मुख्य सुर्खियां
वर्तमान प्रणाली के साथ तकनीकी का परस्पर जुड़ाव होना चाहिए; ठोस जिरह को छोड़ विभिन्न प्रक्रियाएं को अभासी माध्यमों से किया जा सकता हैः जस्टिस सूर्यकांत
तमिलनाडु की डॉ अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी (TNDALU) की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन सेमिनार, जिसका विषय- "न्याय की उपलब्धता और न्यायिक सुधार- समकालीन परिप्रेक्ष्य" था, में सुप्रीम कोर्ट के जज, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आभासी न्यायालयों को वास्तविक न्यायालयों के अस्थायी प्रतिस्थापन के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि तकनीक वर्तमान प्रणाली के साथ जोड़ा जाना चाहिए। जस्टिस कांत ने कहा कि वास्तविक न्यायालयों के साथ-साथ आभासी न्यायालयों का मिश्रित प्रयोग 'कथित डॉकेट विस्फोट' को हल करने के लिए आदर्श होगा। ...
PM CARES फंड और आकस्मिक निधि का उपयोग वकीलों के वित्तीय संकट को दूर करने में करने की मांग : दिल्ली बार काउंसिल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने भारत के आकस्मिक निधि और PM CARES फंड से 500 करोड़ की धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है, जिससे दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे वकीलों को सरकार से तत्काल वित्तीय सहायता मिल सके। पत्र में कहा गया कि एनसीआर क्षेत्र में कानूनी बिरादरी के लोग इस समय गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं और उन्हें सरकार से तत्काल वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए...
उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास दुबे के साथ पुलिस की मिलीभगत की जांच करने के लिए SIT का गठन किया
उत्तर प्रदेश सरकार ने गैंगस्टर विकास दुबे द्वारा की गई आपराधिक गतिविधियों और अधिकारियों द्वारा उस पर कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए उठाए गए कदमों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस SIT का नेतृत्व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी संजय भुसरेड्डी को सौंपा गया है।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, हरिराम शर्मा और डीआईजी रवींद्र गौड़ भी इस एसआईटी में शामिल किया गया है और इसे 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रस्तुत करने को कहा गया है।* दुबे के खिलाफ लंबित आरोपों के संबंध में...
फ़ैमिली कोर्ट की सुनवाई में बाधा डालने वाले एडवोकेट क्लर्क को केरल हाईकोर्ट ने ज़मानत दी
केरल हाईकोर्ट ने उस एडवोकेट क्लर्क को ज़मानत दे दी है जिस पर फ़ैमिली कोर्ट की सुनवाई में बाधा डालने का आरोप है। उसके ख़िलाफ़ फ़ैमिली कोर्ट के जज ने शिकायत दर्ज करायी थी और कहा था कि उसने एक पुलिसकर्मी को गालियां दी थी।जज की शिकायत के आधार पर पुलिस ने क्लर्क के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 353, 354(A)(1)(iv) और 509 के तहत मामला दर्ज किया था।न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन की बेंच ने याचिकाकर्ता और अभियोजन पक्ष का दलील सुनने के बाद कहा कि इस मामले में सरकारी कर्मचारी को काम करने से रोकने के लिए...
"आम चाहत को ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से पूरा करना क्या लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है?": वक़ील ने विकास दुबे मामले में पुलिस के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने के लिए CJI को पत्र लिखा
मुंबई के एक वक़ील अटल बिहारी दुबे ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश के उन पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की है जिन्होंने मध्य प्रदेश में गिरफ़्तार हुए कुख्यात बदमाश विकास दुबे को शुक्रवार को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मार दिया। दुबे को 3 जुलाई को गिरफ़्तार करने गए आठ पुलिस वालों को मार देने के बाद यह बदमाश ग़ायब हो गया था। बाद में उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ़्तार किया गया था।अटल बिहारी दुबे ने अपने पत्र में लिखा है कि विकास दुबे ख़ुद ही महाकाल...
'संविधान मे प्रति असंतोष पैदा करना, भारत की संप्रभुता को बाधित करने के बराबर', दिल्ली पुलिस ने शारजील इमाम के खिलाफ UAPA लगाते हुए कहा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र शारजील इमाम के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम, 1967 (UAPA) की धारा 13 लगाने के लिए दिल्ली पुलिस ने उनके एक कथित भाषण का हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने भारत के संविधान को 'फासीवादी दस्तावेज' करार देते हुए, इसे खारिज़ किए जाने का आह्वान किया था। पुलिस ने यह कहते हुए शारजील के खिलाफ जांच की अवधि 90 दिनों से आगे बढ़ाने की मांग की है, कि उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 13- जो कि 'गैरकानूनी गतिविधि' से संबंधित है - के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है,...
विकास दुबे एनकाउंटर प्रकरण की न्यायिक जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को वकीलों ने लिखा पत्र, बोले- "आम आदमी का न्याय से भरोसा उठ जाएगा"
इलाहाबाद हाईकोर्ट को लिखे एक पत्र में विकास दुबे एनकाउंटर प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की गई है। चीफ जस्टिस को संबोधित पत्र में कहा गया है, "ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना एक भयावह उदाहरण है, जब पुलिस ने एक्स्ट्रा जुडिशल फैशन में, बिना उचित जांच-पड़ताल किए और बिना अदालत के समक्ष उचित और न्यायपूर्ण ट्रायल का अवसर दिए, एक अपराधी को मारकर, संविधान के तहत स्थापित कोर्ट ऑफ लॉ की शक्तियों और कार्यों को अपना मान लेने और हथिया लेने की कोशिश की है। यह एक भयावह और विस्मयकारी संदेश देता है कि न्यायिक...
कानून की छात्रा ने COVID-19 महामारी को देखते हुए सेमेस्टर परीक्षा रद्द कराने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट को पत्र लिखा
क़ानून के अंतिम वर्ष के एक छात्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को COVID-19 महामारी को देखते हुए पत्र लिखकर छात्रों और परीक्षा से जुड़े अन्य संबंधित लोगों की सुरक्षा का सवाल उठाया है। आईएलएस लॉ कॉलेज, पुणे की छात्रा अंश्रिता ने यह याचिका दायर की है और उसने देश और महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए पत्र में लिखा है, "एम्स के आंकड़ों के अनुसार भारत में नवंबर के मध्य में COVID-19 संक्रमण अपने चरम पर होगा और इसको ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अंतिम वर्ष...
जांच शुरू होने के बाद किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस अधिकारी को दिये या भेजे जाने वाले पत्र पर सीआरपीसी की धारा 162 के तहत प्रतिबंध लागू होता है: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि एक व्यक्ति द्वारा अपराध की जांच शुरू होने के बाद पुलिस अधिकारी को भेजा जाने वाला पत्र अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 की धारा 162 (एक) के प्रतिबंध के दायरे में आता है। संहिता की धारा 162 (एक) में यह प्रावधान है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी पुलिस अधिकारी को जांच के दौरान दिये गये बयान को यदि लिखित में दिया जाता है तो वह व्यक्ति उस पर हस्ताक्षर करेगा। इसमें आगे कहा गया है कि इस तरह का बयान या इससे संबंधित कोई दस्तावेज वैसे किसी भी अपराध से संबंधित जांच या...
ऑनलाइन क्लास की सुविधा देने वाले निजी स्कूल ट्यूशन फ़ीस वसूल सकते हैं : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश को सही ठहराया; सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति याचिका वापस ली
प्रिंसिपल ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी विशेष अनुमति याचिका वापस ले ली। इस आदेश में कोरोना महामारी के कारण निजी स्कूलों को ट्यूशन फ़ीस वसूलने से रोक दिया था। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 3 जुलाई 2020 को अपने आदेश में ऑनलाइन क्लास उपलब्ध कराने वाले निजी स्कूलों को ट्यूशन फ़ीस वसूलने की अनुमति देने के सरकारी आदेश में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से मना कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे, आर सुभाष रेड्डी और एएस बोपन्ना...
लाॅ यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन परीक्षा की अनुमति देने वाले बीसीआई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका में राहत देने से इनकार, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी याचिकाकर्ता को उचित फोरम में जाने की स्वतंत्रता
दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका में कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया है,जिसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से जारी उन निर्देशों की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी,जो आॅनलाइन परीक्षाओं व कक्षाओं के संचालन के संबंध देश के सभी लाॅ विश्वविद्यालयों को जारी किए गए थे। इन निर्देशों में कहा गया था कि काॅलेजों को फिर से खोलने के बाद अंतिम वर्ष की लाॅ की परीक्षाएं ऑनलाइन मोड के माध्यम से या किसी अन्य उपयुक्त विधि के माध्यम से करवाई जाएं। वहीं मध्यवर्ती लाॅ की परीक्षाएं भी आयोजित की जाएं। न्यायमूर्ति...
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, स्कूल ऐसे स्टूडेंट्स को ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने से रोक दें, जो वित्तीय क्षमता के बावजूद ट्यूशन फीस नहीं दे रहे
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार के आदेश की आंशिक रूप से व्याख्या की, जिसमें निजी स्कूलों को ऐसे स्टूडेंट्स को ऑनलाइन कक्षाओं से भाग लेने को रोकने से मना किया गया था, जो टयूशन फी जमा नहीं करते हैं। क्वीन मैरी स्कूल नॉर्थेंड की ओर से दायर याचिका पर जस्टिस जयंत नाथ की एकल पीठ ने सुनवाई की। पीठ ने कहा, "जहां माता-पिता ने दो महीने से अधिक समय से ट्यूशन फीस का भुगतान नहीं किया है, याचिकाकर्ता ऐसे माता-पिता को भुगतान न करने का कारण बताने के लिए एक उचित नोटिस जारी करने के लिए स्वतंत्र...
ऋण स्थगन पर रिजर्व बैंक की ओर से जारी परिपत्र के प्रवर्तन के लिए निजी बैंक के खिलाफ रिट याचिका सुनवाई योग्य: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को फैसला दिया कि लॉकडाउन के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से घोषित ऋण अधिस्थगन के मामले में संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत निजी बैंकों के खिलाफ एक रिट याचिका सुनवाई योग्य है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन-1 के तुरंत बाद, RBI ने 27 मार्च को एक परिपत्र जारी किया था, और सभी ऋणदायी संस्थानों - वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, स्थानीय क्षेत्र बैंकों सहित), सहकारी बैंकों, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों और NBFC (आवास वित्त कंपनियों और माइक्रो...
अकादमिक मूल्यांकन और परीक्षा छात्रों के जीवन पर भारी नहीं होनी चाहिए : यूनिवर्सिटी एक्ज़ाम की अनुमति देने के MHA के फैसले के खिलाफ लॉ स्टूडेंट ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा
दिल्ली विश्वविद्यालय के क़ानून की एक छात्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल को पत्र लिखकर अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा लेने से छात्रों को होने वाली मुश्किलों के बारे में बताया है। सरकार ने कहा है कि अंतिम वर्ष के छात्रों को अब परीक्षा देनी होगी। छात्रा आस्था खन्ना ने पत्र मेंं कहा, "…छात्र चाहते हैं कि उनके मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों की रक्षा की जाए…किसी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति क्या है, इसको नज़रंदाज़ करते हुए मैं हर छात्र के हितों की रक्षा करने का आग्रह...
(ऑनलाइन क्लासेस) ई-लर्निंग के लिए एसओपी एक प्रगतिशील कदम, इस पर सवाल उठाना राष्ट्रहित के खिलाफ : बाॅम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को दिए एक आदेश में एक याचिकाकर्ता के लिए कुछ कठोर शब्द प्रयोग किए थे। इस याचिकाकर्ता ने, महाराष्ट्र सरकार द्वारा अनुमोदित स्कूली छात्रों की ऑनलाइन कक्षाओं के लिए 15 जून को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को तर्कहीन कहते हुए चुनौती दी थी। नागपुर पीठ के न्यायमूर्ति एसबी शुकरे और न्यायमूर्ति एसएम मोदक की पीठ ने इमरान शेख की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद कहा कि- ''यदि मानक संचालन प्रक्रिया ई-लर्निंग को प्रोत्साहित करती है और उसके बावजूद भी भारत का...
आपराधिक कानून में सुधारों के लिए बनी राष्ट्रीय स्तर की समिति की रचना, समय सीमा और कार्यप्रणाली पर महिला वकीलों ने जताई गंभीर चिंता, लिखा पत्र
आपराधिक कानून में सुधारों के लिए बनी राष्ट्रीय स्तर की समिति में एक भी महिला न होने और, अल्पसंख्यकों और अन्य हाशिए के समुदायों को शामिल नहीं करने पर अपनी "चिंता" और " नाराज़गी" व्यक्त करते हुए कि देश भर की महिला वकीलों ने समिति को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है, "यह आवश्यक है कि समिति में प्रख्यात महिलाओं, दलित, आदिवासी और विभिन्न धार्मिक अल्पसंख्यकों, एलजीबीटी, दिव्यांग क्रिमिनल लॉयरों, भारत के विभिन्न हिस्सों के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को शामिल करने के लिए समिति का विस्तार किया जाए।" ...
अधिवक्ता कल्याण ट्रस्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट मेंं कहा, अधिवक्ताओंं को COVID19 के इलाज पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति मिलेगी
अधिवक्ता कल्याण ट्रस्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया है कि जो अधिवक्ता ट्रस्ट के सदस्य हैं, उन्हें COVID19 के इलाज पर होने वाले चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति (Reimburse) मिलेगी। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की डिवीजन बेंच के समक्ष उक्त जानकारी वैभव शर्मा द्वारा COVID19 से पीड़ित अधिवक्ताओं के लिए वित्तीय सहायता की मांग करने वाली जनहित याचिका पर दी गई। ट्रस्ट ने अदालत को यह भी आश्वासन दिया है कि वह अपने कोष का उपयोग पूर्व राहत देने के लिए भी करेगा। ...
आवेदक के माता-पिता का असंतोषजनक क्रेडिट स्कोर एजुकेशन लोन देने से इनकार करने का एकमात्र आधार नहीं हो सकता : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि एजुकेशन लोन (शैक्षिक ऋण) सिर्फ इस आधार पर देने से मना नहीं किया जा सकता कि आवेदक के अभिभावक का क्रेडिट स्कोर (ऋणांक) असंतोषजनक है। न्यायमूर्ति अनु शिवरमन ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद आवेदक की लोन चुकाने की क्षमता एकमात्र निर्णायक कारक हो सकता है। प्रणव फ़ूड टेक्नॉलजी में प्रथम वर्ष बीटेक का छात्र है और उसने एसबीआई से शिक्षा ऋण के लिए आवेदन किया था ताकि वह तमिलनाडु के इंजीनियरिंग कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी कर सके। उसका आवेदन इस आधार पर ख़ारिज कर दिया गया...



















