जानिए हमारा कानून
जानिए गर्भपात और लिंग चयन निषेध से संबंधित कानून
भारत की संसद द्वारा गर्भपात और लिंग चयन निषेध से संबंधित विस्तृत अधिनियमों का निर्माण किया गया है। गर्भ का समापन तथा भ्रूण लिंग चयन निषेध अधिनियम, दो प्रमुख अधिनियम लिंग चयन निषेध और गर्भपात से संबंधित है। इस आलेख में इन दोनों अधिनियमों का अध्ययन किया जा रहा है।एमटीपी एक्ट 1971 (गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम)भारत की संसद द्वारा बनाया गया यह अधिनियम गर्भ के समापन से संबंधित है। गर्भ का समापन एक ऐसा कार्य है जिसे गर्भपात कहा जाता है। गर्भपात का अर्थ होता है गर्भधारण की अवधि पूर्ण होने के पूर्व...
भारत का संविधान (Constitution of India): भारत में दल-बदल की राजनीति और दल-बदल कानून
भारतीय राजनीति में 'दल-बदल' काफी प्रचलित है। इसे आसान भाषा में आप कह सकते हैं कि सांसद या विधायक द्वारा एक दल (अपना दल) छोड़कर दूसरे दल में शामिल होना। जिस तरह से सासंद और विधायक अपने राजनीतिक और निजी लाभ के लिए दल बदलते रहते हैं, इसलिए राजनीति में इन्हें 'आया राम, गया राम' कहा जाता है। इस आलेख में हम दल-बदल की राजनीतिक घटनाओं और इससे जुडें कानूनों के बारे में जानेंगे।1957 से 1967 तक की अवधि में रिसर्च के अनुसार 542 बार लोगों ( सांसद/विधायक) ने अपने दल बदले। 1967 में चौथे आम चुनाव के प्रथम वर्ष...
कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक शोषण से संरक्षण के लिए कानून
भारतीय महिलाओं के हितों की प्रतिरक्षा हेतु अनेक प्रयास भारत की संसद द्वारा किए गए हैं। भारत के संविधान निर्माताओं ने भी महिलाओं के अधिकारों को स्पष्ट करने हेतु भारत के संविधान में संपूर्ण प्रावधान किए हैं। किसी समय भारतीय महिलाएं घरेलू कार्य करती थी तथा घर की चारदीवारी के भीतर उनका संसार होता था। समय ने प्रगति की भारत को स्वतंत्रता मिली तथा भारत ने अपने संविधान का निर्माण किया। भारत के संविधान में अवसर की समानता दी गई तथा गरिमा और प्रतिष्ठा से भरा हुआ जीवन दिया गया। इस गरिमा और प्रतिष्ठा में...
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 का परिचय
इस आलेख के अंतर्गत भारत की महिलाओं के विरुद्ध होने वाले बुरे व्यवहार और आचरण के विरुद्ध भारत की संसद द्वारा बनाए गए घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 का सामान्य परिचय प्रस्तुत किया जा रहा है।भारत की स्वतंत्रता के बाद से महिलाओं की आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक स्थिति में निरंतर प्रगति हुई है। स्वतंत्रता के पूर्व भी महिलाओं के प्रति समाज के दमनकारी दृष्टिकोण प्रभावी रहा है। स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान निर्माताओं ने महिलाओं के प्रति समाज के दमनकारी दृष्टिकोण की समाप्ति के लिए...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 25: भारत के संविधान के अंतर्गत संसद की संविधान संशोधन करने की शक्ति तथा संशोधन की प्रक्रिया
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख के अंतर्गत संविधान में उल्लेखित किए गए आपात उपबंध के संबंध में चर्चा की गई थी, इस आलेख में भारत के संविधान में निहित संसद द्वारा संविधान संशोधन की शक्ति तथा उसकी प्रक्रिया के संबंध में सारगर्भित चर्चा की जा रही है।भारत के संविधान का संशोधन (अनुच्छेद 368)भारत की स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान निर्माताओं ने भारत राज्य के लिए संविधान तैयार किया। भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा अंतिम रूप से अंगीकृत अधिनियमित 26 जनवरी 1950 ईस्वी में किया गया। 26 नवंबर 1950...
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के अंतर्गत दिए जाने वाले आदेश
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम से संबंधित इसके पूर्व के आलेख में अधिनियम का एक सामान्य परिचय दिया गया था, इस आलेख के अंतर्गत उन आदेशों का उल्लेख किया जा रहा है जो इस अधिनियम के अंतर्गत किसी व्यथित पक्षकार द्वारा आवेदन दिए जाने पर प्रत्यार्थी के विरुद्ध जारी किए जाते हैं।घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत दिए जाने वाले आदेश-घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 2 (झ) में वर्णित मजिस्ट्रेट को धारा 12 में अधिकार है कि वह व्यथित व्यक्ति, संरक्षण...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 24: भारत के संविधान के अंतर्गत आपात उपबंध (Emergency Provisions)
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख के अंतर्गत संविधान में उल्लेखित किए गए आरक्षण पर अध्ययन किया गया था, इस आलेख के अंतर्गत संविधान में उल्लेखित किए गए आपात उपबंध पर चर्चा की जाए जा रही है।भारत के संविधान के अंतर्गत आपातकालीन समय के लिए कुछ व्यवस्थाएं की गई हैं। इन व्यवस्थाओं के अंतर्गत आपातकालीन परिस्थितियों में भारत के संविधान की स्थिति बदल जाती है। भारत का संविधान एक संघीय संविधान है, राज्यों का एक संघ कहा जा सकता है। संघ को अलग शक्तियां और भारत के राज्यों को अलग शक्तियां दी गई है परंतु...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 23: भारत के संविधान के अंतर्गत अनुसूचित जातियां, आंग्ल भारतीय समुदाय, पिछड़े वर्ग तथा अल्पसंख्यकों के लिए विशेष आरक्षण के उपबंध
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में लोकतांत्रिक व्यवस्था को समृद्ध करने हेतु निर्वाचन के संबंध में संविधान में किए गए प्रावधानों पर चर्चा की गई थी, इस आलेख के अंतर्गत कुछ विशेष समुदायों को दिए गए आरक्षण पर चर्चा की जा रही है।जब भारत स्वतंत्र हुआ भारत के समाज की आर्थिक व सामाजिक स्थितियां अत्यंत अस्त व्यस्त थी। भारतीय समाज जातिगत व्यवस्था से एक लंबे युग से त्रस्त रहा है। किसी भी समाज के किसी भी देश की उन्नति के लिए आवश्यक है कि उस समाज देश का हर वर्ग समान रूप से आर्थिक व सामाजिक...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 22: भारत के संविधान के अंतर्गत निर्वाचन
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में संघ और राज्यों के लिए सेवाओं के संबंध में तथा संघ लोक सेवा आयोग के संबंध में चर्चा की गई थी, इस आलेख के अंतर्गत भारत के संविधान में उल्लेखित किए गए निर्वाचन के संबंध में चर्चा की जा रही है।निर्वाचनभारत का संविधान भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में उल्लेखित करता है, कोई भी लोकतांत्रिक राज्य में सरकार का संचालन जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। किसी भी मजबूत लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव आवश्यक है यदि चुनाव निष्पक्ष होगा तो...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 21: केंद्र और राज्यों के अंतर्गत सेवाएं
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में संपत्ति के अधिकार पर चर्चा की गई थी, इस आलेख के अंतर्गत संविधान में उल्लेखित की की गई सेवाओं पर चर्चा की जा रही है।भारत के परिसंघ संविधान ने केंद्र और राज्यों को अलग-अलग सेवाएं दी है। देश के प्रशासन के लिए लोक सेवकों की भर्ती का प्रावधान भारत के संविधान में उल्लेखित किया गया है। प्रशासन संबंधी नीतियों का निर्धारण तो मंत्रिमंडल करता है किंतु उनका कार्यान्वयन लोकसेवक ही करते हैं तथा लोक सेवकों को राजनीतिक या व्यक्तिगत दबाव से मुक्त रखना आवश्यक है जिससे वह...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 20: भारतीय संविधान के अंतर्गत संपत्ति का अधिकार
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में संघ और राज्यों के बीच संबंधों पर संक्षेप में चर्चा की गई थी, इस आलेख में संविधान के अनुच्छेद 300(ए) में उल्लेखित किए गए संपत्ति के अधिकार पर सारगर्भित चर्चा की जा रही है।संपत्ति का अधिकारभारत के संविधान के 44 पर संशोधन अधिनियम 1978 द्वारा संविधान में अनुच्छेद 300 (ए) जोड़ा गया है जिसके अनुसार संपत्ति का अधिकार प्रदान किया गया है। 44 वें संविधान संशोधन द्वारा मूल अधिकार के अंतर्गत अनुच्छेद 31 द्वारा प्रदत संपत्ति के मूल अधिकार को समाप्त कर दिया गया अब वह...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 19: भारत संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में संविधान के अंतर्गत दी गई नगरपालिकायें और पंचायतों के संबंध में चर्चा की गई थी, इस आलेख के अंतर्गत भारत के संविधान के परिसंघ ढांचे को बरकरार रखने के उद्देश्य से संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन पर किए गए उपबंधों पर चर्चा की जा रही है।संघ और राज्यों के बीच शक्ति का विभाजनभारत का संविधान एक परिसंघ संविधान है जिसके अंतर्गत संघ और राज्यों के लिए अलग-अलग व्यवस्था दी गई है। परिसंघ संविधान के लिए सबसे आवश्यक बात यह है कि संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 18: भारत के संविधान के अंतर्गत पंचायतें और नगरपालिकाएं
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में संविधान में उल्लेखित राज्य न्यायपालिका के संबंध में राज्यों के उच्च न्यायालय पर कुछ विशेष जानकारियों को लेकर चर्चा की गई थी, इस आलेख में भारत के संविधान के भाग 9 से संबंधित ग्राम पंचायतें और नगरपालिका पर विमर्श किया जा रहा है।पंचायतेंभारत के संविधान ने समाज की अंतिम पंक्ति तक लोकतंत्र को भेजने के प्रयास किए हैं। संविधान के भाग 9 संविधान के 73वें संशोधन और भाग 9(ए) संविधान के 74 वें संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा संविधान में जोड़े गए हैं। संविधान के 73वें...
एक्सप्लेनर: ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल 'क्या है? 'ट्रांजिट बेल' कब दी जा सकती है?
'टूलकिट' मामले के मद्देनजर हाल ही में "ट्रांजिट बेल" और "ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल" जैसे शब्दों ने ध्यान आकर्षित किया है।बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते शांतनु मुलुक को 10 दिन के लिए एंटीसिपेटरी बेल दी थी, जिनकी गिरफ्तारी की मांग दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में की थी। इसके बाद, मुंबई स्थित वकील निकिता जैकब को भी इस मामले में तीन सप्ताह की एंटीसिपेटरी बेल दी गई।इस आलेख में "ट्राजिंट एंटीसिपेटरी बेल" या "ट्राजिंट बेल" की वैचारिक समझ प्रदान करने का प्रयास किया गया है, जिनका अर्थ एक ही है या एक...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 17: राज्य की न्यायपालिका, उच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय की रिट अधिकारिकता
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में राज्य के विधान मंडल (विधानसभा) के संबंध में अध्ययन किया गया था इस आलेख में राज्य के महत्वपूर्ण अंग राज्य की न्यायपालिका के संबंध में उल्लेख किया जा रहा है।राज्य की न्यायपालिकाभारत के संघ को उसे अपनी न्यायपालिका दी गई है जिसे भारत का उच्चतम न्यायालय कहा जाता है और भारत के राज्यों को अलग न्यायपालिका दी गई है जो अलग-अलग राज्यों के उच्च न्यायालय होते हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 214 से लेकर 237 तक राज्य न्यायपालिका के संबंध में उल्लेख किया गया है।...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 16: राज्य के विधानमंडल (विधानसभा)
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में राज्य की कार्यपालिका के संबंध में राज्यपाल के संवैधानिक पद का उल्लेख किया गया था, इस आलेख में भारत के संविधान के अंतर्गत राज्य के विधानमंडल (विधानसभा) से संबंधित उपबंधों का उल्लेख किया जा रहा है।राज्य विधान मंडलभारत के संविधान में संघ और राज्यों के बीच सामंजस के साथ बंटवारा किया है। भारत का संविधान एक संघीय संविधान है जिसके अंतर्गत भारत के राज्यों के लिए अलग व्यवस्था है और भारत के संघ के लिए अलग व्यवस्था है। भारत राज्यों का एक संघ है जिस प्रकार भारत के...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 15: राज्य की कार्यपालिका और राज्यपाल
भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में संघ की न्यायपालिका के अंतर्गत भारत के उच्चतम न्यायालय के संबंध में कुछ विशेष जानकारियों को लेकर चर्चा की गई थी, इस आलेख में राज्य की कार्यपालिका और राज्यपाल के संबंध में उल्लेख किया जा रहा है।राज्य की कार्यपालिकाजैसा कि पूर्व के आलेखों में उल्लेख किया गया है भारत का संविधान एक संसदीय संविधान है जिसके अंतर्गत भारत को राज्यों का एक संघ घोषित किया गया है। संघ के पास अपनी शक्तियां अलग है और भारत के पृथक पृथक प्रांतों के पास अपनी शक्तियां अलग है। संघ और...
ट्रांजिट रिमांड क्या होता है? जानिए क्या है कानूनी प्रावधान
अभी हाल ही के प्रकरणों में ट्रांजिट रिमांड जैसे शब्द को लेकर प्रश्न उठे हैं। टूलकिट मामले में गिरफ्तार किए गए कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों के संबंध में भी ट्रांजिट रिमांड जैसे शब्द सुनने में आए हैं।पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि के मामले में ट्रांजिट रिमांड को लेकर काफी चर्चा की गई। ट्रांजिट रिमांड क्या है और न्यायालय द्वारा ट्रांजिट रिमांड कब दिया जाता है इससे संबंधित जानकारियां इस आलेख में प्रस्तुत की जा रही है।ट्रांजिट रिमांडरिमांड की परिभाषा जिसे हिंदी में हिरासत कहा जाता है दंड...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 14: संघ की न्यायपालिका और भारत का उच्चतम न्यायालय
पिछले आलेख में केंद्रीय विधान मंडल के अंतर्गत भारत की संसद के संदर्भ में संवैधानिक उपबंधों पर चर्चा की गई थी, इस आलेख में संघ की न्यायपालिका भारत के उच्चतम न्यायालय के संबंध में चर्चा की जा रही है।भारत का संविधान एक संघीय यह संविधान है। भारत को राज्यों का संघ कहा गया है और इस राज्यों के संघ के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। सरकारों की शक्तियों का विभाजन एक लिखित संविधान के द्वारा किया गया है ताकि भविष्य में सरकारों के बीच किसी प्रकार का शक्तियों को लेकर कोई विवाद न हो। इस प्रकार का कोई...
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 13: भारत की संसद, लोकसभा और राज्यसभा की संरचना
भारत के संविधान से संबंधित लिखे जा रहे हैं आलेखों में पिछले आलेख के अंतर्गत संघ की कार्यपालिका और राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया के संदर्भ में सारगर्भित उल्लेख किया गया था, इस आलेख में केंद्र की विधायी शक्ति अर्थात लोकतंत्र के दूसरे स्तंभ विधायिका का उल्लेख किया जा रहा है जिसमें भारत की संसद लोकसभा और राज्यसभा की संरचना पर आवश्यक जानकारियों को लेखबद्ध किया जा रहा है।संसदीय लोकतंत्र को तीन हिस्सों में बांटा गया है जिसमें कार्यपालिका के बाद विधायिका का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत के संविधान में...















