राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 की धारा 45 के तहत गिरफ्तारी, जब्ती और निरोध की शक्ति

Himanshu Mishra

24 Jan 2025 12:27 PM

  • राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 की धारा 45 के तहत गिरफ्तारी, जब्ती और निरोध की शक्ति

    राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 (Rajasthan Excise Act, 1950) के तहत धारा 45 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो अधिकारियों और सरकार द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को अपराधियों को गिरफ्तार करने, सामान जब्त करने और संदिग्ध व्यक्तियों या वस्तुओं को निरोध (Detention) में रखने का अधिकार देती है।

    यह प्रावधान आबकारी राजस्व (Excise Revenue) की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और अवैध गतिविधियों को रोकने में सहायक है।

    इस लेख में, हम धारा 45 के सभी प्रावधानों का सरल और विस्तृत तरीके से विश्लेषण करेंगे, साथ ही इसे अधिनियम की अन्य संबंधित धाराओं, जैसे कि धारा 43 और 44 से जोड़कर समझाएंगे।

    धारा 45 का अवलोकन (Overview of Section 45)

    धारा 45 के तहत कुछ निर्दिष्ट अधिकारियों और अधिकृत व्यक्तियों को यह अधिकार है कि वे बिना वारंट (Warrant) के अपराधियों को गिरफ्तार कर सकें। साथ ही, उन्हें यह अधिकार भी है कि वे उन वस्तुओं को जब्त कर लें जो अधिनियम के अंतर्गत जब्ती (Confiscation) के योग्य हों।

    यह अधिकार आबकारी, पुलिस, नमक, कस्टम्स (Customs), नारकोटिक्स (Narcotics), और भूमि राजस्व (Land Revenue) विभाग के अधिकारियों को प्रदान किया गया है, बशर्ते वे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पद (Rank) पर हों। इसके अलावा, अन्य व्यक्ति, जिन्हें सरकार द्वारा अधिकृत किया गया हो, भी इन अधिकारों का उपयोग कर सकते हैं।

    बिना वारंट के गिरफ्तारी (Arrest Without Warrant)

    धारा 45 के अनुसार, यदि कोई अधिकारी किसी व्यक्ति को अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध करते हुए पाता है, तो वह उसे बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है। यह प्रावधान इसलिए है ताकि अपराधी को भागने या अपनी अवैध गतिविधि जारी रखने से रोका जा सके।

    उदाहरण के लिए, यदि कोई आबकारी अधिकारी किसी व्यक्ति को राज्य की सीमा पर अवैध शराब (Illegal Liquor) ले जाते हुए पकड़ता है, तो वह व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार कर सकता है।

    यह प्रावधान धारा 44 के तहत दी गई जांच (Investigation) की शक्तियों को मजबूत करता है। जहां धारा 44 जांच पर केंद्रित है, वहीं धारा 45 अपराधियों को तत्काल पकड़ने की अनुमति देती है।

    जब्ती की शक्ति (Power of Seizure)

    धारा 45 अधिकारियों को यह अधिकार देती है कि वे उन सभी वस्तुओं को जब्त कर लें जो अधिनियम का उल्लंघन करती हैं या जब्ती के योग्य हैं। इसमें उन वस्तुओं को शामिल किया गया है जो अवैध रूप से बनाई, बेची, या ले जाई जा रही हों।

    उदाहरण के तौर पर, यदि कोई अधिकारी एक वाहन में अवैध शराब पाता है, तो वह न केवल शराब को बल्कि वाहन को भी जब्त कर सकता है क्योंकि वह भी अपराध में शामिल है।

    यह प्रावधान धारा 43 के तहत दी गई निरीक्षण (Inspection) की शक्तियों का विस्तार करता है। जहां धारा 43 अधिकारियों को अवैध गतिविधियों की पहचान करने की अनुमति देती है, वहीं धारा 45 उन्हें आवश्यक कार्रवाई करने का अधिकार देती है।

    व्यक्तियों और वस्तुओं का निरोध (Detention of Persons and Items)

    धारा 45 अधिकारियों को यह अधिकार भी देती है कि वे उन व्यक्तियों और वस्तुओं को निरोध में रखें जिनके बारे में उन्हें यह संदेह हो कि वे अवैध गतिविधियों में शामिल हैं। इसमें जहाज, वाहन, पशु, पैकेज (Package), कंटेनर (Container) आदि शामिल हैं।

    उदाहरण के लिए, यदि कोई अधिकारी किसी ट्रक को अवैध शराब ले जाते हुए संदेह के आधार पर रोकता है, तो वह ट्रक, शराब और उसमें शामिल व्यक्ति को निरोध में रख सकता है।

    यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि कोई भी सबूत या अपराधी कानून की निगरानी से बच न सके।

    अन्य धाराओं से संबंध (Link to Other Sections)

    धारा 45 का संबंध धारा 43 और 44 से गहराई से जुड़ा हुआ है। जहां धारा 43 निरीक्षण की शक्ति प्रदान करती है और धारा 44 जांच की शक्ति देती है, वहीं धारा 45 अपराधियों को पकड़ने और कार्रवाई करने की शक्ति देती है।

    उदाहरण के लिए, यदि कोई अधिकारी धारा 43 के तहत किसी निर्माण इकाई (Manufacturing Unit) का निरीक्षण करते समय अवैध उत्पादन पाता है, तो वह धारा 45 के तहत अपराधियों को गिरफ्तार कर सकता है और अवैध वस्तुओं को जब्त कर सकता है।

    धारा 45 के तहत कार्यवाही के उदाहरण (Illustrations of Section 45 in Action)

    1. अवैध तस्करी पकड़ी गई

    एक आबकारी अधिकारी को एक ट्रक के बारे में जानकारी मिलती है जो राज्य की सीमा से अवैध शराब ले जा रहा है। धारा 45 के तहत अधिकारी ट्रक को रोकता है, चालक को गिरफ्तार करता है, और शराब व वाहन को जब्त कर लेता है।

    2. अवैध निर्माण इकाई

    धारा 43 के तहत निरीक्षण के दौरान, एक अधिकारी एक डिस्टिलरी (Distillery) में छुपे हुए अवैध उत्पादन को पाता है। वह धारा 45 के तहत मालिक को गिरफ्तार करता है, शराब को जब्त करता है, और उपकरणों को निरोध में लेता है।

    3. जानवरों पर शराब की तस्करी

    ग्रामीण क्षेत्र में एक अधिकारी ऊंटों का उपयोग कर शराब के बैरल (Barrels) की तस्करी कर रहे व्यक्तियों को पकड़ता है। वह व्यक्ति, ऊंट और शराब को धारा 45 के तहत जब्त कर लेता है।

    4. संदिग्ध सामान की जब्ती

    एक कस्टम अधिकारी एक शिपमेंट (Shipment) को रोकता है जिसमें रसायन के रूप में चिह्नित बैरल हैं। जांच में शराब पाई जाती है, जिसे जब्त कर लिया जाता है।

    धारा 45 का महत्व (Importance of Section 45)

    धारा 45 आबकारी कानून (Excise Law) को प्रभावी ढंग से लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह अधिकारियों को त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का अधिकार देती है, जिससे अपराधों को रोका जा सके और अपराधियों को कानून के दायरे में लाया जा सके।

    यह प्रावधान न केवल आबकारी राजस्व की सुरक्षा करता है बल्कि उद्योग में पारदर्शिता और कानून का पालन सुनिश्चित करता है। यह धारा 43 और 44 के साथ मिलकर एक व्यापक तंत्र (Mechanism) तैयार करती है जो निगरानी, जांच और प्रवर्तन (Enforcement) को प्रभावी बनाता है।

    राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 की धारा 45 कानून के अनुपालन और अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह प्रावधान अधिकारियों को बिना वारंट गिरफ्तारी, सामान की जब्ती और संदिग्ध व्यक्तियों या वस्तुओं के निरोध का अधिकार देता है।

    इसके तहत दी गई शक्तियां सुनिश्चित करती हैं कि आबकारी कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों और वस्तुओं को कानून के तहत लाया जाए। यह प्रावधान न केवल अवैध गतिविधियों को रोकता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि आबकारी राजस्व सुरक्षित रहे। इसके प्रभावी कार्यान्वयन (Implementation) से कानून का पालन करने वालों को प्रोत्साहन मिलता है और अपराधियों को हतोत्साहित किया जाता है।

    Next Story