सरकारी वकीलों के लंबित बिल चार सप्ताह में क्लियर करें : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को निर्देश दिए
LiveLaw News Network
25 Aug 2020 8:56 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, भारत सरकार, साथ ही दिल्ली के विभिन्न नगर निगमों को 4 सप्ताह के भीतर विभिन्न सरकारी वकीलों के बिलों को क्लियर करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की डिवीजन बेंच ने उक्त अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे 10 फरवरी, 2020 को या उससे पहले सरकारी वकीलों से प्राप्त हुए सभी बिलों को क्लियर कर दें।
यह आदेश अधिवक्ता पीयूष गुप्ता द्वारा दिल्ली सरकार, यूनियन ऑफ इंडिया और विभिन्न नगर निकायों के साथ लगे विभिन्न सरकारी वकील के बिलों को मंजूरी देने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आया है। याचिका में कहा गया है कि बिलों का भुगतान लंबे समय से लंबित है।
याचिकाकर्ता द्वारा यह तर्क दिया गया कि संबंधित वकीलों द्वारा विभिन्न अभ्यावेदन किए जाने के साथ-साथ न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के बावजूद, संबंधित विभागों ने बिलों को मंजूरी नहीं दी है।
याचिका में कहा गया है कि सरकारी वकील न्याय वितरण प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से, प्रशासन को उनकी आजीविका के लिए कोई चिंता नहीं है क्योंकि उनके पेशेवर बिलों का भुगतान लंबित है, जो उनकी आय का एकमात्र स्रोत है। '
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया कि सरकारी वकील के लिए अब उनके बिल ऑनलाइन जमा करने के लिए एक 'सिंगल डिलीवरी विंडो' बनाई गई है ताकि ऐसे बिलों का तेजी से निपटान किया जा सके।
भारत संघ के लिए पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने प्रस्तुत किया कि केंद्र सरकार उच्च न्यायालय के मुकदमेबाजी विभाग में फिर से काम शुरू होने की प्रतीक्षा कर रही है ताकि लंबित बिलों को संबोधित किया जा सके।
इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संबंधित अधिकारी नए बनाए गए डिजिटल विंडो में बैकलॉग डेटा को फीड करना शुरू कर देंगे, ताकि पुराने बिलों को पहले मंजूरी मिल सके।
अदालत ने कहा, 'आप इन बिलों को आज से ही क्लियर करना शुरू कर दें, हफ्ते का इंतजार न करें।'
अदालत ने एएसजी को यह भी बताया कि उच्च न्यायालय परिसर में वकीलों को उनके संबंधित चैंबर और विभागों में जाने की अनुमति दी गई है, जिससे लंबित बिलों के मुद्दे को हल करने के लिए रखी गई फाइलों तक पहुंचा जा सकता है।