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(मेडिकल लापरवाही) कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया 18 वर्षीय COVID 19 संदिग्ध  का पोस्टमॉर्टम करने का आदेश
(मेडिकल लापरवाही) कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया 18 वर्षीय COVID 19 संदिग्ध का पोस्टमॉर्टम करने का आदेश

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह COVID 19 संदिग्ध एक 18 वर्षीय लड़के के शरीर की शव परीक्षा या आॅटाप्सी करवाए। बताया गया है कि यह लड़का COVID19 से पीड़ित था और कथित तौर पर उसका सही तरीके से इलाज नहीं किया गया था।न्यायालय ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि इस लड़के के पोस्टमॉर्टम और साथ ही उसके शव के अंतिम संस्कार के समय की जाने वाली सारी धार्मिक क्रियाओं व दाह-संस्कार की वीडियोग्राफी करवाई जाए।कोर्ट ने यह निर्देश लड़के के माता-पिता की तरफ से दायर एक रिट याचिका पर...

सुप्रीम कोर्ट का टेलीकॉम कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को निर्देश, जांच में जब्त सीडीआर और अन्य रिकॉर्ड्स को अलग से और सुरक्षित सहेजें
सुप्रीम कोर्ट का टेलीकॉम कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को निर्देश, जांच में जब्त सीडीआर और अन्य रिकॉर्ड्स को अलग से और सुरक्षित सहेजें

सुप्रीम कोर्ट ने सेलुलर कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को सामान्य निर्देश जारी किए हैं कि वे संबंधित अवधि के लिए कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) और अन्य प्रासंगिक रिकॉर्ड (एविडेंस एक्ट की धारा 39 के अनुसार) "पृथक और सुरक्षित" ढंग से सहेजें, यदि जांच के दौरान उक्त अवधि के विशेष सीडीआर या अन्य रिकॉर्ड को जब्त किया जाता है। जस्टिस आरएफ नरीमन, एस रविंद्र भट, और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने ये निर्देश अर्जुन पंडितराव खोतकर बनाम कैलाश कुशनराव गोरान्ट्याल में दिए गए फैसले में जारी ‌किया। पीठ ने कहा...

कार की बॉडी पर कलाकृति (artwork) होने के कारण उसे पंजीकृत करने से इनकार नहीं किया जा सकता : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट
कार की बॉडी पर कलाकृति (artwork) होने के कारण उसे पंजीकृत करने से इनकार नहीं किया जा सकता : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार (14 जुलाई) को एक मामले में यह तय किया कि केवल इस आधार पर वाहन को पंजीकृत करने से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वाहन की बॉडी पर कलाकृति (artwork) का काम हुआ है, जबकि बॉडी का आधार सफेद ही है, यह तर्क के विरुद्ध भी है। न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर ने यह आदेश उस मामले में दिया जिसमे याचिकाकर्ता द्वारा अदालत के समक्ष रिट याचिका दायर करते हुए उत्तरदाताओं को उनके वाहन [एम्बेसडर ग्रैंड हरित-सी -1800 (BSIII), 2009)] को उनके नाम पर पंजीकृत करने के लिए परमादेश की प्रकृति...

(अनलॉक 2) लोगों में एक गलत धारणा बन गई  है कि अब वे एक-दूसरे के साथ खुलकर मिल सकते हैं : इलाहाबाद हाईकोर्ट का सुझाव, फिजिकल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन न करने वालों को जेल भेजा जाए
(अनलॉक 2) 'लोगों में एक गलत धारणा बन गई है कि अब वे एक-दूसरे के साथ खुलकर मिल सकते हैं' : इलाहाबाद हाईकोर्ट का सुझाव, फिजिकल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन न करने वालों को जेल भेजा जाए

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को सुझाव दिया है कि फिजिकल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) के मानदंडों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिसमें उनको जेल भेजना भी शामिल है।यह सुझाव न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने दिया है। पीठ के समक्ष बताया गया था कि लोग आपस में एक-दूसरे के साथ ''खुलकर मिल रहे हैं'' और मास्क पहनने और हाथ धोने आदि जैसी सावधानी नहीं बरत रहे हैं। पीठ ने कहा कि- ''हालांकि हम देख रहे हैं कि अर्थव्यवस्था की हालत...

P&H High Court Dismisses Protection Plea Of Married Woman Residing With Another Man
"अगर विवाह अवैध या शून्य हो तो भी अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए अधिकार पवित्र", पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दूल्हे की उम्र 21 साल से कम होने के बाद भी युगल को पुलिस सुरक्षा देने का आदेश दिया

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 5 (iii) के उल्लंघन और अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त "जीवन और स्वतंत्रता" के अधिकार के बीच मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के सवाल पर विचार किया। जस्टिस अरुण मोंगा ने 26 साल 11 महीने की लड़की और 20 साल और 08 महीने के एक लड़के की रिट पिटीशन पर विचार किया। उक्त युवक और युवती का दावा था कि वे एक दूसरे से प्यार करते हैं और उन्होंने शादी कर ली है। याचिकाकर्ताओं, जिन्होंने 2 जुलाई को अमृतसर स्थित एक गुरुद्वारे में सिख संस्कार...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में "मध्य प्रदेश घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र" का उद्घाटन

शीघ्र और समय पर न्याय प्रदान करने और कामकाज आसान करने के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में "मध्य प्रदेश घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र" का उद्घाटन किया। यह अपनी तरह का देश में पहली तरह का केंद्र है, जिसका अनावरण मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के मित्तल, न्यायमूर्ति संजय यादव, प्रशासनिक न्यायाधीश, जबलपुर और अन्य साथी न्यायाधीशों की उपस्थिति में 4 जुलाई, 2020 को किया गया। इस केंद्र की इमारत हाईकोर्ट की बिल्डिंग में संलग्न है और इसका कामकाज मध्य प्रदेश पंचाट...

हर रात के बाद सुबह होती है : लॉकडाउन में टोकरी बनाने को मजबूर वकील को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचंद्र मेनन ने दिए 10 हज़ार रुपए
"हर रात के बाद सुबह होती है" : लॉकडाउन में टोकरी बनाने को मजबूर वकील को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचंद्र मेनन ने दिए 10 हज़ार रुपए

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पीआर रामचंद्र मेनन ने हाल ही में तमिलनाडु के एक युवा अधिवक्ता को दस हजार रुपये उपहार में दिए हैंं क्योंकि COVID19 संकट के कारण यह वकील अपने टोकरी बुनाई के पारंपरिक काम को फिर से करने को विवश हो गया है।पिछले हफ्ते टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसमें बताया गया था कि 34 साल का उथमाकुमारन अपने पारंपरिक काम को फिर से अपनाने को मजबूर हो गया है, क्योंकि उन्हें COVID के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण वह वित्तीय रूप से बेहाल हो गया...

वित्तीय संकट का सामना कर रहे अधिवक्ता और अधिवक्ताओं के क्लर्कों के लिए कर्नाटक सरकार 5 करोड़ रुपये की राशि जारी करेगी
वित्तीय संकट का सामना कर रहे अधिवक्ता और अधिवक्ताओं के क्लर्कों के लिए कर्नाटक सरकार 5 करोड़ रुपये की राशि जारी करेगी

कर्नाटक राज्य सरकार ने COVID 19 के कारण अदालत बंद होने से वित्तीय संकट झेल रहे अधिवक्ताओं और अधिवक्ताओं के क्लर्कों के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का निर्णय लिया है। कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष यह बताया। मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति एम नागाप्रसन्ना की पीठ को सरकारी प्लीडर को सूचित किया कि सरकारी आदेश एक सप्ताह के भीतर जारी किया जाएगा और यह राशि कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के पक्ष में वितरित की जाएगी। पीठ ने हस्तक्षेपकर्ता, अधिवक्ता लिपिक संघ (धारवाड़) को भी...

लॉकडाउन में कर्म‌च‌ारियों को वेतन भुगतान करने का MHA का आदेश उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जो लॉकडाउन से पहले बेरोजगार या अवैतनिक थे: बॉम्बे हाईकोर्ट
लॉकडाउन में कर्म‌च‌ारियों को वेतन भुगतान करने का MHA का आदेश उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जो लॉकडाउन से पहले बेरोजगार या अवैतनिक थे: बॉम्बे हाईकोर्ट

एक महत्वपूर्ण आदेश में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिया गया निर्देश कि सभी नियोक्ता लॉकडाउन में अपने श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान बिना किसी कटौती के सुनिश्चित करेंगे, उन श्रमिकों पर लागू नहीं होता है, जो लॉकडाउन से पहले लंबे समय तक अवैतनिक और बेरोजगार रहे। जस्टिस उज्जल भुइयां और रियाज छागला की डिवीजन बेंच ने पुणे की मेसर्स प्रीमियर लिमिटेड नामक एक भारी मशीनरी निर्माण कंपनी की रिट याचिका पर सुनवाई...

गैंगस्टर विकास दुबे के कथित एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की
गैंगस्टर विकास दुबे के कथित एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को कानपुर गैंगस्टर विकास दुबे की कथित मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि यूपी सरकार ने पहले ही उस दिशा में कदम उठा लिया है। जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करुणेश सिंह पवार की पीठ ने कहा, "इस तथ्य पर विचार करते हुए कि यूपी राज्य द्वारा विशेष जांच दल और न्यायिक आयोग का गठन पहले ही कर लिया गया है, ताकि प्रश्न में कथित घटना की जांच हो सके, हम वर्तमान रिट याचिका को खारिज करते हैं।" उत्तर प्रदेश...

समझौता आवेदन, सहमति से तलाक़ की अर्ज़ी और श्योरिटी स्वीकार करने के लिए पक्षकारों को कोर्ट में सशरीर मौजूद रहने की ज़रूरत नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट
समझौता आवेदन, सहमति से तलाक़ की अर्ज़ी और श्योरिटी स्वीकार करने के लिए पक्षकारों को कोर्ट में सशरीर मौजूद रहने की ज़रूरत नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि पक्षकारों की हस्ताक्षर युक्त सुलह की अर्ज़ी को उनके वकील अदालत में अगर पेश करते हैं तो उसके आधार पर फ़ैसला करना अदालत के लिए क़ानून सम्मत है, भले ही पक्षकर सशरीर अदालत में मौजूद न हों। इसके अलावा यह भी कहा गया कि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13B और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 की धारा 28 के तहत मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और जस्टिस विश्वजीत शेट्टी की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। इस मामले में...

यह छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन : यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं की अनुमति देने के गृह मंत्रालय के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश के क़ानून के छात्रों ने सीजेआई को पत्र लिखा
यह छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन : यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं की अनुमति देने के गृह मंत्रालय के आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश के क़ानून के छात्रों ने सीजेआई को पत्र लिखा

विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा लेने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आदेश के ख़िलाफ़ क़ानून के छात्रों ने देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसा करना छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। भोपाल विश्वविद्यालय में क़ानून के अंतिम वर्ष के छात्र और यूथ बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (स्टूडेंट विंग) के सर्कल हेड यश दुबे ने यह पत्र लिखा है। उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने और विश्वविद्यालय के अकादमिक कैलेंडर को कोरोना महामारी के शांत होने तक स्थगित...

P&H High Court Dismisses Protection Plea Of Married Woman Residing With Another Man
गवाह से यह उम्‍मीद नहीं की जा सकती कि उसकी याददाश्त पिक्चर जैसी हो, तथ्यों/बयानों में सुधार या बदलाव प्राकृतिकः पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामले में, "किसी से आइडेटिक/ फोटोग्राफिक मेमोरी की उम्मीद नहीं की जा सकती है" और "तथ्यों मामूली बदलाव या या कथित सुधार होना स्वाभाविक है।" जस्टिस अनिल क्षेतरपाल ने कहा, "प्राकृतिक बदलाव होते हैं और ऐसे निक्षेपों पर सावधानीपूर्ण विश्लेषण के बाद अदालतों द्वारा विचार और भरोसा किया जाता है।" सिंगल बेंच उक्त टिप्‍पणी दो दोषियों - एक महिला और उसके जीजा (बहन के पति) की अपील को खारिज करते हुए की - ‌जिन पर अपनी खुद की नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न का आरोप...

संविधान निर्माताओं ने जाति और पितृसत्ता की नींव पर खड़े समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन की कोशिश कीः जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
संविधान निर्माताओं ने जाति और पितृसत्ता की नींव पर खड़े समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन की कोशिश कीः जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

पूर्व चीफ जस्ट‌िस ऑफ इंडिया, जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ की जन्म शताब्दी के अवसर पर इंडियन लॉ सोसायटी, ILS लॉ कॉलेज ने एक उत्सव का आयोजन किया। यह कॉलेज जस्टिस चंद्रचूड़ का अल्मा मेटर भी है। इस अवसर पर एक चर्चा का आयोजन किया गया, जिसका विषय "परिवर्तनशीन समाज और संवैधानिक निरंतरता - न्याय की तलाश में अनुभव।" चर्चा में सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "अपने पिता के जीवन को देखे हुए हुए, ऐसा लगता है कि हमारा समय अलग-अलग है, जबकि, जिस संवैधानिक ढांचे की रक्षा की शपथ हमने ली है,...

आरोपी नहीं जानता था पीड़ित की पहचान, प्रथम दृष्टया एससी/एसटी  एक्ट के तहत  कोई  मामला नहीं बनता :  गुजरात हाईकोट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दी अग्रिम जमानत
आरोपी नहीं जानता था पीड़ित की पहचान, प्रथम दृष्टया एससी/एसटी एक्ट के तहत कोई मामला नहीं बनता : गुजरात हाईकोट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दी अग्रिम जमानत

गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत एक आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत देते हुए कहा है कि आरोपी को पीड़ित की पहचान नहीं थी और वह उसकी पहचान के बारे में नहीं जानता था। इसलिए विशेष कानून के तहत गिरफ्तारी से पूर्व जमानत देने के संबंध में लगाई गई रोक इस मामले पर लागू नहीं होती।न्यायमूर्ति भार्गव डी करिया की पीठ इस मामले में एससीएसटी अधिनियम की धारा 14 ए के तहत दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी। अपीलकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड...

दिल्ली हाईकोर्ट ने COVID-19 के मद्देनजर अपने सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 31 अगस्त तक बढ़ाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने COVID-19 के मद्देनजर अपने सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 31 अगस्त तक बढ़ाई

दिल्ली में कोरोना महामारी को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने सभी अंतरिम आदेशों की मियाद 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है।इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल, सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सभी ऐसे अंतरिम आदेशों की मियाद अगले आदेश तक स्वतः 31 अगस्त 2020 तक बढ़ जाएगी। यह आदेश उन आदेशों पर लागू नहीं होंगे जिनके बारे में कोई अलग आदेश सुप्रीम कोर्ट ने इस अवधि के दौरान दिया है।दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए संविधान के अनुच्छेद...