संपादकीय

पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी वर्तमान और भविष्य की एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर की
पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी वर्तमान और भविष्य की एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर की

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में पैगंबर मोहम्मद साहब पर नूपुर की टिप्पणी को लेकर दर्ज सभी एफआईआर दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर कर दी। यह आदेश 26 मई को "टाइम्स नाउ" द्वारा प्रसारित चैनल डिबेट पर की गई टिप्पणियों के संबंध में भविष्य में नूपुर के खिलाफ दर्ज किसी भी एफआईआर या शिकायत पर लागू होगा। अदालत ने नूपुर को एफआईआर रद्द करने की राहत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता भी दी। कोर्ट ने यह माना कि कार्रवाई का एक...

तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का आदेश असंवैधानिक और बेहद अनैतिक: दुष्यंत दवे
तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का आदेश असंवैधानिक और बेहद अनैतिक: दुष्यंत दवे

सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने लाइव लॉ के साथ एक साक्षात्कार में गुजरात दंगों के मामले (जकिया जाफरी बनाम गुजरात राज्य) में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की तीखी आलोचना की है। उल्लेखनीय है कि उक्त मामले में फैसले के बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और गुजरात के पूर्व एडीजीपी आरबी श्रीकुमार को गिरफ्तार कर ‌लिया गया था।गुजरात दंगों की साजिश में शामिल होने के आरोप के मामले में राज्य के आला आधिकारियों को एसआईटी की ओर से दी गई क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई में सुप्रीम...

जस्टिस एन वी रमना
सीजेआई ने अर्जेंट लिस्टिंग में मामलों का उल्लेख करने के लिए सीनियर एडवोकेट को अनुमति देने से इनकार किया

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने बुधवार को सीनियर एडवोकेट को तत्काल सूची (urgent listing) के लिए मामलों का उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी और कहा कि यह बेहतर होगा कि एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड द्वारा उल्लेख किया जाए।भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा, "सीनियरों को उल्लेख करने की अनुमति देने का कोई सवाल ही नहीं है।"यह टिप्पणी तब आई जब एक जूनियर एडवोकेट ने सीनियर एडवोकेट एएम सिंघवी (जो वर्चुअल पेश हो रहे थे) को उल्लेख करने की अनुमति देने के लिए सीजेआई की अनुमति मांगी।सीनियर काउंसल को अनुमति देने...

क्या धारा 319 सीआरपीसी के तहत जोड़ा गया आरोपी धारा 227 सीआरपीसी के तहत आरोप मुक्त करने की मांग कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट पहले के फैसलों का पुन: परीक्षण करने को तैयार
क्या धारा 319 सीआरपीसी के तहत जोड़ा गया आरोपी धारा 227 सीआरपीसी के तहत आरोप मुक्त करने की मांग कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट पहले के फैसलों का पुन: परीक्षण करने को तैयार

क्या धारा 319 सीआरपीसी के तहत जोड़ा गया आरोपी धारा 227 सीआरपीसी के तहत आरोप मुक्त करने की मांग कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट विशेष अनुमति याचिका में उठाए गए इस मुद्दे की जांच के लिए तैयार हो गया है।विशेष अनुमति याचिका में याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट एस नागमुथु ने तर्क दिया था कि जोगेंद्र यादव बनाम बिहार राज्य (2015) 9 SCC 244 मामले में इस मुद्दे का उत्तर नकारात्मक में दिया गया था और यह कि उक्त दृष्टिकोण कानून में सही दृष्टिकोण नहीं है।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
डिफ़ॉल्ट जमानत का उद्देश्य स्वाभाविक रूप से अनुच्छेद 21 से जुड़ा है, जो बचाव पक्ष के जीवन और मनमाने ढंग से हिरासत के खिलाफ व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर जोर देता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने पाया कि डिफ़ॉल्ट जमानत का उद्देश्य स्वाभाविक रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 से जुड़ा हुआ है, जिसमें मनमाने ढंग से हिरासत के खिलाफ आरोपी के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करने पर जोर दिया गया है।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस एक्ट, 1985 (एनडीपीएस) के तहत दर्ज मामले के संबंध में आरोपी द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। पुनर्विचार याचिका में ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें डिफ़ॉल्ट जमानत के लिए उसकी...

गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं मुफ्त उपहार नहीं, मंत्रियों, सांसदों/विधायकों और कॉरपोरेट्स को दिए जाने वाले भत्तों का आकलन करें: आप आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं 'मुफ्त उपहार' नहीं, मंत्रियों, सांसदों/विधायकों और कॉरपोरेट्स को दिए जाने वाले भत्तों का आकलन करें: आप आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर एक हलफनामे में एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) द्वारा दायर जनहित याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वंचित जनता के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए योजनाओं को "मुफ्त उपहार" के रूप में वर्णित नहीं किया जा सकता है।मामले को "गंभीर" बताते हुए, याचिकाकर्ता एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग को राज्य और राष्ट्रीय राजनीतिक दल को ऐसी चीजें देने से रोकना चाहिए। "मुफ्तखोरी" का वादा कर वोट मांग रहे...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने "जनसंख्या विस्फोट" को नियंत्रित करने के उपायों की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 के तहत नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए "जनसंख्या विस्फोट" को नियंत्रित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र को नोटिस जारी किया।याचिका में कहा गया कि वर्तमान याचिका के लिए कार्रवाई का कारण केंद्र द्वारा प्रस्तुत एक दिसंबर, 2020 हलफनामे (केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के परिवार नियोजन विभाग में अवर सचिव द्वारा हस्ताक्षरित) से सुप्रीम कोर्ट में यह कहने से उत्पन्न हुआ कि भारत " परिवार...

सीआरपीसी धारा 311 के तहत आवेदन को केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि इससे अभियोजन पक्ष के मामले की खामियों को भरने में मदद मिलेगी : सुप्रीम कोर्ट
सीआरपीसी धारा 311 के तहत आवेदन को केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि इससे अभियोजन पक्ष के मामले की खामियों को भरने में मदद मिलेगी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धारा 311 सीआरपीसी के तहत एक आवेदन को केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है कि इससे अभियोजन पक्ष के मामले की खामियों को भरने में मदद मिलेगी।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि जहां भी अदालत को लगता है कि मामले के न्यायसंगत निर्णय के लिए कोई सबूत आवश्यक है और सबूतों को बंद करने के लिए बाध्य नहीं है, वहां शक्ति का प्रयोग किया जाना चाहिए।दरअसल एक वकील की 18 नवंबर 2015 को उसके कार्यालय के बाहर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पांच आरोपियों को...

ज्ञानवापी परिसर में मिली संरचना की प्रकृति का अध्ययन करने की पीआईएल को खारिज करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
ज्ञानवापी परिसर में मिली संरचना की प्रकृति का अध्ययन करने की पीआईएल को खारिज करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज करने के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसमें ज्ञानवापी परिसर में मिली संरचना की प्रकृति का अध्ययन करने के लिए हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (वर्तमान / सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक समिति / आयोग की नियुक्ति की मांग की गई थी।गौरतलब है कि जून 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें यह पता लगाने के लिए एक पैनल का गठन करने निर्देश देने की मांग की गई थी कि क्या मस्जिद के...

सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी मामले में टाइम्स नाउ की एंकर नविका कुमार के खिलाफ कठोर कार्रवाई न करने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी मामले में टाइम्स नाउ की एंकर नविका कुमार के खिलाफ कठोर कार्रवाई न करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को टाइम्स नाउ (Times Now) की एंकर नविका कुमार (Navika Kumar) को एक शो में पैगंबर मुहम्मद के बारे में नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज एफआईआर/शिकायतों और भविष्य में एफआईआऱ/शिकायतों से अंतरिम सुरक्षा प्रदान किया।जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने 26 मई को प्रसारित चैनल शो में की गई टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज कई एफआईआर के खिलाफ नविका कुमार द्वारा दायर रिट याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह अंतरिम आदेश...

जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़
'क्या हम जज हैं या रजिस्ट्री?': सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने बोर्ड से मामला हटाया, जस्टिस चंद्रचूड़ ने नाराजगी जताई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ (DY ChandraChud) ने इस बात से नाराजगी जताई कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने सोमवार बोर्ड से सूचीबद्ध एक मामले को हटा दिया।जैसे ही आइटम नंबर 2 की सुनवाई पूरी हुई, जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस ए.एस. बोपन्ना ने आइटम नंबर 3 को सुनवाई के लिए बुलाया तो कोर्ट मास्टर द्वारा सूचित किया गया कि मामला रजिस्ट्री द्वारा हटा दिया गया है।जस्टिस चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की,"जज हम हैं या रजिस्ट्री? हद होती है! अगर डिलीट करें तो बताएं क्यों डिलीट कर...

ईपीएफ पेंशन मामला : कर्मियों की दलील, उन्हें 15,000 रुपये से अधिक वेतन के लिए 1.16 फीसदी योगदान करने के लिए नहीं कहा जा सकता [ सुप्रीम कोर्ट में चौथे दिन की सुनवाई]
ईपीएफ पेंशन मामला : कर्मियों की दलील, उन्हें 15,000 रुपये से अधिक वेतन के लिए 1.16 फीसदी योगदान करने के लिए नहीं कहा जा सकता [ सुप्रीम कोर्ट में चौथे दिन की सुनवाई]

ईपीएफ पेंशन मामले की सुनवाई के चौथे दिन (शुक्रवार को ) पेंशनभोगियों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 के अनुसार कर्मचारियों को 15,000 रुपये से अधिक वेतन के लिए 1.16 प्रतिशत योगदान करने के लिए कहने की कोई वैधानिक मंज़ूरी नहीं है और ये मूल अधिनियम, कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के खिलाफ है।केरल के पेंशनभोगियों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट आर बसंत ने तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष यह दलील दी जिसमें जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और...

आगामी एआईबीई के लिए कोर्स 15 दिनों में प्रकाशित होगा; तीन महीने के भीतर परीक्षा कराई जाएगी: सुप्रीम कोर्ट में बीसीआई ने बताया
आगामी एआईबीई के लिए कोर्स 15 दिनों में प्रकाशित होगा; तीन महीने के भीतर परीक्षा कराई जाएगी: सुप्रीम कोर्ट में बीसीआई ने बताया

सुप्रीम कोर्ट में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने मंगलवार को बताया कि आगामी अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) के लिए कोर्स 15 दिनों के भीतर प्रकाशित किया जाएगा और उसके बाद तीन महीने की अवधि के भीतर परीक्षा आयोजित की जाएगी।जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस एम.एम. सुंदरेश की पीठ गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की चुनौती की सुनवाई कर रही थी, जिसने अन्य रोजगार वाले व्यक्तियों को अपनी नौकरी से इस्तीफा दिए बिना एडवोकेट के रूप में नामांकन करने की अनुमति दी।...