धारा 174: गैर-संज्ञेय अपराधों के मामले में पुलिस की कार्यवाही
Himanshu Mishra
3 Sept 2024 5:55 PM IST
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bhartiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023) ने 1 जुलाई 2024 को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) को बदल दिया। यह नया कानून पुलिस द्वारा गैर-संज्ञेय अपराधों (Non-Cognizable Offences) के मामलों में कार्रवाई करने के तरीकों को स्पष्ट करता है। धारा 174 (Section 174) में बताया गया है कि जब किसी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (Officer in Charge) को किसी गैर-संज्ञेय अपराध के बारे में सूचना प्राप्त होती है, तो उसे कैसे कार्रवाई करनी चाहिए।
सूचना दर्ज करने की प्रक्रिया (Procedure for Recording Information)
धारा 174(1) (Section 174(1)) के तहत, जब किसी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को गैर-संज्ञेय अपराध (Non-Cognizable Offence) के बारे में सूचना मिलती है, तो वह या तो उस सूचना का सारांश (Substance) एक विशेष रूप से बनाए गए बुक (Book) में दर्ज करेगा, जिसे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों (Rules) के अनुसार तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही, वह सूचनाकर्ता (Informant) को मजिस्ट्रेट (Magistrate) के पास भेजेगा।
इसके अलावा, पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को ऐसे सभी मामलों की दैनिक डायरी रिपोर्ट (Daily Diary Report) को पखवाड़े (Fortnightly) में मजिस्ट्रेट को भेजना होगा।
उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति पुलिस स्टेशन में जाकर किसी मानहानि (Defamation) के मामले की रिपोर्ट करता है, जो कि एक गैर-संज्ञेय अपराध है, तो पुलिस अधिकारी उस रिपोर्ट को एक रजिस्टर में दर्ज करेगा और व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के पास भेजेगा। इसके अलावा, पुलिस स्टेशन में दर्ज सभी गैर-संज्ञेय मामलों की रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को हर पखवाड़े भेजी जाएगी।
गैर-संज्ञेय मामले की जांच का आदेश (Order to Investigate a Non-Cognizable Case)
धारा 174(2) (Section 174(2)) में यह स्पष्ट किया गया है कि कोई भी पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट के आदेश (Order of Magistrate) के किसी गैर-संज्ञेय मामले की जांच (Investigation) नहीं कर सकता। ऐसे मामलों की जांच तभी हो सकती है जब मजिस्ट्रेट, जो उस मामले को सुनने या उस मामले को सुनवाई के लिए भेजने की शक्ति (Power) रखता है, जांच के लिए आदेश जारी करे।
उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति ने पुलिस को एक गैर-संज्ञेय अपराध जैसे कि धोखाधड़ी (Fraud) की रिपोर्ट दी है, तो पुलिस अधिकारी तब तक उस मामले की जांच नहीं करेगा जब तक मजिस्ट्रेट द्वारा इसके लिए आदेश नहीं दिया जाता।
जांच के लिए आदेश प्राप्त होने पर पुलिस की शक्तियाँ (Powers of the Police After Receiving an Order to Investigate)
धारा 174(3) (Section 174(3)) के अनुसार, जब किसी पुलिस अधिकारी को मजिस्ट्रेट से जांच का आदेश (Order) मिलता है, तो वह अधिकारी संज्ञेय मामलों (Cognizable Cases) की जांच के लिए प्रभारी अधिकारी की सभी शक्तियों का उपयोग कर सकता है, सिवाय वारंट के बिना गिरफ्तारी (Arrest Without Warrant) की शक्ति के।
उदाहरण के लिए, अगर पुलिस को मजिस्ट्रेट से किसी गैर-संज्ञेय अपराध जैसे कि अपमानजनक भाषा (Abusive Language) के मामले की जांच के लिए आदेश मिलता है, तो पुलिस अधिकारी जांच के दौरान सबूत जुटाने और पूछताछ करने की शक्ति का उपयोग कर सकता है, लेकिन वह किसी को वारंट के बिना गिरफ्तार नहीं कर सकता।
संज्ञेय और गैर-संज्ञेय अपराधों का मिश्रण (Mix of Cognizable and Non-Cognizable Offences)
धारा 174(4) (Section 174(4)) के अंतर्गत, यदि किसी मामले में दो या अधिक अपराध शामिल हैं, जिनमें से कम से कम एक संज्ञेय अपराध है, तो उसे संज्ञेय मामला (Cognizable Case) माना जाएगा, भले ही अन्य अपराध गैर-संज्ञेय हों। इसका मतलब है कि यदि एक मामला जिसमें दोनों प्रकार के अपराध शामिल हैं, तो पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के भी जांच शुरू कर सकता है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति ने पुलिस को चोरी (Theft) और मानहानि (Defamation) की रिपोर्ट दी है, तो पुलिस अधिकारी इस मामले को संज्ञेय मानते हुए जांच शुरू कर सकता है क्योंकि चोरी संज्ञेय अपराध है, भले ही मानहानि गैर-संज्ञेय हो।
धारा 173 और 174 में अंतर (Difference Between Section 173 and Section 174)
धारा 173 (Section 173) और धारा 174 (Section 174) दोनों पुलिस की कार्यवाही से संबंधित हैं, लेकिन इनका उद्देश्य और दायरा अलग-अलग है।
धारा 173 (Section 173) संज्ञेय अपराधों (Cognizable Offences) के मामले में पुलिस की जिम्मेदारियों और शक्तियों को स्पष्ट करता है। इसमें पुलिस द्वारा सूचना दर्ज करने, जांच शुरू करने, और विशेष परिस्थितियों में कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से, यह महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान प्रदान करता है।
दूसरी ओर, धारा 174 (Section 174) गैर-संज्ञेय अपराधों (Non-Cognizable Offences) के मामलों में पुलिस की कार्यवाही से संबंधित है। इसमें बताया गया है कि जब पुलिस को ऐसे अपराधों की सूचना मिलती है, तो उन्हें कैसे कार्रवाई करनी चाहिए, और बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के जांच नहीं की जा सकती।
धारा 173 पर विस्तृत जानकारी के लिए Live Law Hindi पर दिए गए लेख का संदर्भ ले सकते हैं।