जानिए हमारा कानून
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 33: आदेश 7 नियम 2 से 5 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 7 वादपत्र है। आदेश 7 यह स्पष्ट करता है कि एक वादपत्र किस प्रकार से होगा क्या क्या चीज़े वादपत्र का हिस्सा होगी। इस आलेख के अंतर्गत इस ही आदेश 7 के नियम 2 से 5 तक के प्रावधानों पर चर्चा प्रस्तुत की जा रही है।नियम-2 धन के वादों में- जहाँ वादी धन की वसूली चाहता है वहाँ दावा की गई ठीक रकम वादपत्र में काबिज़ की जाएगीकिन्तु जहाँ वादी अन्त कालीन लाभों के लिए या ऐसी रकम के लिए जो उसके और प्रतिवादी के बीच हिसाब किए जाने पर उसको शोध्य पाई जाए,...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 32: आदेश 7 नियम 1 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 7 वादपत्र है। वास्तव में आदेश 6,7,8 यह तीनों ही अभिवचन से संबंधित हैं। पिछले आलेखों में आदेश 6 पर अध्ययन किया गया है जहां अभिवचन के सिद्धांत दिए गए हैं जिनका पालन वादी एवं प्रतिवादी दोनों को ही करना होता है। आदेश 7 में यह बताया गया है कि वादपत्र किस प्रकार से होगा। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 7 के नियम 1 पर चर्चा की जा रही है।नियम-1 वादपत्र में अन्तर्विष्ट की जाने वाली विशिष्टियां - वादपत्र में निम्नलिखित विशिष्टियां होंगी-(क) उस...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 31: आदेश 6 नियम 18 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 18 न्यायालय द्वारा संशोधन का आदेश किये जाने के पश्चात संशोधन करने से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 18 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम- 18 आदेश के पश्चात् संशोधन करने में असफल रहना-यदि कोई पक्षकार, जिसने संशोधन करने की इजाजत के लिए आदेश प्राप्त कर लिया है, उस आदेश द्वारा उस प्रयोजन के लिए परिसीमित समय के भीतर या यदि उसके द्वारा कोई समय परिसीमित...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 30: आदेश 6 नियम 17 के अंतर्गत संशोधन में परिसीमा का महत्व
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 17 के अंतर्गत होने वाले संशोधन न्यायालय की आज्ञा से ही किये जाते हैं। ऐसे संशोधन के लिए क्या परिसीमा होगी। यह जानने का प्रयास इस आलेख के अंतर्गत किया जा रहा है।परिसीमा की बाधा-परिसीमा से वर्जित होने पर वादपत्र में संशोधन अस्वीकार किया गया- एक मामले में वाद 1964 में फाइल किया गया, जिसमें पेन्शन के अधिकार के लिए क्षति सम्बन्धी संसोधन के लिए 1970 में आवेदन किया...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 29: आदेश 6 नियम 17 के किसी भी स्तर पर संशोधन का क्या अर्थ है
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 17 की शब्दावली है कि न्यायालय किसी भी स्तर पर संशोधन कर सकता है। किंतु इसका समय समय पर न्यायलयों द्वारा मनन किया गया है। इस शब्दावली के अर्थ को समझते हुए यह आलेख है।किसी स्टेज पर संशोधनअभिवचनों में संशोधन किसी प्रक्रम पर किया जा सकता है और ऐसे संशोधित अभिवचनों को स्वीकार किया जा सकता है। वादपत्र का संशोधन किया जाना यदि न्याय के हित में है, तो न्यायालय वाद के...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 28: आदेश 6 नियम 17 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 17 अभिवचन के संशोधन से संबंधित है। यह नियम इस आदेश का महत्वपूर्ण नियम है। इस आलेख के अंतर्गत इस ही नियम 17 पर विवेचना की जा रही है।नियम-17 अभिवचन का संशोधन- न्यायालय कार्यवाहियों के किसी भी प्रक्रम पर, किसी भी पक्षकार को ऐसी रीति से और ऐसे निबंधनों पर, जो न्यायसंगत हों, अपने अभिवचनों को परिवर्तित या संशोधित करने के लिए अनुज्ञात कर सकेगा और वे सभी संशोधन किए...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 27: आदेश 6 नियम 16 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 16 अभिवचन के काटे जाने से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 16 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-16 अभिवचन का काट दिया जाना - न्यायालय कार्यवाहियों के किसी भी प्रक्रम में आदेश दे सकेगा कि किसी भी अभिवचन में की कोई भी ऐसी बात काट दी जाए या संशोधित कर दी जाए-(क) जो अनावश्यक, कलंकात्मक, तुच्छ या तंग करने वाली है, अथवा(ख) जो वाद के ऋजु विचारण पर प्रतिकूल...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 26: आदेश 6 नियम 15 अभिवचन का सत्यापन
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 15 अभिवचन से संबंधित है, जहां यह स्पष्ट किया गया है कि अभिवचन का सत्यापन पक्षकार द्वारा किया जाएगा। इस आलेख के अंतगर्त नियम 15 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-15 अभिवचन का सत्यापन (1) उसके सिवाय जैसा कि तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा अन्यथा उपबन्धित है, हर अभिवचन उसे करने वाले पक्षकार द्वारा या पक्षकारों में से एक के द्वारा या किसी ऐसे अन्य व्यक्ति...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 25: आदेश 6 नियम 13, 14,14(क) के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 10,11 एवं 12 अभिवचनों के सिद्धांतों से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत संयुक्त रूप से नियम 13,14,14(क) पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।नियम-13 विधि की उपधारणाएँ-किसी तथ्य की बात को, जिसकी [उपधारणा] विधि किसी पक्षकार के पक्ष में करती है या जिसके सबूत का भार प्रतिपक्ष पर है, पक्षकारों में से किसी के द्वारा किसी भी अभिवचन में अभिकथित करना तब तक आवश्यक न होगा जब...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 24: आदेश 6 नियम 10,11 एवं 12 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 10,11 एवं 12 अभिवचनों के सिद्धांतों से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत संयुक्त रूप से इन तीनों नियमों पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम- 10 विद्वेष, ज्ञान, आदि-जहां कहीं किसी व्यक्ति के विद्वेष, कपटपूर्ण आशय, ज्ञान या चित्त की अन्य दशा का अभिकथन करना तात्विक है, वहां उन परिस्थितियों को उपवर्णित किए बिना जिनसे उसका अनुमान किया जाना है, उसे तथ्य के रूप में...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 23: आदेश 6 नियम 8 एवं 9 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 8 संविदा का प्रत्याख्यान अर्थात उसके नकारे जाने से संबंधित है एवं नियम 9 तात्विक कथनों से संबंधित है। इन दोनों नियमों में यह बताया गया है कि तात्विक कथन कितने करने होंगे एवं संविदा के वाद में नकारा कैसे जाएगा। इस आलेख के अंतर्गत संयुक्त रूप से इन दोनों नियमों पर चर्चा की जा रही है।नियम-8 संविदा का प्रत्याख्यान - जहां किसी अभिवचन में किसी संविदा का अभिकथन है...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 22: किसी वाद के अंतर्गत नए अभिवाक (कथन)
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 7 फेरबदल से संबंधित है। इस ही नियम 7 के अंतर्गत ही नए अभिवाक से संबंधित सिद्धांत भी है क्योंकि यही नियम है जो बगैर संशोधन किए फेरबदल करने से रोकता है। इस आलेख के अंतर्गत इस ही सिद्धांत पर चर्चा की जा रही है।नए अभिवाक् (कधन)ऐसे अभिवाक् पर जो हालांकि विनिर्दिष्ट रूप से नहीं किया गया है अपितु विवक्षित तौर पर विवाद्यकों के अन्तर्गत आ जाता है और जो विचारण में...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 21: आदेश 6 नियम 7 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 का नियम 7 फेरबदल से संबंधित है। अर्थात इस नियम में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि कोई भी अभिवचन में कोई फेरबदल नहीं होगा जब तक अदालत उसमें संशोधन स्वीकार नहीं करे। इस आलेख के अंतर्गत इस ही नियम पर चर्चा प्रस्तुत की जा रही है।नियम-7 फेरबदल (Departure)- किसी भी अभिवचन में दावे का कोई नया आधार या तथ्य का कोई अभिकथन, जो उसका अभिवचन करने वाले पक्षकार के पूर्वतन अभिवचनों से...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 20: आदेश 6 नियम 6 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। आदेश 6 के नियम 6 में पुरोभाव्य शर्तों के संबंध में उल्लेख है। यह नियम भी अभिवचन के नियमों को निर्धारित करने के उद्देश्य से है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 6 पर सारगर्भित चर्चा प्रस्तुत की जा रही है।नियम-6 पुरोभाव्य शर्तें-जिस किसी पुरोभाव्य शर्त के पालन का या घटित होने का प्रतिवाद करना आशयित हो, वह, यथास्थिति, वादी या प्रतिवादी द्वारा अपने अभिवचन में स्पष्टतः विनिर्दिष्ट की...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 19: आदेश 6 नियम 4 के तत्व
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। इससे पूर्व के आलेख में आदेश 6 के नियम 4 पर सामान्य रूप से प्रावधान बताए गए थे, इस आलेख में नियम 4 पर विस्तार से चर्चा की जा रही है जिससे नियम के वास्तविक अर्थ को समझा जा सके।नियम 4 की अपेक्षायें-अभिवचन का यह चतुर्भ नियम है कि "हालांकि अभिवचन का संक्षित कथन होना चाहिये, पर साथ ही सुनिश्चित भी। अतः यदि आदेश 6 के नियम 4 में वर्णित तत्वों में से कोई एक या अधिक पर निर्भर किया...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 18: आदेश 6 नियम 4 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है जहां अभिवचन के साधारण नियम दिए गए हैं। इस आलेख के अंतर्गत नियम 4 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।नियम-4 जहाँ आवश्यक हो वहाँ विशिष्टियों का दिया जाना- उन सभी मामलों में जिनमें अभिवचन करने वाला पक्षकार किसी दुर्व्यपदेशन, कपट, न्यास-भंग, जानबूझकर किए गए व्यतिक्रम या असम्यक् असर के अभिवाक् पर निर्भर करता है, और अन्य सभी मामलों में, जिनमें उन विशिष्टियों के अलावा विशिष्टियाँ जो पूर्वोक्त प्ररूपों में उदाहरण-स्वरूप...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 17: आदेश 6 नियम 2 व 3 के अंतर्गत तात्विक तथ्य किसे कहा गया है
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है। इस आदेश का नियम 2 अत्यधिक महत्वपूर्ण है जो कि अभिवचन के साधारण नियमों को स्पष्ट कर देता है। इस नियम में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जिसे तात्विक तथ्य कहा जाता है, उसका अभिवचन में उपयोग करने हेतु संहिता द्वारा कहा गया है। इस आलेख के अंतर्गत इस ही सिद्धांत पर चर्चा की जा रही है।तात्विक तथ्य किसे कहा जाता है-संहिता के आदेश 6 के नियम 2 में स्पष्ट किया गया है कि अभिवचन में केवल तात्विक तथ्य दिये जायेंगे, जो सारवान...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 16: आदेश 6 नियम 3 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 अभिवचन से संबंधित है। इस आदेश में अभिवचन के साधारण सिद्धांत दिए हैं। प्रस्तुत इस आलेख के अंतर्गत आदेश 6 के नियम 3 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।नियम-3. अभिवचन का प्रारूप- जब वे लागू होने योग्य हों तब परिशिष्ट क में के प्रारूप और जहाँ वे लागू होने योग्य न हों वहां जहां तक हो सके, लगभग वैसे ही प्रारूप सभी अभिवचनों के लिए प्रयुक्त किए जाएंगे।अभिवचन की विधि का यह पहला आधारभूत नियम है कि- अभिवचन में केवल तथ्यों का कथन किया जाए, न कि...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 37: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत चीज़,जानकारी मांगने एवं परीक्षा लेने की शक्ति
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 67 धारा 42 के अंतर्गत राज्य एवं केंद्रीय सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी व्यक्ति को यह शक्ति देती है कि वह इस अधिनियम के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति से जानकारी मांग सकता है, उसकी परीक्षा कर सकता है एवं चीज़े मांग सकता है जो किसी प्रकरण में आवश्यक है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 67 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह इस अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप है-धारा 67. जानकारी आदि मांगने की शक्ति-धारा 42 में निर्दिष्ट कोई ऐसा...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 15: आदेश 6 के नियम 1 व 2 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 (Civil Procedure Code,1908) के आदेश 6 के अंतर्गत साधारण अभिवचन से संबंधित प्रावधान दिए गए हैं। इस आलेख के अंतर्गत नियम 1 व 2 को विस्तारपूर्वक चर्चा की जा रही है जिससे इससे स्पष्ट अर्थ को समझा जा सके।नियम-1 अभिवचन- "अभिवचन " से वादपत्र या लिखित कथन अभिप्रेत होगा।नियम-2 अभिवचन में तात्विक तथ्यों का, न कि साक्ष्य का, कथन होगा- (1) हर अभिवचन में उन तात्विक तथ्यों का, जिन पर अभिवचन करने वाला पक्षकार, यथास्थिति, अपने दावे या अपनी प्रतिरक्षा के लिए निर्भर करता है और केवल उन...