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एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 36: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत अवैध औषधियों, पदार्थों, पौधों, वस्तुओं और प्रवहणों का ज़ब्त किया जाना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 60 अवैध दवाईयों, पदार्थों, पौधों,वस्तुओं और प्रवहणों के ज़ब्त किये जाने के संबंध में उल्लेख करती है। एनडीपीएस एक्ट अत्यंत विस्तृत अधिनियम है, इस अधिनियम के अंतर्गत निकाली गई अधिसूचना के अधीन अनेक पदार्थ,औषधि, पौधों को प्रतिबंधित किया गया है। धारा 60 इन प्रतिबंधित प्रदार्थो को सीज करने का अधिकार पुलिस एवं अन्य अधिकारियों को देती है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 60 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 35: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत पुलिस अधिकारी को गिरफ्तारी और सीज़िंग की रिपोर्ट देना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 57 इस अधिनियम की महत्वपूर्ण आज्ञापक प्रावधान करती धारा है। इस धारा के प्रावधान यह स्पष्ट करते हैं कि गिरफ्तारी करने वाले किसी भी अधिकारी को ऐसी गिरफ्तारी या अभिग्रहण की रिपोर्ट अपने वरिष्ठ अधिकारी को करेगा।यह धारा अभियुक्त पर असत्य आधारों पर प्रकरण बनाए से रोक लगाती है। यह आलेख के अंतर्गत धारा 57 पर न्याय दृष्टांत सहित विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप हैधारा57 गिरफ्तारी और...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 14: आदेश 6 जरनल प्लीडिंग्स
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 6 जरनल प्लीडिंग से संबंधित है अर्थात यह आदेश उस व्यवस्था का निर्धारण करता है जो बताती है कि किसी सिविल वाद में दोनों पक्षकार वादी और प्रतिवादी किस प्रकार से प्लीडिंग करेंगे। वाद पात्र किस प्रकार से होगा और प्रतिवाद पत्र किस प्रकार से होगा। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 6 पर विवेचना दी जा रही है।यह आदेश सिविल मामलों में अभिवचनों से सम्बन्धित उपबन्ध है (1) प्रत्येक पक्ष को अन्य के मामले की जानकारी देने के लिए अभिप्रेत होते हैं, (2) जिससे कि...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 34: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत गांजा ज़ब्ती का मामला
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 55 पुलिस को जप्त की गई वस्तु को अपने भार साधन में लेने का अधिकार देती है। इस धारा पर विस्तृत टिप्पणी पिछले आलेख में प्रस्तुत की गई है। इस आलेख के अंतर्गत गांजा से संबंधित महत्वपूर्ण प्रकरण का उल्लेख किया जा रहा है।शिव कुमार बनाम स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़, 2006 (2) क्राइम्स 323 छत्तीसगढ़ के मामले में गाँजा जब्ती का मामला था। अधिनियम की धारा 55 के प्रावधानों का पूरी तौर पर अपालन होना पाया गया। दोषमुक्ति किए जाने का अभिमत दिया...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 33: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत अभिगृहीत वस्तुओं का पुलिस द्वारा अपने भार साधन में लेना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 55 प्रक्रिया के संबंध में प्रावधान करती है। इस धारा के अनुसार पुलिस इस अधिनियम के अंतर्गत अभिगृहीत की गई वस्तुओं का कब्ज़ा या भार साधन अपने हाथ में ले सकती है। इस प्रावधान का उद्देश्य वस्तुओं की सुरक्षा है एवं उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी निर्दिष्ट व्यक्ति को दी जानी है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 55 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत मूल धारा हैधारा 55अभिगृहीत और परिदत्त वस्तुओं का पुलिस द्वारा...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 32: एनडीपीएस एक्ट के उपधारणा से संबंधित प्रावधान
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 54 उपधारणा के संबंध में प्रावधान करती है। एनडीपीएस एक्ट एक विशेष अधिनियम है, इसमे अभियुक्तों के विरुद्ध उपधारणा की जाती है अर्थात अभियोजन पर सिद्ध का भार नहीं होता है अपितु अभियुक्त पर यह साबित करने का भार होता है कि वह निर्दोष है। इस अधिनियम की धारा 54 यह स्पष्ट करती है कि अवैध वस्तुओं के संबंध में क्या उपधारणा की जाएगी। इस आलेख के अंतर्गत धारा 54 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा 54 का...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 13: आदेश 5 नियम 2 से 19 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 5 समन के निकाले जाने से लेकर समन की तामील तक के सभी प्रावधानों को स्पष्ट करता है। किसी भी वाद के संस्थित होने के ठीक बाद प्रतिवादियों को समन निकाला जाता है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 5 के नियम 2 से लेकर अंतिम नियम तक सभी प्रावधानों पर चर्चा की जा रही है।नियम 2. समनों से उपाबद्ध वादपत्र की प्रति प्रत्येक समन के साथ वाद-पत्र की एक प्रति होगी।दिनांक 1-7-2002 से प्रत्येक समन के साथ वादपत्र की एक प्रति संलग्न करना अनिवार्य हो गया है। पहले...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 31: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत जब्त की गई एनडीपीएस का डिस्पोजल
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 52(क) के अंतर्गत किसी एनडीपीएस वस्तु के डिस्पोजल के संबंध में प्रक्रिया दी गई है। अनेक दफ़ा यह होता है कि शासन ऐसी जब्त की गई वस्तुओं को समाप्त करना चाहता है क्योंकि इन्हें रखने के स्थान नहीं होते या फिर इनकी कोई आवश्यकता नहीं होती है। इन स्थितियों में इन वस्तुओं का डिस्पोजल कर दिया जाता है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 52(क) टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।यह अधिनियम में प्रस्तुत धारा का मूल रूप हैधारा 52(क)अभिगृहीत स्वापक...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 30: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत तलाशी एवं गिरफ्तारी के पंचसाक्षी
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) के अधीन होने वाली गिरफ्तारी में पंचसाक्षी का भी महत्व है। बगैर किसी साक्षी के गिरफ्तारी संभव नहीं है। इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाले प्रकरण अनेक बार पंचसाक्षी के पलट जाने के कारण अप्रमाणित माने गए हैं। इस आलेख के अंतर्गत पंचसाक्षी से संबंधित न्यायलयीन निर्णयों पर विमर्श किया जा रहा है।उस्मान हैदर खान बनाम स्टेट ऑफ महाराष्ट्र, 1991 (1) क्राइम्स 777:1991 क्रिलॉज 232 बम्बई के मामले में पंचसाक्षीगण की साक्ष्य का मूल्यांकन किया...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 29: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत धारा 50 के अपालन पर अपराध अप्रमाणित होना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 50 अधिनियम के प्रक्रिया अध्याय की एक महत्वपूर्ण धारा है। पुलिस अधिकारियों द्वारा इस धारा के अपालन की दशा में दशा में अभियुक्त पर अपराध प्रमाणित नहीं होता है।किसी भी अभियुक्त को तब ही दंडित किया जा सकता है जब उस पर अभियोजन अपराध प्रमाणित करने में सफल होता है। धारा 50 से संबंधित अनेक प्रकरण है जो भारत के विभिन्न हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में गए है। इस आलेख के अंतर्गत अप्रमाणित अपराध से संबंधित कुछ प्रकरणों के साथ...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 28: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत तलाशी की शर्तों का पालन न करना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा की धारा 50 अभियुक्त की तलाशी के संबंध में शर्ते निर्धारित करती है। यह अधिनियम के आज्ञापक प्रावधान है जिनका पालन पुलिस अधिकारियों को करना होता है। धारा 50 की शर्तों के अपालन की दशा में क्या परिणाम होंगे इसे अदालत द्वारा समय समय पर दिए निर्णयों के माध्यम से समझा जा सकता है। इस आलेख के अंतर्गत तलाशी की शर्तों के अपालन की विवेचना करते हुए निर्णय प्रस्तुत किये जा रहे हैं।बानो बी बनाम स्टेट आफ महाराष्ट्र, 2000 क्रिलॉज...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 27: एनडीपीएस एक्ट की वे शर्तें जिनके अधीन व्यक्तियों की तलाशी ली जाएगी
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा की धारा 50 अभियुक्तों के संबंध में महत्वपूर्ण धारा है। यह इस अधिनियम की प्रक्रिया के संबंध में धारा है जहां व्यक्तियों की गिरफ्तारी के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित की गई है। गिरफ्तारी के संबंध में कुछ शर्तें विधायिका ने निर्धारित की है जिनका पालन अभियोजन पक्ष द्वारा किया जाना आवश्यक है, इन शर्तों के पालन न होने के कारण अभियोजन संदेह के घेरे में आ जाता है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 50 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 26: एनडीपीएस एक्ट धारा 42 का पालन कब आवश्यक नहीं है
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 42 का पालन आवश्यक है और आदेशात्मक है किंतु फिर भी कुछ परिस्थिति ऐसी है जहां इसका पालन आवश्यक नहीं होता है। इससे संबंधित अदालतों के दिए हुए न्याय निर्णय है। इस आलेख के अंतर्गत इस प्रावधान पर चर्चा की जा रही है।एम. प्रभूलाल बनाम द असिस्टेंट डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंसी, 2003 (4) क्राइम्स 217 सुप्रीम कोर्ट के मामले में अभियुक्तगण की ओर से यह तर्क दिया गया था कि अधिनियम की धारा 42 के प्रावधान के अपालन...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 25: एनडीपीएस एक्ट धारा 42 के आदेशात्मक प्रावधान
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 42 के अधीन पुलिस अधिकारियों एवं अन्य शासन द्वारा प्राधिकृत अधिकारियों को बगैर वारंट के गिरफ्तारी एवं जप्ती की शक्तियां दी गई है। इस धारा के अंतर्गत दी गई प्रक्रिया का पालन आदेशात्मक है अर्थात उसका किसी भी स्थिति में होना चाहिए अन्यथा शासन अपना प्रकरण संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल मानी जाती है। इस आलेख के अंतर्गत इस धारा के ऐसे ही आदेशात्मक प्रावधानों से संबंधित निर्णय पर विमर्श किया जा रहा है।अधिनियम की धारा 42...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 24: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत वारंट प्रवेश,तलाशी,अभिग्रहण और गिरफ्तार करने की शक्ति
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 42 अलग अलग तरह के अधिकारियों को बगैर वारंट के एनडीपीएस एक्ट से संबंधित अपराध की शंका के आधार पर तलाशी लेने एवं आरोपी को गिरफ्तार करने के अधिकार देती है। यह शक्ति दंड प्रक्रिया संहिता में एक पुलिस अधिकारी को दी गई शक्ति की तरह ही है।लेकिन इस धारा के अंतर्गत सरकारी विभागों के अन्य अधिकारियों को भी ऐसी शक्तियां दी गई है जो दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत एक पुलिस अधिकारी को दी गई है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 42 पर...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 23: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत वारंट जारी करने की शक्ति
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 41 एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत होने वाले अपराधों के संबंध मजिस्ट्रेट और महानगर मजिस्ट्रेट को वारंट जारी करने की शक्ति देती है। मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट के पास जब विश्वास करने का यह कारण हो कि किसी व्यवस्था के कब्जे में कोई प्रतिबंधित प्रदार्थ है तब वह मजिस्ट्रेट उसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर सकता है, इस हेतु धारा 41 मजिस्ट्रेट को शक्तिसंपन्न करती है। इस आलेख के अंतर्गत धारा 41 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 22: एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 से संबंधित निर्णय
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 37 इस अधिनियम के अंतर्गत होने वाले अपराधों को संज्ञेय एवं गैर जमानती बनाती है। यह अधिनियम की एक प्रक्रियात्मक धारा है जो अभियुक्त के जमानत के संबंध में भी प्रावधान करती है जहां स्पष्ट किया गया है कि इस अधिनियम के अंतर्गत होने वाले अपराध गैर जमानती है। समय समय पर विभिन्न अदालतों द्वारा फैसले दिए गए हैं जो इस धारा से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत ऐसे कुछ निर्णय प्रस्तुत किये जा रहे हैं।स्टेट ऑफ हिमाचल प्रदेश बनाम...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 21: एनडीपीएस एक्ट के सभी अपराधों का संज्ञेय और गैर जमानती होना
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 37 एनडीपीएस एक्ट के सभी अपराधों को संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध बनाती है। किसी अपराध का संज्ञेय एवं गैर जमानती होने का अर्थ यह है कि वे अपराध बड़ा अपराध है जहां पुलिस को बगैर वारंट के गिरफ्तार करने के अधिकार है एवं अभियुक्त के पास अधिकारपूर्वक जमानत लेने का अधिकार नहीं है अपितु यह न्यायालय के विवेक पर निर्भर है कि वह अभियुक्त जमानत पर निर्मुक्त करे या फिर नहीं करे। इस आलेख के अंतर्गत एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 पर न्याय...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 20: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत स्पेशल कोर्ट में ट्रायल
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 36(क) इस अधिनियम की विशेष धारा है, जहां अभियुक्त का ट्रायल स्पेशल कोर्ट में किए जाने संबंधित प्रावधान किए गए हैं। यह धारा विस्तृत धारा है जो ट्रायल का स्पेशल कोर्ट द्वारा किए जाने के साथ ही अभियुक्त को पहली बार अदालत के समक्ष पेश किए जाने संबंधी प्रावधान भी करती है।सामान्य अपराधों में अभियुक्त को दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है लेकिन एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत...
एनडीपीएस एक्ट, 1985 भाग 19: एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत होने वाले अपराधों की उपधारणा
एनडीपीएस एक्ट (The Narcotic Drugs And Psychotropic Substances Act,1985) की धारा 35 इस अधिनियम की महत्वपूर्ण धाराओं में से एक है क्योंकि यह उपधारणा के संबंध में उल्लेख करती है। जैसा कि पूर्व में यह उल्लेख किया गया है कि एनडीपीएस एक्ट भारत में प्रचलित कठोर कानूनों में से एक है। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि इस अधिनियम के अंतर्गत होने वाले अपराधों में अभियोजन पक्ष को मामला युक्तियुक्त संदेह के परे साबित नहीं करना होता अपितु अभियुक्त को यह सिद्ध करना होता है कि वे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है।...