हाईकोर्ट
SARFAESI एक्ट की धारा 14 के तहत दूसरी याचिका पर विचार करने के डीएम के अधिकार पर कोई रोक नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के विचार का समर्थन किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट के इस दृष्टिकोण से सहमति व्यक्त की कि ऐसे मामलों में जहां उधारकर्ता SARFAESI अधिनियम की धारा 14 के तहत बैंक को कब्ज़ा सौंपे जाने के बाद भी सुरक्षित संपत्ति में अवैध रूप से पुनः प्रवेश करता है, उक्त प्रावधान के तहत एक नया आवेदन विचारणीय है। नासिक मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक (मल्टी स्टेट शेड्यूल्ड बैंक) बनाम जिला कलेक्टर, जालना एवं अन्य में बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय के बाद, जस्टिस शेखर बी. सराफ और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरि की पीठ ने अतिरिक्त जिला...
राष्ट्रीय सुरक्षा के संरक्षण के मामलों प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत को झुकना होगाः दिल्ली हाईकोर्ट ने सेलेबी की मंजूरी रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को तुर्की स्थित कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की केंद्र द्वारा उसकी सुरक्षा मंज़ूरी रद्द करने के ख़िलाफ़ दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि प्राकृतिक न्याय एक महत्वपूर्ण संवैधानिक सिद्धांत है, हालांकि "राज्य की सुरक्षा" के मामलों में, राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए प्राकृतिक न्याय को प्राथमिकता देनी होगी।जस्टिस सचिन दत्ता ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान मामले में, प्रासंगिक जानकारी के अवलोकन से यह पता चला है कि इसमें "राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े...
हिरासत में यातना सरकारी कर्तव्य का हिस्सा नहीं: हाईकोर्ट ने बिना 'अनुमति' पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप तय करने का दिया आदेश
केरल हाईकोर्ट ने निचली अदालत को महिला से कथित चोरी के मामले में पूछताछ के दौरान हिरासत में यातना देने के आरोपी चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया।जस्टिस डॉ. कौसर एडप्पागथ ने निचली अदालत का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें आरोपी पुलिस अधिकारियों को यह कहते हुए बरी कर दिया गया था कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (CrPC) की धारा 197 के तहत पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी।न्यायालय ने पाया कि CrPC की धारा 197 के तहत संरक्षण लोक सेवकों द्वारा की गई आपराधिक गतिविधियों पर लागू नहीं होता है। इसके...
'देश को धर्म के आधार पर बांटना चाहते थे, जेल में रहना बेहतर': दिल्ली दंगा UAPA केस में पुलिस ने हाईकोर्ट में जमानत का विरोध किया
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष 2020 के दिल्ली दंगों के "बड़े षड्यंत्र" मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा, "यदि आप राष्ट्र के खिलाफ कुछ कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप बरी या दोषी ठहराए जाने तक जेल में रहें।कुछ समय तक मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने उमर खालिद, शरजील इमाम, मोहम्मद अली खान और मोहम्मद अली खान की जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सलीम खान, शिफा उर रहमान, अतहर खान, खालिद सैफी और गुलफिशा फातिमा।...
गुजरात हाईकोर्ट ने BCI से कहा, "बिना निरीक्षण शुल्क वाले कॉलेजों के छात्रों का नामांकन प्रमाण पत्र रोकने पर दोबारा सोचें"
नामांकन प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने से असंतुष्ट गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों के विधि स्नातकों की याचिका में गुजरात हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया कहा कि बीसीआई की कार्रवाई अनुचित है और उसे उन नामांकन प्रमाणपत्रों पर पुनर्विचार करने और उचित रूप से निर्णय लेने के लिए कहा गया है जिनमें संस्थानों ने पूर्वव्यापी मान्यता के लिए शुल्क का भुगतान नहीं किया है।इसमें कहा गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि एक छात्र के लॉ कॉलेज, विशेष रूप से अनुदान प्राप्त कॉलेजों से स्नातक करने के बाद और जहां छात्र को...
20 दिसंबर 2004 के बाद मरे हिंदू की बेटी केरल में HUF के बराबर हिस्से की हकदार; केरल संयुक्त परिवार उन्मूलन अधिनियम की धाराएं HSA के प्रतिकूल: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा कि केरल संयुक्त हिंदू परिवार व्यवस्था (उन्मूलन) अधिनियम, 1975 की धारा 3 और 4, हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 की धारा 6 के प्रतिकूल हैं और इसलिए मान्य नहीं हो सकतीं। केरल संयुक्त हिंदू परिवार व्यवस्था (उन्मूलन) अधिनियम की धारा 3 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति पैतृक संपत्ति में जन्मसिद्ध अधिकार का दावा नहीं कर सकता। अधिनियम की धारा 4 के अनुसार, केरल में एक हिंदू अविभाजित परिवार विभाजित माना जाता है और उसे साझा किरायेदारी में परिवर्तित कर दिया जाता...
सिर्फ तेज रफ्तार होने से किसी को दोषी नहीं कहा जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि यह कहना कि किसी वाहन को 'तेज गति' से चलाना जल्दबाजी या लापरवाही साबित करने के लिए अपने आप में पर्याप्त नहीं है। गति एक ऐसा शब्द है जिसका मतलब हर मामले की स्थिति और हालात के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है।जस्टिस राकेश कैंथला ने कहा, "इस प्रकार, अभियुक्त को बिना किसी और सबूत के अकेले तेज गति के आधार पर उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है कि आरोपी ने देखभाल करने के अपने कर्तव्य का उल्लंघन किया था, जो वह करने में विफल रहा था। मामले की पृष्ठभूमि: मुखबिर प्रीतम चंद ने...
वादियों को कार्यवाही शुरू करने के लिए अधिक राशि जमा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता; फोटो-पहचान शुल्क पर 125 रुपये की सीमा: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट में फोटो पहचान पत्र के लिए अत्यधिक शुल्क हटाने संबंधी एकल न्यायाधीश के आदेश को आंशिक रूप से बरकरार रखते हुए, की लखनऊ पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट में मामले या हलफनामा दायर करने के लिए वादियों से 22.11.2024 के कार्यालय ज्ञापन में निर्धारित राशि से अधिक राशि नहीं ली जा सकती।यह देखते हुए कि इलाहाबाद और लखनऊ स्थित फोटो पहचान केंद्रों पर छपी रसीदों में अंतर था, जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस श्री प्रकाश सिंह की पीठ ने कहा,“दोनों बार एसोसिएशनों को, जो इस बात पर सहमत हैं, निर्देश दिया...
पटना हाईकोर्ट ने प्रक्रियागत खामियों का हवाला देते हुए बलात्कार के मामले में किशोर की सजा को पलट दिया; कहा- जेजे बोर्ड ने उसके 'सर्वोत्तम हित' के खिलाफ काम किया
पटना हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में कानून का उल्लंघन करने वाले एक किशोर की दोषसिद्धि को रद्द कर दिया है, साथ ही बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को मुआवज़ा देने का निर्देश दिया है। किशोर न्याय बोर्ड ने 2019 में किशोर को बलात्कार का दोषी ठहराया था और उसे दो साल के लिए विशेष गृह में रखने का निर्देश दिया था; अपीलीय न्यायालय ने भी इसे बरकरार रखा था, जिसके खिलाफ किशोर ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।दोषसिद्धि को पलटते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष याचिकाकर्ता के...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहलगाम हमले के बाद सरकार पर सवाल उठाने वाले कथित पोस्ट के मामले में अग्रिम जमानत दी; कहा- 'आरोपी के कृत्य से समाज को नुकसान नहीं'
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को अज़ाज़ अहमद नामक व्यक्ति को अग्रिम ज़मानत दे दी। उन पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद सोशल मीडिया पर सरकार पर सवाल उठाने वाली एक पोस्ट डालने के आरोप में धारा 353(3) और 152 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। ज़मानत याचिका स्वीकार करते हुए, जस्टिस विक्रम डी चौहान की पीठ ने कहा कि एजीए यह साबित नहीं कर पाए कि उन्हें राहत देने से व्यापक समाज पर कोई प्रभाव पड़ेगा, या कि अगर उन्हें ज़मानत दी जाती है, तो स्वतंत्र, निष्पक्ष और पूर्ण जांच...
दुष्कर्म मामले में प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका सत्र न्यायालय भेजी, कर्नाटक हाईकोर्ट ने 10 दिन की समयसीमा तय की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को JD(S) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को उनके खिलाफ कथित बलात्कार और यौन उत्पीड़न मामले में नियमित जमानत मांगने के लिए सत्र अदालत में आरोपित किया। हालांकि, निचली अदालत में उनका उपाय समाप्त होने के बाद अदालत ने उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की छूट दी है।लगातार दूसरी बार जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार की पीठ ने निर्देश दिया कि अगर रेवन्ना सत्र अदालत जाते हैं तो उनकी याचिका का निस्तारण 10 दिन के भीतर किया जाना चाहिए। एकल न्यायाधीश ने कई...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा, BNS के तहत विधेय अपराधों के आधार पर ED PMLA के तहत मामले दर्ज कर सकता है
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में मंगलवार (8 जुलाई) को कहा कि नव-स्थापित भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत दर्ज 'विधेय अपराधों' (Predicate Offences) को कठोर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत 'अनुसूचित अपराध' माना जा सकता है, भले ही इसकी अनुसूची केवल निरस्त भारतीय दंड संहिता (IPC) को संदर्भित करती हो।सिंगल जज जस्टिस अमित बोरकर ने एक ज़मानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) BNS के तहत दर्ज विधेय अपराधों का हवाला देते हुए PMLA के तहत मामले दर्ज कर सकता है और उक्त...
चिन्नास्वामी भगदड़ मामले में CAT टिप्पणी हटाने की मांग पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने RCB की याचिका पर नोटिस जारी किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने IPL क्रिकेट टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़ के लिए टीम को दोषी ठहराने वाली केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) की टिप्पणी को हटाने की मांग की गई है।जस्टिस एसजी पंडित और जस्टिस टीएम नदाफ की खंडपीठ ने नोटिस जारी किया और मामले को अब 17 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। यह हादसा चिन्नास्वामी स्टेडियम में आईपीएल में 2025 की जीत का जश्न मनाने के लिए टीम की घोषणा से पहले हुआ। CAT के अनुसार, यह घोषणा...
हरियाणा के अपंजीकृत प्ले स्कूल में 4 साल के बच्चे की मौत पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से जवाब तलब
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सिरसा के मामेरा कलां गांव में एक अपंजीकृत प्ले स्कूल में 4 वर्षीय बच्चे अर्मान की मौत के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार से जवाब मांगाचीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस संजीव बेरी की पीठ ने महिला एवं बाल विकास विभाग के महानिदेशक और सिरसा के उपायुक्त को नोटिस जारी कर मामले में जवाब तलब किया है।हाईकोर्ट ने 'द संडे ट्रिब्यून' में 6 जुलाई, 2025 को छपी खबर के आधार पर यह संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया कि स्मॉल वंडर प्ले स्कूल नामक संस्थान बिना किसी सरकारी...
HP हाईकोर्ट ने न्यायिक पदोन्नति परीक्षा के नियमों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की, सख्त टिप्पणी की
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि यदि न्यायिक अधिकारियों ने बिना किसी आपत्ति के पदोन्नति के लिए विभागीय परीक्षा में भाग लिया था तो वे बाद में उसके नियमों को चुनौती नहीं दे सकते। कोर्ट ने याचिकाओं को इस आधार पर खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता खुद न्यायिक अधिकारी हैं, जिन्हें चयन प्रक्रिया में बिना आपत्ति के भाग लेने के परिणामों की समझ होनी चाहिए।जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस संदीप शर्मा की खंडपीठ ने कहा,"याचिकाकर्ता अपने कार्य और आचरण के कारण उक्त विनियमन को चुनौती देने से रोके गए और केवल इसी...
जैन अनुष्ठान 'संथारा' से जुड़ी नाबालिग की मौत पर जनहित याचिका पर मध्य हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार (8 जुलाई) को केंद्र और राज्य सरकारों को जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और विक्षिप्त व्यक्तियों के लिए 'संथारा' अनुष्ठान पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई।बता दें, संथारा एक जैन अनुष्ठान है जिसमें स्वेच्छा से मृत्युपर्यंत उपवास किया जाता है। इस प्रथा के अनुसार, व्यक्ति आध्यात्मिक शुद्धि और संसार से विरक्ति प्राप्त करने के लिए मृत्युपर्यंत धीरे-धीरे भोजन और जल का सेवन कम करता है। याचिका में कहा गया कि इस प्रथा में भोजन और जल से...
Liquor Policy Case: समन के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने ED से मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कथित शराब नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में उन्हें जारी समन को बरकरार रखने वाले निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई।जस्टिस रविंदर डुडेजा ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा और उसे छह सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।ED की ओर से पेश हुए वकील ने शुरुआत में ही केजरीवाल की याचिका की स्वीकार्यता पर प्रारंभिक आपत्ति जताई। यह दलील दी गई कि यह याचिका...
'इतना आसान नहीं, इसमें भारी बुनियादी ढांचे के निवेश की आवश्यकता': आम जनता को CIC की सुनवाई में शामिल होने की अनुमति देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जनहित याचिका का निपटारा किया, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को आम जनता के साथ-साथ पत्रकारों को भी कार्यवाही में प्रत्यक्ष और वर्चुअल रूप से शामिल होने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई थी।चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि यह मुद्दा उतना सरल नहीं है, जितना याचिकाकर्ता दर्शाना चाहते हैं। इसके लिए भारी बुनियादी ढांचे के निवेश की आवश्यकता है।यह याचिका सौरव दास सहित विभिन्न पत्रकारों द्वारा दायर की गई।CIC के समक्ष...
शिक्षकों द्वारा छात्रों को बेंत से पीटना या शारीरिक दंड देना अपराध नहीं, हालांकि अतिवादी/क्रूर कृत्य अपराध माना जाएगा: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि शिक्षकों द्वारा छात्रों को बेंत से पीटना या शारीरिक दंड देना, वर्तमान क़ानून के अनुसार, BNS और किशोर न्याय अधिनियम, (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत अपराध नहीं माना जाएगा। हालांकि, न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वह ऐसे मामलों को बाहर नहीं कर रहा है जहां बच्चे के शरीर के किसी भी "महत्वपूर्ण अंग पर शारीरिक दंड" दिया गया हो, न ही वह शिक्षकों द्वारा प्रदर्शित किसी भी "दुष्ट प्रवृत्ति" को बाहर कर रहा है। न्यायालय ने कहा कि ये असाधारण परिस्थितियां...
दिल्ली में जारी OBC सर्टिफिकेट को 'माइग्रेंट' नहीं माना जा सकता, भले ही वह पिता के अन्य राज्य के सर्टिफिकेट पर आधारित हो: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा एक उम्मीदवार को जारी OBC सर्टिफिकेट को केवल इसलिए 'माइग्रेंट' मानने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह उसके पिता के उत्तर प्रदेश में जारी जाति सर्टिफिकेट के आधार पर बना था। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब सर्टिफिकेट दिल्ली के अधिकारियों द्वारा जारी किया गया तो उसे माइग्रेंट प्रमाणपत्र नहीं कहा जा सकता।जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस अजय दिग्पौल की खंडपीठ ने कहा,“प्रमाणपत्र को जैसा है, वैसा ही पढ़ा जाना चाहिए। इसमें यह कहीं नहीं लिखा कि यह माइग्रेंट के तौर...




















