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Income Tax Act| धारा 143(3) के तहत मूल निर्धारण पूर्ण होने के बाद चार वर्ष से अधिक समय बाद पुनर्मूल्यांकन अमान्य: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
Income Tax Act| धारा 143(3) के तहत मूल निर्धारण पूर्ण होने के बाद चार वर्ष से अधिक समय बाद पुनर्मूल्यांकन अमान्य: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने यह माना है कि यदि आयकर अधिनियम की धारा 143(3) के तहत मूल निर्धारण (Original Assessment) किया जा चुका है, तो उसके चार वर्ष बीत जाने के बाद पुनर्मूल्यांकन (Re-assessment) की कार्यवाही अवैध है।जस्टिस लिसा गिल और जस्टिस मीनाक्षी आई. मेहता की खंडपीठ ने कहा कि आकलन अधिकारी (Assessing Officer) को पुनः मूल्यांकन करने का अधिकार तभी है जब उसके पास कोई ठोस और वास्तविक सामग्री हो जिससे यह साबित हो सके कि कर योग्य आय का आकलन अधूरा या गलत हुआ है। धारा 143(3) के तहत किया गया...

इससे सभी आहत हैं: दिल्ली हाईकोर्ट ने CJI गवई पर जूता फेंकने की घटना की कड़ी निंदा की, कहा- उचित कदम उठाए जाने जरूरी
इससे सभी आहत हैं: दिल्ली हाईकोर्ट ने CJI गवई पर जूता फेंकने की घटना की कड़ी निंदा की, कहा- उचित कदम उठाए जाने जरूरी

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को चीफ जस्टिसऑफ इंडिया (CJI) बी. आर. गवई पर खुले अदालत में जूता फेंके जाने की घटना की कड़ी निंदा की। अदालत ने कहा कि ऐसी घटनाएं केवल निंदनीय नहीं बल्कि इन पर प्रभावी और उचित कार्रवाई भी आवश्यक है ताकि न्यायपालिका की गरिमा और शुचिता बनी रहे।चीफ जस्टिस डी. के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ी वीडियो क्लिप्स को हटाने के निर्देश मांगे गए। यह याचिका तेजस्वी मोहन नामक व्यक्ति द्वारा दाखिल...

Delhi-NCR प्रदूषण मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 17 नवंबर तक टाली, पंजाब-हरियाणा से मांगी पराली जलाने पर रिपोर्ट
Delhi-NCR प्रदूषण मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 17 नवंबर तक टाली, पंजाब-हरियाणा से मांगी पराली जलाने पर रिपोर्ट

Delhi-NCR में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा सरकारों को पराली जलाने पर रोक के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।अदालत ने कहा कि दोनों राज्य बताएँ कि प्रदूषण के इस बड़े कारण को रोकने के लिए उन्होंने अब तक क्या ठोस कदम उठाए हैं।चीफ जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ मामले में दाखिल पर्यावरणीय याचिकाओं पर सुनवाई की।सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने...

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी अधिकारियों को दी गई अंतरिम गिरफ्तारी सुरक्षा को किया स्थायी
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी अधिकारियों को दी गई अंतरिम गिरफ्तारी सुरक्षा को किया स्थायी

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में आबकारी विभाग के अधिकारियों को दी गई अंतरिम गिरफ्तारी सुरक्षा को स्थायी कर दिया।कोर्ट ने यह आदेश आरोपित अधिकारियों के विरुद्ध दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई के दौरान पारित किया।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की पीठ ने यह आदेश सीनियर एडवोकेट एस. नागमुथु और सिद्धार्थ अग्रवाल (याचिकाकर्ताओं की ओर से) तथा सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी और एएसजी एस.डी. संजय (राज्य एवं प्रवर्तन निदेशालय की ओर से) की...

आरक्षण के बाद छह महीने से लंबित फैसलों की जानकारी सार्वजनिक करें हाईकोर्ट्स: सुप्रीम कोर्ट का सुझाव
आरक्षण के बाद छह महीने से लंबित फैसलों की जानकारी सार्वजनिक करें हाईकोर्ट्स: सुप्रीम कोर्ट का सुझाव

न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रस्ताव रखा कि देश के सभी हाईकोर्ट्स अपनी वेबसाइट पर 'डैशबोर्ड' तैयार करें, जिसमें यह जानकारी उपलब्ध हो कि किन मामलों में फैसले सुरक्षित रखे गए, कब उच्चारित किए गए और कब वेबसाइट पर अपलोड हुए।जस्टिस सूर्या कांत और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन (या बगची मूल पाठ में बगची) की खंडपीठ ने कहा कि अब समय आ गया कि यह जानकारी सार्वजनिक की जाए कि किसी हाईकोर्ट में किस जज ने कितने निर्णय सुरक्षित रखे कितने निर्णय...

RCB के निखिल सोसले को राहत, कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूर्व सूचना देकर शहर छोड़ने की दी अनुमति
RCB के निखिल सोसले को राहत, कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूर्व सूचना देकर शहर छोड़ने की दी अनुमति

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को आरसीबी (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को बड़ी राहत देते हुए उनकी जमानत की एक शर्त में ढील दी है। यह मामला बेंगलुरु स्टाम्पेड घटना से संबंधित है, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी।सोसले को 6 जून को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और 6 दिन बाद उन्हें जमानत दी गई थी, इस शर्त के साथ कि वे बेंगलुरु शहर से बाहर नहीं जा सकते। अब उन्होंने यह शर्त हटाने की मांग की थी, क्योंकि उनके काम के सिलसिले में उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में यात्रा करनी पड़ती...

राजस्थान हाईकोर्ट ने 2021 SI अभ्यर्थियों को 2025 भर्ती में शामिल करने व आयु सीमा में छूट देने पर विचार करने का आदेश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने 2021 SI अभ्यर्थियों को 2025 भर्ती में शामिल करने व आयु सीमा में छूट देने पर विचार करने का आदेश दिया

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह वर्ष 2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में शामिल हुए और वर्ष 2025 की नई भर्ती प्रक्रिया में पुनः आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को 4 वर्ष की आयु सीमा में छूट देने पर विचार करे, जबकि विज्ञापन में केवल 3 वर्ष की छूट का प्रावधान किया गया था।जस्टिस अशोक कुमार जैन की पीठ ने कहा कि यह मामला युवाओं की वैध अपेक्षा (legitimate expectation) से जुड़ा है और ऐसे उम्मीदवारों को केवल अधिकतम आयु सीमा पार करने के कारण अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए, जब देरी...

हाईकोर्ट की विवेकाधीन शक्ति को सीमित नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
'हाईकोर्ट की विवेकाधीन शक्ति को सीमित नहीं किया जा सकता': केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (KHCAA) ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह तर्क दिया है कि हाईकोर्ट को पहली बार में ही अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) याचिकाओं को सुनने का जो विवेकाधिकार प्राप्त है, उसे किसी भी प्रकार से सीमित नहीं किया जा सकता। एसोसिएशन ने कहा कि हाईकोर्ट की अधिकारिता पर किसी भी तरह की पाबंदी लगाना न्यायिक अतिक्रमण (Judicial Overreach) होगा, जो विधायी मंशा (Legislative Intent) और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है। एसोसिएशन ने...

सुरक्षा के तौर पर दिए गए पोस्ट डेटेड चेक भी बन सकते हैं देयता का हिस्सा, बाउंस होने पर लगेगी NI Act की धारा 138: दिल्ली हाईकोर्ट
सुरक्षा के तौर पर दिए गए पोस्ट डेटेड चेक भी बन सकते हैं देयता का हिस्सा, बाउंस होने पर लगेगी NI Act की धारा 138: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा वित्तीय देनदारी के लिए सुरक्षा के रूप में पोस्ट डेटेड चेक दिया गया और बाद में वह देनदारी वास्तविक रूप से कानूनी रूप से देय बन जाती है तो ऐसे चेक के बाउंस होने पर परिवर्तनीय लिखत अधिनियम (Negotiable Instruments Act) की धारा 138 लागू होगी।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की एकल पीठ ने कहा कि सुरक्षा के तौर पर दिए गए चेक का उद्देश्य यह होता है कि यदि किसी अनुबंध या ऋण के तहत देनदारी उत्पन्न होती है और भुगतान नहीं किया जाता तो उस...

सरकार को दिव्यांग व्यक्तियों के मुख्य आयुक्त की सिफारिशें न मानने पर कारण बताना होगा: दिल्ली हाईकोर्ट
सरकार को दिव्यांग व्यक्तियों के मुख्य आयुक्त की सिफारिशें न मानने पर कारण बताना होगा: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के मुख्य आयुक्त (Chief Commissioner for Persons with Disabilities CCPwD) की सिफारिशों को सामान्य रूप से सरकार और संबंधित प्राधिकरणों को मानना चाहिए। हालांकि यदि कोई वैध कारण हो तो संबंधित प्राधिकारी इन सिफारिशों को न मानने का निर्णय ले सकता है परंतु ऐसे में उसे अपनी अस्वीकृति का कारण स्पष्ट रूप से बताना अनिवार्य होगा।जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस मधु जैन की खंडपीठ ने कहा,“यदि कोई प्राधिकारी मुख्य आयुक्त की सिफारिश नहीं मानता तो...

सतेंद्र कुमार अंतिल फैसले की गलत व्याख्या से जमानत में भ्रम: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताई चिंता
सतेंद्र कुमार अंतिल फैसले की गलत व्याख्या से जमानत में भ्रम: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताई चिंता

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि ज़िला कोर्ट और एडवोकेट कभी-कभी सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध निर्णय सतेंद्र कुमार अंतिल बनाम केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (2021) की गलत व्याख्या कर देते हैं जिससे जमानत संबंधी कार्यवाही में भ्रम पैदा होता है।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की सिंगल बेंच ने स्पष्ट किया कि सतेंद्र कुमार अंतिल मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश केवल उन परिस्थितियों में लागू होते हैं, जब पुलिस द्वारा आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल किया जा चुका हो। अदालत ने कहा कि यह आदेश उन...

पीएम मोदी की डिग्री विवाद: दिल्ली हाईकोर्ट ने DU से अपील दाखिल में देरी पर आपत्तियां दाखिल करने को कहा, फिलहाल नोटिस जारी नहीं
पीएम मोदी की डिग्री विवाद: दिल्ली हाईकोर्ट ने DU से अपील दाखिल में देरी पर आपत्तियां दाखिल करने को कहा, फिलहाल नोटिस जारी नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्नातक डिग्री से संबंधित सूचना के खुलासे को लेकर दायर अपीलों के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) को अपील दाखिल में हुई देरी पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने हालांकि फिलहाल मामले में नोटिस जारी नहीं किया।अदालत ने आदेश दिया,“SGA तुषार मेहता प्रतिवादी की ओर से उपस्थित हैं। देरी माफ करने के आवेदन पर आपत्ति तीन सप्ताह में दाखिल की जाए। याचिकाकर्ता दो सप्ताह...

क्या हाईकोर्ट सेशन कोर्ट की अनदेखी करके अग्रिम ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने मामला तीन जजों की बेंच को सौंपा
क्या हाईकोर्ट सेशन कोर्ट की अनदेखी करके अग्रिम ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने मामला तीन जजों की बेंच को सौंपा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह मुद्दा तीन जजों की बेंच को सौंप दिया कि क्या हाईकोर्ट सेशन कोर्ट में गए बिना दायर अग्रिम ज़मानत याचिकाओं पर सीधे विचार कर सकते हैं।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की दो जजों की बेंच ने आदेश दिया कि इस मामले को तीन जजों की बेंच के समक्ष रखा जाए।सितंबर में वर्तमान पीठ ने मोहम्मद रसल सी बनाम केरल राज्य मामले में इस मुद्दे पर विचार किया था, जब केरल हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम ज़मानत मामलों पर सीधे विचार करने की प्रथा पर असहमति जताई गई। कोर्ट ने यह विचार व्यक्त किया...

एग्जीक्यूटेशन याचिका में जजमेंट डेब्टर द्वारा उल्लंघन दर्शाने का दायित्व डिक्रीधारक का: सुप्रीम कोर्ट
एग्जीक्यूटेशन याचिका में जजमेंट डेब्टर द्वारा उल्लंघन दर्शाने का दायित्व डिक्रीधारक का: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (12 नवंबर) को कहा कि किसी भी डिक्री का एग्जीक्यूटिव केवल पूर्वधारणा के आधार पर नहीं किया जा सकता। यह साबित करने का दायित्व डिक्रीधारक का है कि निर्णय ऋणी द्वारा डिक्री की शर्तों का उल्लंघन किया गया।जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस विपुल एम. पंचोली की खंडपीठ ने एक ऐसे मामले की सुनवाई करते हुए कहा, जिसमें एग्जीक्यूटिव कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में भगवान संगलप्पा स्वामी मंदिर के पूजा अधिकारों और प्रबंधन के संबंध में अपीलकर्ताओं और प्रतिवादियों के बीच 1933...

BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार वकील को रिहाई करने का दिया आदेश
BREAKING| सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार वकील को रिहाई करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (12 नवंबर) को हरियाणा पुलिस द्वारा एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए वकील विक्रम सिंह की रिहाई का आदेश दिया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने मामले में अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली सिंह द्वारा दायर एक रिट याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी करते हुए यह अंतरिम आदेश पारित किया।पीठ ने निर्देश दिया कि सिंह को 10,000 रुपये के जमानत बांड पर तत्काल रिहा किया जाए। याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट...

ECI मतदाताओं के डेटा को गोपनीय रखता है, गोपनीयता की रक्षा का हकदार: मशीन-पठनीय मतदाता सूची की मांग पर सुप्रीम कोर्ट
'ECI मतदाताओं के डेटा को गोपनीय रखता है, गोपनीयता की रक्षा का हकदार': मशीन-पठनीय मतदाता सूची की मांग पर सुप्रीम कोर्ट

SIR सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मतदाता सूची को मशीन-पठनीय प्रारूप में उपलब्ध कराने पर मौखिक रूप से आपत्ति जताई और कहा कि इससे मतदाताओं की गोपनीयता से समझौता हो सकता है।कोर्ट ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग मतदाताओं के डेटा को गोपनीय रखता है और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गोपनीयता के कई स्तर अपनाने का हकदार है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि क्या डेटा को पासवर्ड से सुरक्षित किया जा सकता है ताकि कोई व्यक्ति इसे आसानी से एक्सेस कर सके और अन्य दलों द्वारा अनधिकृत एक्सेस को...

Nithari Killings | बाद में खारिज किए गए साक्ष्यों के आधार पर सुरेंद्र कोली की दोषसिद्धि बरकरार रखना अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन होगा: सुप्रीम कोर्ट
Nithari Killings | बाद में खारिज किए गए साक्ष्यों के आधार पर सुरेंद्र कोली की दोषसिद्धि बरकरार रखना अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन होगा: सुप्रीम कोर्ट

निठारी हत्याकांड मामले में सुरेंद्र कोली की अंतिम दोषसिद्धि रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब समान साक्ष्यों पर आधारित सभी संबंधित मामले टिकने योग्य नहीं पाए गए तो उसे बरकरार रखना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन होगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोली की दोषसिद्धि के साक्ष्य आधार को संबंधित मामलों में पहले ही अस्वीकार्य घोषित किया जा चुका है और समान रिकॉर्ड पर अलग-अलग परिणाम बनाए रखना मनमाना असमानता के बराबर होगा।कोर्ट ने कहा,संविधान का...

बिना किसी वैध कारण के एग्जीक्यूटिव कोर्ट्स को निष्पादन याचिकाओं को वापस लेने और पुनः दाखिल करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
बिना किसी वैध कारण के एग्जीक्यूटिव कोर्ट्स को निष्पादन याचिकाओं को वापस लेने और पुनः दाखिल करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक्सीक्यूटिंग कोर्ट (Executing Courts) को निर्देश दिया कि वे बिना किसी वैध कारण के निष्पादन याचिकाओं को वापस लेने और पुनः दाखिल करने की अनुमति न दें। कोर्ट ने कहा कि ऐसी प्रथाओं से आदेशों के प्रवर्तन में अनावश्यक देरी होती है।जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने पेरियाम्मल (मृतकों के माध्यम से मृत्युदंड) एवं अन्य बनाम वी. राजमणि एवं अन्य मामले में अपने पूर्व के निर्णय से उत्पन्न आवेदनों पर विचार करते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट देश भर में निष्पादन...

2024 के लोकसभा चुनावों के CCTV फुटेज अब जिला चुनाव अधिकारियों के पास नहीं हैं, नष्ट कर दिए गए: ECI ने हाईकोर्ट को बताया
2024 के लोकसभा चुनावों के CCTV फुटेज अब जिला चुनाव अधिकारियों के पास नहीं हैं, नष्ट कर दिए गए: ECI ने हाईकोर्ट को बताया

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों के CCTV फुटेज अब राष्ट्रीय राजधानी के सात जिला चुनाव अधिकारियों (DEO) के पास नहीं हैं क्योंकि वे नष्ट कर दिए गए।जस्टिस मिनी पुष्करणा ने पिछले साल एडवोकेट महमूद प्राचा द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए यह बयान रिकॉर्ड में लिया, जिसमें वीडियो फुटेज को संरक्षित करने की मांग की गई।यह आवेदन 2024 के चुनावों के संबंध में पूरे भारत में मतदान केंद्रों के अंदर वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी डेटा की मांग करते हुए...