भविष्य की कार्रवाई के बहाने पेंशन रोकी नहीं जा सकती: कर्नाटक हाईकोर्ट

Praveen Mishra

9 Sept 2025 4:10 PM IST

  • भविष्य की कार्रवाई के बहाने पेंशन रोकी नहीं जा सकती: कर्नाटक हाईकोर्ट

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी पूर्व कर्मचारी की पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों को इस आधार पर अनिश्चितकाल तक रोका नहीं जा सकता कि भविष्य में कभी उस पर अनुशासनात्मक कार्यवाही हो सकती है।

    चीफ़ जस्टिस विभु बाखरु और जस्टिस सी. एम. जोशी की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए बंगलोर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड की अपील खारिज कर दी। कंपनी ने एकल न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कंपनी को कर्मचारी मालती बी को सेवानिवृत्ति लाभ—मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति अनुग्रह राशि, अवकाश नकदीकरण का लाभ और अन्य पेंशन लाभ ब्याज सहित—अदा करने का निर्देश दिया गया था।

    कंपनी ने यह कहते हुए लाभों का भुगतान रोका था कि मालती बी को 2019 में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

    न्यायालय ने 1966 में जारी कर्नाटक इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्प्लॉइज सर्विस रेगुलेशन की धारा 171 का उल्लेख किया, जिसके अनुसार, यदि घटना चार साल से अधिक पुरानी हो तो उसके आधार पर विभागीय कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती।

    कोर्ट ने कहा कि मालती को 25 मई 2019 को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। उसके बाद उन्हें मूल संगठन में भेजा गया और 2022 में उप लेखा नियंत्रक के पद पर पदोन्नत भी किया गया। वे 31 जुलाई 2023 को सेवानिवृत्त हुईं। नोटिस जारी होने के सात साल बाद भी कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू नहीं हुई।

    कंपनी की यह दलील खारिज करते हुए कि कारण बताओ नोटिस के चलते मामला लगातार जारी है, कोर्ट ने कहा, “नोटिस में स्पष्ट रूप से कथित नुकसान की राशि बताई गई थी और मालती ने उसका जवाब भी दिया था। लेकिन घटना को चार साल से अधिक समय बीत चुका है, इसलिए नियम 171(बी) के तहत अब विभागीय कार्यवाही नहीं की जा सकती। ऐसे में एकल न्यायाधीश का मालती को सेवानिवृत्ति और पेंशन लाभ देने का आदेश सही है।”

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