हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
LiveLaw News Network
5 July 2021 12:52 PM IST
28जून 2021 से 04 जुलाई2021 तक हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
'महामारी के दौरान वह पूरक हलफनामा दाखिल करने के लिए समय चाहते हैं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए और समय मांगने वाले वकील पर 5 हजार रूपये का जुर्माना लगाया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक वकील पर 5,000 / - रूपये का जुर्माना लगाया, जिसने अदालत से मामले की सुनवाई के लिए और समय देने का अनुरोध किया, क्योंकि वह एक पूरक हलफनामा दायर करना चाहता था। न्यायमूर्ति डॉ कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की पीठ ने कहा कि याचिका इस साल फरवरी और जून में दायर की गई थी। यानी चार महीने के बाद ऐसा अनुरोध किया जा रहा था। "यह याचिका वर्ष 2021 में दायर की गई थी, विशेष रूप से फरवरी के महीने में। हम जून के महीने में हैं।"
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समाज यह निर्धारित नहीं कर सकता कि कोई व्यक्ति अपना जीवन किस तरह व्यतीत करे, चाहे संबंध को असामाजिक ही क्यों न माना जाए : राजस्थान हाईकोर्ट
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले एक जोड़े की ओर से दायर उन्हें सुरक्षा देने की मांग वाली याचिका पर विचार करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते कहा कि एक महिला बालिग होने के बाद अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने की हकदार है। कोर्ट ने कहा कि समाज यह निर्धारित नहीं कर सकता कि कोई व्यक्ति अपना जीवन किस तरह व्यतीत करे, तब भी जब इस तरह के रिश्ते को असामाजिक माना जाए।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायालय को गुमराह करने के लिए पुलिस अधिकारी को नोटिस जारी किया, ऐसे पुलिस स्टेशन के बारे में कोर्ट को बताया जो अस्तित्व में ही नहीं है
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी को एक ऐसे पुलिस स्टेशन के बारे में गलत जानकारी देकर न्यायालय को गुमराह करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है जो पुलिस स्टेशन अस्तित्व में नहीं है। न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने पुलिस थाना कोतवाली, जिला बिजनौर के पुलिस उप-निरीक्षक अमित कुमार को नोटिस जारी किया है। पुलिस उप-निरीक्षक अमित कुमार ने अदालत को (एजीए के माध्यम से) सूचित किया था कि अकबराबाद पुलिस स्टेशन (अमरोहा) में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, हालांकि वहां है ऐसा कोई थाना अस्तित्व में नहीं है।
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केरल हाईकोर्ट ने मानव क्रूरता का शिकार कुत्ते के श्रद्धांजलि के लिए स्वत: संज्ञान मामले का नाम बदलकर "इन रे ब्रूनो" रखा
केरल हाईकोर्ट ने राज्य में पशु के अधिकारों की सुरक्षा के लिए शुरू की गई स्वत: संज्ञान कार्यवाही का नाम बदलकर इन रे: ब्रूनो (In Re Bruno) रखा। दरअसल, तीन युवाओं के अमानवीय कृत्यों का शिकार हुए असहाय कुत्ते की स्मृति में यह नाम रखा गया। जस्टिस जयशंकरन नांबियार और जस्टिस पी गोपीनाथ की खंडपीठ ने रजिस्ट्री को राज्य में पशु कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सुझावों का उपयोग करने के अलावा कुत्ते की याद में रिट का नाम बदलने का निर्देश दिया।
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मद्रास हाईकोर्ट ने न्यायिक अकादमी को POCSO मामलों से निपटने वाले विशेष न्यायाधीश, जांच अधिकारी और अभियोजकों को ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य न्यायिक अकादमी को जांच अधिकारी, लोक अभियोजक और विशेष न्यायाधीश सहित यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत मामलों से निपटने वाले हितधारकों को ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति पी वेलमुरुगन की एकल न्यायाधीश की पीठ 25 नवंबर 2019 को विशेष POCSO न्यायाधीश द्वारा पोक्सो एक्ट की धारा चार के तहत दोषसिद्धि आदेश को चुनौती देने वाली एक आपराधिक अपील से निपट रही थी।
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"असामाजिक गतिविधि": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित तौर पर बलात्कार, फेसबुक पर उस महिला की अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महिला के साथ बलात्कार करने और उसकी अश्लील तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट करने के आरोपी को प्रथम दृष्टया जमानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की पीठ आईपीसी की धारा 376 (1), धारा 506 और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 67-ए के तहत मानव शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आरोपी की आरे से पेश वकील ने प्रस्तुत किया कि यह एक ऐसा मामला है जहां आवेदक और पीड़िता एक लंबे समय से रिश्ते में थे और जब वह अपनी उच्च शिक्षा के सिलसिले में रूस चली गई, तो उसने रिश्ते को अस्वीकार कर दिया।
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'निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 143A के तहत अंतरिम मुआवजा निर्देशिका है, विवेकाधीन नहीं है': छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने माना कि मुआवजे के लिए नेगोशिएबल इंस्ट्रयूमेंट एक्ट, 1881 की धारा 143A एक निर्देशिका है और विवेकाधीन नहीं है। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल जज बेंच ने देखा कि एनआईए एक्ट की धारा 143A में संशोधन ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के फैसले को बरकरार रखा, जिसने चेक राशि का 20% मुआवजा दिया। मामले यह है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ उक्त कानून की धारा 138 के तहत अपर्याप्त धनराशि के कारण चेक अनादरित होने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने अंतरिम मुआवजे के लिए एनआई एक्ट की धारा 143A के तहत एक आवेदन दायर किया। यह तर्क दिया गया कि यदि आरोप तय किए गए हैं, तो चेक राशि के 20% की सीमा तक अंतरिम मुआवजे का आदेश दिया जा सकता है। न्यायिक दंडाधिकारी ने परिवादी के पक्ष में उक्त मुआवजा मंजूर कर लिया।
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"गरीब नवाज मस्जिद का विध्वंस प्रथम दृष्टया कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएचओ को अवमानना के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राम सनेही घाट के एसएचओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया और यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि उनके खिलाफ उच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए गरीब नवाज मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश पारित करने के खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए। दरअसल, कोर्ट ने निर्देश दिया था कि COVID-19 महामारी के मद्देनजर विध्वंस से संबंधित कोई भी आदेश 31 मई तक स्थगित रखा जाएगा।
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गंगाजल से COVID-19 का इलाज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा जल से फेज थेरेपी के प्रयोगशाला अनुसंधान की मांग पर ICMR को नोटिस जारी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा जल से फेज थेरेपी के प्रयोगशाला अनुसंधान की मांग वाली याचिका पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारत सरकार को नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार-चतुर्थ की खंडपीठ ने अरुण कुमार गुप्ता की याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में कहा गया है कि स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन ने गंगाजल (फेज थेरेपी) के साथ COVID-19 रोगियों के उपचार पर नैदानिक अध्ययन करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक को अपना (याचिकाकर्ता) पत्र अग्रेषित किया है।
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'वकील ने अदालत में सड़क के गुंडों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली गंदी भाषा का इस्तेमाल किया': राजस्थान हाईकोर्ट ने बार काउंसिल से कार्रवाई करने को कहा
राजस्थान हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ राजस्थान को एक वकील के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए कहा, जिसने अदालत के समक्ष गंदी भाषा का इस्तेमाल किया और अदालत को गाली दी यानी अवमानना का मामला बनता है। न्यायमूर्ति देवेंद्र कछवाहा की खंडपीठ ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर अप्रिय और गंदी भाषा का इस्तेमाल किया जो आमतौर पर सड़क के गुंडों द्वारा उपयोग की जाती है।
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'अभियुक्त की उम्र बढ़ने के बाद किया गया ऑसिफिकेशन टेस्ट,यह निर्धारित करने के लिए निर्णायक नहीं हो सकता है कि वह घटना के समय नाबालिग था'': इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आरोपी या दोषी की उम्र बढ़ने के बाद देर से किया गया ऑसिफिकेशन टेस्ट इस बात को निर्धारित करने के लिए निर्णायक नहीं हो सकता है कि वह घटना के समय नाबालिग था। किशोर न्याय बोर्ड द्वारा पारित आयु निर्धारण के आदेश को रद्द करते हुए, न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा किः ''आरोपी/दोषी की उम्र बढ़ने के बाद देरी से किया गया ऑसिफिकेशन टेस्ट घटना की तारीख पर उसे किशोर के रूप में निर्धारित करने के लिए निर्णायक नहीं हो सकता है, क्योंकि रेडियोलॉजिकल जांच द्वारा पेश किए गए साक्ष्य निस्संदेह व्यक्ति की उम्र को निर्धारित करने के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शक कारक है, परंतु निर्णायक और निर्विवाद प्रकृति के नहीं है और यह त्रुटि के एक मार्जिन के अधीन होते हैं।''
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धर्म का पालन करने का अधिकार जीवन के अधिकार के अधीन है: मद्रास हाईकोर्ट ने मंदिरों को फिर से खोलने की याचिका का निपटारा किया
मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकों को धर्म का पालन करने का अधिकार उनके जीवन के अधिकार के अधीन है। इस प्रकार, न्यायालय ने पूरे तमिलनाडु में मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने यह भी कहा कि जब जीवन का अधिकार खतरे में है, तो धर्म का पालन करने के अधिकार को पीछे हटना होगा।
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'बिहार मद्यनिषेध अधिनियम के तहत कुर्की की कार्यवाही शुरू न करने पर याचिकाओं की बाढ़': पटना हाईकोर्ट ने शीघ्र निपटान के लिए निर्देश जारी किया
पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 के तहत जब्ती की कार्यवाही को शीघ्र पूरा करने के निर्देश जारी किए। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति संजय कुमार की एक खंडपीठ ने कहा कि अदालत, "केवल जब्ती की ऐसी कार्यवाही शुरू न करने या उसके संबंध में अवैध आदेश पारित करने के कारण, साथ ही कमी के कारण अधिनियम के तहत प्रदान किए गए उपायों का अनुसरण करने वाले पक्षों की कई याचिकाओं से भरी हुई है।"
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फुटपाथ पर रहने वाले/बेघर लोगों को COVID-19 से संक्रमण का अधिक खतरा, तुरंत वैक्सीन लगाने की आवश्यकता : मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वह बेघर, फुटपाथ पर रहने वाले आदि कमजोर व्यक्तियों को तत्काल आधार पर वैक्सीन लगाई जाए, क्योंकि उन्हें COVID-19 के संक्रमण का अधिक खतरा है। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिल कुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि सभी निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन कमजोर व्यक्तियों को 'तत्काल वैक्सीनेशन' के लिए उम्मीदवार माना जाए।
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मद्रास हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य केंद्र पर एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण पत्नी को खोने वाले व्यक्ति को पांच लाख रूपये मुआवजा देने का आदेश दिया
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने मेडिकल भाषा में 'गोल्डन ऑवर' की अवधारणा पर दोबारा गौर करते हुए राज्य सरकार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण मरने वाली महिला के पति को 5,00,000 / - रुपये के मुआवजा का भुगतान करने का निर्देश दिया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एम्बुलेंस न होने के कारण उसे उचित इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित करने में देरी हुई थी। न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश की एकल पीठ ने कहा कि पीएचसी में याचिकाकर्ता की पत्नी के इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई, लेकिन उसे संबंधित मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित करने में देरी घातक साबित हुई, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई।
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"वीसी सुनवाई में पेशी": ''वकील का बेड पर आराम करना, महिला का फेसपैक लगाकर पेशी पर आना अस्वीकार्य'': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार को 'असावधानी' नहीं बरतने के लिए कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट की बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने सदस्यों को सलाह दें कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस न्यायालय के समक्ष पेश होने के दौरान कोई ऐसा लापरवाह/असावधानीपूर्ण दृष्टिकोण न अपनाएं, जिससे न्याय के प्रशासन में बाधा उत्पन्न हो सकती हो। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने बुधवार को यह टिप्पणी इसलिए की क्योंकि कोर्ट ने पाया कि वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) मोड के माध्यम से एक पक्ष की ओर से पेश एक वकील रंगीन शर्ट पहने हुआ था और उसके आचरण पर आपत्ति किए जाने के बावजूद उसे कोई पछतावा नहीं था।
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वैध पुनर्विवाह के बाद विधवा पिछले पति से विरासत में प्राप्त संपत्ति पर अपना अधिकार खो देती हैः छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने माना है कि वैध पुनर्विवाह का प्रभाव यह है कि विधवा अपने पिछले पति से विरासत में प्राप्त संपत्ति में अपना अधिकार खो देती है और इसे तब तक स्थापित नहीं कहा जा सकता जब तक कि यह वैधानिक आवश्यकताओं के तहत सख्ती से साबित न हो। जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल जज बेंच ने कहा, "वैध पुनर्विवाह का प्रभाव यह है कि विधवा अपने पिछले पति से विरासत में प्राप्त संपत्ति में अपना अधिकार खो देती है। इसलिए, जहां पुनर्विवाह को रक्षा के रूप में स्थापित किया जाता है, विधवा को संपत्ति के अधिकार से वंचित करने जैसे विनाशकारी परिणाम के मद्देनजर इसे सख्ती से साबित करना होगा।"
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महिला और बेटे की कथित अवैध हिरासत और धर्मांतरण का मामला: केरल हाईकोर्ट ने पति की याचिका पर मामले की जांच के आदेश दिए
केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को एक व्यक्ति (पति) की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें एक महिला (पत्नी) और उसके बेटे को कथित तौर पर कस्टडी में लिया गया और इस्लाम में धर्मांतरण किया गया। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर अदालत के समक्ष उन्हें पेश करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए.ए. ने पुलिस को मामले की जांच कर रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता गिल्बर्ट पीटी (पूर्व माकपा कार्यकर्ता) ने 29 जून 2021 को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसमें कोझीकोड के एक धार्मिक संस्थान, थेरबियाथुल इस्लाम सभा से अपनी पत्नी और बेटे को अवैध कस्टडी से रिहा करने की मांग की गई थी। यह भी प्रार्थना की गई कि उनकी कस्टडी याचिकाकर्ता को दी जाए, जो उनका कानूनी अभिभावक है।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस्लाम कबूल करने वाली यूपी की महिला को सुरक्षा देने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस्लाम कबूल करने वाली यूपी की को उस वक्त तक संरक्षण देने का निर्देश दिया जब तक हाईकोर्ट की नियमित पीठ पांच जुलाई को उसके मामले की सुनवाई नहीं कर लेती। यूपी की एक हिंदु महिला ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था और उसने सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जिसने अपनी मर्जी से और बिना किसी धमकी या जबरदस्ती के इस्लाम धर्म अपना लिया। कोर्ट ने यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता एक युवा लड़की है, जिसने अपनी सुरक्षा के बारे में अपनी आशंका व्यक्त की है।
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पत्रकार से यह उम्मीद नहीं है कि वह किसी को मौत के खतरे में डालकर भयावह घटना का नाटक करे और खबर बना ले: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि एक पत्रकार से सनसनीखेज और भयावह घटना का नाटक करने और किसी व्यक्ति को दयनीय स्थिति में मौत के खतरे में डालकर उसकी खबर बनाने की उम्मीद नहीं की जाती है। न्यायमूर्ति विकास कुंवर श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एक पत्रकार को जमानत देने से इनकार कर दिया। पत्रकार पर आरोप है कि उसने एक व्यक्ति को कहकर उकसाया कि अगर वह विधानसभा भवन के सामने आत्महत्या करने की कोशिश करेगा, तो वह उसका वीडियो बनाकर टेलीविजन पर टेलीकास्ट करेगा।
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"स्ट्रीट डॉग्स को भोजन का अधिकार और नागरिकों को दूसरों के अधिकारों को प्रभावित किए बिना उन्हें खिलाने का अधिकार है": दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने सामुदायिक कुत्तों को खिलाने और उनके इलाज के लिए दिशा-निर्देशों जारी किए और कहा कि प्रत्येक कुत्ता एक क्षेत्रीय प्राणी है। स्ट्रीट डॉग्स को भोजन का अधिकार है और नागरिकों को उन्हें खिलाने का अधिकार है। न्यायमूर्ति जेआर मिधा की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि, "सामुदायिक कुत्तों ( गली के कुत्तों) को भोजन का अधिकार है और नागरिकों को सामुदायिक कुत्तों को खिलाने का अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का प्रयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह अन्य व्यक्तियों या समाज के दूसरों सदस्यों को नुकसान, बाधा, उत्पीड़न के माध्यम से उनके अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता है।"
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जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बलात्कार के आरोपी की पीड़िता से शादी करने की इच्छा पर संज्ञान नहीं ले सकतेः इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बलात्कार के एक आरोपी के उस बयान पर विचार करने से इनकार कर दिया,जिसमें उसने कहा था कि वह बलात्कार पीड़िता से शादी करने का इच्छुक है। महत्वपूर्ण रूप से, न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान को पढ़ने के बाद कोर्ट को इस तरह के किसी भी समझौते (बलात्कार के आरोपी और पीड़िता के बीच) पर संज्ञान लेने से रोक दिया गया है।
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गुलशन कुमार मर्डर: बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब्दुल रऊफ मर्चेंट और अब्दुल राशिद को उम्रकैद की सजा सुनाई, रमेश तौरानी को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को 2002 के ट्रायल कोर्ट के फैसले की पुष्टि करते हुए TIPS के सह-संस्थापक रमेश तौरानी को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और 1997 में टी-सीरीज़ के मालिक गुलशन कुमार की हत्या में अब्दुल रऊफ मर्चेंट को दोषी ठहराया गया। न्यायमूर्ति साधना जाधव और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने हालांकि मर्चेंट के भाई अब्दुल राशिद दाऊद मर्चेंट को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।
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हाईकोर्ट परिसर में बिना मास्क के घूमने वाले अधिकारी और कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से फेस-मास्क पहनने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट और उसके राज्यों ने 28 जून को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है: "उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के सभी अधिकारी, अधिकारी और कर्मचारी अनिवार्य रूप से फेस-मास्क पहनें, ऐसा नहीं करने पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।" न्यायालय ने पहले हाईकोर्ट, इलाहाबाद के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा फेस-मास्क पहनने के संबंध में एक आदेश जारी किया है।
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COVID के टीके के कारण कथित रूप से आदमी की गई आंख: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम को पत्नी के प्रतिनिधित्व पर फैसला करने का निर्देश दिया
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जिला मजिस्ट्रेट, बदायूं को COVID-19 के टीके के कारण अंधे हो गए एक पुरुष की पत्नी की ओर से पेश प्रतिनिधित्व पर फैसला करने का निर्देश दिया है। जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी की बेंच पत्नी की ओर से पेश रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने उत्तरदाताओं को COVID-19 के टीके के कारण अंधेपन का शिकार हुए पति के संबंध में मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की थी। मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, इस मुद्दे की योग्यता पर किसी भी प्रकार की राय व्यक्त किए बिना, और सहमति के साथ रिट याचिका को निम्न अवलोकनों के साथ निस्तारित किया गया-
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180 एमबीबीएस डॉक्टरों को दो सप्ताह की अनिवार्य ग्रामीण सेवा के लिए के लिए पंजीकरण करने के लिए मजबूर न करें: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्य ने मंगलवार को 180 डॉक्टरों को राहत देते हुए राज्य को एक अंतरिम निर्देश पारित किया। इसमें इन डॉक्टरों को कर्नाटक अनिवार्य प्रशिक्षण सेवा के प्रावधानों के तहत अनिवार्य ग्रामीण सेवा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करने से रोक दिया गया था। न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की एकल पीठ ने याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई करते हुए कहा, "चूंकि विद्वान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अभी तक अपने तर्क समाप्त नहीं किए हैं और इस न्यायालय को जवाब के रूप में याचिकाकर्ताओं के वकील को सुनना है, पहले प्रतिवादी-राज्य को निर्देश दिया जाता है कि संलग्नक-ए के अनुसार आक्षेपित अधिसूचना के अनुसरण में मामले को केवल दो सप्ताह की अवधि के लिए उन याचिकाकर्ताओं के संबंध में नहीं रखा जाए जो इस न्यायालय के समक्ष हैं।"
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एक विवाहित महिला को अपने माता-पिता के घर में रहने के लिए मजबूर करना क्रूरता के समानः मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा है कि शादी के बाद एक विवाहित महिला को अपने पैतृक घर में रहने के लिए मजबूर करना क्रूरता है और इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि वह बिना उचित कारण के अलग रह रही थी। इस मामले में न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की पीठ एक आपराधिक रिवीजन याचिका पर सुनवाई कर रही थी,जिसमें फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। फैमिली कोर्ट ने दण्ड प्रक्रिया संहिता(सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत पति को निर्देश दिया था कि वह अपनी पत्नी को प्रति माह 7,000 रुपये का भुगतान करे। इसी मामले में हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है।
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नारदा केस: कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उनके हलफनामों को स्वीकार करने के लिए दायर आवेदनों को अनुमति दी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक द्वारा नारदा घोटाला मामले में उनके हलफनामों को स्वीकार करने के लिए दायर आवेदनों को अनुमति दी है। हलफनामे में कथित तौर पर 17 मई को राज्य में (सीबीआई कार्यालय के बाहर) कानून और व्यवस्था की स्थिति का विवरण दिया गया है। इसी तारीख को चार आरोपी टीएमसी नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, जस्टिस आईपी मुखर्जी, जस्टिस हरीश टंडन, जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की पांच न्यायाधीशों की बेंच ने प्रत्येक आवेदक द्वारा 5,000 / - रूपये के भुगतान के अधीन आवेदनों की अनुमति दी है। इसके अलावा सीबीआई को इसके विपरीत जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है।
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पत्नी के खिलाफ विश्वासघात और बेवफाई का आरोप लगाना मानसिक क्रूरता के समानः केरल हाईकोर्ट ने कपल को तलाक की मंजूरी दी
केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को एक वैवाहिक अपील को अनुमति देते हुए कहा कि कि एक पति या पत्नी द्वारा दूसरे के खिलाफ निराधार और चरित्र हनन का आरोप लगाना मानसिक क्रूरता का गठन करेगा। न्यायमूर्ति ए. मोहम्मद मुस्तक और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने कहा किः ''प्रतिवादी उसके द्वारा लगाए गए उन आरोपों को साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है कि अपीलकर्ता का किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध है और वह एक अपवित्र महिला है। पत्नी पर अपवित्रता और विश्वासघात जैसे घृणित आरोप लगाना, निस्संदेह मानसिक क्रूरता का सबसे खराब रूप है।''
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'ऐसे लोगों को कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए'': कलकत्ता हाईकोर्ट ने ध्वस्त किए गए निर्माणों का पुनर्निर्माण करने वालों को फटकार लगाई
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेशों का उल्लंघन करके फिर से अवैध निर्माण करने वाले व्यक्तियों की कड़ी फटकार लगाई। संबंधित मामले में, कोलकाता नगर निगम ने अदालत के एक आदेश के अनुसार एक इमारत में कुछ अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद अदालत की अनुमति लिए बिना ही प्रतिवादियों ने ध्वस्त हिस्से का पुनर्निर्माण कर लिया। इसके अलावा, प्रतिवादियों द्वारा कुछ अतिरिक्त अवैध निर्माण भी किए गए थे।
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नारदा केस: कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार, सीएम ममता बनर्जी और कानून मंत्री द्वारा उनके हलफनामों को स्वीकार करने के लिए दायर आवेदनों पर आदेश सुरक्षित रखा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक द्वारा नारद घोटाला मामले में उनके हलफनामों को स्वीकार करने के लिए दायर आवेदनों पर आदेश सुरक्षित रख लिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह समय पर जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं करने के कारणों पर विचार करेगी और बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी।
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दिल्ली हाईकोर्ट 23 जुलाई तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से केवल अति-आवश्यक मामलों की सुनवाई करेगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने अनुमानित तीसरी लहर, सीमित मात्रा में वैक्सीन और डेल्टा प्लस कोविड संक्रमण के मद्देनजर 3 जुलाई से 27 जुलाई तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से केवल जरूरी मामलों की सुनवाई करने का निर्देश दिया। रजिस्ट्रार जनरल द्वारा 28 जून को जारी कार्यालय आदेश के अनुसार कहा गया है कि न्यायिक अधिकारियों, अदालत के कर्मचारियों और अधिवक्ताओं की मौत को देखते हुए प्रतीक्षा और निगरानी की नीति अपनाने का संकल्प लिया गया है।
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पुरुष ने पुनर्विवाह करने के लिए कथित तौर पर पहली पत्नी को 'ट्रिपल तलाक' दियाः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दूसरी पत्नी को संरक्षण देते हुए कहा, हो सकता है उसे 'गुमराह' किया गया हो
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में पुलिस सुरक्षा (खतरे की धारणा के आकलन के अधीन) का आदेश देते हुए कहा है कि हो सकता है कि उसे(दूसरी पत्नी) 'शादी में गुमराह किया गया हो' क्योंकि उसके पति की पहली पत्नी ने दावा किया है कि उसने उसे ट्रिपल तलाक देने के बाद उससे(दूसरी पत्नी) दोबारा शादी कर ली है, जो कि उसकी कानून की नजर में अवैध है। न्यायमूर्ति अरुण मोंगा की खंडपीठ भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत याचिकाकर्ताओं की सुरक्षा याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनके जीवन के लिए सुरक्षा की मांग की गई थी।
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सरकार चूहे-बिल्ली का खेल खेल रही है, कोर्ट के साथ ईमानदार रहना चाहिए": उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा आयोजित करने के फैसले पर राज्य सरकार को फटकार लगाई
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जुलाई में चार धाम यात्रा आयोजित करने के फैसले पर राज्य सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि राज्य द्वारा चूहे-बिल्ली का खेल क्यों खेला जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि बेंच इस मामले की सुनवाई (जनवरी 2021) कर रही है। कोर्ट देखा रहा है कि सरकार विवरण छिपा रही है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि,
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''पहली नजर में उसका व्यवहार सामान्य नहीं दिख रहा'': दिल्ली हाईकोर्ट ने 498ए के मामले में पिता को महिला की अंतरिम कस्टडी सौंपी
एक हैबियस कार्पस याचिका पर विचार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उस महिला की अंतरिम कस्टडी उसके पिता को सौंप दी है, जिसे कथित तौर पर उसके पति और ससुराल वालों ने मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया है। आरोप है कि इस प्रताड़ना के कारण महिला की आंशिक याददाश्त चली गई है और वह पूरी तरह से बोल भी नहीं पा रही है। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में उसका व्यवहार सामान्य नहीं लगता है।
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लिव-इन-रिलेशनशिप कोई नई घटना नहीं, लेकिन समाज ऐसे रिश्तों को भौंहें चढ़ाए बिना स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं'': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले एक कपल को सुरक्षा प्रदान करते हुए कहा कि,''लिव-इन-रिलेशनशिप आजकल कोई नई घटना नहीं है, लेकिन समाज इतना विकसित नहीं हुआ है कि वह इस तरह के रिश्तों पर भौंहें चढ़ाए बिना ही इनको स्वीकार कर ले।'' जस्टिस राजेश भारद्वाज की एकल पीठ क्रमशः 18 और 19 वर्ष की आयु के एक लड़के और लड़की द्वारा दायर की गई सुरक्षा याचिका पर विचार कर रही थी, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर मिले थे और एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं।