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केरल में हिजाब-यूनिफॉर्म पर विवाद, स्कूल को मिली पुलिस सुरक्षा
केरल हाईकोर्ट ने ईसाई प्रबंधन द्वारा संचालित CBSE संबद्ध स्कूल सेंट रीटा पब्लिक स्कूल को पुलिस सुरक्षा प्रदान की। यह कदम तब उठाया गया, जब स्कूल में यूनिफॉर्म नीति का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर आई एक मुस्लिम स्टूडेंट को रोके जाने के बाद कथित तौर पर धमकी और भीड़ के जबरन प्रवेश की घटना सामने आई।जस्टिस एन. नागा रेश ने इस संबंध में अंतरिम आदेश जारी किया।स्कूल प्रबंधन ने अपनी याचिका में मांग की कि यूनिफॉर्म नीति को लेकर मिल रही कथित धमकियों और परिसर में भीड़ के जबरन घुसने के बाद प्रबंधन, स्टाफ और...
नागरिकता अधिनियम की अंतिम तारीख: धारा 3 और धारा 6ए पर सुप्रीम कोर्ट के संतुलनकारी निर्णय का विश्लेषण
कानूनी पहलुओं पर चर्चा करने से पहले, असम के विशिष्ट इतिहास और राजनीतिक स्थिति को समझना आवश्यक है। भारत में अद्वितीय यह संदर्भ, 26 जनवरी, 1950 को राज्य के गठन के बाद से इन मुद्दों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्यसदियों से, विभिन्न जातीय समूहों ने अलग-अलग समय पर असम में प्रवेश किया है। असम में सबसे पहले प्रवेश का श्रेय उत्तर भारत से आए इंडो-आर्यों को दिया जाता है, जो तीसरी शताब्दी ईस्वी के दौरान वर्मन शासन के दौरान ब्रह्मपुत्र घाटी में प्रवास कर गए थे। एक और उल्लेखनीय प्रवास कुछ...
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली समिति से सीजेआई को हटाने के मामले पर 11 नवंबर को होगी सुनवाई
मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 11 नवंबर को सुनवाई करेगा। बता दें, इस अधिनियम के तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली समिति से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) को हटा दिया गया था।यह मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध था, जो समय की कमी के कारण अपनी बारी आने पर इस पर सुनवाई नहीं कर सकी। जब याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने इसका उल्लेख किया तो मामला 11 नवंबर के लिए सूचीबद्ध हो...
पूर्व MCD मेयर शैली ओबेरॉय ने स्थायी समिति चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका वापस ली
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली नगर निगम (MCD) की पूर्व मेयर शैली ओबेरॉय द्वारा दायर याचिका को वापस लेने की अनुमति दी, जिसमें उन्होंने 27 सितंबर, 2024 को हुए MCD स्थायी समिति के छठे सदस्य के चुनाव को चुनौती दी थी। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत हासिल की थी।जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चंदुरकर की खंडपीठ ने 9 अक्टूबर को इस संबंध में आदेश पारित किया।शैली ओबेरॉय का कार्यकाल नवंबर 2024 में समाप्त हो गया था। BJP के राजा इकबाल सिंह ने इस वर्ष अप्रैल में नए मेयर के रूप में...
UAPA ट्रिब्यूनल के कार्य सिविल कोर्ट के समान क्यों नहीं हैं? दिल्ली हाईकोर्ट ने PFI मामले में दिया जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गठित ट्रिब्यूनल (UAPA Tribunal) के कार्यों को एक सिविल कोर्ट के कार्यों के बराबर नहीं माना जा सकता।चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गडेला की खंडपीठ ने कहा कि UAPA ट्रिब्यूनल का कार्य केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए संदर्भ पर निर्णय लेना है कि क्या किसी संगठन को गैरकानूनी घोषित करने का पर्याप्त कारण मौजूद है या नहीं। ट्रिब्यूनल का कार्यक्षेत्र किसी सिविल कोर्ट की तरह पक्षों के बीच विवाद (lis) का...
विलंब माफ़ी के बाद निचली अदालत सीमा अवधि पर दोबारा विचार नहीं कर सकती: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण कानूनी सिद्धांत को स्थापित करते हुए कहा कि एक बार जब हाई कोर्ट द्वारा किसी मामले में सीमा अवधि से हुई देरी को माफ कर दिया जाता है तो जिला अदालत उसी मुद्दे पर पुनर्विचार नहीं कर सकती है। कोर्ट ने यह फैसला दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (DTL) द्वारा दायर एक अपील को खारिज करते हुए दिया जिसमें DTL ने हिंदुस्तान अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पक्ष में दिए गए मध्यस्थ निर्णय को चुनौती दी।जस्टिस अनिल क्षेतरपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम...
NDPS Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा छापा मारने वाली टीम और शिकायतकर्ता के कॉल रिकॉर्ड्स पेश करने पर रोक नहीं, बशर्ते गोपनीयता बनी रहे
दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम (NDPS Act) के मामलों में छापा मारने वाली टीम के सदस्यों और पुलिस शिकायतकर्ता के कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDRs) और लोकेशन चार्ट पेश करने पर कोई रोक नहीं है बशर्ते उनकी सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित की जाए।जस्टिस रविंदर डुडेजा ने कहा,"CDRs/लोकेशन चार्ट को कोर्ट के सामने उचित चरण में पेश करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जबकि छापा मारने वाली टीम के सदस्यों और पुलिस शिकायतकर्ता की सुरक्षा और गोपनीयता के...
हेडमास्टर नहीं, सिर्फ एक टीचर, शर्मनाक स्थिति: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूल की खस्ता हालत पर केंद्र को भी फंड देने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अमृतसर के टापियाला स्थित सरकारी स्कूल की दयनीय स्थिति पर कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने पाया कि स्कूल में न तो कोई हेडमास्टर है, न पर्याप्त बुनियादी ढांचा और केवल एक शिक्षक है, जो सभी स्टूडेंट्स को पढ़ाता है। स्टाफ के लिए अलग शौचालय की सुविधा नहीं है। तीन कक्षाओं (छठी से आठवीं) के लिए केवल एक कमरा उपलब्ध है।जस्टिस एन.एस. शेखावत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बाध्य हैं। कोर्ट ने इस आदेश को चीफ जस्टिस...
क्या जिला जजों के कुछ पद एंट्री-लेवल के न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति के लिए आरक्षित होने चाहिए: संविधान पीठ 28-29 अक्टूबर को करेगी सुनवाई
न्यायिक सेवा में पदोन्नति के सीमित अवसरों के कारण एंट्री-लेवल के पदों पर नियुक्त होने वाले युवा न्यायिक अधिकारियों के करियर में आने वाले ठहराव से संबंधित मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 28 और 29 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पांच जजों की पीठ यह तय करेगी कि उच्च न्यायिक सेवा के संवर्ग में सीनियरिटी निर्धारित करने के मानदंड क्या होने चाहिए। पीठ सहायक और संबंधित मुद्दों...
सीनियर वकीलों के लिए पेंशन योजना: एमपी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बार काउंसिलों को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में जनहित याचिका (PIL) पर राज्य सरकार स्टेट बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया। इस याचिका में उन वकीलों के लिए कल्याणकारी योजना बनाने की मांग की गई, जिन्होंने 35 से 40 वर्ष की प्रैक्टिस पूरी कर ली है।याचिकाकर्ता एडवोकेट राजेंद्र श्रीवास्तव ने दावा किया कि वकील कानूनी पेशे में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं लेकिन उनमें से कई अपने करियर के अंतिम चरण में आर्थिक रूप से खुद को बनाए रखने में असमर्थ हो जाते हैं। याचिकाकर्ता ने अपनी मांग के समर्थन में...
पत्नी का गुस्सा पति की प्रतिष्ठा धूमिल करने का हक नहीं देता: MP हाईकोर्ट ने बेवफाई के झूठे आरोपों पर दी तलाक की मंजूरी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में माना कि अपने जीवनसाथी के खिलाफ चरित्रहीनता (Moral Turpitude) के निराधार और झूठे आरोप लगाना क्रूरता (Cruelty) की श्रेणी में आता है और यह तलाक का आधार बन सकता है।हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पत्नी का गुस्सा उसे निराधार आरोप लगाकर पति की छवि को धूमिल करने का अधिकार नहीं देता है। इन टिप्पणियों के साथ कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को रद्द करते हुए पति को तलाक दिया, जिसमें केवल न्यायिक पृथक्करण मंजूर किया गया था लेकिन तलाक नहीं दिया गया था।जस्टिस विशाल धगट...
पेट्रोलियम उत्पादों की अवैध हैंडलिंग जनता को प्रभावित करती है, यह निजी विवाद नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की अवैध हैंडलिंग और उनमें मिलावट से जुड़े अपराधों का सीधा असर सार्वजनिक सुरक्षा अर्थव्यवस्था और राज्य के राजस्व पर पड़ता है। इसलिए इन्हें पक्षों के बीच मात्र निजी विवाद के रूप में नहीं देखा जा सकता। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे अपराध सार्वजनिक जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्र को प्रभावित करते हैं और अग्रिम जमानत याचिकाओं पर विचार करते समय इन्हें अत्यंत गंभीरता से लिया जाना चाहिए।जस्टिस अमित बोरकर चेतन, राम गंगवानी और यश...
गड्ढों से मौत पर 6 लाख मुआवजा: बॉम्बे हाईकोर्ट ने नागरिक निकायों और ठेकेदारों को जवाबदेह ठहराया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में सोमवार को यह स्पष्ट किया कि अब से यदि गड्ढों या खराब सड़कों के कारण किसी की मृत्यु होती है तो सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार और संबंधित नागरिक प्राधिकरण उस मौत के लिए जिम्मेदार होंगे और उन्हें पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देना होगा।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस संदेश पाटिल की खंडपीठ ने जवाबदेही तय करते हुए गड्ढों या खराब सड़कों के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवारों को 6 लाख और गंभीर रूप से घायल होने वालों को 50 हजार से 2.50 लाख तक मुआवजा देने...
भगत सिंह के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी मामले में न्यूज़ चैनल्स के एडिटर्स को राहत
ओट्टापलम (पलक्कड़) के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने हाल ही में मीडिया वन समाचार चैनल के एडिटर्स के खिलाफ स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में दायर एक निजी शिकायत खारिज की।शिकायतकर्ता ने मजिस्ट्रेट से मीडिया वन के मैनेजिंग एडिटर और अन्य एडिटर्स के खिलाफ भगत सिंह के बारे में कथित रूप से "अपमानजनक" टिप्पणी करने और उनकी छवि को धूमिल करने के लिए संज्ञान लेने की मांग की।शिकायतकर्ता के अनुसार, 11.12.2024 को जेद्दा में लाइव कार्यक्रम में भाग लेते समय...
NGO के नाम पर याचिका दायर करने वाले व्यक्ति पर हाईकोर्ट सख्त, जांच के दिए आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को गैर-सरकारी संगठन (NGO) की ओर से अनधिकृत रूप से रिट याचिका दायर करने के लिए कड़ी फटकार लगाई। यह याचिका शहर के जामिया नगर इलाके में कथित अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दायर की गई।आरोपी व्यक्ति ने याचिका दायर करने के लिए स्पष्ट रूप से NGO के लेटर हेड का दुरुपयोग किया। हालांकि बाद में NGO के प्रमुख कोर्ट में उपस्थित हुए और कोर्ट को बताया कि उस व्यक्ति का NGO से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने NGO के नाम पर दायर की गई याचिका को वापस लेने की मांग की।इस बीच...
मजिस्ट्रेट का गवाहों को वॉइस सैंपल देने का निर्देश देना अनुच्छेद 20(3) का उल्लंघन नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट न केवल अभियुक्तों से बल्कि गवाहों से भी वॉइस सैंपल लेने का निर्देश दे सकता है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे सैंपल, चाहे वॉइस, उंगलियों के निशान, लिखावट या DNA हों, साक्ष्य के बजाय भौतिक साक्ष्य होते हैं, इसलिए अनुच्छेद 20(3) के तहत आत्म-दोषसिद्धि के विरुद्ध संवैधानिक संरक्षण का उल्लंघन नहीं करते हैं।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने 2019 के रितेश सिन्हा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य मामले के उदाहरण का हवाला दिया, जिसमें...
CBI जांच के लिए राज्य की सहमति न होने की याचिका पर FIR दर्ज होने के तुरंत बाद विचार किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 की धारा 6 के तहत CBI द्वारा राज्य की सहमति न लेने के संबंध में आपत्तियां जल्द से जल्द आमतौर पर FIR दर्ज होने के तुरंत बाद उठाई जानी चाहिए। इसने स्पष्ट किया कि एक बार जांच पूरी हो जाने आरोप पत्र दाखिल हो जाने और मजिस्ट्रेट द्वारा संज्ञान ले लिए जाने के बाद ऐसी आपत्तियों का इस्तेमाल कार्यवाही को अमान्य करने के लिए देर से नहीं किया जा सकता, सिवाय इसके कि जहां संज्ञान लेने से पहले ही रद्द करने की याचिका लंबित हो।अदालत ने कहा,"हम ऐसा...
हरियाणा ADA परीक्षा पैटर्न नहीं बदला जा सकता: हाईकोर्ट में बोला HPSC
हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को सूचित किया कि सहायक जिला अटॉर्नी (ADA) पद के लिए परीक्षा पैटर्न में इस समय कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। हाल ही में पाठ्यक्रम में कानून-आधारित विषयों से सामान्य ज्ञान में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका का जवाब देते हुए आयोग ने कहा कि ऐसा बदलाव संभव नहीं है।यह याचिका पारंपरिक कानून-केंद्रित पैटर्न से विचलन को चुनौती देते हुए दायर की गई, जिसमें तर्क दिया गया कि यह परीक्षा की व्यावसायिक प्रासंगिकता को कमज़ोर करता है।हरियाणा एडीए...
50,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय न मिलने पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने लगभग 50,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को छह महीने से कथित मानदेय न मिलने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा।पंजाब सरकार ने दलील दी कि बैंक विवरण को लेकर कुछ समस्या है। हालांकि, अब मानदेय का भुगतान कर दिया गया।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने राज्य के वकील से हलफनामा दाखिल करने को कहा।2 अक्टूबर को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब भर के लगभग 27,000 केंद्रों में कार्यरत 50,000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और...
हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7 के तहत संपन्न न हुए विवाह को अमान्य घोषित नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि दो व्यक्तियों के बीच विवाह को इस आधार पर अमान्य घोषित नहीं किया जा सकता कि वह हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7 के अनुसार संपन्न ही नहीं हुआ।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा:"हमारे लिए यह स्पष्ट है कि हिंदू विवाह अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो किसी पक्ष को यह घोषित करने का अधिकार देता हो कि कोई विवाह इस आधार पर प्रारंभ से ही अमान्य है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7 के अनुसार संपन्न ही नहीं हुआ। हिंदू विवाह अधिनियम...



















