संपादकीय

कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना मामले में चार सप्ताह बाद विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना मामले में चार सप्ताह बाद विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ न्यायपालिका की आलोचना करने वाले उनके ट्वीट पर शुरू किए गए आपराधिक अवमानना ​​कार्रवाई की मांग करने वाली तीन याचिकाओं पर सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।याचिका पर कामरा द्वारा प्रस्तुत जवाबी हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ताओं में से एक द्वारा समय मांगने पर अनुरोध के आधार पर ये सुनवाई टाली गई। पीठ ने इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया और चार सप्ताह के बाद मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर...

अमेज़न बनाम फ्यूचर : सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया, NCLT कार्यवाही की अनुमति दी, योजना के अनुमोदन पर रोक लगाई
अमेज़न बनाम फ्यूचर : सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया, NCLT कार्यवाही की अनुमति दी, योजना के अनुमोदन पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने आज अमेज़न द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अपनी ही जस्टिस मिड्ढा की सिंगल जज बेंच द्वारा दिए गए आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने को चुनौती देने की याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें भविष्य के लिए रिलायंस रिटेल हिस्सेदारी बिक्री के 25000 करोड़ रुपये के सौदे पर यथास्थिति का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने एनसीएलटी की कार्यवाही को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है, लेकिन योजनाओं के अनुमोदन पर किसी अंतिम आदेश देने से रोक दिया है।आज की सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि इस आदेश से लगता है कि...

सुप्रीम कोर्ट ने सासंद कार्ति चिदंबरम को दो करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त पर 6 महीने के लिए विदेश जाने की इजाजत दी
सुप्रीम कोर्ट ने सासंद कार्ति चिदंबरम को दो करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त पर 6 महीने के लिए विदेश जाने की इजाजत दी

जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सोमवार को कार्ति चिदंबरम को 2 करोड़ रुपए जमा करने की शर्त पर विदेश यात्रा की अनुमति दीएएसजी राजू ने आवेदन की अनुमति का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अनुमति, यदि दी जाए, तो 10 करोड़ रुपये की राशि जमा करके दी जाए, जैसा कि पहले भी किया गया था।हालांकि, कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा, "एक सांसद को 10 करोड़ रुपये जमा करने के लिए क्यों कहा जाना चाहिए?"सिब्बल ने दलील दी,"वह एक सांसद हैं। वह भागने वाले नहीं हैं। विदेश यात्रा एक...

सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

15 फरवरी 2021 से 19 फरवरी 2021 तक सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़रसुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय बेंच के खिलाफ एनसीएलएटी की पांच सदस्यीय पीठ द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणी को हटायासुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एनसीएलएटी की 3 -सदस्यीय पीठ के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) की 5-सदस्यीय पीठ द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणी को हटा दिया, जिसमें जस्टिस (सेवानिवृत्त) जरात कुमार जैन, बविंदर सिंह और विजय प्रताप सिंह शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच जिसमें न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन...

एक्सप्लेनर: ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल क्या है? ट्रांजिट बेल कब दी जा सकती है?
एक्सप्लेनर: ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल 'क्या है? 'ट्रांजिट बेल' कब दी जा सकती है?

'टूलकिट' मामले के मद्देनजर हाल ही में "ट्रांजिट बेल" और "ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल" जैसे शब्दों ने ध्यान आकर्षित किया है।बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते शांतनु मुलुक को 10 दिन के ‌लिए एंटीसिपेटरी बेल दी थी, जिनकी गिरफ्तारी की मांग दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में की थी। इसके बाद, मुंबई स्थित वकील निकिता जैकब को भी इस मामले में तीन सप्ताह की एंटीसिपेटरी बेल दी गई।इस आलेख में "ट्राजिंट एंटीसिपेटरी बेल" या "ट्राजिंट बेल" की वैचारिक समझ प्रदान करने का प्रयास किया गया है, जिनका अर्थ एक ही है या एक...

ऑपरेटिव ऑर्डर के साथ व्याख्यात्मक निर्णय दिया जाये : सुप्रीम कोर्ट ने रिजन्स टू फॉलो ऑर्डर जारी करने के एनसीडीआरसी के रवैये की आलोचना की
ऑपरेटिव ऑर्डर के साथ व्याख्यात्मक निर्णय दिया जाये : सुप्रीम कोर्ट ने 'रिजन्स टू फॉलो' ऑर्डर जारी करने के एनसीडीआरसी के रवैये की आलोचना की

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) द्वारा आदेश की व्याख्या बाद में किये जाने ('रिजन्स टू फॉलो') की परम्परा की आलोचना करते हुए उसे ऑपरेटिव ऑर्डर के साथ व्याख्यात्मक फैसला देने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की खंडपीठ ने कहा कि एनसीडीआरसी के समक्ष वैसे सभी मामलों में, जिनमें व्याख्या नहीं हुई है, दो महीने की अवधि के भीतर मामले के पक्षकारों को इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करायी जानी चाहिए।मौजूद मामले में ऑपरेटिव ऑर्डर 26 अप्रैल...

संदेह कितना भी पुख्ता हो,सबूत का स्थान नहीं ले सकताः सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के आरोपी को बरी करने के फैसले को सही ठहराया
संदेह कितना भी पुख्ता हो,सबूत का स्थान नहीं ले सकताः सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के आरोपी को बरी करने के फैसले को सही ठहराया

संदेह कितना भी पुख्ता हो,परंतु वह सबूत का स्थान नहीं ले सकता है,यह दोहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक हत्या के मामले में आरोपी को बरी करने के फैसले को सही ठहराया है। इस मामले में अभियोजन का मामला यह था कि आरोपी ने मृतक को पहले कुछ जहरीला पदार्थ खिला दिया और बाद में बिजली के करंट से उसकी हत्या कर दी थी। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया और बाद में हाईकोर्ट ने भी उसे बरी किए जाने के फैसले को बरकरार रखा था। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों का...

भारतीय मुद्रा नोटों पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापने की याचिका - अनुरोध पर विचार करें: मद्रास हाईकोर्ट ने UOI से कहा
भारतीय मुद्रा नोटों पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापने की याचिका - "अनुरोध पर विचार करें": मद्रास हाईकोर्ट ने UOI से कहा

मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में उस याचिका का निपटारा किया जिसमे भारतीय मुद्राओं पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापने के लिए उत्तरदाताओं के लिए दिशा-निर्देश मांगे गए थे। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने देखा, "हालांकि हम इस विचार के हैं कि प्रार्थना को अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन महान नेता द्वारा किए गए महान बलिदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।" यह आदेश एक केके रमेश द्वारा दायर याचिका में दिया गया, जिसमे प्रतिवादी नंबर 1 [भारत के राज्य प्रतिनिधि, प्रधान ...

दिल्ली की अदालत ने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा; पुलिस से साक्ष्य मांगे कि 26 जनवरी की हिंसा से टूलकिट कैसे जुड़ा
दिल्ली की अदालत ने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा; पुलिस से साक्ष्य मांगे कि 26 जनवरी की हिंसा से टूलकिट कैसे जुड़ा

दिल्ली की एक अदालत ने 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की ओर से दायर नियमित जमानत अर्जी पर शनिवार को आदेश सुरक्षित रख लिया। दिशा को दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी को बेंगलुरू स्थित उनके आवास से 'किसान विरोध टूलकिट' मामले में दर्ज केस में गिरफ्तार किया था। टूलकिट को अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने साझा किया था।पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने 3 घंटे की सुनवाई के बाद मंगलवार (23 फरवरी) को जमानत अर्जी पर आदेश देने का फैसला किया है।दिल्ली पुलिस की ओर...

भारत-चीन एलएसी मुद्दे पर टिप्पणी केंद्रीय मंत्री, वीके सिंह द्वारा शपथ के उल्लंघन की घोषणा की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका
भारत-चीन एलएसी मुद्दे पर टिप्पणी केंद्रीय मंत्री, वीके सिंह द्वारा 'शपथ के उल्लंघन की घोषणा' की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

कथित तौर पर भारत चीन एलएसी मुद्दे पर कुछ अवांछनीय टिप्पणी करने पर केंद्रीय मंत्री, जनरल (सेवानिवृत) वीके सिंह द्वारा शपथ के कथित उल्लंघन की घोषणा के निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका ( पीआईएल) दायर की गई है।यह याचिका पेशे से सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और एक्टिविस्ट चंद्रशेखरन रामासामी ने दायर की है। ये याचिका एडवोकेट नरेंद्र कुमार वर्मा के माध्यम से दायर की गई है।जनरल ( सेवानिवृत) वीके सिंह वर्तमान में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री के रूप में सेवारत हैं। वह...

भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 14: संघ की न्यायपालिका और भारत का उच्चतम न्यायालय
भारत का संविधान (Constitution of India) भाग 14: संघ की न्यायपालिका और भारत का उच्चतम न्यायालय

पिछले आलेख में केंद्रीय विधान मंडल के अंतर्गत भारत की संसद के संदर्भ में संवैधानिक उपबंधों पर चर्चा की गई थी, इस आलेख में संघ की न्यायपालिका भारत के उच्चतम न्यायालय के संबंध में चर्चा की जा रही है।भारत का संविधान एक संघीय यह संविधान है। भारत को राज्यों का संघ कहा गया है और इस राज्यों के संघ के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। सरकारों की शक्तियों का विभाजन एक लिखित संविधान के द्वारा किया गया है ताकि भविष्य में सरकारों के बीच किसी प्रकार का शक्तियों को लेकर कोई विवाद न हो। इस प्रकार का कोई...

अब जेल, नियम और जमानत अपवाद हो गई है; और पत्रकारों को आलेख छापने से पहले कानूनी राय लेनी पड़ती है: सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन [वीडियो]
अब जेल, नियम और जमानत अपवाद हो गई है; और पत्रकारों को आलेख छापने से पहले कानूनी राय लेनी पड़ती है: सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन [वीडियो]

वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने शुक्रवार को कहा, "रिमांड सबसे महत्वपूर्ण न्यायिक कार्य है। मजिस्ट्रेटों को इस कार्य का निर्वहन यांत्रिक तरीक से नहीं करना चाहिए, बल्‍कि दीमाग का इस्तेमाल होना चाहिए।"रेबेका जॉन ने 'द राइट टू डिसेंट' विषय पर लाइव लॉ की ओर से आयोजित एक वेबिनार में ये बात कही। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस दीपक गुप्ता भी पैनलिस्ट थे। रेबेका जॉन ने टूलकिट मामले में कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी और पुलिस हिरासत में उनकी रिमांड का उदाहरण दिया और मामले में हुई...

उसे हमेशा जेल में रखना उचित नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट ने डकैती और हत्या के मामले में दोषी पाए गए व्यक्ति की सजा कम की
"उसे हमेशा जेल में रखना उचित नहीं होगा", सुप्रीम कोर्ट ने डकैती और हत्या के मामले में दोषी पाए गए व्यक्ति की सजा कम की

सुप्रीम कोर्ट ने डकैती और हत्या के मामले में दोषी पाए गए व्यक्ति की सजा उम्रकैद से घटाकर 22 साल की कैद तक सीमित कर दी।शिवलिंग @ शिवलिंगैया को ट्रायल कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 396, धारा 307 और धारा 34 के तहत दोषी ठहराया था और मौत की सजा सुनाई थी।कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ की गई अपील को आंशिक रूप से अनुमति देते हुए मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। शिवलिंग और अन्य अभियुक्तों पर एक लॉरी ड्रायवर और क्लीनर पर हमला करके डकैती करने का आरोप था, जिसमें क्लीनर की मौत हो गई...

हाईकोर्ट से संपर्क करें, सुप्रीम कोर्ट ने मप्र लव जिहाद कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया
"हाईकोर्ट से संपर्क करें", सुप्रीम कोर्ट ने मप्र लव जिहाद कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक रिट याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें धार्मिक रूपांतरण और अंतर-धार्मिक विवाह से संबंधित मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी।भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने रिट याचिका पर कहा,"मप्र हाईकोर्ट से संपर्क करें। हम हाईकोर्ट के विचार देखना चाहेंगे। हमने इसी तरह के मामलों को हाईकोर्ट को वापस भेजा है।"पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से याचिका वापस लेने को कहा और उच्च न्यायालय में याचिका स्थानांतरित करने...

[दिशा रवि टूल किट केस] मीडिया सनसनीखेज तरीके से सूचना का प्रसार नहीं कर सकता: दिल्ली हाईकोर्ट ने चैनल के संपादकों को निर्देश दिया, दिशा को भी पुलिस को बदनाम करने से रोका
[दिशा रवि टूल किट केस] मीडिया सनसनीखेज तरीके से सूचना का प्रसार नहीं कर सकता: दिल्ली हाईकोर्ट ने चैनल के संपादकों को निर्देश दिया, दिशा को भी पुलिस को बदनाम करने से रोका

दिल्ली उच्च न्यायालय ने माना है कि टूलकिट मामले का हालिया कवरेज निश्चित रूप से दिखाता है कि मीडिया द्वारा सनसनीखेज रिपोर्टिंग की गई है।न्यायमूर्ति प्रथिबा सिंह की खंडपीठ ने टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे और न्यूज 18 चैनल के संपादकों को निर्देश दिया कि सूचनाओं का प्रसार करते समय उचित संपादकीय नियंत्रण का उपयोग सुनिश्चित करें ताकि जांच प्रभावित न हो।कोर्ट ने उक्त टिप्पण‌ियां एक्टिविस्ट दिश रवि की याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें इंडिया टुडे, टाइम्स नाउ और न्यूज 18 के खिलाफ टूलकिट मामले में हिंसक...

NHAI बनाम प्रोग्रेसिव कंस्ट्रक्शन : सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस ( सेवानिवृत ) जीएस सिंघवी को एकमात्र मध्यस्थ नियुक्त किया
NHAI बनाम प्रोग्रेसिव कंस्ट्रक्शन : सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस ( सेवानिवृत ) जीएस सिंघवी को एकमात्र मध्यस्थ नियुक्त किया

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा दायर एक अपील की अनुमति देते हुए, पक्षों को मध्यस्थ कार्यवाही के लिए आईसीए घरेलू वाणिज्यिक मध्यस्थता और सुलह, 2016 के नियमों के अनुसार विवादों के निपटारे के लिए 2 सप्ताह के भीतर भारतीय मध्यस्थता परिषद के समक्ष जाने का निर्देश दिया।यह आदेश न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ​​और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ से आया है, जिसने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 04.12.2019 को रद्द किया है। 10.04.2019 के उच्च न्यायालय के आदेश में एकल पीठ...

जो पक्षकार सीपीसी 89 के तहत अदालती हस्तक्षेप के बिना विवाद को निपटाने में सहमत हुए, वो कोर्ट फीस वापस लेने के हकदार : सुप्रीम कोर्ट
जो पक्षकार सीपीसी 89 के तहत अदालती हस्तक्षेप के बिना विवाद को निपटाने में सहमत हुए, वो कोर्ट फीस वापस लेने के हकदार : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि जो पक्ष निजी तौर पर सिविल विवाद प्रक्रिया की धारा 89 के तहत विचार किए गए माध्यम के बाहर अपने विवाद को निपटाने के लिए सहमत होते हैं, वो भी कोर्ट फीस वापस लेने के हकदार हैं।निजी समझौतों में भाग लेने वाले समान लाभ के हकदार होंगे, जिन्हें धारा 89 सीपीसी के तहत वैकल्पिक विवाद निपटान विधियों का पता लगाने के लिए संदर्भित किया गया है, पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनागौदर और न्यायमूर्ति विनीत सरन शामिल हैं, ने कहा।इस मामले में, मद्रास उच्च न्यायालय (प्रशासनिक पक्ष) ने...