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अभियुक्तों की पहचान किए बिना मुकदमा जारी रखने की अनुमति देना पीड़िता को शर्मिंदा और अपमानित करेगा: मद्रास हाइकोर्ट
अभियुक्तों की पहचान किए बिना मुकदमा जारी रखने की अनुमति देना पीड़िता को शर्मिंदा और अपमानित करेगा: मद्रास हाइकोर्ट

मद्रास हाइकोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम (Tamil Nadu Prohibition of Harassment of Women Act) की धारा 4 के तहत यौन उत्पीड़न का मामला रद्द किया। अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्ति की पहचान 3 साल तक नहीं की गई, इसलिए कार्यवाही जारी रखना नारीत्व का मजाक होगा और महिला को और अधिक शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी, जिसे मानसिक पीड़ा होगी।जस्टिस आनंद वेंकटेश ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि कई यौन शोषण के मामलों में बहुत से लोग अदालत में आकर दुर्व्यवहार के खिलाफ लड़ने को तैयार नहीं हैं और अगर...

हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे की जांच के लिए समिति के गठन पर दिल्ली सरकार का रुख पुछा
हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे की जांच के लिए समिति के गठन पर दिल्ली सरकार का रुख पुछा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को यहां के सरकारी अस्पतालों की समग्र स्थिति और चिकित्सा बुनियादी ढांचे की जांच के लिए डॉक्टरों की एक समिति के गठन पर दिल्ली सरकार का रुख पूछा।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से समिति की नियुक्ति पर निर्देश प्राप्त करने को कहा और कहा कि चिकित्सकों द्वारा सुझाई गई सलाह और समाधान का पालन करते हुए कुछ निर्देश जारी किए जा सकते हैं।पीठ 2017 में सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सुविधाओं...

आदिम समय में रहना: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने आदिवासी लोगों के लिए संतोषजनक चिकित्सा सुविधाओं की अनुपलब्धता पर नाराजगी व्यक्त की
'आदिम समय में रहना': आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने आदिवासी लोगों के लिए संतोषजनक चिकित्सा सुविधाओं की अनुपलब्धता पर नाराजगी व्यक्त की

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने आंध्र प्रदेश के चार जिलों में जनजातियों के लिए अच्छी अवसंरचना के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना की मांग करने वाली जनहित याचिका के बेहतर अधिनिर्णय के लिए भारत संघ के पंचायत राज और ग्रामीण विकास सचिव और प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के सचिव को पक्षकार बनाया है।चीफ़ जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर और जस्टिस रघुनंदन राव की खंडपीठ ने चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका में यह आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया था कि अभ्यावेदन...

दिल्ली न्यायिक सेवा में कामकाजी ताकत साल के अंत तक स्वीकृत ताकत के बराबर हो जाएगी: दिल्ली हाइकोर्ट
दिल्ली न्यायिक सेवा में कामकाजी ताकत साल के अंत तक स्वीकृत ताकत के बराबर हो जाएगी: दिल्ली हाइकोर्ट

दिल्ली हाइकोर्ट ने कहा कि दिल्ली न्यायिक सेवा में कामकाजी ताकत (Working Strenth) इस साल के अंत तक स्वीकृत ताकत के लगभग बराबर होगी।एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने 2014 में वकील आर के कपूर द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा किया, जिसमें निचली न्यायपालिका में मौजूद सभी रिक्तियों का भरने करने की मांग की गई थी।अदालत ने कहा,"यह उल्लेख करना उचित है कि यह रिट याचिका शुरू में दिल्ली न्यायिक सेवा में रिक्तियों को भरने के लिए वर्ष 2014 में दायर की गई, क्योंकि वे...

दिल्ली हाइकोर्ट ने डिजिटल गिरफ्तारी घोटालों, साइबर अपराधों के प्रसार के खिलाफ जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा
दिल्ली हाइकोर्ट ने 'डिजिटल गिरफ्तारी' घोटालों, साइबर अपराधों के प्रसार के खिलाफ जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा

दिल्ली हाइकोर्ट ने "डिजिटल गिरफ्तारी" घोटालों सहित साइबर अपराधों के प्रसार के खिलाफ जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया, जहां धोखेबाज निर्दोष नागरिकों से पैसे ऐंठने के लिए फर्जी न्यायिक आदेश और गिरफ्तारी वारंट बनाते हैं।एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से जवाब मांगा और मामले को 19 मार्च को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।वकील अक्षया और उर्वशी भाटिया द्वारा दायर याचिका में बढ़ते साइबर...

कुदाथायी हत्याकांड: केरल हाइकोर्ट ने आरोपी जॉली की दूसरी जमानत याचिका खारिज की
कुदाथायी हत्याकांड: केरल हाइकोर्ट ने आरोपी जॉली की दूसरी जमानत याचिका खारिज की

केरल हाइकोर्ट ने दूसरी बार कुख्यात कुदाथायी हत्याओं के पहले आरोपी जॉली जोसेफ द्वारा दायर जमानत याचिका खारिज कर दी।जस्टिस सीएस डायस ने कहा कि यदि जॉली के खिलाफ लगाए गए आरोप सही है तो उसने बिना किसी पश्चाताप के भीषण निर्मम हत्याएं कीं। आगे कहा गया कि पारिवारिक हत्या करने के लिए जॉली के खिलाफ सार्वजनिक आक्रोश और संभावित विद्रोह के बारे में खुफिया रिपोर्टें थीं और उसकी रिहाई से समाज पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा।अदालत ने कहा,"रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्रियों बार में की गई प्रतिद्वंद्वी प्रस्तुतियों बिंदु पर...

तमिलनाडु की जेंडर और सेक्सुअल माइनॉरिटी पॉली समावेशिता और सशक्तिकरण के लिए राज्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण: मद्रास हाइकोर्ट
तमिलनाडु की जेंडर और सेक्सुअल माइनॉरिटी पॉली समावेशिता और सशक्तिकरण के लिए राज्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण: मद्रास हाइकोर्ट

मद्रास हाइकोर्ट ने LGBTQ+ समुदाय के कल्याण के लिए तमिलनाडु जेंडर और सेक्सुअल माइनॉरिटी पॉलिसी लाने के तमिलनाडु सरकार के प्रयासों की सराहना की।जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा कि यह पॉलिसी समावेशिता और सशक्तिकरण के प्रति राज्य की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अदालत ने कहा कि पॉलिसी सेवाओं समावेशन और संवेदीकरण के लिए सूक्ष्म दृष्टिकोण लेकर आई और सक्षम वातावरण बनाने स्वैच्छिक कार्रवाई को प्रोत्साहित करने और आउटरीच कार्यक्रमों का विस्तार करने में मदद करेगी।अदालत ने कहा,“तमिलनाडु जेंडर और सेक्सुअल...

POCSO Act की धारा 4 | बच्चे के प्राइवेट पार्ट से लिंग का केवल छूना जाना भी यौन उत्पीड़न: बॉम्बे हाईकोर्ट
POCSO Act की धारा 4 | बच्चे के प्राइवेट पार्ट से लिंग का केवल छूना जाना भी यौन उत्पीड़न: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी भतीजियों के साथ यौन उत्पीड़न करने के आरोपी व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार किया कि यौन इरादे से पीड़िता की योनि में लिंग को छूना भी यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) की धारा 4 के तहत नाबालिग पर प्रवेशात्मक यौन हमला है। जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा,“पेनेट्रेटिव यौन हमले के मामले में भी यह जरूरी नहीं है कि पीड़िता के हाइमन, लेबिया मेजा, लेबिया मिनोरा में कुछ चोट हो। केवल पीड़ित के निजी अंग से लिंग को छूना भी POCSO Act की धारा 4 के तहत अपराध...

भागे हुए जोड़े: पंजाब और हरियाणा सरकार सुरक्षा याचिका पर पुलिस के आदेश के खिलाफ शिकायत निवारण के लिए अपीलीय निकाय की व्यवहार्यता पर विचार करेगी
भागे हुए जोड़े: पंजाब और हरियाणा सरकार सुरक्षा याचिका पर पुलिस के आदेश के खिलाफ शिकायत निवारण के लिए अपीलीय निकाय की व्यवहार्यता पर विचार करेगी

भागे हुए जोड़ों द्वारा अदालतों में सुरक्षा याचिकाओं की बाढ़ से बचने के लिए सिस्टम पर विचार करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट को बताया गया कि संबंधित राज्यों की सरकारें सुरक्षा की मांग करने वाले अभ्यावेदन के निपटारे के बाद किसी भी शिकायत पर निर्णय लेने के लिए पुलिस के साथ अपीलीय प्राधिकरण नियुक्त करने की व्यवहार्यता पर विचार करेंगी। जस्टिस संदीप मौदगिल की पीठ ने कहा,"पंजाब, हरियाणा और यू.टी., चंडीगढ़ ने पहली बार में प्रतिनिधित्व के निवारण के बाद पीड़ित पक्ष द्वारा किसी भी अपील पर निर्णय लेने...

शिकायतकर्ता वकील ने नोटरी के समक्ष गलत और फर्जी शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया: बॉम्बे हाईकोर्ट ने POCSO के आरोपी को जमानत दी
शिकायतकर्ता वकील ने नोटरी के समक्ष गलत और फर्जी शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया: बॉम्बे हाईकोर्ट ने POCSO के आरोपी को जमानत दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में अपनी बेटी के यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी, क्योंकि उसने पाया कि शिकायतकर्ता (आरोपी की पत्नी) और उसके वकील ने मामले में गलत हलफनामा दायर किया था।जस्टिस माधव जे जमादार ने कहा,“यह बहुत गंभीर मामला है। प्रथम दृष्टया, प्रतिवादी नंबर 2 (शिकायतकर्ता) का आचरण और वकील रोहित कुमार का आचरण न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप के समान है, क्योंकि आवेदक को जमानत देने का विरोध करने के लिए झूठा और मनगढ़ंत हलफनामा दायर किया गया।"आवेदक की जमानत पहले सत्र न्यायालय द्वारा कुछ...

जब अभियुक्त की भूमिका के संबंध में साक्ष्य मौन हों तो संदेह का लाभ देने के लिए विवेकाधीन शक्ति का प्रयोग आवश्यक नहीं: पटना हाईकोर्ट
जब अभियुक्त की भूमिका के संबंध में साक्ष्य मौन हों तो "संदेह का लाभ" देने के लिए विवेकाधीन शक्ति का प्रयोग आवश्यक नहीं: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि संदेह का लाभ देने की विवेकाधीन शक्ति तब लागू नहीं होती है जब आरोपी व्यक्तियों की संलिप्तता के संबंध में सबूतों का पूर्ण अभाव हो।ज‌स्टिस बिबेक चौधरी ने कहा, "ट्रायल कोर्ट द्वारा संदेह का लाभ देने का सवाल तब उठता है जब रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्यों से ऐसा प्रतीत होता है कि दो विचार - एक अभियोजन पक्ष के समर्थन में और दूसरा बचाव पक्ष के समर्थन में पाए जाते हैं, कोर्ट को चाहिए कि उस दृष्टिकोण को स्वीकार करें जो अभियुक्त के पक्ष में है।”उन्होंने कहा, “ऐसे मामले...

पूर्व बिजनेस पार्टनर मिहिर दिवाकर द्वारा दायर मानहानि का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं: एमएस धोनी ने दिल्ली हाइकोर्ट में कहा
पूर्व बिजनेस पार्टनर मिहिर दिवाकर द्वारा दायर मानहानि का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं: एमएस धोनी ने दिल्ली हाइकोर्ट में कहा

दिल्ली हाइकोर्ट में क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने बताया कि पूर्व बिजनेस पार्टनर मिहिर दिवाकर द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है।दिवाकर और उनकी पत्नी ने एक याचिका डाली। याचिका में कहा गया कि क्रिकेटर धोनी द्वारा आपत्तिजनक और दुर्भावनापूर्ण बयान न प्रकाशित न किया जाए। बयान में कहा गया कि दिवाकर और उनकी पत्नी ने मिलकर उनसे 15 करोड़ रुपये प्राप्त किए है।यह याचिका मेटा, एक्स (पूर्व में ट्विटर), गूगल, यूट्यूब और 30 मीडिया हाउस और वेब पोर्टल के खिलाफ दायर किया गया।जस्टिस...

Telegraph Act | बिजली लाइनें बिछाने की अनुमति देने के बाद लाइसेंसधारी को भूमि मालिकों को सूचित करने या अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती: तेलंगाना हाइकोर्ट
Telegraph Act | बिजली लाइनें बिछाने की अनुमति देने के बाद लाइसेंसधारी को भूमि मालिकों को सूचित करने या अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती: तेलंगाना हाइकोर्ट

तेलंगाना हाइकोर्ट ने SNM डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डेवलपर्स की संपत्ति पर ओवरहेड बिजली ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने को रोकने की मांग को लेकर दायर याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि जब केंद्र सरकार किसी लाइसेंसधारी को बिजली लाइनें बिछाने की शक्ति प्रदान करती है तो लाइसेंसधारी को भूमि मालिकों को सूचित करने या अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, यहां टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 (Telegraph Act) के प्रावधान लागू होंगे।चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस अनिल कुमार जुकांति की खंडपीठ ने एकल...

Succession Act की धारा 67 |  प्रोबेट कार्यवाही में अदालत यह तय नहीं कर सकती कि लाभार्थी के गवाह के पति होने के कारण वसीयत रद्द हो सकती है या नहीं: बॉम्बे हाइकोर्ट
Succession Act की धारा 67 | प्रोबेट कार्यवाही में अदालत यह तय नहीं कर सकती कि लाभार्थी के गवाह के पति होने के कारण वसीयत रद्द हो सकती है या नहीं: बॉम्बे हाइकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि किसी वसीयत में भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम (Indian Succession Act) की धारा 67 के तहत लाभार्थी गवाह का जीवनसाथी होने के नाते वसीयत की शून्यता का मुद्दा वसीयत की प्रोबेट या वसीयत के साथ प्रशासन संलग्न पत्र की कार्यवाही में वसीयतनामा न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। जस्टिस मनीष पिताले ने मृत व्यक्ति की बेटियों द्वारा दायर आवेदन खारिज कर दिया, जिसमें मृतक के बेटे की वसीयत रद्द करने से संबंधित अतिरिक्त मुद्दे को वसीयत के मुकदमे में जोड़ने की मांग की गई,...

निर्धारिती खामियों को दूर करने में विफल रहा क्योंकि दस्तावेज केंद्रीय जीएसटी प्राधिकरण की हिरासत में थे: मद्रास उच्च न्यायालय ने मूल्यांकन आदेश को रद्द किया
निर्धारिती खामियों को दूर करने में विफल रहा क्योंकि दस्तावेज केंद्रीय जीएसटी प्राधिकरण की हिरासत में थे: मद्रास उच्च न्यायालय ने मूल्यांकन आदेश को रद्द किया

मद्रास हाईकोर्ट ने मूल्यांकन आदेश को रद्द कर दिया और माना कि केंद्रीय जीएसटी प्राधिकरण की हिरासत में रिकॉर्ड की उपलब्धता के कारण दोष को ठीक नहीं किया गया था। जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने कहा है कि चार दोषों के संबंध में मूल्यांकन का एक समग्र आदेश जारी किया गया था, और रिकॉर्ड पर दस्तावेजों से पता चलता है कि केंद्रीय जीएसटी प्राधिकरण की हिरासत में ऐसे दस्तावेजों के कारण रिकॉर्ड की अनुपलब्धता निस्संदेह याचिकाकर्ता की दो दोषों का जवाब देने की क्षमता को प्रभावित करती है। ...

यूनिवर्सिटी के चांसलर्स को UGC विनियमों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के तहत VC को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस की वैधता और अधिकार क्षेत्र पर विचार करना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
यूनिवर्सिटी के चांसलर्स को UGC विनियमों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के तहत VC को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस की वैधता और अधिकार क्षेत्र पर विचार करना चाहिए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कुलाधिपति को निर्देश दिया है कि वे यूजीसी विनियमों और प्रोफेसर (डॉ) श्रीजीत पीएस बनाम डॉ राजश्री एमएस और अन्य (2022) में सूप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के आधार पर श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कलाडी, कालीकट विश्वविद्यालय, केरल डिजिटल विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और श्री नारायण मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपतियों को जारी कारण बताओ नोटिस की वैधता और अधिकार क्षेत्र पर विचार करें । कुलाधिपति द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसमें कुलपतियों को...

केवल इसलिए कि घरों का निर्माण झुग्गीवासियों के लिए है, निविदाकर्ता इसे हल्के में नहीं ले सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट ने परियोजना को पूरा करने के लिए समय बढ़ाने से इनकार किया
केवल इसलिए कि घरों का निर्माण झुग्गीवासियों के लिए है, निविदाकर्ता इसे हल्के में नहीं ले सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट ने परियोजना को पूरा करने के लिए समय बढ़ाने से इनकार किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक निर्माण कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें कर्नाटक झुग्गी विकास बोर्ड के उस आदेश पर सवाल उठाया गया था जिसमें झुग्गीवासियों के लिए आवासीय मकान बनाने के लिए कंपनी के साथ किए गए अनुबंध को पूरा करने के लिए विस्तार देने से इनकार कर दिया गया था। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने ऐश्वर्यागिरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया और बोर्ड को एक उचित कार्य आदेश जारी करने और गरीब झुग्गीवासियों के घरों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने...

शादी का झूठा वादा करने का आरोप साबित नहीं हुआ: एमपी हाईकोर्ट ने मैट्रिमोनी साइट पर अभियोजक से परिचित आरोपी की बलात्कार की सजा खारिज की
शादी का झूठा वादा करने का आरोप साबित नहीं हुआ: एमपी हाईकोर्ट ने मैट्रिमोनी साइट पर अभियोजक से परिचित आरोपी की बलात्कार की सजा खारिज की

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने बलात्कार की सजा इस आधार पर रद्द कर दी कि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि शादी का झूठा वादा करके यौन संबंधों के लिए सहमति प्राप्त की गई। अदालत ने यह भी कहा कि कोई भी विश्वसनीय निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि यौन संबंध शादी के वादे जैसे तथ्य की गलत धारणा के तहत हुआ।जस्टिस प्रेम नारायण सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ ने यह भी कहा कि अभियुक्त द्वारा अभियोजक से शादी करने से कभी भी विशेष इनकार नहीं किया गया, जैसा कि उनके बीच व्हाट्सएप चैट से स्पष्ट है। इसके अलावा, यह निर्विवाद है...

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दीपिका पादुकोण के सेल्फ केयर ब्रांड के लोटस स्पलैश के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में कमल पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दीपिका पादुकोण के सेल्फ केयर ब्रांड के 'लोटस स्पलैश' के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में 'कमल' पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के सेल्फ केयर ब्रांड 82E के 'लोटस स्पलैश' जेंटल फेस क्लींजर के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में 'लोटस हर्बल्स' के पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा(interim injunction order) पारित करने से इनकार कर दिया है। जस्टिस सी हरिशंकर ने कहा कि उत्पाद दिखने में पूरी तरह से भिन्न हैं और कीमतों में काफी अंतर है और इसे पारित करने का कोई मामला नहीं बनाया गया क्योंकि दो चिह्नों के बीच एकमात्र सामान्य विशेषता 'कमल' शब्द है। कोर्ट ने कहा कि "एक उपभोक्ता जो ऐसे...

उड़ीसा हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों को बढ़ा हुआ वेतन देने के लिए एसओपी तैयार की
उड़ीसा हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों को बढ़ा हुआ वेतन देने के लिए एसओपी तैयार की

ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन बनाम भारत संघ और अन्य में दिए गए निर्देशों के अनुसार, जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक की सिफारिशों के अनुसार बढ़े हुए वेतनमान के संदर्भ में न्यायिक अधिकारियों को बकाया का भुगतान करने का आदेश दिया था, जिसके तहत दूसरा राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (SNJPC) गठित किया गया था, उड़ीसा हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस डॉ. विद्युत रंजन सारंगी ने जिला न्यायपालिका की सेवा शर्तों के लिए समिति (CSCDJ) का गठन किया।वेतन, पेंशन, भत्ते और सभी संबद्ध मामलों...