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भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 25: भारत के संविधान के अंतर्गत संसद की संविधान संशोधन करने की शक्ति तथा संशोधन की प्रक्रिया
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 25: भारत के संविधान के अंतर्गत संसद की संविधान संशोधन करने की शक्ति तथा संशोधन की प्रक्रिया

भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख के अंतर्गत संविधान में उल्लेखित किए गए आपात उपबंध के संबंध में चर्चा की गई थी, इस आलेख में भारत के संविधान में निहित संसद द्वारा संविधान संशोधन की शक्ति तथा उसकी प्रक्रिया के संबंध में सारगर्भित चर्चा की जा रही है।भारत के संविधान का संशोधन (अनुच्छेद 368)भारत की स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान निर्माताओं ने भारत राज्य के लिए संविधान तैयार किया। भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा अंतिम रूप से अंगीकृत अधिनियमित 26 जनवरी 1950 ईस्वी में किया गया। 26 नवंबर 1950...

भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 24: भारत के संविधान के अंतर्गत आपात उपबंध (Emergency Provisions)
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 24: भारत के संविधान के अंतर्गत आपात उपबंध (Emergency Provisions)

भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख के अंतर्गत संविधान में उल्लेखित किए गए आरक्षण पर अध्ययन किया गया था, इस आलेख के अंतर्गत संविधान में उल्लेखित किए गए आपात उपबंध पर चर्चा की जाए जा रही है।भारत के संविधान के अंतर्गत आपातकालीन समय के लिए कुछ व्यवस्थाएं की गई हैं। इन व्यवस्थाओं के अंतर्गत आपातकालीन परिस्थितियों में भारत के संविधान की स्थिति बदल जाती है। भारत का संविधान एक संघीय संविधान है, राज्यों का एक संघ कहा जा सकता है। संघ को अलग शक्तियां और भारत के राज्यों को अलग शक्तियां दी गई है परंतु...

भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 23: भारत के संविधान के अंतर्गत अनुसूचित जातियां, आंग्ल भारतीय समुदाय, पिछड़े वर्ग तथा अल्पसंख्यकों के लिए विशेष आरक्षण के उपबंध
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 23: भारत के संविधान के अंतर्गत अनुसूचित जातियां, आंग्ल भारतीय समुदाय, पिछड़े वर्ग तथा अल्पसंख्यकों के लिए विशेष आरक्षण के उपबंध

भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में लोकतांत्रिक व्यवस्था को समृद्ध करने हेतु निर्वाचन के संबंध में संविधान में किए गए प्रावधानों पर चर्चा की गई थी, इस आलेख के अंतर्गत कुछ विशेष समुदायों को दिए गए आरक्षण पर चर्चा की जा रही है।जब भारत स्वतंत्र हुआ भारत के समाज की आर्थिक व सामाजिक स्थितियां अत्यंत अस्त व्यस्त थी। भारतीय समाज जातिगत व्यवस्था से एक लंबे युग से त्रस्त रहा है। किसी भी समाज के किसी भी देश की उन्नति के लिए आवश्यक है कि उस समाज देश का हर वर्ग समान रूप से आर्थिक व सामाजिक...

भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 19: भारत संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 19: भारत संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन

भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में संविधान के अंतर्गत दी गई नगरपालिकायें और पंचायतों के संबंध में चर्चा की गई थी, इस आलेख के अंतर्गत भारत के संविधान के परिसंघ ढांचे को बरकरार रखने के उद्देश्य से संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन पर किए गए उपबंधों पर चर्चा की जा रही है।संघ और राज्यों के बीच शक्ति का विभाजनभारत का संविधान एक परिसंघ संविधान है जिसके अंतर्गत संघ और राज्यों के लिए अलग-अलग व्यवस्था दी गई है। परिसंघ संविधान के लिए सबसे आवश्यक बात यह है कि संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का...

भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 18: भारत के संविधान के अंतर्गत पंचायतें और नगरपालिकाएं
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 18: भारत के संविधान के अंतर्गत पंचायतें और नगरपालिकाएं

भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में संविधान में उल्लेखित राज्य न्यायपालिका के संबंध में राज्यों के उच्च न्यायालय पर कुछ विशेष जानकारियों को लेकर चर्चा की गई थी, इस आलेख में भारत के संविधान के भाग 9 से संबंधित ग्राम पंचायतें और नगरपालिका पर विमर्श किया जा रहा है।पंचायतेंभारत के संविधान ने समाज की अंतिम पंक्ति तक लोकतंत्र को भेजने के प्रयास किए हैं। संविधान के भाग 9 संविधान के 73वें संशोधन और भाग 9(ए) संविधान के 74 वें संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा संविधान में जोड़े गए हैं। संविधान के 73वें...

एक्सप्लेनर: ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल क्या है? ट्रांजिट बेल कब दी जा सकती है?
एक्सप्लेनर: ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल 'क्या है? 'ट्रांजिट बेल' कब दी जा सकती है?

'टूलकिट' मामले के मद्देनजर हाल ही में "ट्रांजिट बेल" और "ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल" जैसे शब्दों ने ध्यान आकर्षित किया है।बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते शांतनु मुलुक को 10 दिन के ‌लिए एंटीसिपेटरी बेल दी थी, जिनकी गिरफ्तारी की मांग दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में की थी। इसके बाद, मुंबई स्थित वकील निकिता जैकब को भी इस मामले में तीन सप्ताह की एंटीसिपेटरी बेल दी गई।इस आलेख में "ट्राजिंट एंटीसिपेटरी बेल" या "ट्राजिंट बेल" की वैचारिक समझ प्रदान करने का प्रयास किया गया है, जिनका अर्थ एक ही है या एक...

भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 17: राज्य की न्यायपालिका, उच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय की रिट अधिकारिकता
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 17: राज्य की न्यायपालिका, उच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय की रिट अधिकारिकता

भारत के संविधान से संबंधित पिछले आलेख में राज्य के विधान मंडल (विधानसभा) के संबंध में अध्ययन किया गया था इस आलेख में राज्य के महत्वपूर्ण अंग राज्य की न्यायपालिका के संबंध में उल्लेख किया जा रहा है।राज्य की न्यायपालिकाभारत के संघ को उसे अपनी न्यायपालिका दी गई है जिसे भारत का उच्चतम न्यायालय कहा जाता है और भारत के राज्यों को अलग न्यायपालिका दी गई है जो अलग-अलग राज्यों के उच्च न्यायालय होते हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 214 से लेकर 237 तक राज्य न्यायपालिका के संबंध में उल्लेख किया गया है।...

भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 14: संघ की न्यायपालिका और भारत का उच्चतम न्यायालय
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 14: संघ की न्यायपालिका और भारत का उच्चतम न्यायालय

पिछले आलेख में केंद्रीय विधान मंडल के अंतर्गत भारत की संसद के संदर्भ में संवैधानिक उपबंधों पर चर्चा की गई थी, इस आलेख में संघ की न्यायपालिका भारत के उच्चतम न्यायालय के संबंध में चर्चा की जा रही है।भारत का संविधान एक संघीय यह संविधान है। भारत को राज्यों का संघ कहा गया है और इस राज्यों के संघ के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। सरकारों की शक्तियों का विभाजन एक लिखित संविधान के द्वारा किया गया है ताकि भविष्य में सरकारों के बीच किसी प्रकार का शक्तियों को लेकर कोई विवाद न हो। इस प्रकार का कोई...

भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 13: भारत की संसद, लोकसभा और राज्यसभा की संरचना
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 13: भारत की संसद, लोकसभा और राज्यसभा की संरचना

भारत के संविधान से संबंधित लिखे जा रहे हैं आलेखों में पिछले आलेख के अंतर्गत संघ की कार्यपालिका और राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया के संदर्भ में सारगर्भित उल्लेख किया गया था, इस आलेख में केंद्र की विधायी शक्ति अर्थात लोकतंत्र के दूसरे स्तंभ विधायिका का उल्लेख किया जा रहा है जिसमें भारत की संसद लोकसभा और राज्यसभा की संरचना पर आवश्यक जानकारियों को लेखबद्ध किया जा रहा है।संसदीय लोकतंत्र को तीन हिस्सों में बांटा गया है जिसमें कार्यपालिका के बाद विधायिका का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत के संविधान में...