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वेतन संशोधन योजना को अपनाने से नियोक्ता स्वतः ही उसकी पूर्वव्यापी तिथि से आबद्ध नहीं हो जाता: कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस देबांगसु बसाक और जस्टिस मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने माना कि सहकारी समिति का अगस्त, 2014 से बिना बकाया के ROPA 2009 को लागू करने का निर्णय वैध है, और वह 1 जनवरी, 2006 से लाभ प्रदान करने के लिए बाध्य नहीं है।पृष्ठभूमि तथ्यअपीलकर्ता को कलकत्ता कॉर्पोरेशन कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड (प्रतिवादी) के निदेशक मंडल द्वारा कनिष्ठ लिपिक के पद पर नियुक्त किया गया था। वह 10 फ़रवरी, 1987 से कार्यरत थी। 3 जून, 2004 को जारी निलंबन आदेश के कारण उसकी सेवा प्रभावित हुई। एक लंबी...
अपवाद जब नियम को खा जाते हैं: BNSS की धारा 479 की समस्या
राष्ट्रीय अपराध रिपोर्ट ब्यूरो के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में, जेलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या लगातार बढ़ी है, और कुल कैदियों की लगभग 77% आबादी विचाराधीन कैदी हैं। लंबे समय तक ट्रायल-पूर्व कारावास का संकट केवल प्रशासनिक नहीं है; यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता, निर्दोषता की धारणा और अनुच्छेद 21 के तहत शीघ्र सुनवाई के अधिकार से संबंधित गंभीर संवैधानिक चिंताओं को जन्म देता है, और इस सिद्धांत का भी उल्लंघन करता है कि ज़मानत ही नियम है, जेल नहीं।विशेष रूप से विचाराधीन कैदियों के लिए कारावास पर...
चेक बाउंस होने पर कार्यवाही शुरू होने के पहले चेक राशि का बीस प्रतिशत फरियादी को दिया जाना
लोग किसी दूसरे व्यक्ति को नगद रुपए न देकर चेक के माध्यम से खाते में रुपए देने का आश्वासन देते हैं। जैसे कि किसी सामान को खरीदने पर उसके भुगतान को चेक के माध्यम से करना, किसी सेवा को लेने पर उसके भुगतान को चेक के माध्यम से करना या फिर किसी व्यक्ति से रुपए उधार लेने पर उसे चुकता करते समय चेक के जरिए रुपए देना।ऐसे लेनदेन के बाद अनेक मामलों में धोखाधड़ी भी देखने को मिलती है। जहां लोग चेक दे देते हैं लेकिन उनके खाते में चेक जितनी रकम उपलब्ध नहीं होती है या फिर वह गलत साइन कर देते हैं या फिर कोई ऐसा...
पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर फरियादी के अधिकार
क़ानून में किसी भी अपराध में एक पक्ष अभियुक्त का होता है और एक शिकायतकर्ता का होता है। कभी-कभी देखने में यह आता है कि पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई, एफआईआर दर्ज करने के बाद अन्वेषण किया गया। अन्वेषण के बाद कोर्ट में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया और पुलिस ने आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए क्लोजर रिपोर्ट या फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी।इस स्थिति में शिकायतकर्ता व्यथित हो जाता है। क्योंकि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास जाता है। उसके साथ घटने वाले किसी अपराध की जानकारी उसके द्वारा पुलिस को...
लड़की का अपने पिता से भरण-पोषण लेने का अधिकार
एक बालिग़ बेटी भी अपने पिता से मेंटेनेंस मांग सकती है यह अधिकार उसे क़ानून ने दिया है। भरण पोषण एक ऐसे व्यक्ति को देना होता है जिस व्यक्ति पर दूसरे लोग आश्रित होते हैं। BNSS में एक पुरुष पर यह जिम्मेदारी डाली गई है कि वे अपने बच्चों, पत्नी तथा आश्रित माता-पिता का भरण पोषण करेगा।भरण पोषण से संबंधित कानून घरेलू हिंसा अधिनियम में भी मिलते हैं, जहां महिलाओं को भरण-पोषण दिलवाने की व्यवस्था की गई है। इसी के साथ हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत भी भरण-पोषण के प्रावधान मिलते हैं। जहां पर एक पत्नी अपने पति...
Gift Deed पर क़ानून
किसी भी प्रॉपर्टी का ट्रांसफर गिफ्ट डीड से भी किया जा सकता है। छोटी छोटी चीजों का दान साधारण तरीके से हो जाता है लेकिन बड़ी संपत्तियों का दान कानून द्वारा निर्धारित की गई प्रक्रिया के जरिए ही होता है। संपत्ति अंतरण अधिनियम किसी भी संपत्ति के हस्तांतरण से संबंधित प्रावधानों को उल्लेखित करता है, जहां मुख्य रूप से अचल संपत्तियों का उल्लेख है।इस अधिनियम के अंतर्गत दान को भी परिभाषित किया गया है। किसी भी संपत्ति को हस्तांतरण करने की प्रक्रिया होती है और प्रकार होते हैं। जैसे विक्रय,दान, हक त्याग,...
'सामाजिक दबाव में स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरधार्मिक जोड़े को रिहा किया
पुलिस द्वारा अंतरधार्मिक जोड़े को हिरासत में लिए जाने को 'अवैध' और "संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन" बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अंतरधार्मिक जोड़े (मुस्लिम पुरुष और हिंदू महिला) को रिहा कर दिया, जो इस सप्ताह की शुरुआत में अदालती सुनवाई में शामिल होने के बाद लापता हो गए थे और पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए थे।जस्टिस सलिल कुमार राय और जस्टिस दिवेश चंद्र सामंत की खंडपीठ ने अधिकारियों को अलीगढ़ तक सुरक्षित पहुँच सुनिश्चित करने और जोड़े की निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित...
500 पन्नों की थी याचिका, जमानत नहीं मिलेगी: दिल्ली कोर्ट ने लंबी-चौड़ी जमानत अर्जी देख किया खारिज
दिल्ली की पॉक्सो कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपी द्वारा दायर लगभग 500 पेज की ज़मानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह बहुत बड़ी और विस्तृत है।कड़कड़डूमा कोर्ट के स्पेशल पॉक्सो जज रमेश कुमार ने कहा कि ज़मानत याचिका पर निर्णय लेने में बहुमूल्य न्यायिक समय लगेगा।यह FIR पिछले साल कल्याणपुरी पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई।ज़मानत याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही जज ने कहा कि आरोपी के वकील ने लगभग 500 पेज में अनुलग्नकों के साथ ज़मानत याचिका का मसौदा तैयार किया था।अदालत ने...
जनता का पैसा दांव पर: सुस्त रवैये के बावजूद दिल्ली हाईकोर्ट ने यूनियन बैंक का वसूली मुकदमा बहाल किया, 25 हज़ार का जुर्माना लगाया
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर ऋण वसूली मुकदमे में उसके सुस्त रवैये को लेकर निराशा व्यक्त की, जिसके कारण कई बार स्थगन हुआ और चूक के बाद मुकदमा खारिज कर दिया गया।उसने बैंक की याचिका स्वीकार कर ली और जनता के पैसे की संलिप्तता को देखते हुए मुकदमा बहाल करने पर सहमति जताई।जस्टिस गिरीश कथपालिया ने टिप्पणी की,"इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि याचिकाकर्ता बैंक के संबंधित विधि अधिकारी या संबंधित प्रबंधक किसी भी तारीख पर क्यों नहीं पेश हुए और न ही कार्यवाही पर नज़र रखी। हालांकि,...
POCSO Act को न्योता देगा वयस्क पति के साथ सहवास: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग मां को 18 वर्ष की होने तक आश्रय गृह में रहने का निर्देश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाते हुए 17 वर्षीय नाबालिग मां को उसके वयस्क पति के साथ रहने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जब तक वह 5 अक्टूबर, 2026 को बालिग नहीं हो जाती, तब तक उसे सरकारी आश्रय गृह में ही रहना होगा।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की खंडपीठ ने नाबालिग लड़की और उसके दो माह के बच्चे की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर यह आदेश पारित किया।न्यायालय ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक नाबालिग को किसी वयस्क के साथ सहवास करने की...
पति के बेदखल किए जाने के बावजूद पत्नी को साझा घर में रहने का अधिकार: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा अधिनियम (DV Act) के तहत महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए यह दोहराया कि एक पत्नी शादी के तुरंत बाद जिस घर में रहने लगती है, वह 'साझा घर' माना जाएगा और उसे उस घर में रहने का अधिकार है। भले ही बाद में उसके पति को उसके माता-पिता द्वारा संपत्ति से बेदखल कर दिया गया हो।जस्टिस संजीव नरूला की एकल पीठ ने सास-ससुर और बहू के बीच एक संपत्ति विवाद पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवाह के बाद पति और ससुराल वालों के साथ रहने से ही वह निवास स्थान 'घरेलू संबंध'...
शैक्षणिक संस्थानों की संपत्तियों का व्यावसायिक उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को सर्कुलर जारी करने का दिया निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक आदेश में कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में शैक्षणिक संस्थानों की अचल संपत्तियों जिनमें उनके खेल के मैदान भी शामिल हैं, का उपयोग किसी भी परिस्थिति में 'वाणिज्यिक उद्देश्यों जैसे प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों या बिक्री के लिए नहीं किया जा सकता है।चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक महीने के भीतर एक स्पष्ट और असंदिग्ध सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया, जिसमें राज्य भर के स्कूल और कॉलेज परिसरों में ऐसे गैर-शैक्षणिक...
बड़ी कंपनियों को छोटे उद्यमों के खिलाफ उचित मुकदमेबाजी नीति अपनानी चाहिए: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज फैसिलिटेशन काउंसिल (MSMEFC) द्वारा पारित एक मध्यस्थता अवार्ड को चुनौती देने वाली महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड की अपील को खारिज कर दिया। यह अवार्ड रंजना इंडस्ट्रीज के पक्ष में सुनाया गया था।कोर्ट ने कहा कि अवार्ड तर्कसंगत, निष्पक्ष और विकृति से मुक्त था।जस्टिस सोमाशेखर सुंदरेसन ने डिस्ट्रिक्ट जज और काउंसिल के समवर्ती निष्कर्षों को बरकरार रखते हुए टिप्पणी की कि उद्योग जगत के नेताओं को छोटी कंपनियों को लंबी मुकदमेबाजी में घसीटने के बजाय...
जानबूझकर मुकदमे का मूल्यांकन बढ़ाने का आरोप पर्याप्त नहीं, केस ट्रांसफर की मांग खारिज: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि केवल इस आधार पर किसी मामले के ट्रांसफर की मांग नहीं की जा सकती कि दूसरी पार्टी ने जानबूझकर मुकदमे का मूल्यांकन बढ़ा दिया ताकि वह मामला संबंधित अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो जाए।कोर्ट ने इसे पूर्वाग्रह का आरोप लगाने और केस ट्रांसफर की मांग करने का पर्याप्त आधार मानने से इनकार कर दिया।जस्टिस गिरीश कथपालिया ने याचिका खारिज करते हुए कहा,"केवल इसलिए कि एक पक्ष अपने अभिवचनों में यह आरोप लगाता है कि दूसरे पक्ष ने जानबूझकर मुकदमे का...
सेवानिवृत्ति पर वेतन वृद्धि: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- 30 जून को 12 महीने की सेवा पूरी करने वाले पेंशन संशोधन के लिए वेतन वृद्धि के हकदार
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में उन कर्मचारियों को बड़ी राहत दी, जो 30 जून को सेवानिवृत्त होते हैं।कोर्ट ने फैसला सुनाया कि ये कर्मचारी वार्षिक वेतन वृद्धि के लाभ के हकदार होंगे बशर्ते उन्होंने रिटायरमेंट की तारीख तक 12 महीने की संतोषजनक सेवा पूरी कर ली हो।जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस रोहित कपूर की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया।पूरा मामलाहरियाणा राज्य के कर्मचारी याचिकाकर्ताओं ने हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2008 के नियम 10 को चुनौती दी थी। इस नियम के तहत, 30...
सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों के आदेश का विरोध करने वालों पर दिल्ली पुलिस नहीं करेगी दंडात्मक कार्रवाई
दिल्ली हाईकोर्ट को दिल्ली पुलिस ने सूचित किया कि सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को हटाने के निर्देश वाले आदेश का विरोध करने वाले और असहमति व्यक्त करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।दिल्ली पुलिस ने जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा को बताया कि 16 अगस्त को जिन नौ व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई, उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने पर विचार नहीं किया जा रहा है, बशर्ते वे जांच में शामिल हों।पुलिस के इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए कोर्ट ने उन व्यक्तियों द्वारा दायर...
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुल के रास्ते को अवरुद्ध करने पर लिया स्वत: संज्ञान, कहा- अतिक्रमणकारी राज्य को सीधी चुनौती दे रहे हैं
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक हिंदी दैनिक में प्रकाशित समाचार पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया म कि दयालबंद पुल के नीचे रहने वाले 15 परिवारों के लिए इस्तेमाल होने वाले चिह्नित फुटपाथ को कुछ लोगों ने अवरुद्ध कर दिया। ये लोग पहले वह ज़मीन खरीदने में विफल रहे थे और उन्होंने अब वहां एक लोहे का गेट और दीवार खड़ी कर दी, जिस पर एक धमकी भरा नोट भी चिपका है कि उस रास्ते से गुजरने वालों को 'उचित उपचार' दिया जाएगा।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभू दत्ता गुरु की खंडपीठ ने इन व्यक्तियों द्वारा अपनाई...
बीमा कंपनियों द्वारा अनावश्यक तकनीकी अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराज़गी, लगाया जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि कार्य के दौरान घायल हुए किसी कर्मचारी को मुआवज़ा देने का पूरा बोझ अकेले नियोक्ता (Employer) पर नहीं डाला जा सकता, क्योंकि बीमाकर्ता नियोक्ता के साथ संयुक्त रूप से और अलग-अलग मुआवज़ा देने के लिए उत्तरदायी है।जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसने बीमाकर्ता को कर्मचारी को मुआवज़ा देने की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया था। यह फैसला उस बीमा अनुबंध के बावजूद आया था जो कर्मचारी मुआवज़ा अधिनियम 1923 के...
देशभर में 8.8 लाख क्रियान्वयन याचिकाएं लंबित: सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई, हाईकोर्ट्स को शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में क्रियान्वयन याचिकाओं के लंबित होने की खतरनाक स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।न्यायालय ने खुलासा किया कि जिला अदालतों में 8,82,578 क्रियान्वयन याचिकाएं लंबित हैं, बावजूद इसके कि हाईकोर्ट्स को पहले छह महीने के भीतर उनका निपटान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ पेरियम्मा (मृत) टीएचआर एलआरएस और अन्य बनाम वी. राजामणि और अन्य मामले में अपने 6 मार्च, 2025 के आदेश के अनुपालन की निगरानी कर रही थी, जिसने क्रियान्वयन...
HP Excise Act | अवैध शराब रखने पर लाइसेंस निलंबन जुर्माना अदा करने के बाद हटाया जा सकता है: हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि आबकारी अधिनियम की धारा 66(2) के तहत यदि लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन या शुल्क का भुगतान न करने पर लाइसेंस रद्द या निलंबित किया जाता है तो जुर्माना अदा करने के बाद निलंबन को बाद में रद्द किया जा सकता है।जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने टिप्पणी की:"...धारा 29 के खंड (क), (ख) या (ग) के तहत लाइसेंस रद्द या निलंबित किए जाने की स्थिति में ऐसा रद्दीकरण या निलंबन जुर्माना अदा करने के बाद रद्द या छोड़ा जा सकता है... इसलिए निलंबन... समझौता योग्य...



















