुनवाई के अवसर की जरूरत नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रामपुर नैकिन के संविदा शाला शिक्षक ग्रेड-III भर्ती घोटाले के संदर्भ में कहा कि रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि राज्य अधिकारियों ने उचित प्रक्रिया की अवहेलना करके नियुक्ति प्रक्रिया को अंजाम दिया है। कोर्ट ने मध्य प्रदेश पंचायत शिक्षा कर्मी (भर्ती एवं सेवा शर्त) नियम, 1997 में लागू प्रावधानों का पालन नहीं करने पर भी राज्य सरकार को फटकार लगाई।चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि एक बार अवैध रूप से नियुक्तियां देने में संबंधित अधिकारियों की...

कथित फर्जी सांप्रदायिक वीडियो पोस्ट करने के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई की जाए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
कथित फर्जी सांप्रदायिक वीडियो पोस्ट करने के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई की जाए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी द्वारा बीजेपी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ की गई शिकायत पर तिलकनगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उक्त शिकायत विजयवर्गीय द्वारा कथित तौर पर अप्रैल 2022 में रामनवमी जुलूस के दौरान खरगोन में हुए सांप्रदायिक दंगों को भड़काने के लिए एक्स (पहले ट्विटर) पर झूठा वीडियो साझा करने से संबंधित है।जस्टिस प्रणय वर्मा की सिंगल जज बेंच ने पुलिस को निर्देश दिया कि 90 दिनों की अवधि के भीतर सूरी की...

व्यभिचार में लिप्त होने का अर्थ है लगातार और बार-बार व्यभिचार करना, इकलौता उदाहरण पत्नी को भरण-पोषण से वंचित नहीं करता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
'व्यभिचार में लिप्त होने' का अर्थ है 'लगातार और बार-बार व्यभिचार करना', इकलौता उदाहरण पत्नी को भरण-पोषण से वंचित नहीं करता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि व्यभिचार का इकलौता उदाहरण किसी पत्नी को अपने पति से गुजारा भत्ता प्राप्त करने से वंचित नहीं कर सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सीआरपीसी की धारा 125(4) की कठोरता को आकर्षित करने के लिए, पत्नी को 'लगातार और बार-बार व्यभिचार के कृत्यों' के जरिए 'व्यभिचार में लिप्त होना' चाहिए। इंदौर स्थित पीठ ने कहा,“...'व्यभिचार में ‌लिप्त होने' का अर्थ व्यभिचार का निरंतर और बार-बार किए जाने वाला कृत्य है…। विद्वान ट्रायल कोर्ट ने पूरे सबूतों पर विचार किया है... पूरे सबूतों पर...

पत्नी का आधुनिक जीवन जीना, जो पति की नजर में अनैतिक है, भरण-पोषण से इनकार करने का पर्याप्त आधार नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
पत्नी का आधुनिक जीवन जीना, जो पति की नजर में अनैतिक है, भरण-पोषण से इनकार करने का पर्याप्त आधार नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल में जोर देकर कहा कि पत्नी का आधुनिक जीवन, जिसे पति अनैतिक मानता हो, उसे भरण-पोषण से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता है, जब तक कि यह नहीं दिखाया गया है कि पत्नी बिना पर्याप्त कारण के अपने पति से अलग रह रही है।जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की सिंगल जज बेंच ने ने कहा कि जब तक आधुनिक जीवन जी रही पत्नी कोई अपराध नहीं कर रही है या किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं हो रही है, तब तक पति-पत्नी के बीच केवल मतभेद भरण-पोषण के मामले को प्रभावित नहीं करते हैं।नागरथिनम बनाम राज्य,...

पत्नी द्वारा अपने माता-पिता की आर्थिक मदद करने पर पति का आपत्ति करना क्रूरता के समान: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
पत्नी द्वारा अपने माता-पिता की आर्थिक मदद करने पर पति का आपत्ति करना क्रूरता के समान: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश ‌हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पति अपने माता-पिता को आर्थिक रूप से समर्थन देने की पत्नी के कृत्य पर आपत्ति जताता है, तो यह क्रूरता होगी। जस्टिस रोहित आर्य और जस्टिस संजीव एस कलगांवकर की पीठ ने यह भी कहा कि पत्नी के नियोक्ताओं से शिकायत करना कि उन्होंने उसकी (पति की) अनुमति के बिना उसे नौकरी पर कैसे रखा, पत्नी के साथ "गुलाम" के रूप में व्यवहार करना, उससे उसकी पहचान का अधिकार छीनना है। इस प्रकार क्रूरता बनती है।ये टिप्पणियां खंडपीठ ने परिवार न्यायालय अधिनियम की धारा 19 के तहत पति द्वारा दायर...

मध्यस्थ के समक्ष प्रभावी समाधान उपलब्ध होने पर रिट सुनवाई योग्य नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्यस्थ के समक्ष प्रभावी समाधान उपलब्ध होने पर रिट सुनवाई योग्य नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने माना कि जब याचिकाकर्ता मध्यस्थ के समक्ष प्रभावी संविदात्मक उपाय का लाभ उठाने में विफल रहे तो रिट पर विचार नहीं किया जाएगा। जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया की पीठ ने कहा कि केवल इसलिए कि नामित मध्यस्थ प्रतिवादी निगम का प्रबंध निदेशक है, यह नहीं माना जा सकता है कि वह मध्यस्थ के रूप में अपने कार्यों का निष्पक्ष रूप से निर्वहन नहीं कर पाएगा।कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अनुबंध के तहत विस्तार का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। मामले में यह देखा गया कि विस्तार...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और राज्य के भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट पर रोक लगा दी।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और राज्य के भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट पर रोक लगा दी।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में निजी शपथपत्र नहीं देने के मामले में जमानती वारंट जारी करने के स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल जज बेंच ने तर्क दिया कि दोनों याचिकाकर्ता लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और जिन निर्वाचन क्षेत्रों से वे चुनाव लड़ रहे हैं, वे सांसदों/विधायकों के लिए जबलपुर स्पेशल कोर्ट से बहुत दूर हैं। इस परिदृश्य में, कोर्ट ने कहा कि विशेष अदालत...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर के चल रहे ASI सर्वेक्षण में भाग लेने की याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर के चल रहे ASI सर्वेक्षण में भाग लेने की याचिका खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने धार जिले के भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की गई वैज्ञानिक जांच के दौरान शारीरिक रूप से उपस्थित होने के लिए याचिकाकर्ताओं में से एक द्वारा दायर अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया।कोर्ट ने कहा,“बेशक, वर्तमान याचिका में याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी नंबर 2/ASI को सर्वेक्षण करने का निर्देश देने की प्रार्थना नहीं की है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह W.P.No 10497/202 में दिनांक 11.03.2024 के आदेश के पारित होने के बाद बाद में लिया गया विचार...

NDPS Act: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अवैध खेती करने वालों को पकड़ने के लिए फोरेंसिक वनस्पति साइंस और मिट्टी परीक्षण लागू करने की व्यवहार्यता की जांच करेगा
NDPS Act: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अवैध खेती करने वालों को पकड़ने के लिए फोरेंसिक वनस्पति साइंस और मिट्टी परीक्षण लागू करने की व्यवहार्यता की जांच करेगा

NDPS मामले में कथित तौर पर जब्त की गई अफीम की खेती करने वाले आरोपी द्वारा दायर तीसरी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन क्षेत्रों की जांच में फोरेंसिक वनस्पति साइंस की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए शुरुआत की है, जहां तस्करी का संदेह है।जस्टिस आनंद पाठक की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पहले कहा कि किसानों को कानून के चंगुल से बचने से रोकने के लिए सिस्टम बनाया जाना चाहिए, क्योंकि साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 के तहत निहितार्थ का स्रोत केवल ज्ञापन में सह-अभियुक्तों का झूठा आरोप...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने केस डायरी में हेराफेरी करने और क्लोजर रिपोर्ट खारिज होने के बाद जांच में देरी करने के लिए IO और SHO को फटकार लगाई
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने केस डायरी में हेराफेरी करने और क्लोजर रिपोर्ट खारिज होने के बाद जांच में देरी करने के लिए IO और SHO को फटकार लगाई

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने बालाघाट जिले के विभिन्न रैंक के पुलिस अधिकारियों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा क्लोजर रिपोर्ट खारिज किए जाने के बाद भी 4 साल से अधिक समय तक मामले की जांच न करने के लिए फटकार लगाई।इसमें कहा गया कि यदि अन्य लोगों की संलिप्तता पाई जाती है तो उन्हें भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) के तहत जांच अधिकारी और तत्कालीन थाना प्रभारी (कोतवाली) के साथ अपराध के लिए आरोपी बनाया जा सकता है।अदालत ने अनुमान लगाया कि पुलिस विनियमन के पैराग्राफ 642 के अनुसार जांच अधिकारी...

28 साल पुराने आपराधिक मामले के लंबित होने का हवाला देकर पुलिस अधिकारी की पदोन्नति का मामला सीलबंद लिफाफे में नहीं रखा जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
28 साल पुराने आपराधिक मामले के लंबित होने का हवाला देकर पुलिस अधिकारी की पदोन्नति का मामला सीलबंद लिफाफे में नहीं रखा जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में पुलिस अधिकारी को राहत दी, जिनकी पदोन्नति का मामला उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ 28 साल पहले दर्ज कथित रूप से मनगढ़ंत आपराधिक मामले की लंबितता का हवाला देते हुए सीलबंद लिफाफे में रोक दिया गया।जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अधिकारी विजय कुमार पुंज (डीएसपी, सीआईडी-भोपाल) के लिए हानिकारक सरकार की कार्रवाई उचित नहीं है। अदालत ने निर्देश दिया कि अब तक सीलबंद लिफाफे में रखी गई विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की सिफारिशों को आपराधिक मामले...

[Lawyers Strike] मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी बार एसोसिएशन के दस पदाधिकारियों पर एक महीने के लिए किसी भी अदालत में उपस्थित होने पर रोक लगाई
[Lawyers' Strike] मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी बार एसोसिएशन के दस पदाधिकारियों पर एक महीने के लिए किसी भी अदालत में उपस्थित होने पर रोक लगाई

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी बार एसोसिएशन से जुड़े दस वकीलों को उनके द्वारा हाल ही में बुलाई गई वकीलों की हड़ताल के संबंध में राज्य बार काउंसिल की ओर से पेश वकील की दलील के आधार पर एक महीने के लिए किसी भी अदालत में उपस्थित होने से रोक दिया।जबलपुर की पीठ ने बार काउंसिल के वकील सत्यम अग्रवाल की दलील स्वीकार करने के बाद यह टिप्पणी की,“प्रस्तुतीकरण के मद्देनजर, उपरोक्त वकीलों को एक महीने की अवधि के लिए किसी भी अदालत में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल...

पत्नी को भरण-पोषण के अधिकार से वंचित करने के लिए सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिका दायर करते समय या उसके आसपास अडल्ट्री में होना चाहिए: एमपी हाइकोर्ट
पत्नी को भरण-पोषण के अधिकार से वंचित करने के लिए सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिका दायर करते समय या उसके आसपास अडल्ट्री में होना चाहिए: एमपी हाइकोर्ट

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने हाल ही में कहा कि पत्नी को अडल्ट्री के आधार पर भरण-पोषण पाने से केवल तभी वंचित किया जा सकता है, जब वह वास्तव में सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के लिए आवेदन करने के समय या उसके आसपास अडल्ट्री में रह रही हो।जस्टिस प्रकाश चंद्र गुप्ता की पीठ ने कहा कि पत्नी द्वारा अडल्ट्री के कृत्य निरंतर होने चाहिए। इसे साबित करने की जिम्मेदारी पति पर है, जिससे वह सीआरपीसी की धारा 125(4) के अनुसार पत्नी को भरण-पोषण पाने से वंचित कर सके।न्यायालय ने पति द्वारा दायर याचिका खारिज करते...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने युवाओं को लिव-इन रिलेशनशिप में आने के बारे में सतर्क रहने की सलाह दी, 19 साल के युवाओं को सुरक्षा प्रदान की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने युवाओं को लिव-इन रिलेशनशिप में आने के बारे में सतर्क रहने की सलाह दी, 19 साल के युवाओं को सुरक्षा प्रदान की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने युवा लिव-इन जोड़े को सुरक्षा प्रदान करते हुए- लड़का और लड़की दोनों की उम्र 19 वर्ष है- युवाओं को रिश्ते में आने और शुरुआती चरण में अपने परिवारों को छोड़ने के बारे में सावधानी बरतने की सलाह दी।चूंकि याचिकाकर्ताओं ने वयस्कता प्राप्त कर ली थी और पुष्टि की कि वे स्वतंत्र पसंद से कार्य कर रहे हैं, न्यायालय (इंदौर बेंच) ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की।जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की पीठ ने कहा,“ऐसा मानते हुए इस न्यायालय को इन दिनों युवाओं द्वारा चुने जा रहे विकल्पों पर अपनी चिंता दर्ज करनी...

[Immoral Traffic Act] वेश्यावृत्ति के लिए लड़की की खरीद के लिए कथित तौर पर पैसे देने पर आरोप तय करने के लिए गंभीर संदेह पर्याप्त: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
[Immoral Traffic Act] वेश्यावृत्ति के लिए लड़की की 'खरीद' के लिए कथित तौर पर पैसे देने पर आरोप तय करने के लिए 'गंभीर संदेह' पर्याप्त: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया है कि कुछ अपराध करने वाले व्यक्ति के बारे में गंभीर संदेह ट्रायल कोर्ट के लिए आरोप तय करने के लिए पर्याप्त है। हाईकोर्ट अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम, 1956 की धारा 5 और 6 के तहत आरोप तय करने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ चुनौती देने पर विचार कर रहा था।एमई शिवलिंगमूर्ति बनाम सीबीआई, बेंगलुरु, (2020) 2 एससीसी 768 और राज्य (एनसीटी दिल्ली) बनाम शिव चरण बंसल, (2020) 2 एससीसी 290 पर भरोसा करते हुए, हाईकोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि ऐसा कोई मामला नहीं बनता है...

शो में कोर्ट सीन के विवादित चित्रण मामले में कॉमेडियन कपिल शर्मा को मध्य प्रदेश हाइकोर्ट से राहत
शो में 'कोर्ट सीन' के विवादित चित्रण मामले में कॉमेडियन कपिल शर्मा को मध्य प्रदेश हाइकोर्ट से राहत

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने कहा कि पुलिस का इस तरह के आरोपों से कोई लेना-देना नहीं है, जिसने कॉमेडियन कपिल शर्मा के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत में पुलिस जांच अस्वीकार करने वाले निचली अदालत के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार किया।2021 में सुरेश धाकड़ नाम के वकील ने 'द कपिल शर्मा शो' के एंकर कपिल शर्मा और सोनी टेलीविज़न चैनल के सीईओ एन.पी. सिंह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 190-200 के तहत शिकायत दर्ज कराई, जिस पर विवादास्पद कार्यक्रम प्रसारित किया गया।शिवपुरी जे.एम.एफ.सी. के दिनांक 19-04-2023 के आदेश और...