क्रूरता के कारण 18 साल से अलग रह रही पत्नी: एमपी हाईकोर्ट ने पति की गुमशुदगी शिकायत 10 हजार रुपए जुर्माने के साथ खारिज की

Amir Ahmad

12 Aug 2024 6:54 AM GMT

  • क्रूरता के कारण 18 साल से अलग रह रही पत्नी: एमपी हाईकोर्ट ने पति की गुमशुदगी शिकायत 10 हजार रुपए जुर्माने के साथ खारिज की

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जो अपनी लापता पत्नी और बच्चों का पता लगाने के लिए निर्देश मांग रहा था उसकी पत्नी कथित तौर पर 2006 से लापता हैं।

    जस्टिस विशाल धगत ने पाया कि याचिकाकर्ता को पूरी तरह से पता था कि उसकी पत्नी ने उसके अपमानजनक व्यवहार के कारण उसे छोड़ दिया था।

    उन्होने टिप्पणी की,

    "याचिकाकर्ता की पत्नी ने इस अदालत को बताया कि उसका पति उसे और उसके बेटों को बेरहमी से पीटता था, इसलिए उसने वर्ष 2006 में उसका घर छोड़ दिया। याचिकाकर्ता उक्त तथ्यों और उसकी क्रूरता से अच्छी तरह वाकिफ है। वह पिछले 18 वर्षों से अपने पति के साथ नहीं रह रही है। उक्त तथ्यों को पूरी तरह से जानते हुए भी याचिकाकर्ता ने अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हुए यह याचिका दायर की।”

    लागत की राशि 30 दिनों के भीतर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट कर्मचारी संघ के पास जमा करने का निर्देश दिया जाता है।

    अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि पुलिस को उसकी पत्नी और बेटों की तलाश करने का निर्देश दिया जाए, जो 18 अप्रैल, 2006 को बालाघाट जिले के खरपड़िया गांव में अपने घर से कथित तौर पर गायब हो गए थे। हालांकि पुलिस के प्रयासों और उसके बाद की अदालती कार्यवाही के बाद यह पता चला कि उसकी पत्नी ने याचिकाकर्ता द्वारा उसके और उसके बच्चों के प्रति निर्दयी दुर्व्यवहार से बचने के लिए स्वेच्छा से अपना घर छोड़ दिया था।

    वह पिछले 18 वर्षों से उसके साथ नहीं रह रही थी। महिला ने अदालत को बताया कि 2006 में उसे अपने दो बेटों के साथ अपनी जान बचाने के लिए वैवाहिक घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

    मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता ने जानबूझकर याचिका दायर करके कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया था, जबकि वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी पत्नी उसके दुर्व्यवहार के कारण चली गई थी।

    केस टाइटल- नंदकिशोर राहंगडाले बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य।

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