संपादकीय

भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस मनाने से मना नहीं कर सकते: मद्रास हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में रेकला दौड़ के आयोजन की अनुमति दी
"भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस मनाने से मना नहीं कर सकते": मद्रास हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में 'रेकला' दौड़ के आयोजन की अनुमति दी

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य के इरोड जिले के भवानी शहर में 75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह और आदि मंदिर महोत्सव के संबंध में रेकला दौड़ आयोजित करने की अनुमति दी। जस्टिस टी. राजा और जस्टिस के. कुमारेश बाबू की पीठ ने कहा कि चूंकि रेकला दौड़ का आयोजन इरोड जिले के निवासियों द्वारा 75वें स्वतंत्रता दिवस के हिस्से के रूप में किया जाना है, इसलिए उनकी प्रार्थना को अस्वीकार करने से यह संदेश जाएगा कि भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस भी मनाने से मना कर दिया गया है।उल्लेखनीय है कि रेकला दौड़ में दूर तक...

राजनीतिक दल सब्सिडी की पेशकश करके संवैधानिक जनादेश का निर्वहन करते हैं, इसे मुफ्त नहीं कहा जा सकता: कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
राजनीतिक दल सब्सिडी की पेशकश करके संवैधानिक जनादेश का निर्वहन करते हैं, इसे मुफ्त नहीं कहा जा सकता: कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

सुप्रीम कोर्ट में उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया है, जिसमें मुफ्त उपहारों को विनियमित करने के निर्देश देने की मांग की गई है। मध्य प्रदेश की एक डॉक्टर और एम.पी. महिला कांग्रेस महासचिव ने उक्त हस्तक्षेप आवेदन दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पेश किया कि राजनीतिक दल (सही तरीके से) हमारे नागरिक को सब्सिडी और रियायत दे रहे हैं क्योंकि अंततः वे अपने संवैधानिक जनादेश का निर्वहन कर रहे हैं, जो हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए आवश्यक है।सुप्रीम कोर्ट में यह दलील डॉ. जया...

तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में 74 लाख से अधिक मामले निपटाए, 2022 लोक अदालतों के निपटान के आंकड़े 2.2 करोड़ के पार हुए
तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में 74 लाख से अधिक मामले निपटाए, 2022 लोक अदालतों के निपटान के आंकड़े 2.2 करोड़ के पार हुए

राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के तत्वावधान में देश भर के कानूनी सेवा प्राधिकरणों और जस्टिस उदय उमेश ललित, कार्यकारी अध्यक्ष, नालसा और भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में वर्ष की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। दिल्ली को छोड़कर सभी 35 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 13 अगस्त 2022 को लोक अदालत का आयोजन किया गया। दिल्ली में फुल ड्रेस रिहर्सल के कारण लोक अदालत स्थगित की गई है। अब इसका आयोजन 21 अगस्त'22 को किया जाएगा । रिपोर्ट के अनुसार 74 लाख से अधिक मामलों का...

बलात्कार के अलावा यौन उत्पीड़न के मामलों का इन- कैमरा ट्रायल हो, यौन इतिहास से जुड़े सवालों को अनुमति ना दें : सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को कहा
बलात्कार के अलावा यौन उत्पीड़न के मामलों का इन- कैमरा ट्रायल हो, यौन इतिहास से जुड़े सवालों को अनुमति ना दें : सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को कहा

न्यायालयों के यौन अपराधों के पीड़ितों के साथ संवेदनशील तरीके से निपटने के महत्व को दोहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने वाली महिलाओं के लिए पीड़ा और उत्पीड़न से बचने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं।अदालत ने निर्देश दिया कि यौन उत्पीड़न से संबंधित सभी मामलों में बंद कमरे में सुनवाई की अनुमति दी जानी चाहिए। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 327 के अनुसार, केवल बलात्कार के मामलों में बंद कमरे में सुनवाई अनिवार्य है। कोर्ट ने इस दायरे का विस्तार किया है।इसके...

महत्वपूर्ण मुद्दा : बीसीआई ने मामलों की लिस्टिंग को लेकर वकीलों की शिकायतों पर दुष्यंत दवे के बयान का समर्थन किया
"महत्वपूर्ण मुद्दा" : बीसीआई ने मामलों की लिस्टिंग को लेकर वकीलों की शिकायतों पर दुष्यंत दवे के बयान का समर्थन किया

सीनियर एवोकेट दुष्यंत दवे (Advocate Dushyant Dave) की ओर से लाइव लॉ (Live Law) को दिए साक्षात्कार में दिए गए हालिया बयानों पर सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा (Advocate Manan Kumar Mishra) ने प्रतिक्रिया दी।दवे ने कहा था कि भारत के चीफ जस्टिस को "मास्टर ऑफ रोस्टर" के रूप में पीठों को मामले सौंपने की कोई शक्ति नहीं होनी चाहिए और व्यक्तिपरकता के तत्व को खत्म करने के लिए मामलों के आवंटन के लिए पूरी तरह से स्वचालित प्रणाली की वकालत की।दवे ने मामलों की तत्काल लिस्टिंग प्राप्त करने में वकीलों, विशेष...

पिछले वेतन के साथ सेवा की निरंतरता उन मामलों में निर्देशित की जा सकती है जहां छंटनी सद्भावनापूर्ण नहीं थी : सुप्रीम कोर्ट
पिछले वेतन के साथ सेवा की निरंतरता उन मामलों में निर्देशित की जा सकती है जहां छंटनी सद्भावनापूर्ण नहीं थी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेवा की निरंतरता उन मामलों में निर्देशित की जा सकती है जहां छंटनी सद्भावनापूर्ण नहीं थी।दरअसल आर्म्ड फोर्सेज एक्स ऑफिसर्स मल्टी सर्विसेज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने अपना कारोबार बंद करने के आधार पर 55 कर्मचारियों की सेवाओं को 'छंटनी' कर दी। औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 25एफ के अनुसार छंटनी मुआवजे की भी पेशकश की गई थी। औद्योगिक ट्रिब्यूनल, पुणे के समक्ष, सरकार ने सेवा की निरंतरता और पूर्ण वेतन के साथ 55 ड्राइवरों की बहाली के लिए कामगारों की मांग के संबंध में...

हर केस अलग है: सुप्रीम कोर्ट ने सुल्ली डील्स ऐप के कथित निर्माता के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार किया
'हर केस अलग है': सुप्रीम कोर्ट ने सुल्ली डील्स ऐप के कथित निर्माता के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को कई मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन ऑक्शन करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले "सुल्ली डील्स (Sulli Deals)" ऐप के कथित निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर में जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने ठाकुर द्वारा दायर रिट याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी।सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि प्रत्येक पीड़ित महिला एक पीड़ित व्यक्ति है जो अलग से...

क्या एनआई एक्ट धारा 138 के तहत मामले के बाद आईपीसी के तहत अभियोजन प्रतिबंधित है ? सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को भेजा
क्या एनआई एक्ट धारा 138 के तहत मामले के बाद आईपीसी के तहत अभियोजन प्रतिबंधित है ? सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को भेजा

क्या तथ्य के आरोपों के समान सेट पर, अभियुक्त पर निगोशिएबल इस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत अपराध के लिए ट्रायल चलाया जा सकता है जो विशेष अधिनियम है और भारतीय दंड संहिता के तहत अपराधों के लिए भी पूर्व दोषसिद्धि या बरी होने से अप्रभावित है? सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है।जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर विचार कर रही थी, जिसने भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 120 बी, 406, 420 और 34 के तहत...

भारत में महिलाएं धन्य हैं, मनुस्मृति जैसे ग्रंथ महिलाओं को सम्मानजनक स्थान देते हैं: जस्टिस प्रतिभा सिंह
भारत में महिलाएं धन्य हैं, मनुस्मृति जैसे ग्रंथ महिलाओं को सम्मानजनक स्थान देते हैं: जस्टिस प्रतिभा सिंह

जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कहा,"भारतीय महिलाओं धन्य हैं और इसका कारण यह है कि हमारे शास्त्रों ने हमेशा महिलाओं को बहुत सम्मानजनक स्थान दिया है। जैसा कि मनुस्मृति में ही कहा गया है कि यदि आप महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं तो 'पूजा-पाठ' का कोई मतलब नहीं है। मुझे लगता है कि हमारे पूर्वजों और वैदिक शास्त्रों को अच्छी तरह से पता था कि महिलाओं का सम्मान कैसे किया जाता है और महिलाओं की देखभाल कैसे की जाती है और मेरे अनुभव ने मुझे बताया है कि भारत में या विदेशों में।"आगे कहा,"जब आप दुनिया के विभिन्न देशों...

ईपीएफ पेंशन मामला- वार्षिक रिपोर्टों में पड़ने वाले संभावित वित्तीय बोझ को क्यों नहीं दर्शाया गया? सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ से पूछा [ दिन -6 ]
ईपीएफ पेंशन मामला- वार्षिक रिपोर्टों में पड़ने वाले संभावित वित्तीय बोझ को क्यों नहीं दर्शाया गया? सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ से पूछा [ दिन -6 ]

ईपीएफ पेंशन मामले की सुनवाई के अंतिम दिन सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारत संघ से पूछा कि वार्षिक रिपोर्टों में सरकार पर पड़ने वाले संभावित वित्तीय बोझ को क्यों नहीं दर्शाया गया है, यदि पेंशनभोगियों को पूर्वव्यापी और 15,000 रुपये वेतन सीमा व उससे आगे पेंशन योजना का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाती है।जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा केरल, राजस्थान और दिल्ली हाईकोर्ट के कर्मचारियों के पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को रद्द करने के...

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पास पीठों को मामले सौंपने की शक्ति नहीं होनी चाहिए, आवंटन स्वचालित होना चाहिए: दुष्यंत दवे
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पास पीठों को मामले सौंपने की शक्ति नहीं होनी चाहिए, आवंटन स्वचालित होना चाहिए: दुष्यंत दवे

सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने चीफ ज‌स्टिस ऑफ इंडिया द्वारा "मास्टर ऑफ रोस्टर" के रूप में सुप्रीम कोर्ट की पीठों को मामला सौंपने की प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की है।लाइव लॉ के प्रबंध संपादक मनु सेबेस्टियन के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि रोस्टर के मास्टर के रूप में चीफ जस्टिस के पास किसी भी मामले को किसी भी बेंच को सौंपने की कोई शक्ति नहीं होनी चाहिए। प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित होनी चाहिए और यह इतनी स्वचालित और कम्प्यूटरीकृत होनी चाहिए कि कोई भी मानवीय हस्तक्षेप इसे छू...

जन्मतिथि में सुधार के संबंध में सिविल अदालत के अधिकार क्षेत्र को औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 द्वारा बाहर नहीं किया गया है : सुप्रीम कोर्ट
जन्मतिथि में सुधार के संबंध में सिविल अदालत के अधिकार क्षेत्र को औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 द्वारा बाहर नहीं किया गया है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि किसी कर्मचारी की जन्मतिथि में सुधार के संबंध में सिविल अदालत के अधिकार क्षेत्र को औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 द्वारा बाहर नहीं किया गया है।न्यायालय ने कहा कि यदि यह औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत किसी अधिकार के प्रवर्तन से संबंधित मामला है तो सिविल न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को बाहर कर दिया जाता है। बेंच एक कर्मचारी द्वारा दायर एक अपील याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें उसने जिस कंपनी में काम किया था, उसके रिकॉर्ड में अपनी जन्मतिथि में सुधार करने की मांग की थी। ट्रायल...

अधिकांश पत्रकारों को पता नहीं है कि आदेश, कार्यवाही, जजमेंट या मौखिक अवलोकन क्या है! यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है: सीजेआई रमना
अधिकांश पत्रकारों को पता नहीं है कि आदेश, कार्यवाही, जजमेंट या मौखिक अवलोकन क्या है! यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है: सीजेआई रमना

ईस्टर्न बुक कंपनी द्वारा "सुप्रीम कोर्ट केस (एससीसी) प्री '69" के शुभारंभ के लिए मुख्य अतिथि के रूप में भारत के चीफ जस्टिस एन.वी. रमना (CJI Ramana) को आमंत्रित किया गया था।सभा को संबोधित करते हुए, सीजेआई रमना ने निर्णय लिखते समय जजों द्वारा सरल भाषा का इस्तेमाल करने पर जोर दिया उन्होंने कहा कि निर्णय का तर्क और निष्कर्ष स्पष्ट होना चाहिए ताकि न्याय के उपभोक्ता को दी गई कार्यवाही के अंतिम परिणाम का पता चल सके।इसके साथ ही उन्होंने सटीक कानूनी रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर भी बल दिया।सीजेआई ने अपने...

ईपीएफ पेंशन मामला- पेंशन कोष अछूता है, ब्याज से भुगतान आ रहा है, ईपीएफओ फंड का मुद्दा नहीं उठा सकता- कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा [ दिन- 5]
ईपीएफ पेंशन मामला- पेंशन कोष अछूता है, ब्याज से भुगतान आ रहा है, ईपीएफओ फंड का मुद्दा नहीं उठा सकता- कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा [ दिन- 5]

ईपीएफ पेंशन मामले की सुनवाई के पांचवें दिन (बुधवार को ) पेंशनभोगियों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आर सी गुप्ता बनाम क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, जिसमें कहा गया कि पेंशन का विकल्प चुनने के लिए कोई कट-ऑफ नहीं है, सही है और वर्तमान मामले में उन पर लागू होता है।जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने यह दलील दी।पीठ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा केरल, राजस्थान और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने...

मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावे पर फैसला करते समय आपराधिक ट्रायल में आरोपों को साबित करने के लिए साक्ष्य के नियम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावे पर फैसला करते समय आपराधिक ट्रायल में आरोपों को साबित करने के लिए साक्ष्य के नियम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मोटर दुर्घटना मुआवजे की मांग करने वाले आवेदन पर फैसला करते समय आपराधिक ट्रायल में आरोपों को साबित करने के लिए साक्ष्य के नियम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि इस तरह के एक आवेदन पर उसके सामने पेश किए गए सबूतों के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए, न कि उन सबूतों के आधार पर जो एक आपराधिक ट्रायल में होना चाहिए था या हो सकता था।अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर एक अपील की अनुमति देते हुए इस प्रकार कहा,...