जानिए हमारा कानून
क्या अदालतें दिवालिया मामलों में तय सीमा से परे देरी को माफ कर सकती हैं?
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड बनाम अनिल कोहली, रेज़ोल्यूशन प्रोफेशनल फॉर दूनर फूड्स लिमिटेड (2021) के मामले ने यह महत्वपूर्ण कानूनी प्रश्न उठाया कि क्या अदालतें, विशेष रूप से Insolvency and Bankruptcy Code (IBC), 2016 के तहत, अपीलीय ट्रिब्यूनल (Appellate Tribunals) द्वारा स्पष्ट रूप से तय सीमा से परे देरी को माफ कर सकती हैं।सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर विचार करते हुए यह स्पष्ट किया कि क्या न्यायालय विधायिका द्वारा निर्धारित सीमा (Statutory Limits) का उल्लंघन कर सकते हैं। यह लेख इस फैसले की...
Constitution में शेड्यूल कास्ट और शेड्यूल ट्राइब के लिए प्रावधान
जब भारत स्वतंत्र हुआ भारत के समाज की आर्थिक व सामाजिक स्थितियां अत्यंत अस्त व्यस्त थी। भारतीय समाज जातिगत व्यवस्था से एक लंबे युग से त्रस्त रहा है। किसी भी समाज के किसी भी देश की उन्नति के लिए आवश्यक है कि उस समाज देश का हर वर्ग समान रूप से आर्थिक व सामाजिक परिस्थितियों के अंतर्गत एक ही पंक्ति में खड़ा हो। जब किसी देश किसी समाज में उसके नागरिक एक ही पंक्ति में खड़े होते हैं उनकी सामाजिक आर्थिक हैसियत एक जैसी होती है तब ही देश और समाज की उन्नति संभव है।भारत के कांस्टीट्यूशन में निहित...
Constitution में लोक सेवा आयोग उल्लेख
भारत के कांस्टीट्यूशन के आर्टिकल 315 संघ के लिए एक लोक सेवा आयोग तथा प्रत्येक राज्य के लिए लोक सेवा आयोग का उपबंध करता है। दो या दो से अधिक राज्य संयुक्त लोक सेवा आयोग रख सकते हैं और संसद उनकी प्रार्थना पर संयुक्त आयोग की स्थापना कर सकती है।यदि किसी राज्य का राज्यपाल संघ के लोक सेवा आयोग से राज्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कार्य करने की प्रार्थना करें तो राष्ट्रपति के अनुमोदन से संघ लोक सेवा आयोग राज्यों के लिए कार्य कर सकता है।संघ लोक सेवा आयोग के संयुक्त लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व अन्य...
गवाहों की गवाही के लिए आयोग किसे भेजा जाए: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 320
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023), जो 1 जुलाई 2024 को लागू हुई, ने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (Criminal Procedure Code, 1973) का स्थान लिया। इस नए कानून में गवाहों की गवाही (Testimony) सुनिश्चित करने के लिए कई सुधार किए गए हैं। इसमें धारा 319 और 320 अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।धारा 319 यह प्रावधान करती है कि किन परिस्थितियों में गवाह की भौतिक उपस्थिति (Physical Attendance) को समाप्त कर दिया जाए और उसकी गवाही दर्ज करने के लिए आयोग (Commission) जारी किया जाए।...
House-Trespass के दौरान चोट, हमला, या गलत तरीके से रोकने की तैयारी : भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 333 और 334
Chapter 17 of Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023, व्यक्तिगत और संपत्ति संबंधी अधिकारों की रक्षा के लिए विभिन्न प्रावधान प्रस्तुत करता है। Section 333 और Section 334 इन अधिकारों का उल्लंघन करने वाले गंभीर अपराधों को परिभाषित और दंडित करते हैं। इन प्रावधानों को Section 331 और Section 332 के विस्तार के रूप में समझा जा सकता है, जहां House-Trespass और इससे जुड़े अपराधों को कवर किया गया था।Section 333 House-Trespass की गंभीरता को तब बढ़ाता है जब इसे चोट (Hurt), हमला (Assault), या गलत तरीके से रोकने...
अशांत क्षेत्रों में हथियारों की रोकथाम: आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 24A
आर्म्स एक्ट, 1959 (Arms Act, 1959) भारत में हथियारों और गोला-बारूद (Ammunition) के अधिग्रहण, निर्माण, बिक्री और हस्तांतरण को नियंत्रित करता है। इस कानून की धारा 24A अशांत क्षेत्रों में कुछ हथियारों के कब्जे पर रोक लगाने का प्रावधान करती है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और हथियारों के उपयोग से अपराधों को रोकना है। इस लेख में, हम धारा 24A को सरल हिंदी में समझेंगे और प्रत्येक प्रावधान का उदाहरण देंगे।धारा 24A क्या है? (What is Section 24A?) धारा 24A सरकार को अधिकार देती है कि जब...
क्या धारा 482 CrPC के तहत हाई कोर्ट बिना पर्याप्त कारण के अंतरिम आदेश जारी कर सकता है?
धारा 482 दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत हाई कोर्ट को यह अधिकार है कि वह न्याय सुनिश्चित करने के लिए या किसी न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक आदेश पारित कर सके। लेकिन, यह अधिकार असीमित नहीं है और इसका उपयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए।जितुल जेतिलाल कोठेचा बनाम गुजरात राज्य (2021) के हालिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इस विषय पर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं, खासकर हाई कोर्ट द्वारा बिना उचित कारण के अंतरिम निर्देश जारी करने को लेकर। मुख्य मुद्दे (Fundamental Issues)इस मामले में...
Constitution में केंद्र और राज्यों के अधीन सर्विस
भारत के कांस्टीट्यूशन का आर्टिकल 309 संघ और राज्य विधानमंडल को उनकी सेवा में नियुक्त लोक सेवकों की भर्ती और सेवा की शर्तों के विनियमन की शक्ति प्रदान करता है। आर्टिकल 309 कहता है कि संसद तथा राज्य विधानमंडल कांस्टीट्यूशन के उपबंधों के अधीन रहते हुए संघ या राज्यों के कार्यों से संबंध लोक सेवा और पदों के लिए भर्ती का और नियुक्ति व्यक्तियों की सेवा शर्तों का विनियमन करेंगे किंतु जब तक समुचित विधानमंडल के अधिनियम द्वारा उत्तर प्रयोजनों के लिए उपबंध नहीं बनाए जाते हैं तब तक ऐसी सेवा और पदों के लिए...
Constitution में राइट टू प्रॉपर्टी
भारत के कांस्टीट्यूशन के 44 पर संशोधन अधिनियम 1978 द्वारा कांस्टीट्यूशन में आर्टिकल 300 (ए) जोड़ा गया है जिसके अनुसार संपत्ति का अधिकार प्रदान किया गया है। 44 वें कांस्टीट्यूशन संशोधन द्वारा मूल अधिकार के अंतर्गत आर्टिकल 31 द्वारा प्रदत संपत्ति के मूल अधिकार को समाप्त कर दिया गया अब वह इस अध्याय के अधीन एक संवैधानिक अधिकार है। संपत्ति का अधिकार अब मूल अधिकार नहीं रहा संपत्ति के अधिकार का विनियमन साधारण विधि बनाकर किया जा सकता है इसके लिए किसी सार्वजनिक संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है। आर्टिकल...
गवाहों की गवाही के लिए आयोग जारी करने का प्रावधान: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 319
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023), जो 1 जुलाई 2024 को लागू हुई, ने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (Criminal Procedure Code, 1973) का स्थान लिया। इसमें धारा 319 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो गवाहों की गवाही (Testimony) के लिए आयोग (Commission) जारी करने से संबंधित है। यह प्रावधान न्याय (Justice) सुनिश्चित करने के लिए अदालतों को सुविधा प्रदान करता है और गवाहों को लाने में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं को दूर करता है।धारा 319 का मूल उद्देश्य (Essence of...
गंभीर अपराधों के लिए House-Trespass: भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 332
Section 332, Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 के अंतर्गत, House-Trespass को अन्य गंभीर अपराधों के उद्देश्य से किए जाने पर दंडित किया गया है। यह प्रावधान Section 331 के विस्तार के रूप में आता है, जहां House-Trespass और House-Breaking के विभिन्न स्वरूपों को संबोधित किया गया था। Section 332 विशेष रूप से उन मामलों पर ध्यान केंद्रित करता है जहां House-Trespass किसी अन्य अपराध को अंजाम देने के इरादे से किया गया हो।यह लेख Section 332 की व्याख्या और Section 331 से इसके संबंध को स्पष्ट करता है। साथ ही,...
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सरकार की हथियार या गोला-बारूद जब्त करने की शक्ति : सेक्शन 24 आर्म्स एक्ट, 1959
आर्म्स एक्ट, 1959 (Arms Act, 1959) भारत में हथियारों और गोला-बारूद के स्वामित्व, निर्माण, बिक्री और स्थानांतरण को नियंत्रित करता है। इस अधिनियम का सेक्शन 24 केंद्रीय सरकार को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी व्यक्ति से हथियार या गोला-बारूद जब्त कर सके, भले ही उस व्यक्ति को इसे रखने का वैध अधिकार हो।यह लेख सेक्शन 24 की व्याख्या करता है, इसे सेक्शन 22 और 23 से अलग करता है, और इसके महत्व को सरल भाषा में समझाने के लिए उदाहरण प्रस्तुत करता है। सेक्शन 24: केंद्रीय सरकार की जब्ती और निरोध की...
क्या RERA Act, 2016 उन प्रोजेक्ट्स पर भी लागू होता है जो अधिनियम के लागू होने के समय चल रहे थे?
सुप्रीम कोर्ट ने Newtech Promoters and Developers Pvt. Ltd. बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2021) के मामले में यह स्पष्ट किया कि Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016 (RERA) उन प्रोजेक्ट्स पर भी लागू होता है जो अधिनियम के लागू होने के समय चल रहे थे।इस ऐतिहासिक फैसले ने RERA की व्यापकता और उसके प्रभाव को लेकर डेवलपर्स और होमबायर्स (Homebuyers) के अधिकारों पर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। RERA का उद्देश्य और दायरा (Scope and Objective of RERA) RERA को रियल एस्टेट सेक्टर को नियमित (Regulate)...
House-Trespass और House-Breaking के गंभीर अपराध: भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 331 (5) से (8)
Section 331 के प्रावधान, Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 के तहत, House-Trespass और House-Breaking जैसे अपराधों को परिभाषित और दंडित करते हैं। Section 331 (5) से (8) इन अपराधों के गंभीर स्वरूपों और उनसे जुड़े कड़ी सज़ाओं को दर्शाते हैं। यह लेख इन उपधाराओं का सरल भाषा में विश्लेषण करता है ताकि आम पाठक भी इसे आसानी से समझ सकें।तैयारी के साथ House-Trespass या House-Breaking – Section 331 (5) Section 331 (5) उन मामलों पर लागू होता है जहां कोई व्यक्ति House-Trespass या House-Breaking करता है और इसके...
न्यायिक प्रक्रिया में भाषा, सटीकता और पारदर्शिता का महत्व और अध्याय XXV, BNSS 2023 का का सारांश
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023) के अध्याय XXV में अनुसंधान (Inquiry) और परीक्षण (Trial) के दौरान साक्ष्य (Evidence) लेने और दर्ज करने के तरीकों को विस्तार से समझाया गया है। यह अध्याय न्यायिक प्रक्रिया में सटीकता, पारदर्शिता, और निष्पक्षता को बनाए रखने पर जोर देता है।अनुभाग 317: दुभाषियों (Interpreters) की भूमिका और जिम्मेदारीयह प्रावधान उन मामलों के लिए है जहाँ साक्ष्य या बयान (Statement) ऐसी भाषा में दिए जाते हैं जो अदालत, अभियुक्त (Accused), या...
क्या CBI को भ्रष्टाचार मामलों में प्रारंभिक जांच करना अनिवार्य है?
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने Central Bureau of Investigation v. Thommandru Hannah Vijayalakshmi (2021) मामले में एक महत्वपूर्ण सवाल पर विचार किया: क्या भ्रष्टाचार के मामलों में FIR दर्ज करने से पहले Preliminary Enquiry (प्रारंभिक जांच) करना अनिवार्य है?इस फैसले का असर Prevention of Corruption Act, 1988 (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988) और CBI की जांच प्रक्रियाओं पर पड़ा है। अदालत ने यह संतुलन बनाने की कोशिश की कि जांच प्रक्रिया सुचारू रहे और व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा हो। विधिक ढांचा और...
परिवहन में अवैध हथियारों की जांच और जब्ती: आर्म्स अधिनियम, 1959 की धारा 23
आर्म्स अधिनियम, 1959 (Arms Act, 1959) का उद्देश्य भारत में हथियारों और गोला-बारूद (Ammunition) के उपयोग, स्वामित्व और परिवहन को नियंत्रित करना है।धारा 23 इस अधिनियम का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो अधिकारियों को जहाजों (Vessels), वाहनों (Vehicles) और अन्य परिवहन साधनों की तलाशी लेने और अवैध हथियारों को जब्त करने का अधिकार देता है। यह प्रावधान खासतौर पर उन स्थितियों में प्रभावी है, जहां हथियारों का गैरकानूनी परिवहन (Illegal Transportation) शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। धारा 23 का...
Constitution में यूनियन और स्टेट के बीच एडमिनिस्ट्रेशन रिलेशन
संघात्मक कांस्टीट्यूशन दो सरकारों की स्थापना करता है केंद्र और राज्य इनके बीच शक्तियों का विभाजन देता है। संघीय शासन व्यवस्था की शक्ति और सफलता संघ और राज्यों के बीच अधिकतम सहयोग और समन्वय पर निर्भर करती है। केंद्र और राज्यों में प्रशासनिक संबंधों का समायोजन एक कठिन कार्य होता है। सरकारों में मतभेद की अधिक संभावना रहती है। केंद्रीय और राज्य अपने अपने क्षेत्र में प्रभुत्व संपन्न होते हैं परकेंद्र को कांस्टीट्यूशन में राज्यों की अपेक्षा अधिक कर्तव्य दिए गए हैं। एक दृष्टि से देखें तो केंद्र राज्यों...
Constitution में Union List, State List, Concurrent List का क्या अर्थ हैं?
कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया में कानून बनाने के लिए तीन सूची दी गयी है। स्टेट अलग विषय पर कानून बनाता है और यूनियन अर्थात केंद्र अलग विषय पर कानून बनाता है और कुछ विषय ऐसे हैं जिनपर दोनों मिलकर कानून बनाते हैं उसे Concurrent लिस्ट अर्थात समवर्ती सूची कहा जाता है। इस प्रकार तीन तरह की सूची हैं। संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची।संघ सूची-भारत के कांस्टीट्यूशन के अंतर्गत दी गई संघ सूची में वह विषय है जिनमें मुख्य रूप से देश की रक्षा, विदेशी संबंध, युद्ध और समझौता, परमाणु ऊर्जा, रेल, वायु मार्ग,...
Lurking House-Trespass और House-Breaking के लिए दंड : भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 331
भारतीय दंड संहिता की धारा 331 Lurking House-Trespass और House-Breaking से संबंधित अपराधों के लिए दंड निर्धारित करती है। इन अपराधों की गंभीरता को समझने के लिए, हमें पहले संबंधित धाराओं 329 और 330 में उल्लिखित परिभाषाओं और प्रावधानों को समझना होगा।धारा 329: House-Trespass की परिभाषा यह तब होता है जब कोई व्यक्ति बिना अनुमति के किसी ऐसे भवन, तंबू या पोत में प्रवेश करता है या वहां रुकता है, जो मानव निवास, पूजा स्थल या संपत्ति की सुरक्षा के लिए उपयोग में लाया जाता है, और उसका उद्देश्य अपराध करना,...